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mp pre board exam paper 2022 class 12 Hindi full solutions//हिंदी प्री बोर्ड परीक्षा पेपर का सम्पूर्ण हल मध्य प्रदेश बोर्ड 2022

 एमपी प्री बोर्ड परीक्षा कक्षा 12वी हिन्दी का सम्पूर्ण हल


एमपी pre board paper class 12 Hindi full solutions 2022


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नमस्कार मित्रों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट www.Subhanshclasses.com पर , यदि आप गूगल पर सर्च कर रहे हैं, हिन्दी के प्री बोर्ड परीक्षा पेपर का सम्पूर्ण हल,देखना चाहते हैं तो आप बिल्कुल सही जगह पर आ गए हैं हम आपको आपके सभी विषयों के pre board exam paper solve बताने वाले हैं, यदि आप इस निबंध को अपने यूट्यूब पर देखना चाहते हैं तो आप अपने यूट्यूब पर सर्च करे Subhansh classes सर्च करने पर आपको हमारा चैनल मिल जायेगा आप उसे वहा पर subscribe कर लीजिए



नमस्कार दोस्तों, आज की इस पोस्ट में हम आपके लिए कक्षा 12वी हिन्दी का pre board पेपर लेकर आए हैं जिसे पढ़कर आप अपनी अच्छे तरीके से तैयारी कर सकें। दोस्तों अगर आप चाहते हैं कि आप के प्री बोर्ड एग्जाम में अच्छे नंबर आए तो आप लोग हमारी साइट पर विजिट करते रहिए।



MP pre board exam 2022:- जो छात्र इस साल 2022 में प्री बोर्ड परीक्षा देने वाले हैं तो उनके लिए हम पेपर लेकर आए हैं जिसकी मदद से आप अच्छे से अच्छी तैयारी कर पाएंगे। यह प्री बोर्ड पेपर आपका 2022 का है। दोस्तों इस पेपर को देखने के बाद आपको पता चलेगा कि पेपर का पैटर्न कैसे तैयार किया जाता है और पेपर में कितने क्वेश्चन पूछे जाते हैं। यह सब जानकारी आपको हमारी इस पोस्ट में देखने को मिलेगी।


12th Hindi pre board paper 2022:- कक्षा 12वी प्री बोर्ड पेपर 2022 में जो छात्र कक्षा दसवीं के पेपर देना चाहते हैं उनके लिए यह पोस्ट बहुत ही उपयोगी साबित होने वाली है क्योंकि इस पोस्ट में हम आपको प्री बोर्ड में हुए कुछ पुराने पेपर लेकर आए हैं। किसी भी परीक्षा में अच्छे अंक लाने का बेहतर और आसान तरीका होता है कि पिछले सालों में आए पेपर को देखें और उनसे तैयारी करें। क्योंकि अगर आप पिछले 5 सालों के पेपर को देखेंगे तो आपको यहां पर repeated question देखने को मिल जाते हैं। और अक्सर देखा गया कि पिछले question paper से 40% तक आपका new question paper बनाया जाता है।


प्री बोर्ड परीक्षा 2022 की तैयारी कैसे करें:- 


प्री बोर्ड की परीक्षा की तैयारी करने के लिए नीचे कुछ Tips बताए गए हैं जिन्हें follow करके आप एग्जाम में अच्छे नंबर ला सकते हैं-


1. सबसे पहले आपको यह जानना जरूरी है कि प्री बोर्ड परीक्षा का सिलेबस कितना आने वाला है।


2. इसका सबसे बेहतरीन तरीका है कि आपने इससे पहले त्रैमासिक परीक्षा और अर्धवार्षिक परीक्षा दी है।


3. अर्धवार्षिक परीक्षा तक आपका half syllabus पूछा जा चुका होता है अब बारी आती है आपकी प्री बोर्ड परीक्षा की इसमें आपका पूरा सिलेबस पूछा जाएगा।


4. आप पूरा सिलेबस अच्छी तरीके से तैयार करें।


5. पिछले साल के प्री बोर्ड पेपर को हल करें।


6. एग्जाम के दिन से पहले अपनी तैयारी को पूरा करें।


आप इन सभी टिप्स को फॉलो करके परीक्षा में अच्छे नंबर ला सकते हैं।





प्री-बोर्ड परीक्षा 2021-22


 कक्षा-12 वीं


 विषय-हिन्दी


समय-3 घण्टा                   ‌                पूर्णांक 80


निर्देश 1. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।


2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके लिए 1x32 = 32 अंक निर्धारित हैं।


