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Class 12 hindi half yearly paper 2024-25 up board।।कक्षा 12 हिन्दी अर्द्धवार्षिक परीक्षा पेपर यूपी बोर्ड 2024-25

Class 12 hindi half yearly paper 2024-25 up board 

कक्षा 12 हिन्दी अर्द्धवार्षिक परीक्षा पेपर यूपी बोर्ड 2024-25

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नमस्कार दोस्तों हम आपको अपनी इस पोस्ट में कक्षा 12वी हिन्दी अर्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2024- 25 का सम्पूर्ण हल बताने जा रहे हैं इस लिए पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े यदि कुछ पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट करे


     अर्द्धवार्षिक परीक्षा पेपर 2024-25


                     कक्षा-12वी 


              विषय - सामान्य हिन्दी


 समय 3 घंटा                             पूर्णांक 100


खण्ड-क 


 1. सुखसागर' के रचनाकार है-


(अ) इंशा अल्लाह खां 


(ब) लल्लू लाल


(स) मुंशी सदासुखलाल


(द) रामप्रसाद निरंजनी

उत्तर - (अ) इंशा अल्लाह खां


2. द्विवेदी युग की पत्रिका है


(अ) हिन्दी प्रदीप


(ब)हंस 


(स) प्रताप 


(द) धर्मयुग

उत्तर - (ब)हंस


3 . 'शिक्षा का उद्देश्य' निबन्ध सम्पूर्णानन्द जी द्वारा लिखित किस निबन्ध संग्रह में संकलित है-


(अ) भाषा की शक्ति


(ब) शिक्षा और संस्कृति


(स) शिक्षा और समाज


(द) शिक्षा की दिशा और दशा

उत्तर - (ब) शिक्षा और संस्कृति


4. 'क्या भूलूँ क्या याद करूँ" की रचना विद्या है-


(अ) संस्मरण


(ब) डायरी


(स) यात्रावृत्त


(द) आत्मकथा

उत्तर - (द) आत्मकथा


5. 'हरिश्चन्द्र चन्द्रिका' पत्रिका के सम्पादक थे-


(अ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र


(ब) महादेवी वर्मा


(स) मैथिलीशरण गुप्त


(द) सुमित्रानन्दन पंत

उत्तर - (अ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र


6. कौन सी रचना रामधारी सिंह दिनकर की नहीं है-


(अ) हुँकार


(ब) चित्राधार


(स) रश्मिरथी


(द)रेणुका

उत्तर - (ब) चित्राधार


7. प्रेमचन्द का उपन्यास है-


(अ) तितली


(ब) गोदान


(स) कंकाल


(द) त्यागपत्र

उत्तर - (ब) गोदान


8. हिन्दी साहित्य के किस काल को स्वर्ण युग कहा जाता है-


अ) आदिकाल


(ब) भक्तिकाल में


(स) रीतिकाल


(द) आधुनिक काल 

उत्तर - (ब) भक्तिकाल में


9. विद्यापति कवि है-


(अ) भक्तिकाल


(ब) आदिकाल में


(स) रीतिकाल में 


(द) आधुनिक काल में

उत्तर - (ब) आदिकाल में


10. हिन्दी साहित्य का प्रथम कवि माना जाता है-


(अ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र को


(ब) सुमित्रानंदन पत्र


(स) सरहपा को


(द) अज्ञेय को

उत्तर - (स) सरहपा को


11. इन्दुमती है


(अ) प्रथम कहानी


(ब) निबन्ध


(स) प्रथम उपन्यास


(द) इनमें से कोई नहीं

उत्तर - (अ) प्रथम कहानी


12. सरदार पूर्णसिंह किस युग के लेखक हैं-


(अ) भारतेन्दु युग


(ब) छायावाद युग


(स) द्विवेदी युग


(द) प्रगतिवाद युग

उत्तर - (स) द्विवेदी युग


13. 'प्रियप्रवास' काव्यकृति का मुख्य रस है-


(अ) संयोग श्रृंगार


(ब) वियोग श्रृंगार


(स) करूण


(द) शान्त

उत्तर - (स) करूण


14. वृद्धः का सन्धि विच्छेद है:


अ)वृ+द्ध:


ब) वृ + द्धय


स) वृद्य + अद्य:


(द) वृद्य + द्य:


