Mp pre board paper 2023 class 10th hindi full solutions
कक्षा 10वी हिन्दी एमपी प्री बोर्ड परीक्षा पेपर 2023 का सम्पूर्ण हल
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अभ्यास प्रश्न पत्र (सेट-अ) 2023
कक्षा 10वीं
विषय- हिन्दी
समय-3 घंटा. पूर्णांक 75
निर्देश-
1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। जिनके लिए 1x30 = 30 अंक निर्धारित है।
3. प्रश्न क्र. 06 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
4. प्रश्न क्र. 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
5. प्रश्न क्र. 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 120 शब्द
6. प्रश्न क्र. 06 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए. (1x6=6)
i. काव्य की दृष्टि से रीतिकाल को बाँटा गया है-
(अ) दो भागों में
(ब) तीन भागों में
(स) चार भागों में
(द) सात भागों में
ii. सूर के पदों में तेल की गागरी कहा गया है-
(अ) श्रीकृष्ण को
(ब) उद्धव को
(स) गोपियों को
(द) सूर को
iii. चरणों में निहित मात्राओं के आधार पर दोहा है-
(अ) सममात्रिक छंद
(ब) विषममात्रिक छंद
(स) अर्द्ध मात्रिक छंद
(द) अर्द्धसममात्रिक छंद
iv. नेताजी का चश्मा कहानी का मूलभाव है।
(अ) शिक्षा का विकास
(ब) समाज सुधार
(स) मूर्ति कला का
(द) देशभक्ति की भावना
v. वह धीरे-धीरे रोने लगा वाक्य में क्रियाविशेषण का भेद है-
(अ) कालवाचक क्रियाविशेषण
(ब) स्थानवाचक क्रियाविशेषण
(स) रीतिवाचक क्रियाविशेषण
(द) परिमाणवाचक क्रियाविशेषण
vi. भोलानाथ और उनके हम उम्र चबूतरे के एक कोने को बना देते थे।
(अ) सिनेमाघर
(ब) टिकटघर
(स) रसोईघर
(द) नाटकघर
2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए- (1x6=6)
i. परशुराम अपना गुरु, भगवान____ को मानते थे। (शिव/ श्रीकृष्ण / विष्णु)
ii. आश्रय की बाह्य शारीरिक चेष्टाओं को____ कहते हैं। (विभाव/अनुभाव / आलम्बन)
iii. विस्तृत कलेवर वाले काव्य को कहते____ हैं | (दृश्य काव्य / खण्डकाव्य / महाकाव्य)
iv. 'बालगोबिन भगत' की प्रभातियाँ_______तक चलती थी। (कार्तिक मास/ फागुन मास / चैत्र मास)
V. ....... वाक्य से किसी क्रिया के करने या होने की सामान्य सूचना मिलती है। (विधानवाचक / निषेधवाचक/इच्छावाचक)
vi. कटाओं में बर्फ से ढके पहाड़ _____की तरह चमक रहे थे। (चाँदी / सोने / मोती)
3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए-. (1x6=6)
स्तम्भ (अ) स्तम्भ (ब)
i उत्साह कविता. (क) तार सप्तक
ii. मानवीय क्रियाओं का आरोप. (ख) वाचाल
iii. रिपोर्ताज की भाषा. (ग) सज्जन व्यक्ति
iv सफेदपोश. (घ) एक आह्वान गीत
v.जो कम बोलता हो. (ड.) मानवीकरण अलंकार
vi. अज्ञेय. (च) भद्रव्यक्ति
(छ) फ्रेंच
(ज) मितभाषी
4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए-. (1x6=6)
i. फसल कविता हमें किसके करीब ले जाती है ?
ii. विभाव के भेदों के नाम लिखिए ?
iii. शास्त्रों में काशी किस नाम से प्रतिष्ठित है ?
iv. किस समास में प्रथम पद प्रधान एवं अव्यय होता है ?
v. 'अपना हाथ जगन्नाथ लोकोक्ति का क्या अर्थ है ?
vi. भोलानाथ के पिता फूल के कटोरे में उसे क्या सानकर खिलाते थे ?
5. सत्य / असत्य कथन लिखिए-. (1x6=6)
i. मुख्य गायक की आवाज़ भारी व गंभीर होती है।
ii. दोहा और चौपाई वर्णिक छंद हैं।
iii. मानव संस्कृति एक अविभाज्य वस्तु है।
iv. दो वर्णों के मेल को संधि कहते हैं।
v. रंगीन पताकाएँ शांति और अहिंसा का प्रतीक हैं।
vi. पढ़कर ही लेखक आभ्यंतर विवशता को पहचानता है।
6. रीतिकाल को श्रृंगारकाल क्यों कहा जाता है ? रीतिकालीन किसी एक कवि का नाम लिखिए। (2)
अथवा
नई कविता की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
7. तुलसीदास अथवा नागार्जुन की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए- (2)
i. दो रचनाएँ
॥ कला-पक्ष
8. गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा कैसे लोगों को देने की बात कही है ? (2)
अथवा
'राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर राम के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
9. फागुन में ऐसा क्या होता है जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता है ? (2)
अथवा
कवि नागार्जुन के अनुसार फसल क्या है ?
