International Yoga Day Essay in Hindi।।अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2023 पर हिन्दी में निबंध
नमस्कार दोस्तो आज हम आपको अपनी इस पोस्ट में International Yoga Day Essay in hindi के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है इसलिए आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें यदि आपको कुछ पूछना हो तो आप कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा।
इस पोस्ट में हम आपको इन सभी टॉपिक के बारे में जानकारी देगे
Q.योग क्या है?
उत्तर –योग का शाब्दिक अर्थ है जोड़ना , योग शारीरिक व्यायाम, शारीरिक मुद्रा (आसन), ध्यान, सांस लेने की तकनीकों और व्यायाम को जोड़ता है। इस शब्द का अर्थ ही 'योग' या भौतिक का स्वयं के भीतर आध्यात्मिक के साथ मिलन है।
Q.आसन क्या है
उत्तर – मन को स्थिर रखने वाले तथा सुख देने वाले बैठने के ढंग को आसन कहते हैं। आसन शब्द की उत्पत्ति संस्कृत भाषा के 'अस' धातु से हुई है जिसके दो अर्थ हैं- पहला है बैठने का स्थान तथा दूसरा शारीरिक अवस्था ।
Q.योग दिवस क्यों मनाया जाता है।
उत्तर – 21 जून को उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं. भारतीय परंपरा के मुताबिक, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है. माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है. इसी को देखते हुए योगा दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है
Q.योग के कुल कितने अंग होते हैं?
उत्तर – योग के आठ अंग होते है
यम, नियमा, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान और समाधि ।
Q. योग कितने प्रकार का होता है
उत्तर –योग के मुख्य चार प्रकार होत हैं।
1.राज योग
2.कर्म योग
3.भक्ति योग
4. ज्ञान योग
Q.योग के आसन कितने प्रकार के होते हैं?
उत्तर – योग आसन करने के ढंग से निम्न प्रकार के होते हैं
संसार के समस्त जीव जन्तुओं के बराबर ही आसनों की संख्या बताई गई है। इस प्रकार 84000 आसनों में से मुख्य 84 आसन ही माने गए हैं। उनमें भी मुख्य आसनों का योगाचार्यों ने वर्णन अपने-अपने तरीके से किया है।
1.बैठकर – बैठ कर किए जाने वाले आसान
पद्मासन, वज्रासन, सिद्धासन, मत्स्यासन, वक्रासन, अर्ध मत्स्येन्द्रासन, गोमुखासन, पश्चिमोत्तनासन, ब्राह्म मुद्रा, उष्ट्रासन, गोमुखासन। आदि।
2. पीठ के बल लेटकर – जो आसान पीठ के बल लेट कर किए जाते है वो निम्न लिखित है।
अर्धहलासन, हलासन, सर्वांगासन, विपरीतकर्णी आसन, पवनमुक्तासन, नौकासन, शवासन आदि ।
3. पेट के बल लेटकर – पेट के बल लेट करकिए जाने वाले आसान निम्न हैं
मकरासन, धनुरासन, भुजंगासन, शलभासन, विपरीत नौकासन आदि।
4. खड़े होकर – खड़े होकर किए जाने वाले आसान निम्न हैं
ताड़ासन, वृक्षासन, अर्धचंद्रमासन, अर्धचक्रासन, दो भुज कटिचक्रासन, चक्रासन, पादहस्तासन आदि ।
5. अन्य आसान – शीर्षासन, मयुरासन, सूर्य नमस्कार आदि ।
Q. योगासनों के करने से क्या लाभ होते हैं।
उत्तर– (a)आसनों का मुख्य उद्देश्य शरीर के मल का नाश करना है।
(b)शरीर से मल या दूषित विकारों के नष्ट हो जाने से शरीर व मन में स्थिरता का अविर्भाव होता है।
(c)शांति और स्वास्थ्य का लाभ मिलता है।
(d)शरीर ही मन और बुद्धि की सहायता से आत्मा को संसार के बंधनों से योगाभ्यास द्वारा मुक्त कर सकता है।
(e)शरीर बृहत्तर ब्रह्मांड का सूक्ष्म रूप है। अत: शरीर के स्वस्थ रहने पर मन और आत्मा में संतोष मिलता है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध– International Yoga Day Essay
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को पूरे विश्व में धूमधाम से मनाया गया। इस दिन करोड़ों लोगों ने विश्व में योग किया जो कि एक रिकॉर्ड था। योग व्यायाम एक ऐसा राम बाड़ साधन है, जिसके माध्यम से मानव शरीर को स्वस्थ और संतुलित बनाया जा सकता है योग व्यायाम मानव शरीर के सभी अंगों को फिट रखने में मदद करने के साथ ही मन, मस्तिक और आत्मा को भी तनाव मुक्त करता है। यही कारण है कि योग से शारीरिक के सभी रोगों के अलावा मानसिक समस्याओं को ठीक किया जा सकता है ।
योग शब्द की उत्पत्ति संस्कृत के युज से हुई है। जिसका मतलब होता है आत्मा का सार्वभौमिक चेतना से मिलन। योग व्यायाम ऋषि मुनियों के समय लगभग एक लाख वर्ष पूर्व से भी अधिक समय से अपनाया जा रहा है।
अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस प्रत्येक वर्ष 21 जून को बड़े ही जोश के साथ मनाया जाता है। यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने ही इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। निरन्तर योग अभ्यास से मानव अपने सभी शारीरिक के कष्टों से मुक्ति प्राप्त करने का सही रास्ता है यदि आप भी अपने तन मन को स्वस्थ रखना चाहते हैं तो आपको भी प्रतिदिन कम से कम 20– 30 मिनट तक योग व्यायाम का अभ्यास करना चाहिए। योग अपने अद्भुत स्वास्थ्य लाभों के लिए जाना जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का आरम्भ सन 2015 में प्रारंभ होने के बाद,हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
[ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 400 शब्दों में – International Yoga Day Essay in 400 words ]
प्रस्तावना
योग व्यायाम भारत की धरोहर है सर्वप्रथम योग की शुरुआत भारत में हुई थी कई लाख साल पहले के भारतीय जनजाति अपने शरीर ओर दिमाग को फिट और तेज रखने के लिए योग व्यायाम का अभ्यास किया करते थे, लेकिन वर्तमान समय में लोग अपनी दैनिक जीवन में भी बहुत व्यस्थ रहते हैं जिसका असर उनके शरीर ओर दिमाग पर पढ़ता है, ज्यादा काम के बोझ के कारण लोगो का बाहर टहलना फिरना लगभग खत्म हो गया है जिससे ज्यादातर लोग बीमार पड़ने लगे हैं इस समस्या को उपाय करने के लिए कई महान गुरुओं से बात की गई तो सभी ने योग व्यायाम को दैनिक जीवन में अपनाने की बात स्वीकार किया गया है इसी को मददे नजर रखते हुए हमारे लोक प्रिय यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने योग व्यायाम के लाभों को जन जन तक पहुंचाने के लिए योग को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस घोषित करवाने के लिए सबसे पहले पहल की थी । उन्हीं की का परिणाम है कि संयुक्त राष्ट्र सभा यूएनजीए द्वारा इस प्रस्ताव को पसंद किया और 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दे दी गई। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पहली बार वर्ष 2015 में मनाया गया था।
योग की उत्पत्ति
योग की व्युत्पत्ति हमारे भारतीय पौराणिक युग जुड़ी हुई है। ऐसा माना जाता है कि वो प्रारभिक योग गुरु भगवान भोलेनाथ ही थे जिन्होंने इस कला को जन्म दिया था। शिव, जिन्हें आदियोगी के रूप में भी जाना जाता, को दुनिया के सभी योग गुरुओं के लिए प्रेरणा माना जाता है।
आमतौर पर यह माना जाता है यह उत्तर भारत में सिंधु सरस्वती सभ्यता ही थी जिसने पांच हजार साल पूर्व इस शानदार कला की शुरुआत की थी। ऋग्वेद में पहली बार इस अवधि का उल्लेख किया गया है। हालांकि योग की पहली व्यवस्थित प्रस्तुति शास्त्रीय काल में पतंजलि द्वारा की गई।आज के समय में योग व्यायाम के सबसे बड़े गुरू बाबा रामदेव को माना जाता है जिन्होंने योग को एक बार फिर से पूरे विश्व को सिखाने का कार्य किया है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया जाता है-
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाता है भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही हैं जिन्होंने योग दिवस को अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मनाने का विचार समस्त विश्व के सामने रखा l जब उनके इस प्रस्ताव को समस्त विश्व ने कल्याण कारी माना तो अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में मान्यता दे दी गई, इसके बाद मोदी जी ने सुझाव दिया कि इसे 21 जून को मनाया जाए। उन्हीं के सुझाव को मानते हुए यह 21 जून को मनाया जाने लगा । लेकिन उनके द्वारा सुझाई गई इस तारीख का कारण सामान्य नहीं था। इस अवसर को मनाने के लिए प्रस्तावित कुछ कारण है।
21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन है और इसे ग्रीष्मकालीन अस्थिरता कहा जाता है। यह दक्षिणाइया का एक संक्रमण प्रतीक है जिसे माना जाता है कि यह एक ऐसी अवधि होती है जो आध्यात्मिक प्रथाओं का समर्थन करती है। इस प्रकार योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि माना जाता है।
इसके अलावा संक्रमण काल के दौरान भगवान शिव ने उन्हें के साथ योग की कला के बारे में ज्ञान सजाकर के आध्यात्मिक गुरुओं को प्रदान किया था।
इन सभी निष्कर्षों से संयुक्त राष्ट्र महासभा यूएनजीए ने माना था कि 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा।
निष्कर्ष