15.नाविक का सन्धि विच्छेद होगाः


(अ) नो + इकः


(ब) नौ +इकः


(स) नाव + इकः


(द) नौ + विकः

उत्तर - (ब) नौ +इकः


16. 'नमस्ते' का सन्धि विच्छेद होगा:


(अ) नम + अस्ते


(ब) नम + अस्ते


(स) नमः + ते


(द) नमः + अस्ते

उत्तर - (स) नमः + ते


17. 'महानदी' में प्रयुक्त समास है-


(अ) अव्ययीभाव


(ब) द्वन्द्र


(स) कर्मधारय


(द) द्विगु

उत्तर - (स) कर्मधारय


18. 'बुद्धिमान' में प्रत्यय है-


(अ) मतुप्


(ब) तव्यत्


(स) वतुप्


(द) तल्


19. निसिदिन बरसत नैन हमारे।

सदा रहति बरषा ऋतु हम पर जब मैं स्याम सिधारे।। पद्यांश में रस है-


(अ) श्रृंगार


(ब) वीर


(स) शान्त


(द) करूण

उत्तर - (अ) श्रृंगार


20. 'प्रत्येकः' में समास है-


(अ) तत्पुरूष


(ब) कर्मधारय


(स) बहुवगीहि


(द) द्विगु


21. दिए गए गद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।10


मातभूमि पर निवास करने वाले मनुष्य राष्ट्र का दूसरा अंग है। पृथ्वी हो और मनुष्य ना हो तो राष्ट्र की कल्पना असंभव है। पृथ्वी और जन दोनों के सम्मिलन से ही राष्ट्र संपादि होता है। जन के कारण ही पृथ्वी मातृभूमि की संज्ञा प्राप्त करती है। पृथ्वी माता है और जन सच्चे अर्थों में पृथ्वी का पुत्र है।


'माता भूमिः पुत्रोदहं पृथिव्याः।

भूमि माता है, मैं इसका पुत्र हूँ।


मन के हृदय में इस सूत्र का अनुभव ही राष्ट्रीयता की कुंजी है। इसी भावना से राष्ट्र-निर्माण के अंकुर उत्पन्न होते हैं।


(अ) गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिये।


(ब) रेखांकित अंश की व्याख्या कीजिए।


(स) पृथ्वी को मातृभूमि की संज्ञा किस कारण प्राप्त होती है?


(द) उपर्युक्त गद्यांश में राष्ट्र के किस तत्व के सम्बन्ध में लेखक ने अपने विचार व्यक्त किये हैं?


(य) राष्ट्र के स्वरूप का निर्माण किन तत्वों की विद्यमानता की स्थिति में संभव है?


22. दिये गये पद्यांश पर आधारित निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दो।10


जाते जाते अगर पथ में लाना कोई दिखावे। तो जाके सन्निकट उसकी क्लान्तियों को मिटाना।


धीरे-धीरे परत करके गात उसाप खोना। सद्‌यमों से अमित जन को हर्षितों सा बनाना। लज्जाशीला पचिक महिला जो कहीं दृष्टि आये। होने देना विकृत-वसना तो न तू सुन्दरी को।


जो थोड़ी भी अमित वह हो गोद ले आन्ति खोना।


होंठों की ओ कमल-मुख की म्लानताएँ मिटाना ।। (क) राधा पवन को कलानत व्यक्ति के सम्बन्ध में स्वाती है?


(ख) राधा ने पवन को पथिक महिला के साथ कैसा व्यवहार करने के निर्देश दिए?


(ग) 'कमल-मुख' में कौन-सा अंलकार है? 


(घ) रेखांकित अंश का भावार्थ स्पष्ट कीजिए।


(ङ) उपर्युधांश के पाठ का शीर्षक और उसके कवि का नाम लिखिये।


23. (क) निम्नलिखित में से किसी एक लेखक का साहित्यिक परिचय देते हुए उसकी प्रमुख कृतियों का उल्लेख कीजिए।5


(ख) निम्नलिखित में से किसी एक कवि का साहित्यिक परिचय देते हुए उनकी रचनाओं का उल्लेख कीजिए।


(अ) वासुदेव शरण अग्रवाल


(ब) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी


(स) जय शंकर प्रसाद


(द) सुमित्रानन्दन पंत्र


24. बहादुर अथवा पंचलाइट कहानी का सारांश लिखिए।


25. स्वपठित खण्डकाव्य के आधार पर प्रधान पात्र का चरित्र-चित्रण करो। 


26. दिए गए संस्कृत गद्यांश का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद लिखिए5


