a

जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय/ Jai prakash bharti ka jeevan parichay

 जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय/ Jai prakash bharti ka jeevan parichay


जयप्रकाश भारती की जीवनी









jay prakash bharti,jay prakash bharti ki rachna,jay prakash bharti ka jivan parichay,jay prakash bharti,jay prakash bharti ka jeevan parichay,jay prakash bharti jivan,jai prakash bharti jivan parichay,jay prakash bharti ka jivan parichay,jai prakash bharti ka jivan Parichay,jay prakash bharti ki jivani,jeevan parichay,jay prakash bharti,jai prakash bharti ka jeevan parichay,jai prakash bharti jivan parichay,jay prakash bharti ka jeevan parichay,jay prakash bharti ki rachna,jay prakash bharti ka jivan parichay

jay prakash bharti,jay prakash bharti ki rachna,jay prakash bharti ka jivan parichay,jay prakash bharti,jay prakash bharti ka jeevan parichay,jay prakash bharti jivan,jai prakash bharti jivan parichay,jay prakash bharti ka jivan parichay,jai prakash bharti ka jivan Parichay,jay prakash bharti ki jivani,jeevan parichay



आज की इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि जयप्रकाश भारती का जीवन परिचय साहित्य परिचय एवं रचनाएं और उन से बनने वाले बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न आपको इस पोस्ट को पूरा पढ़ना है और अंत में आपको बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न मिल जाएंगे उनको भी आप को पढ़कर जाना है।


लेखक एवं पत्रकारिता दोनों ही क्षेत्रों में जयप्रकाश भारती जी ने अत्यधिक ख्याति अर्जित की है। इनके द्वारा संपादित पत्रिका नंदन बाल वर्ग में वर्तमान समय में भी अत्यधिक लोकप्रिय है। बाल साहित्य एवं साहित्यिक भाषा में वैज्ञानिक विषयों पर लेखन कार्य करने में यह निपुण रहे हैं। उन्होंने अपनी रचनाओं में अत्यधिक सरल भाषा का प्रयोग करके अत्यधिक गंभीर विषय को भी पाठकों के अनुरूप व रुचि पूर्ण बना दिया है। जिस कारण की अपनी रचनाओं के माध्यम से आज भी पाठकों के हृदय में निवास करते हैं।



जीवन परिचय


जयप्रकाश भारती



जीवन परिचय  : एक दृष्टि में



नाम

जयप्रकाश भारती

जन्म

माह जनवरी, सन 1936 ईस्वी में

जन्म स्थान

उत्तर प्रदेश राज्य के मेरठ जिले में।

मृत्यु

5 फरवरी सन् 2005 ईस्वी में

पिताजी का नाम

श्री रघुनाथ सहाय

शिक्षा

बी.एस.सी (बैचलर ऑफ साइंस)

भाषा

सरल

शैली

वर्णनात्मक तथा चित्रात्मक

रचनाएं

हिमालय की पुकार, हमारे गौरव के प्रतीक, देश हमारा देश



जीवन परिचय- बाल साहित्य के सफलतम साहित्यकार जयप्रकाश भारती का जन्म सन् 1936 ई० में उत्तर प्रदेश के मेरठ नगर में हुआ था। इनके पिता श्री रघुनाथ सहाय, एडवोकेट मेरठ के पुराने कांग्रेसी और समाजसेवी रहे। भारती ने मेरठ में ही बी.एस.सी. तक अध्ययन किया। इन्होंने छात्र जीवन में ही अनेक समाजसेवी संस्थाओं में प्रमुख रूप से भाग लेना आरंभ कर दिया था। मेरठ में साक्षरता प्रसार के कार्य में इनका उल्लेखनीय योगदान रहा तथा वर्षों तक इन्होंने निशुल्क नि:शुल्क प्रौढ़ रात्रि- पाठशाला का संचालन किया। इन्होंने 'संपादन कला विशारद' करके 'दैनिक प्रभात' (मेरठ) तथा 'नवभारत टाइम्स (दिल्ली)' में पत्रकारिता का व्यावहारिक प्रशिक्षण प्राप्त किया। साक्षरता निकेतन (लखनऊ) में नवसाक्षर साहित्य के लेखन का इन्होंने विशेष प्रशिक्षण प्राप्त किया। हिंदी के पत्रकारिता जगत और किशोरोपयोगी वैज्ञानिक साहित्य के क्षेत्र को इनसे बहुत आशाएं थीं। 5 फरवरी, सन् 2005 ई० को इस साहित्यकार का निधन हो गया।



इनकी अनेक पुस्तकें यूनेस्को एवं भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत हुई है।


रचनाएं- 



हिमालय की पुकार, अनंत आकाश: अथाह सागर (यूनेस्को द्वारा पुरस्कृत), विज्ञान की विभूतियां, देश हमारा देश, चलो चांद पर चलें (भारत सरकार द्वारा पुरस्कृत)।



अन्य प्रकाशित पुस्तकें



सरदार भगत सिंह, हमारे गौरव के प्रतीक, अस्त्र-शस्त्र आदिम युग से अणु युग तक, उनका बचपन यूं बीता, ऐसे थे हमारे बापू, लोकमान्य तिलक, बर्फ की गुड़िया, संयुक्त राष्ट्र संघ, भारत का संविधान, दुनिया रंग-बिरंगी आदि।