10. खण्डकाव्य की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। (2)
अथवा
स्थायी भाव एवं संचारी भाव में कोई दो अंतर लिखिए।
11. चौपाई छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए। (2)
अथवा
अतिशयोक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
12. आचार्य रामचंद्र शुक्ल के अनुसार निबन्ध की परिभाषा लिखते हुए आपके पाठ्यक्रम में सम्मिलित किसी एक निबन्ध रचना का नाम लिखिए। (2)
अथवा
कहानी एवं उपन्यास में कोई दो अंतर लिखिए।
13. स्वयं प्रकाश अथवा मन्नू भंडारी की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए-. (2)
i. दो रचनाएँ
ii. भाषा-शैली
14. सेनानी न होते हुए भी चश्में वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे ? (2)
अथवा
बालगोबिन भगत ने अपने बेटे की मृत्यु पर अपनी भावनाएँ किस तरह व्यक्त की ? लिखिए।
15. बिस्मिल्ला खाँ को शहनाई की मंगलध्वनि का नायक क्यों कहा गया है ? (2)
अथवा
वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जा सकता है ?
16. निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए- (2)
1. दो भाषाएँ बोलने वाला |
ii. जिसका वर्णन न किया जा सके
अथवा
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए
i. खून पसीना एक करना
ii. गागर में सागर भरना
17. बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं? लिखिए। (2)
अथवा
गंतोक को मेहनतकश बादशाहों का शहर क्यों कहा गया है।
18. निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए-। (3)
ऊधौ, तुम हो अति बड़भागी।
अपरस रहत सनेह तगा तें नाहिन मन अनुरागी ।
पुरइनि पात रहत जल भीतर, ता रस देह न दागी।
ज्यों जल माहँ तेल की गागरि, बूँद न ताको लागी।
अथवा
मधुप गुनगुना कर कह जाता कौन कहानी यह अपनी,
मुरझाकर गिर रहीं पत्तियाँ देखो कितनी आज घनी ।
इस गंभीर अनंत नीलिमा में असंख्य जीवन इतिहास,
यह लो करते ही रहते हैं अपना व्यंग्य मलिन उपहास |
19. निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए-। (3)
बालगोबिन भगत की संगीत साधना का चरम उत्कर्ष उस दिन देखा गया जिस दिन उनका बेटा मरा इकलौता बेटा था वह कुछ सुस्त और बोदा-सा था, किन्तु इसी कारण बालगोबिन भगत उसे और भी मानते। उनकी समझ से ऐसे आदमियों पर ही ज्यादा नजर रखनी चाहिए या प्यार करना चाहिए; क्योंकि ये निगरानी और मुहब्बत के ज्यादा हकदार होते हैं।
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काशी में संगीत आयोजन की एक परम्परा है। यह आयोजन पिछले कई बरसों से संकटमोचन मंदिर में होता आया है। यह मंदिर शहर के दक्षिण में लंका पर स्थित है व हनुमान जयंती के अवसर पर यहाँ पाँच दिनों तक शास्त्रीय एवं उपशास्त्रीय गायन वादन की उत्कृष्ट सभा होती है। इसमें बिस्मिल्ला खाँ अवश्य रहते हैं। अपने मजहब के प्रति अत्यधिक समर्पित उस्ताद बिस्मिला खाँ की श्रद्धा काशी विश्वनाथ जी के प्रति भी अपार है।
20. 'मीठी बोली का महत्त्व विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए। (3)
अथवा
एक आदर्श विज्ञापन की कोई तीन विशेषताएँ लिखिए ।
21. निम्नलिखित अपठित काव्यांश अथवा गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए- (4)
श्रम होता सबसे अमूल्य धन, सब जन खूब कमाते
सब अशंक रहते अभाव से सब इच्छित सुख पाते ||
राजा प्रजा नहीं कुछ होता होते मात्र मनुज ही।
भाग्य-लेख होता न मनुज का होता कर्मठ भुज ही ॥
प्रश्न i. उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ii. राजा प्रजा नहीं कुछ होता से कवि का क्या आशय है
iii. उपर्युक्त काव्यांश का भावार्थ लिखिए।
अथवा
कभी-कभी लक्ष्य बहुत दूर दिखाई देता है। संदेह होने लगता है कि इस लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे या नहीं। कई बार लक्ष्य प्राप्ति के लिए अनेक प्रयास करने पर भी असफलता मिलती है। इससे मन में निराशा का भाव जागृत हो जाता है। निराशा से प्रसन्नता और शांति नष्ट हो जाती है आशा उत्साहित करती है। निराशा का भाव अकेले नहीं आता। उसके साथ हीनता की भावना का जन्म होता है। असुरक्षा का भाव आता है, तनावों का बवंडर आ जाता है। मन उत्साहहीन हो जाता है। मन में निराशा को नहीं आशा को बसना चाहिए। जो लोग जीवन में आशावादी रहते हैं वही विपरीत परिस्थितियों में भी लक्ष्य प्राप्ति में सक्षम हो सकते हैं।
प्रश्न i. उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ii. निराशा का भाव क्यों जागृत होता है ?