यथैवोपकरणवतां जीवनं तथैव ते जीवनं स्यात् । अमृतस्वरूप तु नाशास्ति वित्तेन इति। सा मत्रेयी उवाच येनाहं नामृता स्थाम् किमहं तेन कुर्याम्। यदेव भरावान् केवल अमृतत्वंसाधन जनाति, तदेव में ब्रूहि। याज्ञवल्क्य उवाच-प्रिया नः सती त्वं प्रियं भाषसे। एहि, उपविश, व्याख्या-स्यामि अमृतत्व साधनम्।


27. दिए गए श्लोकों में से किसी एक का ससन्दर्भ हिन्दी में अनुवाद कीजिए।


अभूत प्राची पिङ्गा रसपतिरिव प्राप्य कनकम् ।

गतच्छज्ञयश्चन्द्रो बुधजन इव ग्राम्य सदसि ।

क्षणं क्षीणास्तारा नृपतय इवानुद्यमपराः।

न दीपा राजन्ते द्रविणरहितानामिव गुणाः ।।


अथवा


जल-बिन्दु निपातेन क्रमशः पूर्यते घटः। 

सः हेतुः सर्वविद्यानां धर्मस्य च धनस्य च।।


28 निम्नलिखित मुहावरों और लोकोक्तियों में से किसी एक का अर्थ लिखकर वाक्यों प्रयोग कीजिए।


(क) हाथ कंगन को आरसी क्या


(ख) पापड़ बेलना


(ग) सावन हरे न भादो सुखे


(घ) पानी-पानी होना



29. निम्नलिखित शब्दों में से किसी एक शब्द के दो अर्थ लिखिए।


(अ) अम्बर


(ब) अर्क


(स) जनक


30. निम्नलिखित वाक्यांशों के लिए एक शब्द का चयन करके लिखिए-


(क) जंगल की अग्नि


(ब) दावाग्नि


(ब) वडवाग्नि


(स) जठराग्नि


(द) नभाग्नि


(ख) जो जीता न जा सके-


(अ) अजीत


(ब) सर्वजीत


(स) अजेय


(द) जयशील


31 . निम्नलिखित में किन्हीं दो वाक्यों को शुद्ध करके लिखिए-


(अ) मैंने हस्ताकर कर दिया।


(ब) विष्णु के अनेकों नाम है।


(स) माधव ने पुस्तक प्ढ़ लिया।


(द) मैं पानी पी लिया हूँ।


32. (क) 'शान्त रस' अथवा 'श्रृंगार रस' का स्थायी भाव के साथ उसकी परिभाषा अथवा उदाहरण लिखिए। 2


(ख) श्लेष अलंकार अथवा 'रूपक' अलंकार का लक्षण और उदाहरण लिखिये।2


(ग) 'दोहा' छन्द अथवा 'कुण्डलिया' छन्द का लक्षण और उदाहरण लिखिये।2


33. किसी बैंक के शाखा प्रबन्धक को पुस्तक एवं लेखन सामग्री की दुकान खोलने हेतु ऋण-प्राप्ति के लिए एक आवेदन पत्र लिखिए। 6


अथवा


समाचार पत्र में प्रकाशित विज्ञापन के आधार पर लिपिक के पद पर अपनी नियुक्ति हेतु उस कॉलेज के प्रबन्धक को आवेदन पत्र लिखिए।


34. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर निबन्ध लिखिए।


(क) मेरी प्रिय पुस्तक


(ख) पर्यावरण प्रदूषण : कारण और निवारण


(ग) विद्यालयों में स्वास्थ्य शिक्षा


(घ) युवा वर्ग और बेरोजगारी


उत्तर (ब)

पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध


प्रस्तावना: विज्ञान के युग में मानव को जहां कुछ वरदान मिले हैं, वहां कुछ अभिशाप भी मिले हैं। प्रदूषण एक ऐसा अभिशाप है जो विज्ञान की कोख में से जन्मा है और  पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Essay in Hindi सहने के लिए अधिकांश जनता मजबूर है।