3. प्रश्न क्र. 06 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है।


 4. प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है।


5. प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है।


1 सही विकल्प चुनकर लिखिए - ( 1 x 6 = 6)



i. उषा का जादू टूटने का कारण है


अ. सूर्योदय              ब. सूर्यास्त


स. ओस                  द. मंद-मंद हवा


उत्तर -सूर्योदय



ii. चौके के गीले होने का भावार्थ है-


 अ. नए जीवन का उदय।           ब. वातावरण में नमीं

 स.भोजन के लिए तैयार होना। द.वातावरण में शुष्कता


उत्तर - नए जीवन का उदय



iii. 'सिल्वर बैंडिंग' कहानी की मूल संवेदना है-


अ. पीढ़ी का अंतराल     ब. पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव स. जयन्ती     द. हाशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य


उत्तर- अ. पीढ़ी का अंतराल



iv. विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की संस्थाएँ हैं


अ. चार                        ब.तीन

स. पाँच                        द.सात


उत्तर - तीन



V."विभावानुभावव्याभिचारी संयोगात् रस निष्पत्ति" यह परिभाषा है -


अ. आचार्य विश्वनाथ की.    ब. आचार्य भरतमुनि की स. आचार्य भामह की         द. आचार्य मम्मट की


उत्तर - भरतमुनि



vi.बात का धनी होना' मुहावरे का अर्थ है-

 

अ. बहुत पैसे वाला.        ब. जुबान का पक्का


स. खानदानी.               द.बातों से कमाई करने वाला


उत्तर - जुबान का पक्का होना






2 रिक्त स्थान में सही विकल्प चुनकर लिखिए -

( 1 x 7 = 7 )


i. 'शिरीष का फूल' के रचनाकार... हैं। (हजारी प्रसाद द्विवेदी/ महावीर प्रसाद द्विवेदी)


उत्तर- हजारी प्रसाद द्विवेदी


ii. 'बगुलों के पंख' के रचनाकार... हैं। (रघुवीर सहाय / उमाशंकर जोशी)


उत्तर- उमाशंकर जोशी



iii. कूटीकरण को भी कहते हैं। (एनकोडिंग / ऑउट कोडिंग)


उत्तर - इनकोडिंग



iv. आनन्दा की पाठशाला से लगती थी। (दस बजे / ग्यारह बजे)


उत्तर- ग्यारह बजे


 v. राम मेहनत करता है यह वाक्य है। (संयुक्त / साधारण)


उत्तर- साधारण वाक्य


vi. गद्य-पद्य मिश्रित काव्य कहलाता है (चम्पू काव्य / मुक्तक काव्य)


उत्तर-चम्पू काव्य



vii. आधुनिक काल के जनक माने जाते हैं। (भारतेन्दु हरिशचन्द्र / महावीर प्रसाद द्विवेदी)


उत्तर - भारतीय हरिश्चंद्र





3 सही जोड़ी मिला कर लिखिए-.      ( 1 x 6 = 6)


i. फणीश्वर नाथ रेणु             क. छ प्रकार


ii. "आत्म परिचय'               ख.भाषा


iii.'अतीत के पाँव'               ग.शब्द गुण


iv. माधुर्य, ओज व प्रसाद      घ.पहलवान की ढोलक


V. हिन्दी                           ड़़ .स्तम्भ लेखन


vi. समाचार लेखन के           च.हरिवंश राय बच्चन


                                       छ.यात्रा वृत्तान्त


                                ज.अभिधा, व्यंजना व लक्षणा




सही जोड़े के उत्तर निम्नलिखित हैं- (केवल उत्तर दिए गए हैं)