iii. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
22. अपने वार्ड में व्याप्त गंदगी को दूर करने के लिए नगरपालिका अधिकारी को आवेदन पत्र लिखिए | प्रातः कालीन सैर के लाभ बताते हुए अपने छोटे भाई को पत्र लिखिए। (4)
अथवा
23. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित सारगर्भित निबंध लिखिए- (4)
i. विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व
ii. पर्यावरण प्रदूषण में हमारी व्यक्तिगत भूमिका
iii. स्वच्छ भारत अभियान
iv. आजादी का अमृत महोत्सव
v. जल संरक्षण
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सही विकल्प
प्रश्न 1.(उत्तर)
(i) (अ)
(ii) ब
(iii) द
(iv) द
(v) स
(vi) द
प्रश्न 2. रिक्त स्थान (उत्तर)
1. शिव
2. अनुभाव
3. महाकाव्य
4. फागुन मास
5. विधानवाचक
6. चांदी
प्रश्न 3. सही जोड़े (उत्तर)
1 → घ
2 →ड
3 → छ
4 → च
5 →ज
6 →क
प्रश्न 4. एक वाक्य में उत्तर
1. किसान और संस्कृति
2.आलंबन, उदीबन
3. आनंद कानन
4. अव्ययीभाव समास
5. अपने हाथ से किया गया काम अच्छा होता है।
6. गोरस और भान
प्रश्न 5 उत्तर (सही गलत)
(i) सत्य
(ii) असत्य
(iii)सत्य
(iv) सत्य
(v) असत्य
(vi)असत्य
प्रश्न क्र. 06 उत्तर' अथवा '
उत्तर –
(i) कुंठा, संत्रास, मृत्युबोध
(ii) व्यंग्य प्रधान रचनाएं।
प्रश्न क्र 7 उत्तर (अथवा)
( i). दो रचनाएं - सतरंगे पंखों वाली, प्यासी पथराई आँखे
(ii) कला पक्ष- इनकी बोली सामान्य बोलचाल की खड़ी बोली है। काव्य विषय इनके प्रतीको के माध्यम से स्पष्ट उभरकर आते है। इन्होंने दोनों ही प्रकार की छन्द बद्ध एवं छन्द मुक्त रचनाएं की है
प्रश्न क्र. 08 उत्तर
गोपियों ने उद्धव से योग की शिक्षा का ऐसे लोगों को देने की बात कही हैं जिनके मन में चकरी हो, जो अस्थिर बुद्धि हो, जिनका मन चंचल हो योग की शिक्षा तो उन्हीं को दी जानी चाहिए, जिनके मन प्रेम-भाव के कारण स्थिरता पा चुके है। उनके लिए योग' की शिक्षा की कोई अवश्यकता नहीं हैं।
प्रश्न क्र. 09 उत्तर अथवा '
कवि नागार्जुन के अनुसार फसल, पानी, मिट्टी, धूप, हवा एवं मानव-श्रम का मिला जुला रूप है।
प्रश्न क्र. 10 उत्तर
खण्ड काव्य की विशेषताएं:- (i) इसमें पात्रों की संख्या सीमित होती हैं। (ii) इसका आकार लघु होता है।
प्रश्न क्र. 11 उत्तर
चौपाई :-
यह मात्रिक सम छन्द है। इसमें प्रत्येक
भाग में 16 मात्राएँ होती हैं। चरण के अन्त में जगण और तगण का आना वर्जित है
उदाहरण :-
बंदए गुरु पद पदुम परागा।
सुरूच सुबास सरस अनुरागा ।"
प्रश्न क्र. 12 उत्तर
प्रश्न क्र. 13उत्तर
उत्तर- मन्नू भंडारी का साहित्यिक परिचय
(i) दो रचनाएँ - आपका बंटी, महाभोज
(ii) भाषा-शैली - मन्नू भंडारी की भाषा और शैली के विभिन्न रूप इस प्रकार हैं-
भाषा - मन्नू भंडारी वैसे तो हिंदी खड़ीबोली की लेखिका हैं। फिर भी उनके साहित्य में व्यवहारिक भाषा का सरल और सहज रूप भी दिखाई देता है। उनकी भाषा में तत्सम तद्भव, देशी और विदेशी भाषा की अद्भुत कुशलता दिखाई देती है। मुहावरे और लोकोक्तियों से भाषा को रोचक बना देना उनकी कला थी
शैली - मन्नू भंडारी की शैली के विविध रूप इस प्रकार हैं-
(i) भावात्मक शैली- उन्होंने विषय को
भावात्मक रूप से व्यक्त करने के लिए इस शैली
का प्रयोग किया है।
(ii) वर्णनात्मक शैली- लेखिका ने इस शैली का प्रयोग किसी विषय घटना अथवा स्थान को प्रभावी बनाने के लिए किया है।
(iii) संवाद शैली - मन्नू जी ने अपनी कहानियों, उपन्यास और नाटक में सजीवता लाने के लिए इस शैली का प्रयोग किया है।
(iv) व्यंग्य शैली - लेखिका ने नारी समस्या और सामाजिक रुढियों पर तेज व्यंग्य किए हैं।
प्रश्न क्र. 14 उत्तर
उत्तर - अपने बेटे की मृत्यु होने पर भगत उसके शव के पास बैठकर कबीर के भक्तिहीन गाने लगे। अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए भगत ने कहा कि यह रोने का नहीं, बल्कि उत्सव मनाने का समय है। विरहिणी आत्मा अपने प्रियतम परमात्मा के पास चली गई है। उन दोनों के मिलन से बड़ा आनंद और कुछ नहीं हो सकता ।
इस प्रकार भगत ने शरीर की नश्वरता और आत्मा की अमरता का भाव व्यक्त किया ।
प्रश्न क्र. 15 उत्तर(अथवा)
वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' उसे कहा जा सकता है जिसमें अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया करने की क्षमता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा ।
प्रश्न क्र. 16 उत्तर
1. दो भाषाएं बोलने वाला – द्विभाषीय
2. जिसका वर्णन किया जा सके – वर्णनीय
प्रश्न क्र. 17 उत्तर
बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को उनके साथ रहकर, उनकी सिखाई हुई बातों में रुचि लेकर, उनके लिए खेल करके, उन्हें चूमकर, उनकी गोद में या कधे पर बैठकर प्रकट करते हैं।
प्रश्न क्र. 18 उत्तर
