Ahmedabad Plane Crash अहमदाबाद में हुआ विमान हादसा जिसमें 242 लोग सवार थे
12 जून को लंदन गैटविक जा रहा एअर इंडिया का विमान Al171 अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
गुरुवार को अहमदाबाद में एअर इंडिया का बोइंग 787 ड्रीमलाइनर प्लेन क्रैश (Ahmedabad plane crash) हुआ है। इस हादसे में विमान में सवार सभी 241 लोगों की मौत हो गई है। जबकि चमत्कारिक रूप से एक यात्री के बचने की खबर है। फिलहाल उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। उनका नाम रमेश विश्वस कुमार बताया जा रहा है। वे 11A सीट पर सफर कर रहे थे। यह जंकारी अहमदाबाद के पुलिस कमिश्नर जीएस मलिक ने दी है। हादसे में Boeing कंपनी का B-787 Dreamliner शामिल था।
इस विमान में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे। विमान में 242 लोग सवार थे थे। इनमें 10 क्रू मेंबर,2 पायलट तथा 230यात्री सवार थे जिनमें 169 भारतीय,53 ब्रिटिश, 7 पुर्तगाली और एक कनाडाई नागरिक था। हादसे की जगह से अब तक 100 शव मिलने की खबर है। ज्यादातर शव इतनी बुरी तरह झुलस चुके हैं कि उनकी पहचान करने में बेहद मुश्किल आ रही है।उनकी पहचान DNA टेस्ट के बाद ही संभव होगी।
डॉक्टर्स हॉस्टल पर विमान क्रैश हुआ है
अहमदाबाद के शीर्ष पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुरुआती जांच में पता चला है कि लंदन जा रही एअर इंडिया की फ्लाइट डॉक्टर्स हॉस्टल पर क्रैश हुई। सूचना मिलने के 2-3 मिनट के भीतर ही पुलिस अन्य एजेंसियां मौके पर पहुंच गईं। करीब 70-80 प्रतिशत इलाका क्लीयर करा लिया गया है। सभी एजेंसियां काम में हैं।
यह पहला मौका नहीं है, जब बोइंग के विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए हैं. इससे पहले भी बोइंग कंपनी के कई विमान क्रैश हुए हैं. बोइंग कंपनी का कहना है कि Boeing 787 ड्रीमलाइनर, पहली बार क्रैश हुआ है. हालांकि बोइंग का 737 मैक्स कई बार क्रैश हो चुका था. साल 2018, 2019 और इस विमान को अपडेट करने के बाद 2024 में भी यह विमान क्रैश हुआ था, जिसमें 500 लोगों से ज्यादा की जान चली गई.
अब सवाल उठता है कि इस तरह के हादसे में अगर यात्री की मौत होती है तो उनके परिवार को कितना मुआवजा मिलता है और इसे कौन देता है. आइए जानते हैं एयरलाइंस कंपनियों के लिए नियम क्या हैं?
विमान हादसे में मुआवजे को लेकर नियम?
एयरलाइंस कंपनियों और DGCA की तरफ से कुछ सख्त नियम बनाए गए हैं. ताकि किसी आपात स्थिति में पीड़ितें के परिवारों को आर्थिक लाभ मिल सके. घरेलू और इंटरनेशनल फ्लाइट्स के लिए ये नियम अलग-अलग है।
1.4 करोड़ तक का मुआवजा दिया जाएगा
अंतर्राष्ट्रीय उड़ान में मृत्यु या शारीरिक चोट की स्थिति में, भारत में परिचालन करने वाली एयरलाइनें मॉन्ट्रियल कन्वेंशन, 1999 के नियम से बंधी हैं, जो एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जिस पर भारत ने भी हस्ताक्षर किए हैं. इस कन्वेंशन के तहत 128,821 तक विशेष आहरण अधिकार (SDR) यानी प्रत्येक यात्री के लिए लगभग 1.4 करोड़ रुपये दिया जाता है. अगर यह साबित हो जाए कि एयरलाइन की गलती से यह एक्सीडेंट हुआ है तो यह मुआवजा और बढ़ सकता है.
यह मुआवजा अंतर्राष्ट्रीय उड़ानों पर लागू होता है, लेकिन नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) के दिशानिर्देशों के अनुसार, भारतीय विमानन कंपनियां अक्सर घरेलू मार्गों के लिए भी समान कवरेज प्रदान कर सकती हैं. यह मुआवजा एअरलाइंस और इंश्योरेंस कंपनी की ओर से दिया जाता है।
ट्रैवल इंश्योरेंस का भी लाभ
कई बीमा कंपनियों लोगों को जोखिम भरे यात्रा से बचाने के लिए कवरेज पेश करती हैं. इनमें आम तौर पर 25 लाख रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की आकस्मिक मृत्यु लाभ और 5 लाख रुपये से लेकर 10 लाख रुपये तक की स्थायी विकलांगता मुआवजा शामिल है. ऐसे में अगर किसी यात्री ने बीमा कराया है तो उसके परिवार को इस कवर का भी लाभ मिलेगा।