i पहलवान की ढोलक


ii. हरिवंश राय बच्चन


iii. यात्रा वृतांत


iv. शब्द गुण


v. भाषा


vi.छ: प्रकार




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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेबसाइट Www. subhanshclasses.com पर। दोस्तों आज की इस पोस्ट में हम मध्य प्रदेश में जो आपकी एमपी प्री बोर्ड ओपन बुक  (open book) पद्धति से प्री बोर्ड एग्जाम (pre board exam) 2022 लिए जा रहे हैं, तो कक्षा 12वीं के हिंदी विषय का पूरा फुल सलूशन इस पोस्ट में है। इस पोस्ट को आप को पूरा पढ़ना है और अंत तक पढ़ना है सभी प्रश्नों के उत्तर क्रमशः दिए गए हैं। यदि आपको इसकी पीडीएफ (pdf) चाहिए तो आपको टेलीग्राम ग्रुप के लिंक दी गई है ज्वाइन करें, वहां पर आपको पीडीएफ मिल जाएगी। दोस्तों इसके साथ ही हमारे यूट्यूब चैनल YouTube channel Subhansh classes को भी Subscribe कर लीजिए जहां पर आपको MP Pre Board 2022 के सभी विषयों के पेपर सलूशन वीडियो में मिल जाएंगे।


प्री-बोर्ड परीक्षा 2021-22


 कक्षा-12 वीं


 विषय-हिन्दी


समय-3 घण्टा                   ‌                पूर्णांक 80


निर्देश 1. सभी प्रश्न हल करना अनिवार्य हैं।


2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं जिनके लिए 1x32 = 32 अंक निर्धारित हैं।


3. प्रश्न क्र. 06 से 15 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा 30 शब्द है।


 4. प्रश्न क्र. 16 से 19 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा 75 शब्द है।


5. प्रश्न क्र. 20 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा 120 शब्द है।


1 सही विकल्प चुनकर लिखिए - ( 1 x 6 = 6)



i. उषा का जादू टूटने का कारण है


अ. सूर्योदय              ब. सूर्यास्त


स. ओस                  द. मंद-मंद हवा


उत्तर -सूर्योदय



ii. चौके के गीले होने का भावार्थ है-


 अ. नए जीवन का उदय।           ब. वातावरण में नमीं

 स.भोजन के लिए तैयार होना। द.वातावरण में शुष्कता


उत्तर - नए जीवन का उदय



iii. 'सिल्वर बैंडिंग' कहानी की मूल संवेदना है-


अ. पीढ़ी का अंतराल     ब. पाश्चात्य संस्कृति का प्रभाव स. जयन्ती     द. हाशिए पर धकेले जाते मानवीय मूल्य


उत्तर- अ. पीढ़ी का अंतराल



iv. विज्ञान के क्षेत्र में काम कर रही भारत की संस्थाएँ हैं


अ. चार                        ब.तीन

स. पाँच                        द.सात


उत्तर - तीन



V."विभावानुभावव्याभिचारी संयोगात् रस निष्पत्ति" यह परिभाषा है -


अ. आचार्य विश्वनाथ की.    ब. आचार्य भरतमुनि की स. आचार्य भामह की         द. आचार्य मम्मट की


उत्तर - भरतमुनि



vi.बात का धनी होना' मुहावरे का अर्थ है-

 

अ. बहुत पैसे वाला.        ब. जुबान का पक्का


स. खानदानी.               द.बातों से कमाई करने वाला


उत्तर - जुबान का पक्का होना






2 रिक्त स्थान में सही विकल्प चुनकर लिखिए -

( 1 x 7 = 7 )


i. 'शिरीष का फूल' के रचनाकार... हैं। (हजारी प्रसाद द्विवेदी/ महावीर प्रसाद द्विवेदी)


उत्तर- हजारी प्रसाद द्विवेदी


ii. 'बगुलों के पंख' के रचनाकार... हैं। (रघुवीर सहाय / उमाशंकर जोशी)


उत्तर- उमाशंकर जोशी



iii. कूटीकरण को भी कहते हैं। (एनकोडिंग / ऑउट कोडिंग)


उत्तर - इनकोडिंग



iv. आनन्दा की पाठशाला से लगती थी। (दस बजे / ग्यारह बजे)


उत्तर- ग्यारह बजे


 v. राम मेहनत करता है यह वाक्य है। (संयुक्त / साधारण)


उत्तर- साधारण वाक्य


vi. गद्य-पद्य मिश्रित काव्य कहलाता है (चम्पू काव्य / मुक्तक काव्य)