(1) ऊधो, तुम हो अति बड़भागी। अपरस रहत सनेह तगा तै, नाहिन मन अनुरागी । पुरइनि पात रहत जल भीतर, तारस देह न दागी। ज्यौं जल माँह तेल की गागरि, बूँद न ताकौ लागी । प्रीति-नदी मैं पाँऊ न बोरयौ, दृष्टि न रूप परागी । सूरदास अबला हम भोरी, गुर बाँटी ज्याँ पागी ॥
उत्तर- भावार्थ- गोपियाँ उद्धव से कहती है कि हे उद्धव, तुम सचमुच बहुत भाग्यशाली हो क्योंकि तुम प्रेम बंधन से बिल्कुल अछूते अर्थात स्वतंत्र हो और न ही तुम्हारा मन किसी के प्रेम में अनुरक्त हुआ है। जिस प्रकार कमल के पत्ते सदा जल के अन्दर रहते हैं परंतु ये जल से अछूते ही रहते हैं, उन पर जल की एक बूँद का भी धब्बा नहीं लगता और जिस प्रकार तेल की मटकी को जल में रखने पर जल की एक बूँद भी उस पर नहीं ठहरती, उसी प्रकार तुम कृष्ण के समीप रहते हुए भी उनके प्रेम बंधन से सर्वथा मुक्त हो। तुमने प्रेम रूपी नदी में कभी पाँव ही नहीं डुबायो अर्थात् तुमने कभी किसी से प्रेम ही नहीं किया और न ही कभी किसी के रूप- लावण्य ने तुम्हें आकर्षित किया है। गोपियाँ उद्धव से कहती है कि हम तो भोली-भाली अबलाएँ हैं। और हम कृष्ण के प्रेम में पागल गई हैं, अतः उनसे विमुख नहीं हो सकतीं। हमारी स्थिति उन चींटियों के समान हैं जो गुड़ पर आसक्त होकर उससे चिपट जाती हैं और फिर स्वयं को छुड़ा न पाने के कारण वहीं प्राण त्याग देती हैं।
प्रश्न क्र. 20 उत्तर
विज्ञापन की विशेषताएं
1. विज्ञापन जनता के सामने सार्वजनिक रूप से सन्देश प्रस्तुत करने का साधन है।
2. विज्ञापन एक व्यापक सन्देश पहुंचाने का व्यापक माध्यम है, जिसके द्वारा सन्देश को बार-बार दोहराया जाता है।
3. विज्ञापन द्वारा एक ही सन्देश को विभिन्न प्रकार के रंगों, चित्रों, शब्दों, वाक्यों तथा लाइट से सुसज्जित कर सन्दीश जनता तक पहुंचाये जाते है, जो ग्राहक को स्पष्ट एवं विस्तृत जानकारी देता है।
4. विज्ञापन सदैव अव्यक्तिगत होता है। कभी कोई व्यक्ति आमने-सामने विज्ञापन नहीं करता ।
5. विज्ञापन मौखिक, लिखित, दृश्य तथा अदृश्य हो सकता है।
6. विज्ञान के लिए विज्ञानकर्त्ता द्वारा भुगतान किया जाता है।
7. विज्ञान के विविध माध्यम से जिसमें विज्ञापनकर्त्ता अपनी सुविधानुसार उपयोग कर सकता है।
प्रश्न क्र. 22 उत्तर
Que: 22. अपने शहर के नगरपालिका अधिकारी को आवेदन पत्र लिखते हुए वार्ड में व्याप्त गंदगी को दूर करने का निवेदन कीजिए।
Answer:
65/A आनंद नगर भोपाल (म. प्र. )
दिनांक 03-02-2023
सेवा में,
श्रीमान् प्रशासक महोदय,
नगर निगम, भोपाल
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि गुना की नालियों में नियमानुसार सफाई की उचित व्यवस्था न होने के कारण मच्छरों एवं मक्खियों का प्रकोप है। फलस्वरूप कॉलोनी के लोगों में बीमारी फैलने का भय है।
अतः आपसे प्रार्थना है कि नालियों की सफाई की उचित व्यवस्था कराने एवं कीटनाशक दवाई के छिड़काव कराने की शीघ्र व्यवस्था करने की कृपा करें। इसके लिए हम सब आपके आभारी रहेंगे।
भवदीय
सुभांष
28, गुना कॉलोनी, भोपाल
स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध
प्रस्तावना - स्वच्छता क्या है? यदि इस विषय पर विचार किया जाए तो हम पाते हैं कि निरंतर प्रयोग में आने से वातावरण के प्रभाव से अथवा स्थान मलिन होता रहता है। धूल, पानी, धूप, कूड़ा करकट की पर्त साफ करना, धोना, मैला और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कही जाती है। अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों और यहां तक कि अपने मोहल्लों तथा ग्राम नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। स्वच्छता ना केवल हमारे घर, सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता होती है इससे ना केवल हमारा घर आंगन ही स्वच्छ रहेगा पूरा देश भी स्वच्छ रहेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान जो कि हमारे देश के प्रत्येक गांव और शहर में प्रारंभ की गई है।
स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ है लक्ष्य - 'स्वच्छ भारत अभियान' एक राष्ट्रीय स्तरीय अभियान है। राष्ट्रीय पिता गांधी जी हमेशा स्वच्छ भारत का सपना देखते थे, वह चाहते थे कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।
इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया' ।
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट 'इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ है कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।
इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया' ।
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ गया है कि हम सवा सौ करोड़ भारतीय अपनी मातृभूमि को स्वच्छ बनाने का प्रण करें। इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है।
वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति -
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है। कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य है