प्रदूषण का अर्थ -प्रदूषण का अर्थ है-प्राकृतिक संतुलन में दोष पैदा होना। ना शुद्ध वायु मिलना, ना शुद्ध जल मिलना, ना शुद्ध खाद मिलना, न शांत वातावरण मिलना।


पर्यावरण का अर्थ- पर्यावरण प्रदूषण को समझने से पूर्व यह समझना जरूरी है कि पर्यावरण क्या है, और हमें कैसे प्रभावित करता है। हर्सकोविट्स के शब्दों में -


"पर्यावरण संपूर्ण वह परिस्थितियों एवं प्रभावों का जीव धारियों पर पड़ने वाला संपूर्ण प्रभाव है जो उनके जीवन विकास एवं कार्य को प्रभावित करता है।


पर्यावरण प्रदूषण आज हमारे ग्रह पर मान्यता और अन्य जीवन रूपों को सामना करने वाली सबसे गंभीर समस्याओं में से एक है। पर्यावरण प्रदूषण को पृथ्वी/ वायु मंडल प्रभाली के भौतिक और जैविक घटकों के संदूषण के रूप में परिभाषित किया जाता है। सामान पर्यायवाची प्रक्रियाएं प्रतिकूल रूप से प्रभावित होती हैं प्रदूषक प्राकृतिक रूप से पदार्थ या ऊर्जा हो सकते हैं लेकिन अधिक मात्रा में होने पर उन्हें दूषित माना जाता है प्राकृतिक संसाधनों की किसी भी कदर का उपयोग प्राकृतिक द्वारा स्वयं को पुनः स्थापित करने की क्षमता से अधिक होने पर वायु जल और भूमि के प्रदूषण का परिणाम हो सकता है।


पर्यावरण प्रदूषण के कारण और स्त्रोत


औद्योगिक गतिविधि


दुनिया भर के उद्योग भले ही वे संपन्नता और इस मृदुल आई है लेकिन पारिस्थितिक संतुलन को लगातार बिगड़ रहे हैं और जीवमंडल का नाश कर रहे हैं , वैज्ञानिक प्रयोगों का प्रक्षेपण, धुअ का गुबार, औद्योगिक अपशिष्ट और विषैली गैस से पानी और हवा दोनों को दूषित करते हैं। औद्योगिक की कचरे का अनुच्छेद निपटान जल और मृदा प्रदूषण दोनों का स्त्रोत बन गया है। विभिन्न उद्योगों से निकलने वाले रासायनिक कचरे से नदियों झीलों समुद्रों और धमाके छोड़ो जाने के माध्यम से मिट्टी और हवा में प्रदूषण फैल रहा है।


वाहन

डीजल और पेट्रोल का उपयोग करने वाले वाहन विषैली गैसों को वायुमंडल में लीन करते हैं और कोयले को पकाने से जो दूंगा निकलता है वह भी सीधे हमारे पर्यावरण में जाकर उसको प्रदूषित करता है सड़कों पर वाहनों की संख्या में तेजी से वृद्धि ने केवल हुए के उत्सर्जन को सहायता नहीं दी है बल्कि उस हवा को भी प्रदूषित किया है जिसमें हम सांस लेते हैं इन विभिन्न वाहनों का धुआं काफी हानिकारक है और वायु प्रदूषण का प्राथमिक कारण है यह वाहन वायु प्रदूषण तो करते ही हैं साथ ही ध्वनि प्रदूषण के भी मुख्य कारण हैं।


तीव्र औद्योगिकीकरण और शहरीकरण

शहरीकरण की तेजी और औद्योगिकीकरण की व्यापकता भी पर्यावरण प्रदूषण के प्रमुख कारण है क्योंकि वे पेड़ पौधों को नुकसान पहुंचाते हैं जिससे सामूहिक रूप से जानवरों मनुष्य और पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंच रहा है।


जनसंख्या अतिवृद्धि

विकासशील देशों में देरी से जनसंख्या में वृद्धि हुई है बुनियादी भोजन और आश्रय की मांग बढ़ रही है, उच्च मांग के कारण जनसंख्या की बढ़ती संख्या और मांग को पूरा करने के लिए वनों की कटाई तेज हो गई है।


जीवाश्म ईंधन और दहन


जीवाश्म के ईधनो का लगातार बहन कार्बन मोनोऑक्साइड जैसी विषैली गैसों के माध्यम से मिट्टी हवा और पानी के प्रदूषण का स्त्रोत है।