उत्तर-चम्पू काव्य



vii. आधुनिक काल के जनक माने जाते हैं। (भारतेन्दु हरिशचन्द्र / महावीर प्रसाद द्विवेदी)


उत्तर - भारतीय हरिश्चंद्र





3 सही जोड़ी मिला कर लिखिए-.      ( 1 x 6 = 6)


i. फणीश्वर नाथ रेणु             क. छ प्रकार


ii. "आत्म परिचय'               ख.भाषा


iii.'अतीत के पाँव'               ग.शब्द गुण


iv. माधुर्य, ओज व प्रसाद      घ.पहलवान की ढोलक


V. हिन्दी                           ड़़ .स्तम्भ लेखन


vi. समाचार लेखन के           च.हरिवंश राय बच्चन


                                       छ.यात्रा वृत्तान्त


                                ज.अभिधा, व्यंजना व लक्षणा




सही जोड़े के उत्तर निम्नलिखित हैं- (केवल उत्तर दिए गए हैं)


i पहलवान की ढोलक


ii. हरिवंश राय बच्चन


iii. यात्रा वृतांत


iv. शब्द गुण


v. भाषा


vi.छ: प्रकार






4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए-.          (1 x 7 = 7)


i.राष्ट्रभाषा से आप क्या समझते हैं?


ii. कविता का पहला उपकरण क्या है ?


iii. यशोधर बाबू ने मैट्रिक की परीक्षा किस स्कूल से पास की थी ?


iv. "मैं पढ़ लिखकर वकील बनूँगा" अछूतों के लिए कानून  बनाऊँगा और छुआछूत को खत्म करूंगा" -कथन किसका है ?


v.कविता पंख लगाकर कहाँ-कहाँ उठ सकती है?


vi. राजा ने लुट्टन से क्या कहा ?


vii. दोहे को उल्टा करने से कौन सा छन्द बन जाता है ?




5. सत्य / असत्य लिखिए-.             ( 1 x 6 = 6)


i क्रिया की विशेषता बताने वाले शब्द क्रिया विशेषण होते हैं।


उत्तर - सत्य


 ii. उपसर्ग का प्रयोग शब्द या शब्दांश के पहले होता है।


उत्तर- सत्य


III. सिन्धु घाटी सभ्यता में पत्थर और ताँबे का प्रयोग होता था।


उत्तर - सत्य


 iv. लेखन का आशय यान्त्रिक हस्तकौशल होता है।


उत्तर- सत्य



V.पाठ 'रूबाइयाँ' व 'गजल' में कवि ने खुद को देश पर न्यौछावर कर दिया है।


उत्तर- असत्य


vi. 'मेरी कल्पना का आदर्श समाज' पाठ के लेखक बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर है।


उत्तर - सत्य



6. प्रगतिवाद की दो प्रवृत्तियों लिखिए।

                 अथवा

 छायाबाद की दो प्रवृत्तियों लिखिए।


उत्तर- छायावाद की प्रमुख विशेषताएं-


1.व्यक्तिवाद की प्रधानता।


2.श्रंगार भावना।


3.प्रकृति का मानवीकरण


4.सौंदर्यअनुभूति


5.नारी के प्रति नवीन भावना।


6.जीवन दर्शन


7.वंदना एवं करुणा का आधिक्य।



                      अथवा


प्रगतिवाद की दो प्रवृत्तियों‌ की विशेषताएं-


1.आर्थिक व सामाजिक समानता पर बल।


2.नारी शोषण के विरुद्ध मुक्ति का स्वर।


3.ईश्वर के प्रति अनासथा।


4.सामाजिक यथार्थ का चित्रण।


5.भाग्य वाद की अपेक्षा कर्म वाद की सत्ता पर बल।




7.बच्चे किस बात की आशा में नीड़ों से झाँक रहे होंगे है.

                  अथवा

रचना के सन्दर्भ में अधड़ और बीज क्या है ?


उत्तर-




8. नाटक एवं एकाकी में कोई दो अन्तर लिखिए।


                अथवा


कहानी व उपन्यास में कोई दो अन्तर लिखिए ।



उत्तर-





9. भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छुपाती थी।


अथवा


पर्चेजिंग पांव से क्या अभिप्राय है?