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या 'गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है। कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य
👉कक्षा 10वी सामाजिक विज्ञान अभ्यास प्रश्न पत्र 2023 का सम्पूर्ण हल
स्वच्छता का महत्व यह सभी बातें और तथ्य हमें यहां सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम भारतीयों साफ-सफाई के मामले में भी पिछड़े हुए क्यों हैं? बल्कि हम उस समृद्धि और गौरवशाली भारतीय संस्कृति के अनुयाई हैं इसका मुख्य उद्देश्य सदा 'पवित्रता' और 'शुद्धि' रहा है, यह सही है कि चरित्र की शुद्धि और पवित्रता बहुत आवश्यक है लेकिन बाहर की सफाई भी उतनी ही आवश्यक है। जिस प्रकार स्वच्छ परिवेश का प्रतिकूल प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर पड़ता है, इसी प्रकार एक स्वच्छ और सुंदर व्यक्तित्व का विकास भी स्वच्छ और पवित्र परिवेश में ही संभव है। अतः अंतःकरण की शक्ति का मार्ग बाहरी जगत की
शुद्धि और स्वच्छता से होकर ही गुजरता है।
स्वच्छता के प्रकार स्वच्छता को मोटे रूप से दो प्रकार से देखा जा सकता है- व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता। व्यक्तिगत स्वच्छता में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाडू पोछा करना, स्नान ग्रह और शौचालय को विसंक्रामक पदार्थों के द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई, ये सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है, जो प्रायः नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर करती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती।
Class 10th Hindi Set B Full Solutions mp
अभ्यास प्रश्न पत्र 2023
कक्षा 10वीं
विषय- हिन्दी
(सेट-ब)
समय-3 घंटा पूर्णांक 75
निर्देश
1. सभी प्रश्न करना अनिवार्य हैं।
2. प्रश्न क्र. 01 से 05 तक वस्तुनिष्ठ प्रश्न हैं। जिनके लिए 1x30-30 अंक निर्धारित है।
3. प्रश्न क्र. 06 से 17 तक प्रत्येक प्रश्न 2 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 30 शब्द है।
4. प्रश्न क्र. 18 से 20 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 75 शब्द है।
5. प्रश्न क्र. 21 से 23 तक प्रत्येक प्रश्न 4 अंक का है। शब्द सीमा लगभग 120 शब्द है।
6. प्रश्न क्र. 06 से 23 तक सभी प्रश्नों के आंतरिक विकल्प दिए गए हैं।
1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए-(1x6=6)
i. प्रयोगवाद का प्रारम्भ माना जाता है-
(अ) सन् 1943 से
(ब) सन् 1911 से
(स) सन् 1963 से
(द) सन् 1936 से
उत्तर-अ
ii . कृष्ण की संगति में रहकर भी उनके प्रेम से अछूते रहे -
(अ) ब्रजवासी
(ब) उद्धव
(स) गोपियाँ
(द) अक्रूर
उत्तर-ब
iii. "विभावानुभाव व्यभिचारी संयोगाद्रसनिष्पत्ति यह परिभाषा है-
(अ) आचार्य विश्वनाथ की
(ब) मम्मट की
(स) पं. जगन्नाथ की
(द) भरतमुनि की
उत्तर-द
iv. स्वयं प्रकाश जी ने पत्रिका का सम्पादन किया-
(अ) वसुधा का
(ब) जनवाणी का
(स) कादम्बिनी का
(द) सरस्वती का
उत्तर-अ
v. जिन मूल शब्दों से मिलकर समास बना है उसमें से पहले पद को कहते हैं -
(अ) पूर्वापद
(ब) पूर्वपद
(स) उत्तर पद
(द) मध्य पद
उत्तर-ब
vi.' माता का अंचल' पाठ में अभिव्यक्ति हुई है-
(अ) ग्रामीण जीवन की
(ब) बाल मनोभावों की
(स) माटीकला के विकास की
(द) शैक्षिक अनुसंधान की
उत्तर-अ
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2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए - (1x6=6)
i. राम लक्ष्मण परशुराम संवाद रामचरितमानस के .... .से लिया गया है।(बालकांड / अयोध्याकांड / सुंदरकांड )
उत्तर- बालकाण्ड
ii.चार चरणों में समान मात्रा वाले छंद को..... कहते हैं। (मात्रिक छंद / सममात्रिक छंद / विषम मात्रिक छंद)
उत्तर- सममात्रिक चन्द
iii. भावों को बढ़ाने या उद्दीप्त करने वाले पदार्थ.. ....कहलाते हैं। (उद्दीपन / अनुभाव / विभाव)
उत्तर- उद्दीपन
iv. रामवृक्ष बेनीपुरी की रचनाएँ पत्र-पत्रिकाओं में.... ..की आयु में छपने लगी थीं ( 15 वर्ष / 17 वर्ष / 18 वर्ष)
उत्तर- 15 वर्ष
v. अर्थ के आधार पर वाक्य के -भेद होते है (आठ/ तीन/चार)
उत्तर- 8
vi. गंतोक से. ...किलोमीटर की दूरी पर यूमथांग था। (149/139/159)
उत्तर- 149
3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए (1x6=6)
स्तम्भ (अ) स्तम्भ (ब)
i.नागार्जुन. (क) एक धर्म चक्र
ii. मेघ आए बन ठन के में अलंकार (ख) बहुत प्रिय
iii.कहानी के तत्व (ग) सावधानी
iv एहतियात (घ) आधुनिक कबीर
v. गले का हार (ड.) मानवीकरण अलंकार
vi प्रेयर व्हील. (च) चार
(छ) छ:
(ज) दुर्घटना
उत्तर-
1-घ
2-ड़
3-छ
4-ग
5- ख
6-क
4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए-(1x6=6)
i. कवि 'निराला' ने बादलों की तुलना किससे की है?