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और यूएनजीए ने ही केवल 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में चिन्हित नहीं किया बल्कि जब यह दिवस आया तो इसे सफल बनाने के लिए कई प्रयास किए गए। योग दिवस भारत में बड़े पैमाने पर उत्साह के साथ मनाया गया। दुनिया भर के कई उल्लेखनीय हस्तियों ने इसमें भाग लिया था। तब से यह देश और साथ ही दुनिया के अन्य भागों में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
[ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 500 शब्दों में International yoga divas essay in hindi]
प्रस्तावना- पहली बार प्रधानमंत्री बनने के बाद हमारे लोक प्रिय मोदी जी के द्वारा पहली बार वर्ष 2014 में 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने का प्रस्ताव दिया था। उनके इस प्रस्ताव को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यू एन जी ए) ने खूब सराहा और 21 जून 2015 को पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की घोषणा की गई थी । श्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तावित प्रस्ताव और यू.एन. द्वारा किए गए निर्णय की दुनिया भर के आध्यात्मिक नेता और योग के चिकित्सकों द्वारा इसकी सराहना भी की गई। भारतीय आध्यात्मिक नेता और आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री रविशंकर ने कहा कि योग पहले एक अनाथ बच्चे जैसा था लेकिन अब ऐसा नहीं है। संयुक्त राष्ट्र द्वारा इसे मान्यता देने के बाद इस कला को वह सम्मान अब प्राप्त हुआ जिसका यह सही मायनों में हकदार था।
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस
जब योग दिवस को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाए जाने की घोषणा हुई तो लोगो को खुशी का ठिकाना नहीं रहा और उन्होंने पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को याद गार मनाए जाने के लिए सभी पृथ्वी वाशियो ने बड़ चढ़ कर इसमें भाग लिया इस तरह पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को दुनिया के विभिन्न हिस्सों में बहुत उत्साह से मनाया गया। यह विशेष रूप से भारत के लिए एक खास दिन था। इसका कारण यह है कि प्राचीन काल में योग का जन्म भारत में हुआ था और इस स्तर पर इसे मान्यता प्राप्त होने के कारण यह हमारे लिए गर्व का विषय था। इस प्रकार देश में बड़े पैमाने पर सभी लोगो द्वारा मनाया गया।
इस दिन के सम्मान में कर्तव्य पथ(पहले राज पथ), दिल्ली में एक बड़ा आयोजन आयोजित किया गया था। इस आयोजन में भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और 84 देशों के महान हस्तियों ने इस कार्यक्रम में बड़ चढ़ कर भाग लिया। इसके अलावा सामान्य जन मानस ने भी इस पहले योग दिवस समारोह में उपस्थित होकर बड़े ही हर्ष और उत्साह के साथ योग व्यायाम करके 21 जून को एक बड़े पर्व के रूप में मनाया गया । इस योग दिवस के दौरान 21 योगासन किए गए थे। प्रशिक्षित योग प्रशिक्षकों ने लोगों को यह आसन करने के लिए निर्देशित किया और लोगों ने बड़े उत्साह से उनके निर्देशों का पालन किया। इस आयोजन में 2 गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स भी बने ।
1.पहला रिकॉर्ड सबसे बड़ी योग कक्षा के लिए बना जिसमें 35985 प्रतिभागियों ने भाग लिया
2. दूसरा इसमें भाग लेने वाली देशो की सबसे बड़ी संख्या शामिल थी।
आयुर्वेद योग और प्राकृतिक चिकित्सा मंत्रालय, यूनानी, सिद्ध होम्योपैथी इस आयोजन की व्यवस्था की थी। आयुष मंत्री श्रीपाद येसो नाइक को इसके लिए पुरस्कार मिला।
इसके अलावा देश के विभिन्न स्थानों पर कई योग शिविरों का आयोजन किया गया। योगासन अभ्यास करने के लिए लोग पार्क, और सामुदायिक हॉल अन्य स्थानों में इकट्ठे हुए। योग प्रशिक्षकों ने लोगों को यह योग सत्र सफल बनाने के लिए प्रेरित किया। सामान्य जनता द्वारा दिखाया गया उत्साह आश्चर्यजनक था। यह ना केवल महानगरों में रहने वाले लोगों ने किया बल्कि छोटे शहरों और गांवों में भी रहने वाले लोगों ने योग सत्रों का आयोजन किया और इसमें भाग लिया। यह एक अदभुद वाकिया था जब एक साथ मिलकर किसी पर्व या दिवस को इतने उत्साह के साथ मनाया गया था। उसी दिन एनसीसी कैडेटों ने लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में "एकल वर्दीधारी युवा संगठन द्वारा 17 सबसे बड़ा योग प्रदर्शन " पर अपना नाम दर्ज करवाया।