उत्तर -भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात लक्ष्मी था जिसका अर्थ है- धन की देवी। लेकिन लक्ष्मी के पास धन बिल्कुल नहीं था। वह बहुत गरीब थी। इसलिए वह अपना वास्तविक नाम छिपाती थी। उसे यह नाम उसके घर वालों ने दिया होगा। भारतीय समाज में लड़की का पैदा होना वास्तव में लक्ष्मी का घर माना जाता है। यही कारण है कि उसके जन्म लेने पर उसके घर वालों ने यह नाम रख दिया ।



10. जूझ कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला जाने में लेखक की क्या सहायता की?

                        अथवा


मुअनजोदड़ों के घरों की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।




11. बिम्ब क्या है? रेकविता में बिम्ब का क्या कार्य है ? 

                      अथवा


फीचर-लेखन से क्या आशय है?


उत्तर-





12. अभिधा शब्दशक्ति की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए । 

                         अथवा 


संचारी भाव किसे कहते हैं किन्ही चार संधारी भायों के नाम लिखिए।


उत्तर-






13. सवैया छन्द की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। 

                        अथवा


प्रतिमान अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।


उत्तर-






14. भाव पल्लवन कर लिखिए-


"मुल्क बदल जाए वतन तो वतन होता है"


                 अथवा


उपसर्ग एवं प्रत्यय में अंतर लिखते हुए दोनों के एक-एक उदाहरण लिखिए।


उत्तर-





15. निम्निलिखित मुहावरों के अर्थ लिखते हुए वाक्य प्रयोग कीजिए


 1. अपना उल्लू सीधा करना

 2. खाक छानना


                    अथवा


निम्नलिखित वाक्यों को शुद्ध कर लिखिए 

1. तनु को शुद्ध गाय का दूध पिलाओ


2. घर में चाय केवल नाम मात्र को बची है। बिन्दुओं के आधार पर लिखिए।



उत्तर-






16. रघुवीर सहाय अथवा कुँगर नारायण की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिंदुओं के आधार पर लिखिए।


1. रचनाएँ कोई दो 2 भाव पक्ष कला


उत्तर-








17. हजारी प्रसाद द्विवेदी अथवा फणीश्वरनाथ रेणु की साहित्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए


1. रचनाएँ कोई दो              2. भाषा-शैली


उत्तर-









18. "मेरे सपनों का भारत" शीर्षक पर एक अनुच्छेद लिखिए। 

                       अथवा

जनसंख्या समस्या शीर्षक पर डॉक्टर तथा नागरिक का संवाद लिखिए।



19 अपठित गद्यांश / काव्यांश को पढ़कर नीचे लिखे प्रश्नों के उत्तर लिखिए-


जो अनगढ़ है जिसमें कोई आकृति नहीं ऐसे पत्थरों को आकृति प्रदान करना, उसमें कलात्मक संवेदना जगाना और प्राण प्रतिष्ठा करना ही संस्कृति है। वस्तुतः संस्कृति उन गुणों का समुदाय है, जहाँ अनेक प्रकार की शिक्षा अपने प्रयत्न से मनुष्य प्राप्त करता है। संस्कृति का संबंध मुख्यतः मनुष्य की बुद्धि एवं स्वभाव आदि मनोवृत्ति से है। संक्षेप में सांस्कृतिक विशेषताएँ मनुष्य की मनोवृत्तियों से संबंधित हैं और इन विशेषताओं का अनिवार्य संबंध जीवन के मूल्यों से होता है ये विशेषताएँ या तो स्वयं में मूल्यवान होती है


अथवा मूल्यों के उत्पादन का साधन प्रायः व्यक्तित्व में विशेषताएँ साध्य एवं साधन दोनों ही रूपों में अर्थपूर्ण समझी जाती है। वस्तुत संस्कृति सामूहिक उल्लास की कलात्मक अभिव्यक्ति है। संस्कृति व्यक्ति की नहीं समष्टि की अभिव्यक्ति है।


प्रश्न :


1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।


2. निश्राण पत्थर को कैसे जीवन्त बनाया जा सकता है?


3. व्यक्तित्व में विशेषताएँ कब अर्थपूर्ण समझी जाती है ?