प्रदूषण के प्रकार का होता है! प्रमुख प्रदूषण है वायु- प्रदूषण ,जल प्रदूषण ,ध्वनि- प्रदूषण।


वायु प्रदूषण - महानगरों में है प्रदूषण अधिक फैला है। वह 24 घंटे कल -कारखानों का धुआं मोटर- वाहनों का काला दूंगा इस तरह फैल गया है कि स्वस्थ वायु में सांस लेना दूभर हो गया है। मुंबई की महिलाएं धोए हुए वस्त्र छात्र से उतारने जाते हैं तो उन पर काले काले कण जमे हुए पाती हैं। यह कण सांस के साथ मनुष्य के फेफड़ों में चले जाते हैं और असाध्य रोगों को जन्म देते हैं यह समस्या वहां अधिक होती है जहां सघन आबादी होती है वृक्षों का अभाव होता है और वातावरण तंग होता है।


जल प्रदूषण - कल कारखानों को दूषित जल नदी नालों में मिलकर भयंकर जल प्रदूषण पैदा करता है। बाढ़ के समय तो कारखानों का दुर्गधित्य जल सब नाली- नालों में घुल मिल जाता है। किस के अनेक बीमारियां पैदा होते हैं।


ध्वनि प्रदूषण - मनुष्य को रहने के लिए शांत वातावरण चाहिए। परंतु आजकल कल -कारखानों का शोर , यातायात का शोर, मोटर- गाड़ियों की आवाज लाउड स्पीकरों की कर्णभेदक ध्वनि धोनी ने बहरेपन और तनाव को जन्म दिया है।


मृदा प्रदूषण (soil pollution)


खेती में अत्यधिक मात्रा में उर्वरकों और कीटनाशकों के प्रयोग से मृदा प्रदूषण होता है। साथ ही प्रदूषित मिट्टी में उपजे अन्य खाकर मनुष्यों एवं अन्य जीव-जंतुओं के सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसकी सतह पर रहने वाले जल में भी है, प्रदूषण फैल जाता है।


प्रदूषण के दुष्परिणाम : उपर्युक्त बस दूसरों के कारण मानव के स्वस्थ जीवन को खतरा पैदा हो गया है। खुली हवा में लंबी सांस लेने तक को तरस गया है आदमी। गंदे जल के कारण कई बीमारियां फसलों में चली जाती हैं जो मनुष्य के शरीर में पहुंचकर घातक बीमारियां पैदा करते हैं। भोपाल गैस कारखाने से रिसी गैस के कारण हजारों लोग मर गए, कितने ही अपंग हो गए। पर्यावरण- प्रदूषण के कारण ना समय पर वर्षा आती है, ना सर्दी गर्मी का चक्र ठीक चलता है सूखा, बाढ़, ओला आदि प्राकृतिक प्रकोप का कारण भी प्रदूषण है।


प्रदूषण के कारण - प्रदूषण को बढ़ाने में कल कारखाने, वैज्ञानिक साधनों का अधिक उपयोग फ्रिज कूलर वातनूकूलर, ऊर्जा संयंत्र आदि दोषी है प्राकृतिक संतुलन का विवरण अभी मुख्य कारण है वृक्षों को अंधाधुन काटने से मौसम का चक्कर बिगड़ा है घनी आबादी वाले क्षेत्रों में हरियाली ना होने से भी प्रदूषण बड़ा है।


सुधार के उपाय - विभिन्न प्रकार के प्रदूषण से बचने के लिए चाहिए कि अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाएं, हरियाली की मात्रा अधिक हो। सड़कों के किनारे घने वृक्ष हो । आबादी वाले क्षेत्र खुले हो, हवादार हो, हरियाली से ओतप्रोत हो। कल कारखानों को आबादी से दूर रहना चाहिए और उन से निकले प्रदूषित वायु को नष्ट करने के उपाय सोचना चाहिए।


उपसंहार

पर्यावरण वह प्रवेश है जिसमें हम रहते हैं। लेकिन प्रदूषण द्वारा हमारे पर्यावरण का प्रदूषित होना पर्यावरण प्रदूषण है। पृथ्वी का वर्तमान चरण जो हम देख रहे हैं। वह पृथ्वी और उसके संसाधनों के सदियों के शोषण का परिणाम है।


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