तो सब बातों में एक बात यह है कि एक अच्छी शुरुआत थी। लोग ना केवल पहली बार प्रथम अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर भाग लेने के लिए बड़ी संख्या में बाहर आए बल्कि योग को भी अपनी दैनिक दिनचर्या में शामिल किया। योग प्रशिक्षण केंद्रों पर योग दिवस के बाद विभिन्न योग सत्रों में दाखिला लेने के लिए बड़ी संख्या में लोगों को देखा गया। भारत के लोग पहले से ही योग के महत्व के बारे में जानते थे लेकिन योग दिवस की शुरुआत में इसे आगे बढ़ाया। यह उन्हें स्वस्थ जीवनशैली की दिशा में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। दूसरी ओर दुनिया भर के कई लोगों के लिए यह एक नई अवधारणा थी। वो इस तरह की एक महान कला के लिए खुद को धन्य महसूस करते थे। इसलिए यह दिवस भारत और साथ ही विदेशों में भी कई नए योग केंद्रों की स्थापना के रूप में चिन्हित किया गया है।
निष्कर्ष
यह भारत वासियों के लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि मन और शरीर को फिट रखने के लिए हमारी प्राचीन कला स्वीकार की गई और दुनिया भर में इसकी सराहना की गई। भारत कई तरह की कलाओं का स्वामी देश है। हमने दुनियां को उन्हीं कलाओं में से एक कला को शिखाकर उन पर एहसान किया है इस कला को साझा करते हुए हम हम सभी देश वासी बहुत प्रसन्न हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को इसी प्रकार हर्ष और उल्लास के साथ मानने का सभी लोगों ने प्रण किया हैं इस दिन का नजारा कुछ अलग ही होता है जहां देखो वहां लोग अलग-अलग शिविर लगाए योग की मुद्रा में दिखाई देते हैं यही हमारे भारत वासियों के लिए बड़े गर्व की बात है।
[ अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध 600 शब्दों में International Yoga Day Essay in 600 words ]
प्रस्तावना
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था । इस दिन पर भारत में एक बड़ा आयोजन आयोजित किया गया था। इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोगों ने भाग लिया लोगो के मन में इस बात की बहुत खुशी और उत्तेजना थी। कि वो आज के दिन अपनी पुरानी कला को पूरे विश्व को सिखाने जा रहे हैं योग व्यायाम करने का इतना उत्साह इससे पहले कभी नहीं देखा गया था यह उत्साह भारत में ही नहीं वल्कि दुनियां के विभिन्न देशों में बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया ।लोगों ने पार्को और योग शिविरों में जाकर बड़ी संख्या में योग का आनंद लिया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2016 में कैसे मनाया गया
पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2015 के बाद, वर्ष 2016 में आयोजित दूसरे योग दिवस में भी लोगों को उत्साह के साथ इकट्ठे होकर देखा गया। चंडीगढ़ के कैपिटल कॉन्प्लेक्स में दूसरे अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर जश्न मनाने का मुख्य आयोजन आयोजित किया गया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भीड़ का जोश बढ़ाने के लिए इस कार्यक्रम में भाग लिया। योगासन करने के लिए इकट्ठे हुए हजारों लोगों के साथ श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस समारोह में योगासन का भी अभ्यास किया। उन्होंने इस अवसर पर एक प्रेरक भाषण भी दिया जिससे कि देश के युवाओं को अपने रोजमर्रा के जीवन में योग को उतारने के माध्यम से एक स्वस्थ जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
इसी तरह अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर देश के कई हिस्सों में बड़े और छोटे समारोह आयोजित किए गए। लोगों ने अपने आसपास के पार्को और योग शिविर में जाकर योग का अभ्यास किया। भारतीय सेना, भारतीय नौसेना, और भारतीय तटरक्षक दल के सभी सैनिकों ने भी विभिन्न हिस्सों में मनाए जाने वाले योग दिवस के समारोह में भाग लिया। हमारे पड़ोसी देशों और दुनियाभर के अन्य देशों ने भी समान उत्साह के साथ इस दिन को मनाया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2017 कैसे मनाया गया
तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस दुनियाभर में और अधिक उत्साह के साथ मनाया गया। ऐसे जैसे अधिक से अधिक लोग योग के महत्व को समझ रहे हैं और अपने जीवन में इसका पालन कर रहे हैं वैसे वैसे योग शिविरों की संख्या और इस और भागीदारी वर्ष दर वर्ष बढ़ रही है।
