छत्तीसगढ़ बोर्ड
दिसंबर असाइनमेंट -5
कक्षा -12वी
विषय- हिंदी
Q 1. समाचार माध्यमों में काम करने वाले पत्रकार कितने प्रकार के होते हैं ? संक्षेप में समझा कर लिखिए। (अंक 4 ,शब्द सीमा 75 से 100)
पत्रकार समाचार अख़बार और चैनल में काम करने वाले लोग होते हैं. जो ख़बरों को विभिन्न माध्यमों से एकत्रित करते हैं. और एकत्रित ख़बरों को सही व्यवस्थित तरीके से लिख कर अख़बार या समाचार चैनल में प्रकाशित करते हैं. पत्रकार खबरों के व्यवयास से जुड़ा एक पेशा हैं. इसके लिए व्यक्ति को पहले पढाई और प्रक्षिशन की जरूरत होती हैं. उसके बाद समाचार कंपनिया इन्हें नौकरी पर रखती हैं. और इसके लिए उन्हें एक निश्चित सैलरी भी मिलती हैं.
1. खोजीपत्रकार
2. खेल पत्रकार
3. मनोरंजन क्षेत्र के पत्रकार
4. आर्थिक पत्रकार
5. अपराध पत्रकार
6. शिक्षा और विज्ञान पत्रकार
7. पेज - थ्री पत्रकार
8. वाचडॉग पत्रकार
9.. वैकल्पिक पत्रकार
10. निष्कर्ष
खोजीपत्रकार
खोजी पत्रकार अपने कार्य में निपूर्ण होते हैं. यह वह पत्रकार होते हैं जो किसी एक मामले की पूरी तरह से जाँच और छानबीन करते हैं. और सच्चाई लोगो के सामने रखते हैं. खोजीपत्रकार ने सरकारो के भष्टाचार से जुड़े मामलो को उजागर करने में अग्रणीय कार्य किया हैं. आजकल टेलीविज़न में स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से रिश्वत लेते हुए रंगे हाथो सरकारी कर्मचारियों को पकड़ने का कार्य खोजी पत्रकार का ही होता हैं.
खेल पत्रकार
भारत में क्रिकेट के प्रति लोगो के लगाव को कोई नज़र अंदाज नहीं कर सकता हैं. भारत में लोग क्रिकेट से जुडी खबरे लोग प्रत्येक दिन पढ़ते हैं. और ध्यान भी रखते हैं. अंत खेल समाचार समाचार व्यवसाय की प्रमुख शाखा हैं. खेल से जुड़ी खबरे खेल पत्रकारों द्वारा लिखी और प्रकाशित की जाती हैं. खेल पत्रकार खेलो के विशेषज्ञ होते हैं. खेल पत्रकार विभिन्न खेलो जैसे क्रिकेट, फुटबॉल, कबड्डी, हॉकी इत्यादि से जुडी खबरे लिखते और प्रकाशित करते हैं.
मनोरंजन क्षेत्र के पत्रकार
सप्ताह में एक या दो दिन आपको मुख्य अख़बार के साथ अन्य मनोरंजन पत्र भी मिलता हैं. इस पत्र में मनोरंजन की दुनिया से जुड़े रोचक तथ्य और खबरे पढ़ने को मिलती हैं. मनोरंजन पत्र में लिखी खबरे मनोरंजन पत्रकार लिखते हैं. यह पत्रकार मनोरंजन से जुडी हलचल और नए टीवी सीरियल तथा सिनेमा का ध्यान रखते हैं. इन पत्रकारों को फिल्म और टीवी में कार्य करने वाले कलाकारों और उनके जीवन के बारे में काफी सारी जानकारिया होती हैं.
आर्थिक पत्रकार
जैसा की हम टेलीविज़न पर देखते हैं. रोज सेंसेक्स और मार्केट ऊपर और निचे जाता हैं. आपने टेलीविज़न पर देखा होगा की कुछ चैनल सिर्फ शेयर बाज़ार और व्यवसाय की ही खबरे प्रकाशित करते हैं. शेयर बाज़ार का देश की अर्थव्यवस्था से सीधा सम्बन्ध होता हैं. अंत इन खबरों की जानकारी भी प्रत्येक व्यक्ति को होना अनिवार्य हैं. ऐसे पत्रकार जो शेयर बाज़ार और व्यवसाय से जुडी खबरे लिखते और प्रकाशित करते हैं. आर्थिक पत्रकार कहलाते हैं.
अपराध पत्रकार
समाज में अपराधिक घटनाओ को उजागर करने में अपराध पत्रकार की भूमिका होती हैं. अपराध पत्रकार अपराध से जुड़े मामलो पर शोध करते हैं. तथा सच्चाई को लोगो के सामने रखते हैं. अपराध पत्रकार पुलिस और सरकारों की घमंड में चूर आँखे खोलते हैं. जिससे सरकारों और पुलिस को सच्चाई का पता चलता हैं. अपराध पत्रकार आमजन के लिए कार्य करते हैं. और गुंडों और अपराधिक लोगो से लड़ने में समाज की सहायता करते हैं.
शिक्षा और विज्ञान पत्रकार
अख़बार में एक भाग में विज्ञान और नविन शोध से जुडी खबरे भी देखने को मिलती हैं. किस देश में क्या शोध चल रहा हैं तथा कोनसी नई तकनीक बाज़ार में आने वाली हैं. यह सब खबरे पढ़ने में रोचक लगती हैं और हमारी जानकारी को भी बढ़ाती हैं. शोध, शिक्षा और विज्ञान से जुडी खबरे लिखने और प्रकशित करने वाले पत्रकार को शिक्षा और विज्ञान पत्रकार कहा जाता हैं.
पेज-थ्री पत्रकार
यह वह पत्रकार होते हैं. जो फिल्म और टेलीविज़न के बड़े सितारों से सम्बन्ध और दोस्ती रखते हैं. तथा उनके निजी जीवन और निजी पार्टियों में जाते हैं. इस प्रकार से पेज-थ्री पत्रकार सितारों के निजी जीवन के तथ्य और रोचक खबरे लिखते हैं. और खबरों को विभिन्न माध्यम जैसे टेलीविज़न, अख़बार, इन्टरनेट पर प्रकाशित करते हैं. इस प्रकार के खबरे प्रकाशित करने वाले पत्रकार पेज थ्री पत्रकार कहलाते हैं.
Q 2. इंटरनेट पर समाचार विषय पर एक आलेख लिखिए।
(अंक 3, शब्द सीमा 50 से 75)
उत्तर.
इंटरनेट को देखने और उससे सूचना एकत्रित करने के कार्य को सर्फिंग (Surfing) कहते है। वैसे तो सर्फिंग करने का तरीका कठिन नहीं है परन्तु सूचनाएँ इंटरनेट पर प्रविष्ट करने के लिए सॉफ्टवेयर बनाने की आवश्यकता होती है, लेकिन सॉफ्टवेयर बनाना काफी कठिन कार्य है। इंटरनेट की अपनी एक दुनिया है और इस दुनिया से सम्बद्धता (Connectivity) करने के तीन स्तर होते हैं। प्रथम स्तर पर उपभोक्ता केवल इंटरनेट पर सूचनाएँ या जानकारी देख सकता है।
द्वितीय स्तर पर उपभोक्ता इंटरनेट का एक आंशिक भाग बन जाता है और सूचनायें एकत्रित करने के अलावा वह अपनी वेबसाइट भी बना सकता है।
तृतीय स्तर पर उपभोक्ता स्वयं इंटरनेट प्रणाली का मुख्य
हिस्सा बन जाता है।
इंटरनेट का महत्त्व
(i) मेट्रो, रेलवे, व्यापारिक उद्योग, दुकान, स्कूल, कॉलेज, शिक्षण संस्थान, एनजीओ, विश्वविद्यालय, कार्यालय (सरकारी तथा गैर-सरकारी) में हर डाटा को कंप्यूटरीकृत करके बड़े स्तर पर कागज़ और कागज़ी कार्यों से बचा जा सकता है, ऐसा करने से कार्यों में पारदर्शिता भी बढ़ेगी। (ii) इंटरनेट मनुष्य को विज्ञान द्वारा दिया गया एक सर्वश्रेष्ठ उपहार है। इंटरनेट अनंत संभावनाओं का साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम कोई भी सूचना, चित्र, वीडियो आदि दुनिया के किसी भी कोने से किसी भी कोने तक पल भर में भेज सकते हैं। इंटरनेट के माध्यम से हम ई-मेल भेज सकते हैं और प्राप्त भी कर सकते हैं।
(iii) यह संदेश भेजने का और प्राप्त करने का सबसे सरल और सस्ता साधन है। इंटरनेट के माध्यम से हम दुनिया के किसी भी कोने में बैठे हुए अपने दोस्त अथवा संबंधियों से बात कर सकते हैं। इसे इंटरनेट चैटिंग कहते हैं जिसकी वजह फेसबुक और वाट्सएप बहुत अधिक प्रसिद्ध हो रहे हैं।
(iv) इंटरनेट के माध्यम से हम अपने विचारों और वस्तुओं का पूरी दुनिया में प्रचार कर सकते हैं। यह विज्ञापन का सबसे सरल और प्रभावी माध्यम है।
(v) इंटरनेट के माध्यम से हम व्यापार भी कर सकते हैं और अपनी वस्तुओं और सेवाओं का क्रय-विक्रय भी कर सकते हैं। इसका सबसे बड़ा साधन वेबसाईट है।
Q 3. बच्चे की एकाग्रता कैसे बढ़ाएं ? विषय पर एक फीचर लिखिए।
(अंक 3 ,शब्द सीमा 50 से 75)
उत्तर। यदि ज़्यादा बच्चे खेल रहे हों, तो जो बच्चा पूरे नाम या ज़्यादा से ज़्यादा नाम बताए, उसे इनाम दें. इसमें बदल-बदलकर कभी फल, सब्जियां, खिलौनेवाले पक्षी, जानवर या घर की चीजें रखी जा सकती हैं, ताकि खेल में नवीनता रहे. फ़ायदा - इस गेम को खेलने से बच्चे में याद रखने और फोकस करने की क्षमता बढ़ती है.
Q 4. निम्नलिखित काव्यांश को पढ़कर नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर दीजिए।
(क) काव्यांश का भाव सौंदर्य लिखिए।
दिये गये काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या करें नहला के छलके छलके निर्मल जल से उलझे हुए गेसुओं में कंघी करके
उत्तर ( क)
किस प्यार से देखता है बच्चा मुँह को
जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती
कपड़े।
जब घुटनियों में ले के है पिन्हाती कपड़े।
प्रसंग: प्रस्तुत रुबाई उर्दू के मशहूर शायर फिराक गोरखपुरी द्वारा रचित है। इस रुबाई में शायर ने उस स्थिति का भावपूर्ण चित्रण किया है जब एक माँ बच्चे को नहलाकर उसे कपड़े पहनाती है।
व्याख्या: माँ बच्चे को नहलाती है। बच्चे के बालों से निर्मल जल छल रहा है। इससे उसके बाल उलझ गए हैं। माँ बालों को कंघी करके सुलझाती है। जब माँ बच्चे को अपने घुटनों के बीच में लेकर उसे कपड़े पहनाती है तब बच्चा बड़े प्यार के साथ माँ के मुँह को देखता है।
1. 'विशेषता….. टनियों में लेकर कपड़े पिन्हाना'- एक विलक्षण प्रयोग है। यह लोकभाषा का एक रूप है।
2. 'छलके छलके' में पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार है।
3. 'कंघी करके' में अनुप्रास अलंकार
4. वात्सल्य रस की व्यंजना हुई है।
(ख) रूबाई छंद का परिचय देते हुए इस अंश के भाषा की विशेषताओं पर प्रकाश डालिए।
(अंक 4 ,शब्द सीमा 100 से 125)
रुबाई एक काव्य विधा का नाम है. रुबाई अरबी शब्द रूबा से निकला है. जिसका अर्थ होता है चार.
रुबाई चार पंक्तियों की कविता है जिसकी पहली दो और चौथी पंक्तियाँ तुकात्मक होती है और तीसरी लाइन आज़ाद रखी जा सकती है. डॉक्टर इक़बाल की एक रुबाई है
रगों में वो लहू बाक़ी नहीं है वो दिल वो आरजू बाकी नहीं है नमाजो-रोज़-ओ-कुर्बानिओ-हज ये सब बाक़ी है तू बाक़ी नहीं है
रुबाई का अपना एक छंद होता है.
इस छंद के बारे में कहा जाता है, 251 ईसवी सन में अरब के एक इलाक़े में सुल्तान याकूब का लड़का गोलियों से खेल रहा था. एक गोली के लुढ़कने पर उसने ख़ुशी में कुछ लफ्ज़ कहे थे. इन लफ्ज़ों में एक ख़ास लय थी. उस समय के शायर रोदकी ने इसी लय में तीन पंक्तियाँ जोड़ दीं और इस तरह रुबाई
(Q 5.) दूर के ढोल सुहावने होते हैं। क्योंकि होने की कर्कशता दूर तक नहीं पहुंचती। परंतु उसकी कर्कशता समीपस्थ लोगों को भी कटु प्रतीत नहीं होती क्यों ? लिखिए।
(अंक 3 ,सब सीमा 50 से 75)
दूर के ढोल सुहावने होते हैं क्योंकि उनकी तीव्र ध्वनि की कर्कशता दूर तक नहीं पहुँच पाती है। इसके विपरीत ढोल के पास बैठने वाले लोगों के कानों के पर्दे फटते रहते हैं। दर किसी मनोरम स्थान पर शाम के समय बजने वाले ढोलों की आवाज अपनी मधुरता के साथ पहुँचती है तो सुनने वाले के मन में विवाहोत्सव का मनोरम चित्र उभर आता है। शोर-शराबे के बीच घर के एक कोने में बैठी लाजवंती नव-वधू की कल्पना से उसका हृदय प्रसन्न होने लगता है। प्रेम, उल्लास आदि के भाव उसके मन में उठने लगते हैं। इस प्रकार पास के लोगों को कटु लगने वाली ढोल की आवाज दूर पहुँचकर मधुर बन जाती है।
(Q.6) असली वस्तु है हैट, खूंटी नहीं लेखक के ऐसा कहने का क्या आशय है ?
(अंक 3 ,शब्द सीमा 50 से 75)
Thanks 👍👍
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