                      अथवा


दे रहे आह्वान तुझको मस्त होकर मेघ काले उठ रही झंझा प्रबलतम जोर इनका आजमा ले। शपथ तुझको जो हटाया एक पग भी आज पीछे। प्राण में भर अटल साहस खेल लें. इनको खिलाले। नाश की पटभूमिका पर सृष्टि का कर चित्र अंकित विजय है तेरी सुनिश्चित |


प्रश्न :


1. उपर्युक्त काव्यांश का शीर्षक लिखिए।


2. कवि सृष्टि चित्र कहाँ अंकित करना चाहता है ? 


3. कवि किसको आजमाने की बात कहता है ?




20. निम्निलिखित पद्यांश का सन्दर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए-


जोर जबरदस्ती से बात की चूड़ी मर गई


और वह भाषा में बेकार घूमने लगी

 

           अथवा



मैं निज रोदन में राग लिए फिरता हूँ.


शीतल याणी में आग लिए फिरता हूँ,


 हो जिस पर भूपों के प्रासाद निछावर,


 में यह खण्डहर का भाग लिए फिरता हूँ।



उत्तर-





21. निम्निलिखित गद्यांश की सन्दर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-


में प्रायः सोचती हूँ कि जब ऐसा बुलावा आ पहुंचेगा जिसमें न धोती साफ करने का अवकाश रहेगा, न सामान बाँधने का न भक्तिन को रुकने का अधिकार होगा, न मुझे रोकने का तब चिर-बिदा के अंतिम क्षणों में


यह देहातिन वृद्ध क्या करेगी और मैं क्या करूँगी ?


                        अथवा


 इससे यह तो हो सकता है कि यह चूरन वाला भगत हम लोगों के सामने एकदम नाचीज आदमी हो लेकिन आप पाठकों की विद्वान श्रेणी का सदस्य होकर भी मैं यह स्वीकार नहीं करना चाहता हूँ कि उस अपदार्थ प्राणी को यह प्राप्त है जो हममें से बहुत कम को शायद प्राप्त है।





22. अपने जिले के जिलाधीश महोदय को ध्वनि विस्तारक यंत्र पर रोक लगवाने हेतु आवेदन पत्र लिखिए।


                     अथवा


अपने पिताजी को अपनी पढ़ाई के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी पत्र लिखकर प्रेषित कीजिए। 



उत्तर-







23. निम्निलिखित में से किसी एक विषय पर लगभग 120 शब्दों में निबन्ध लिखिए-


1. मेरे प्रिय लेखक


2. स्वच्छता अभियान


3. सोशल मीडिया के दुष्प्रभाव


4. कोविड 19


5. पुस्तकालय आवश्यकता और महत्त्व



मेरे प्रिय कवि तुलसी दास पर निबंध


उत्तर-main Topicप्रस्तावना, आरम्भिक जीवन-परिचय, काव्यगत विशेषताएँ, उपसंहार


प्रस्तावना संसार में अनेक प्रसिद्ध साहित्यकार हुए हैं, जिनकी अपनी-अपनी विशेषताएँ हैं। यदि मुझसे पूछा जाए कि मेरा प्रिय साहित्यकार कौन है? तो मेरा उत्तर होगा-महाकवि तुलसीदास। यद्यपि तुलसी के काव्य में भक्ति-भावना प्रधान है, परन्तु उनका काव्य कई सौ वर्षों के बाद भी भारतीय जनमानस में रचा-बसा हुआ है और उनका मार्ग दर्शन कर रहा है, इसलिए तुलसीदास मेरे प्रिय साहित्यकार हैं।


आरम्भिक जीवन-परिचय – प्रायः प्राचीन कवियों और लेखकों के जन्म के बारे में सही-सही जानकारी नहीं मिलती। तुलसीदास के विषय में भी ऐसा ही है, किन्तु माना जाता है कि 1511 ई. (संवत् 1568 वि.) में बाँदा जिले में इनका जन्म हुआ था। इनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी था। इनके ब्राह्मण माता-पिता ने इन्हें अशुभ मानकर जन्म लेने के बाद ही इनका त्याग कर दिया था। अत: इनका बचपन बहुत ही कठिनाइयों में बीता। गुरु नरहरिदास ने इनको शिक्षा दी।