उत्तर- बालकल्पना से की है क्योंकि बच्चों की कल्पना मधुर होती है यह बदलती रहती है।
॥. गणों की संख्या कितनी होती है ?
उत्तर-8
iii. मन्नू भंडारी के पिता रसोई को क्या कहते थे ?
उत्तर- भटियार खाना
iv. दो वर्णों के मेल को क्या कहते है ?
उत्तर- सन्धि
v. 'मूर्खों में अल्पज्ञ के महत्त्व के लिए कौन-सी लोकोक्ति है ?
उत्तर- अंधों में काना
vi. 'माता का अँचल' कहानी के अनुसार माँ ने भोलानाथ के घावों पर क्या लगाया ?
उत्तर- हल्दी पीसकर लगाया
5. सत्य / असत्य कथन लिखिए- (1x6=6)
i. संगतकार की आवाज में हिचक साफ सुनाई देती है।
उत्तर- सत्य
॥. जहाँ अलौकिक आश्चर्य का भाव उत्पन्न हो वहाँ वीभत्स रस होता है।
उत्तर-असत्य
iii. एक संस्कृत व्यक्ति किसी नयी चीज की खोज नहीं करता है।
उत्तर- असत्य
iv. न्याय के अनुसार न्याय करना न्यायशीलता है।
उत्तर- सत्य
v. भोलानाथ का अधिकतर समय उनकी मैया के सानिध्य में गुजरता था।
उत्तर- सत्य
vi. प्रत्यक्ष अनुभव की अपेक्षा अनुभूति लेखन में मदद करती है।
उत्तर-सत्य
6. रीतिकालीन काव्य की कोई दो विशेषताएँ / प्रवृत्तियाँ लिखिए ।(2)
उत्तर- रीतिकाल की कोई दो विशेषताएँ लिखिए-
(1) आचार्यत्व प्रदर्शन की प्रवृत्ति - यह इस काल की मुख्य विशेषता कही जा सकती है। इस काल के प्रायः सभी कवि आचार्य पहले थे और कवि बाद में। उनकी कविता पांडित्य के भार में दबी हुई है।
(2) श्रृंगारप्रियता-यह इस काल की दूसरी मुख्य प्रवृत्ति है। सभी कवियों ने श्रृंगार में अतिशय रुचि दिखायी है। यह शृंगार वर्णन अश्लील कोटि तक पहुँच गया है। काम झूलै उर में, उरोजन में दाम झूले । श्याम झूलै प्यारी की अनियारी अँखियन में ||
(3) अलंकारप्रियता-अलंकारिता या चमत्कार प्रदर्शन इस काल की तीसरी मुख्य प्रवृत्ति है। अनुप्रास की छटा, यमक की झलक, श्लेष, उत्प्रेक्षा, रूपक, उपमा आदि नाना अलंकारों के चमत्कार से रीतिकाल की कविता चमत्कृत है- "गगगग गाजे गगन घन क्वार के ।"
अथवा
प्रयोगवादी काव्य की कोई दो विशेषताएँ / प्रवृतियाँ लिखिए ।
7. सूरदास अथवा जयशंकर प्रसाद की काव्यगत विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए-
(2)
1. दो रचनाएँ . कला-पक्ष
उत्तर-
(1) दो रचनाएँ: सूर सागर, सूर सारावली
(2) भाव पक्ष, कलापक्ष-
भाव पक्ष- सूरदास भगवान श्रीकृष्ण' के अनन्य भक्त थे। उन्होंने लीला पुरुषोत्तम भगवान श्रीकृष्ण की अनेक लीलाओ का वर्णन अपने सम्पूर्ण काव्य में किया है। इसमें राधा-कृष्ण का प्रेम और गोपी विरह की प्रमुखता है। सूरदास वात्सल्य रस के सम्राट कहे जाते है। 'चन्द्र खिलौना लैहों मैया मेरी खेलन अब मेरी जाई बलैया' पदो से सिद्ध होता है कि सूरदास बाल मनोविज्ञान के ज्ञाता तथा कुशल चित्रकार थे।
कला पक्ष- सूरदास ने बृज भाषा में साहित्य रचना प्रारंभ की। सूर की यह भाषा साहित्यिक होते हुए भी आम बोलचाल की भाषा के बहुत निकट है। मार्मिक तथा गंभीर भाव और विचार अभिव्यक्त करने में सूर की भाषा पूर्ण रूप से समर्थ है। सूर की भाषा में प्रसाद तथा माधुर्य गुण की प्रधानता है। शैली की दृष्टि से सूर ने गीतों की पदशैली को अपनाया है। अलंकार और छन्दों के उचित और कलापूर्ण प्रयोग के कारण आपकी रचनाएँ अधिक लोकप्रिय है।
(3) साहित्य में स्थान:- सूरदास भक्तिकाल के
कृष्णभक्ति शाखा के श्रेष्ठ कवि हैं। हिन्दी साहित्य में
8. गोपियों के अनुसार राजा का धर्म क्या होना चाहिए ?(2)
उत्तर-गोपियों के अनुसार राजा का धर्म उसकी प्रजा की हर तरह से रक्षा करना होता है तथा नीति से राजधर्म का पालन करना होता । एक राजा तभी अच्छा कहलाता है जब वह अनीति का साथ न देकर नीति का साथ दे।
अथवा
राम-लक्ष्मण परशुराम संवाद पाठ के आधार पर लक्ष्मण के स्वभाव की कोई दो विशेषताएँ लिखिए।