हर साल की तरह भारत में तीसरा अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर एक बड़ा समारोह आयोजित किया गया था। इसके लिए नवाबों का शहर लखनऊ को चुना गया था। मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ,उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ इस दिन का जश्न मनाने के लिए लखनऊ गए थे। इस दिन लखनऊ शहर में बारिश हुई लेकिन इसने लोगों को योग दिवस समारोह में भाग लेने से नहीं रोक पाया। इस हर दिन का जश्न मनाने के लिए लखनऊ के राम भाई अंबेडकर सभा स्थल में लगभग 51000 लोग इकट्ठे हुए। सभी लोग इस समारोह का हिस्सा बनकर अति उत्साहित और रोमांचित थे और सभी ने आत्मसमर्पण के साथ योगासन किए।
इस दिन का जश्न मनाने के लिए दिल्ली के केंद्रीय पार्क में कई लोगों ने एक साथ भारतीय राष्ट्रपति के साथ योग का अभ्यास किया। इसके अलावा योग दिवस का जश्न मनाने के लिए देश के विभिन्न हिस्सों में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए थे।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2018 कैसे मनाया गया
दुनिया भर में चौथे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के लिए कई महोत्सव की योजना बनाई जा रही थी। भारत में इस अवसर पर सबसे बड़े महोउत्सव में से एक महोत्सव ऋषिकेश ,उत्तराखंड में गंगा नदी के तट पर आयोजित किए गए। दुनिया भर में लोगों की बड़ी संख्या किस महोत्सव के लिए इकट्ठा हुई।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 कैसे मनाया गया
21 जून 2019 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस दुनिया भर में मनाया गया। हर साल की तरह इस साल भी इस दिवस का एक खास थीम रखा गया था। 2019 का थीम क्लाइमेट एक्शन था। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2019 के उपलक्ष पर इस थीम के जरिए यह बताने की कोशिश की जा रही थी कि योग का अभ्यास करने से जलवायु परिवर्तन का समाधान मिल सकता है। योग आसनों के अभ्यास से शरीर और मन के बीच एक आंतरिक संतुलन कायम होता है। यह अपने और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करता है।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 कैसे मनाएं
हर साल की तरह अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2020 को भी मनाया गया। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 की थीम थी मानवता के लिए योग इस थीम पर ही दुनिया भर में योग दिवस मनाया गया। भारत को योग गुरु कहा जाता है इसलिए आयुष मंत्रालय ने 21 जून को दुनिया भर में आयोजित होने वाले योग दिवस की यह खास थीम चुनी थी।
निष्कर्ष
यह आश्चर्यजनक है कि कैसे इस उम्र में मन शरीर और सोच अभी भी काम करती है। दुनिया भर के योग चिकित्सक अपने नियमित जीवन में योग को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों से आग्रह करते हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में एक विशेष दिन को मनाने के पीछे का कारण हमारे जीवन में योग को करने के महत्व पर बल देना है। जिससे कि एक स्वस्थ शरीर और एक स्वस्थ मस्तिष्क का विकास हो सके।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर 10 वाक्य
10 lines Essay on International Yoga Day
1.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2015 में प्रारंभ होने के बाद, हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
2.भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ही थे, जिन्होंने सबसे पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाने का विचार दिया था।
3.योग मन शरीर और आत्मा की एकता को सक्षम बनाता है।
4.21 जून उत्तरी गोलार्ध में वर्ष का सबसे लंबा दिन होता है।
5.इस दिन ग्रीष्मकालीन अस्थिरता कहा जाता है।
6.21 जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर लोग पार्को और शिविर संस्थानों में जाकर बड़े हर्ष के साथ इस दिवस को मनाते हैं।
7.21 जून को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस प्राचीन भारतीय कला के लिए एक अनुष्ठान है।
8.यह देश और दुनिया के अन्य भागों में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
9.योग की आध्यात्मिक कला का अभ्यास करने के लिए एक अच्छी अवधि मानी जाती है।
10. योग के विभिन्न रूपों से हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को अलग-अलग तरीकों से लाभ मिलता है।
FAQ.
प्रश्न.अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023 कहां आयोजित किया गया है?
उत्तर- ऋषिकेश में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव 2023, 7 से 13 मार्च 2023 तक आयोजित किया जाता है। इस आयोजन में योग ध्यान स्वास्थ्य और कल्याण पर कई कार्यक्रम होते हैं।
प्रश्न.2023 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का क्या विषय (थीम) है?
उत्तर- इस वर्ष का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस बड़े वैश्विक समुदाय के साथ जोड़ने का प्रयास करता है ,क्योंकि भारत की G20 प्रेसिडेंसी थीम "वन वर्ल्ड ,वन हेल्थ" रेजोनेट्स विद वसुधैव कुटुंबकम" है।
प्रश्न. अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की शुरुआत कब से हुई?
उत्तर- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का प्रस्ताव दिसंबर 2014 में बनाया गया था। पहला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 21 जून 2015 को "सद्भाव और शांति के लिए योग" विषय पर पहले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस का उद्घाटन किया।
प्रश्न. अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस क्यों मनाया जाता है?
उत्तर- 21 जून को उत्तरी गोलार्ध का सबसे लंबा दिन होता है, जिसे लोग ग्रीष्म संक्रांति भी कहते हैं, भारतीय परंपरा के मुताबिक ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन होता है, माना जाता है कि सूर्य दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने के लिए फायदेमंद है इसी को देखते हुए योग दिवस हर साल 21 जून को मनाया जाता है।
प्रश्न. 2022 अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम क्या थी?
उत्तर- आयुष मंत्रालय की ओर से प्राप्त जानकारी के अनुसार योगा फॉर ह्यूमैनिटी थीम चुनी गई थी जिसका मतलब है मानवता के लिए योग।
प्रश्न. विश्व योग दिवस से क्या समझते हैं?
उत्तर- जीवन में योग के इसी महत्व को दर्शाने के लिए पूरा विश्व इंटरनेशनल योगा डे मनाता है इंटरनेशनल योगा डे देश भर में योग से होने वाले फायदों के विषय में जागरूकता फैलाने के लिए 21 जून को मनाया जाता है।
प्रश्न.अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य क्या था?
उत्तर- अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस योगाभ्यास द्वारा शारीरिक और मानसिक कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस का उद्देश्य मन की शांति और आत्म जागरूकता हेतु ध्यान की आदत विकसित करना है जो तनाव मुक्त वातावरण में जीवित रहने के लिए आवश्यक है।
Q.योग सूत्र में कितने सूत्र है?
उत्तर –पतंजति योग सूत्र महर्षि पतंजलि द्वारा लिखा गया है। इसके 196 सूत्र हैं जिन्हें चार अध्याय में बांटा गया है। यह चार अध्याय हैं- समाधि पद, साधना पद, विभूति पद और कैवल्य पद ।
Q.योग का पहला अंग क्या है?
उत्तर – 'यम' योग का प्रथम अंग है
Q.योग का सबसे अंतिम अंग क्या है?
उत्तर –अष्टांग योग का सबसे अंतिम या कहें आखिरी मंजिल है।