इनका विवाह रत्नावली नाम की कन्या से हुआ था। विवाह उपरान्त उसकी एक कटु उक्ति सुनकर इन्होंने राम-भक्ति को ही अपने जीवन का ध्येय बना लिया, इन्होंने अपने जीवनकाल में लगभग सैंतीस ग्रन्थों की रचना की, परन्तु इनके बारह ग्रन्थ ही प्रामाणिक माने जाते हैं। इस महान् भक्त कवि का देहावसान 1623 ई. (संवत् 1680 वि.) में हुआ।


काव्यगत विशेषताएँ – तुलसीदास का जन्म ऐसे समय में हुआ था, जब हिन्दू समाज मुसलमान शासकों के अत्याचारों से आतंकित था। लोगों का नैतिक चरित्र गिर रहा था और लोग संस्कारहीन हो रहे थे। ऐसे में समाज के सामने एक आदर्श स्थापित करने की आवश्यकता थी, ताकि लोग उचित-अनुचित का भेद समझकर सही आचरण कर सकें। यह भार तुलसीदास ने सँभाला और 'रामचरितमानस' नामक महान् काव्य की रचना की। इसके माध्यम से इन्होंने अपने प्रभु श्रीराम का चरित्र-चित्रण किया, हालाँकि यह एक भक्ति-भावना प्रधान काव्य है। 'रामचरितमानस' के अतिरिक्त इन्होंने कवितावली, गीतावली, दोहावली, विनयपत्रिका, जानकीमंगल, रामलला नहछू, रामायण, वैराग्य सन्दीपनी, पार्वतीमंगल आदि ग्रन्थों की रचना भी की है, परन्त इनकी प्रसिद्धि का मुख्य आधार 'रामचरितमानस' ही है। 


तुलसीदास जी वास्तव में, एक सच्चे लोकनायक थे, क्योंकि इन्होंने कभी किसी सम्प्रदाय या मत का खण्डन नहीं किया, वरन् सभी को सम्मान दिया, इन्होंने निर्गुण एवं सगुण दोनों धाराओं की स्तुति की। अपने काव्य के माध्यम से इन्होंने कर्म, ज्ञान एवं भक्ति की प्रेरणा दी। 'रामचरितमानस' के आधार पर इन्होंने एक आदर्श भारतवर्ष की कल्पना की थी, जिसका सकारात्मक प्रभाव हुआ भी, इन्होंने लोकमंगल को सर्वाधिक महत्त्व दिया। साहित्य की दृष्टि से भी तुलसी का काव्य अद्वितीय है। इनके काव्य में सभी रसों को स्थान मिला है। इन्हें संस्कृत के साथ-साथ राजस्थानी, भोजपुरी, बुन्देलखण्डी, प्राकृत, अवधी, ब्रज, अरबी आदि भाषाओं का ज्ञान भी था, जिनका प्रभाव इनके काव्य में दिखाई देता है। इन्होंने विभिन्न छन्दों में रचना करके अपने पाण्डित्य का प्रदर्शन किया है। तुलसी ने प्रबन्ध तथा मुक्त दोनों प्रकार के काव्यों में रचनाएँ कीं। इनकी प्रशंसा में कवि जयशंकर प्रसाद ने लिखा


"प्रभु का निर्भय सेवक था, स्वामी था अपना, जाग चुका था, जग था जिसके आगे सपना। प्रबल प्रचारक था जो उस प्रभु की प्रभुता का, अनुभव था सम्पूर्ण जिसे उसकी विभुता का। राम छोड़कर और की, जिसने कभी न आस की, रामचरितमानस-कमल, जय हो तुलसीदास की।


उपसंहार– तुलसीदास जी अपनी इन्हीं सब विशेषताओं के कारण हिन्दी साहित्य के अमर कवि हैं। निःसन्देह इनका काव्य महान् है। तुलसी ने अपने युग और भविष्य, स्वदेश और विश्व, व्यक्ति और समाज सभी के लिए महत्त्वपूर्ण सामग्री दी है। अतः ये मेरे प्रिय कवि हैं। अन्त में इनके बारे में यही कहा जा सकता है


कविता करके तुलसी न लसे,


कविता लसी पा तुलसी की कला।










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