9. कवि सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की आँख फागुन की सुन्दरता से क्यों नहीं हट रही है? लिखिए ।(2)
उत्तर-फागुन का मौसम तथा दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है। चारों तरफ का दृश्य अत्यंत स्वच्छ तथा हरा-भरा दिखाई दे रहा है। पेड़ों पर कहीं हरी तो कही लाल पत्तियाँ हैं, फूलों की मंद-मंद खुश्बू हृदय को मुग्ध कर लेती है। इसीलिए कवि की आँख फागुन की सुंदरता से हट नहीं रही है।
अथवा
बच्चे की दंतुरित मुसकान का कवि नागार्जुन के मन पर क्या प्रभाव पड़ता है ?
10. महाकाव्य की कोई दो विशेषताएँ लिखिए। (2)
उत्तर- महाकाव्य की विशेषताएँ निम्न हैं-
(1) महाकाव्य की कथा इतिहास प्रसिद्ध होती है।
(2) इसका नायक उदात्त चरित्रवाला होता है।
(3) महाकाव्य में मानव जीवन की विशद् व्याख्या होती है।
(4) यह सर्गों में रचित होता है। इसमें कम से कम आठ सर्ग होते हैं।
अथवा
विभाव एवं अनुभाव में कोई दो अंतर लिखिए।
11. दोहा छंद की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।(2)
उत्तर- दोहा- यह अर्धसममात्रिक छन्द्र है। इस छन्द के विषम चरणों में 13 मात्राएँ और सम चरणों में 11 मात्राएँ होती है। यति चरण के अंत में होती है। सम चरणों के अंत मे लघु होता है।
उदाहरण:-
श्री गुरु चरन सरोज रज, निज मन मुकुर सुधार।
वरनौ रघुवर विमल जसु, जो दायक फल चार ॥
अथवा
अन्योक्ति अलंकार की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।
12. गद्य की प्रमुख एवं गौण विधाओं के नाम लिखिए।
(2)
अथवा
रेखाचित्र एवं संस्मरण में कोई दो अंतर लिखिए।
उत्तर-
13. रामवृक्ष बेनीपुरी अथवा भदंत आनंद कौसल्यायन की साहित्यिक विशेषताएँ निम्नलिखित बिन्दुओं के आधार पर लिखिए।(2)
i. दो रचनाएँ
॥ भाषा-शैली
उत्तर-रामवृक्ष बेनीपुरी की कृतियां'-
1. रेखाचित्र - (१) माटी की मूरतें, (२) लाल तारा ।
2. संस्मरण - (१) जंजीरें और दीवारें, (२) मील के पत्थर ।
भाषा शैली : (Bhasha Shaili) -
भाषा - बेनीपुरी जी ने प्रायः व्यापारिक भाषा का प्रयोग किया है। सरलता, सुबोधता और सजीवता से युक्त इनकी भाषा का अपना विशेष ही प्रभाव है। इनका शब्द चयन चामत्कारिक है। भाव प्रसंग और विषय के अनुरूप वे तत्सम तद्भव, देशज, उर्दू, फारसी आदि शब्दों का ऐसा सटीक प्रयोग करते हैं कि पाठक आश्चर्यचकित हो उठता है। इसीलिए उन्हें 'शब्दों का जादूगर' भी कहा जाता है। बेनीपुरी जी ने अपनी रचनाओं में मुहावरों तथा कहावतों का खुलकर प्रयोग किया है, जिससे उनकी भाषा जीवंत हो उठी है। इनके द्वारा प्रयुक्त भाषा में लाक्षणिकता, व्यंग्यात्मकता, ध्वन्यात्मकता, प्रतीकात्मकता और अलंकारिकता विद्यमान है। इसी कारण उसमें अद्भुत लालित्य उत्पन्न हुआ है, अर्थ- गाम्भीर्य आया है तथा प्रवाहमयता, मार्मिकता एवं प्रभावोत्पादक ता में वृद्धि हुई है। छोटे-छोटे वाक्य गहरी अर्थ-व्यंजना के कारण बड़ी तीखी चोट करते हैं। बेनीपुरी जी भाषा के सम्राट हैं।
शैली - बेनीपुरी जी की रचनाओं में हमें विषय के अनुरूप विविध प्रकार की शैलियों के दर्शन होते हैं। इनमें प्रमुख हैं।
14. मूर्ति पर लगा सरकंडे का चश्मा क्या उम्मीद जगाता है ? (2)
अथवा
'बालगोबिन भगत' पाठ के आधार पर भगत के गायन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर- बालगोविन्द भगत के मधुर गायन में तल्लीनता थी उसके गायन में मस्ती ओर अलौकिक मिठास थी उसके गाने में कबीर की ईश्वर भक्ति एवं जीव के बारे में ज्ञान भरी बाते हुआ करती थी। गाना गाते वह झूमते, मस्त हो जाते। किसानी गीत सुनकर महिलाएँ भी गुनगुनाने लगती थी।
15. सुषिर वाद्यों से क्या अभिप्राय है? किस वाद्य को सुषिर वाद्यों में शाह की उपाधि दी गई है ? (2)
अथवा
वास्तविक अर्थों में संस्कृत व्यक्ति किसे कहा जा सकता है ?