भाषा शैली- भारती जी की भाषा सरल और शैली रोचक है। विज्ञान की जानकारी को साधारण जनता और किशोर मानस तक पहुंचाने के लिए ये वर्णन को रोचक और नाटकीय बनाते हैं। आवश्यकता के अनुसार विज्ञान की पारिभाषिक शब्दावली का प्रयोग भी इनके लेखों में होता है, फिर भी जटिलता नहीं आने पाती। इनकी शैली में वर्णनात्मकता और चित्रात्मकता का मेल बना रहता है। भारतीय वैज्ञानिक प्रसंगों का यथावश्यक विवरण भी अपने लेखों में प्रस्तुत करते हैं। पर नीरसता नहीं आने देते। यथावश्यक कवित्व का पुट देकर ये अपने निबंधों को सरस बनाते हैं, साथ ही विज्ञान की यथार्थता की रक्षा भी करते हैं। वैज्ञानिक विषयों को हिंदी में ढालने के लिए इन्होंने एक मार्ग दिखलाया है। शैलियां निम्नलिखित हैं-


वर्णनात्मक शैली


भावनात्मक शैली


चित्रात्मक शैली



वर्णनात्मक शैली : इन्होंने किसी भी विषय का विस्तार में वर्णन करने के लिए वर्णनात्मक शैली का प्रयोग किया है। इन्होंने अपनी रचना में मुख्यता इसी शैली का प्रयोग किया है।



भावनात्मक शैली : जयप्रकाश भारती जी ने कई स्थानों पर अत्यधिक भाव प्रकट करने के लिए भावनात्मक शैली का प्रयोग किया है।



चित्रात्मक शैली : धर्मवीर भारती जी ने किसी भी विषय का सजीव वर्णन करने के लिए चित्रात्मक शैली का प्रयोग किया है सरल शब्दों एवं वाक्य रचनाओं के द्वारा दृश्य एवं घटनाओं का सजीव चित्रांकन उनकी शैली की विशेषता है।


साहित्य में स्थान- एक सफल पत्रकार तथा सशक्त लेखक के रूप में हिंदी साहित्य को समृद्ध करने की दृष्टि से भारती जी का उल्लेखनीय योगदान रहा। इन्होंने नैतिक सामाजिक एवं वैज्ञानिक विषयों पर लेखनी चला कर बाल-साहित्य को अत्यधिक समृद्ध बना दिया है। ये लगभग 100 पुस्तकों का संपादन भी कर चुके हैं, जिनमें विशेष रूप से उल्लेखनीय है- 'भारत की प्रतिनिधि लोककथाएं' तथा 'किरणमाला' । अनेक वर्षों तक यह 'साप्ताहिक हिंदुस्तान' में सह संपादक रहे। इन्होंने सुप्रसिद्ध बाल पत्रिका 'नंदन' का संपादन भी किया है। इनके लेख, कहानियां, रिपोतार्ज सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते हैं। रेडियो पर भी इनकी वार्ताओं तथा रूपकों का प्रसारण हुआ है।


 pade👉👉



कृतियां




1.हिमालय की पुकार


2.अनंत आकाश


3.अथाह सागर


4.विज्ञान की विभूतियां


5.देश हमारा देश हमारा


6.चलो चांद पर चले


7.सरदार भगत सिंह


8.हमारे गौरव के प्रतीक


9.उनका बचपन यूं बीता


10.ऐसे थे हमारे बापू


11.लोकमान्य तिलक


12.बर्फ की गुड़िया


13.अस्त्र शस्त्र आदिम युग से अणु योगिता


14.भारत का संविधान


15.संयुक्त राष्ट्र संघ


16.दुनिया रंग बिरंगी



हिंदी साहित्य से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर



अथाह सागर के लेखक कौन हैं?


अथाह सागर के लेखक धर्मवीर भारती जी हैं।



हिमालय की पुकार किस विधा की रचना है?


हिमालय की पुकार की रचना धर्मवीर भारती ने की थी। यह जयप्रकाश भारती का प्रसिद्ध नाटक है संस्कृति के चार अध्याय दिनकर जी का काव्य संग्रह है। या एक गद्य विधा की रचना है।



धर्मवीर भारती के पिता का नाम क्या था?


धर्मवीर भारती के पिता का नाम हरसू दयाल था।



इनकी माता का क्या नाम था?


धर्मवीर भारती की माता का नाम फूल रानी देवी था।



धर्मवीर भारती का पूरा नाम क्या था अतः उपनाम?


धर्मवीर भारती का पूरा नाम जयप्रकाश नारायण था।



पुकार किसकी रचना है?


पुकार रामधारी सिंह दिनकर जी की रचनाएं।



एक घूंट किसकी रचना है?


एक घूंट जयशंकर प्रसाद जी की रचना है।



उजली आग किसकी रचना है?


उजली आग रामधारी सिंह दिनकर जी की रचनाएं।



रेती के फूल किसकी रचना है?


रेती के फूल रामधारी सिंह दिनकर जी की रचना है।



मेरी आत्मकथा किसकी रचना है?


मेरी आत्मकथा किशोर साहू जी की रचनाएं।


 यदि हमारी पोस्ट आपको पसन्द आई है तो आपने दोस्तो को भी हमारी पोस्ट ज्यादा से ज्यादा शेयर करें और आपको कुछ पूछना है तो कॉमेंट करके जरुर बताएं।

/div>

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad