जल संरक्षण पर निबंध ।। Jal Sanrakshan par nibandh
जल से जीवन, जल ही जीवन, जल जीवन का दाता हैं, जल संरक्षण कर ले मानव, जल ही भविष्य निर्माता हैं। "
प्रस्तावना
सृष्टि की रचना जल, वायु, अग्नि, पृथ्वी और आकाश पाँच तत्वों से हुई हैं। जिसमें जल का भी बहुत महत्वपूर्ण स्थान हैं और संसार के दैनिक जीवन में भी जल एक आवश्यक तत्व हैं। जल के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती हैं क्योंकि धरती इकलौता ऐसा ग्रह हैं जहाँ पानी और जीवन मौजूद हैं। पृथ्वी लगभग 71% जल से घिरी हुई हैं हालांकि पीने के लायक बहुत कम पानी हैं। उसमें से 97% सागरों और महासागरों में हैं जो खारा हैं और पीने के काम नहीं आ सकता । केवल 3% पानी पीने योग्य हैं जिसमे से ग्लेशियर 2.4% और उत्तरी- दक्षिणी ध्रुवों में जमा हुआ हैं और केवल 0.6% पानी नदियों, झीलों और तालाबों में हैं जिसे इस्तेमाल किया जा सकता हैं।
" जल की कीमत कब जानोगे, जब पड़ेगा आकाल क्या तब मानोगे ।"
" जल है जीवन का आधार
इसे न करो तुम बेकार"।
जल का महत्व
"पृथ्वी पर रह रहें सभी जीव-जन्तुओं, पशु-पक्षियों, फसलों, वनस्पतियों और पेड़-पौधों आदि सभी के लिए जल अनिवार्य हैं। बिना पानी के इन सभी का अस्तित्व सम्भव नहीं है। जल से ही संसार में जीवन्तता दिखाई देती हैं। मानव तो बिना जल के जीवित रह ही नहीं सकता अत: सृष्टि में जल बहुत आवश्यक हैं। इसके बारे में रहीम जी ने लिखा है- "रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सूना पानी गए न ऊबरे मोती मानस चून ।'
" जल को है बचाना
तो जल संरक्षण को है अपनाना "
जल संरक्षण क्यो आवश्यक है
हम सब जानते है कि पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा गृह है जिसमे जल है। पृथ्वी का लगभग 75% भाग पानी से घिरा हुआ है लेकिन उनमे से कुछ प्रतिशत जल ही पानी पीने योग्य है बाकी जल खारा है जनसंख्या वृद्धि हो रही है पीने का पानी धीरे धीरे कम होता जा रहा है कुछ समय बाद लगभग खत्म हो जायेगा इसलिए हमे सभी को सोच समझ कर पीने के पानी का सही से स्तेमाल करना चाहिए। यदि हम अभी भी नही समझेंगे तो पूरा मानव जीवन खत्म हो जायेगा।
आगे आने वाले समय में जल को बचाने के लिए जल संरक्षण अति आवश्यक है।
"जन, जन ने ठाना हैं
जल संरक्षण को अपनाना है"
हर व्यक्ति ने है ठाना है ,जल को है अब बचाना।
अगर आज जल ना बचाओगे तो आने वाले कल में अपने बच्चों को क्या पिलाओगे।
जल संकट को दूर भगाओ 'व्यर्थ में न तुम जल बहाओ।
जल प्रदूषण को रोकों ,जल संरक्षण के विषय मे सोचो।
यदि रहना है आबाद तो जल को करो न बर्बाद।
उपसंहार – जल भगवान का दिया हुआ एक बहुमूल्य रत्न है इसका सही से प्रयोग करो अन्यथा यह रत्न हम धरती वाशियो से छीन लिया जायेगा। आबादी बड़ रही है पानी सीमित है और आप सभी जानते ही हैं कि जो वस्तु सीमित होती है उसका हमे सही से प्रयोग करना होता है उसी प्रकार सभी धरती वाशिओ को पीने के पानी का दोहन करने से बचना चाहिए और जल संरक्षण के उपाय अपनाने चाहिए।