उत्तर- वास्तविक अर्थों में 'संस्कृत व्यक्ति' उसे कहा जा सकता है जिसमें अपनी बुद्धि तथा योग्यता के बल पर कुछ नया करने की क्षमता हो। जिस व्यक्ति में ऐसी बुद्धि तथा योग्यता जितनी अधिक मात्रा में होगी वह व्यक्ति उतना ही अधिक संस्कृत होगा।
अथवा
16. निम्नलिखित वाक्यांश के लिए एक शब्द लिखिए-
i. जो बात लोगों से सुनी गई हो
ii.कम खर्च करने वाला
अथवा
निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखते हुए वाक्य में प्रयोग कीजिए-
i. इति श्री होना
ii. टेढ़ी खीर होना
17. बच्चे माता- पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं ? लिखिए। (2)
अथवा
कभी श्वेत तो कभी रंगीन पताकाओं का फहराना किन अलग-अलग अवसरों की ओर संकेत करता है?
18. निम्नलिखित काव्यांश का संदर्भ प्रसंग सहित भावार्थ लिखिए-(3)
नाथ संभुधनु भेजनिहारा । होइहि केउ एक दास तुम्हारा ।।
आयेसु काह कहिअ किन मोही, सुनि रिसाइ बोले मुनि कोही ।।
अथवा
बादल गरजो!-
घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ
ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के से पाले,
विद्युत छबि उर में, कवि, नवजीवन वाले
19. निम्नलिखित गद्यांश की संदर्भ प्रसंग सहित व्याख्या लिखिए- (3)
बार-बार सोचते, क्या होगा उस कौम का जो अपने देश की खातिर घर-गृहस्थी - जवानी जिंदगी सब कुछ होम देने वालों पर भी हँसती है और अपने लिए बिकने के मौके ढूँढ़ती है। दुखी हो गए। पंद्रह दिन बाद फिर उसी कस्बे से गुजरे।
अथवा
काशी संस्कृति की पाठशाला है। शास्त्रों में आनंदकानन के नाम से प्रतिष्ठित । काशी में कलाधर हनुमान व नृत्य विश्वनाथ है। काशी में बिस्मिल्ला खाँ हैं। काशी में हजारों सालों का इतिहास है जिससे पंडित कंठे महाराज हैं, विद्याधरी हैं, बड़े रामदास जी हैं, मोजुद्दीन खाँ हैं व इन रसिकों से उपकृत होने वाला अपार जन समूह है।
20. 'समय का सदुपयोग' विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए। (4)
अथवा
विज्ञापन किसे कहते है ? विज्ञापन तैयार करते समय किन बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए ?
21. निम्नलिखित अपठित काव्यांश अथवा गद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए
बची हुई जिंदगी का एक टुकड़ा है मेरे पास ।
इसे मैं अंधेरे से छीन कर लाई हूँ।
देर तो हो गई है, सन्नाटा कितना ही भयानक हो
उसमें भटकते स्मृतियों के पदचाप,
अपनी आहट से हमें जगा देते हैं।
इसमें फूटेंगी सुबह की किरणें ।मुस्कराती कोपलों से।
प्रश्न.i उपर्युक्त काव्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए।
ii.स्मृतियों की आहट से क्या अनुभव होता है ?
iii.उपर्युक्त काव्यांश का भावार्थ लिखिए।
अथवा
वैदिक काल से ही हिमालय पहाड़ को बहुत पवित्र माना जाता है। इसमें कोई संदेह नहीं कि हिमालय के पहाड़ों का दृश्य अति सुंदर है। इसकी विशालता देखकर मन आनंद और कृतज्ञ हो जाता है। ऐसा लगता है कि यह विशाल सृष्टि ईश्वर की देन है। सारी सृष्टि के प्रति समभाव जागृत होता है। वस्तुतः यह सृष्टि कोरी कल्पना या आध्यात्मिक नहीं है। भारतवर्ष में जलवायु का सामंजस्य हिमालय बैठाता है। उत्तरी भाग को पानी देने वाला है यहाँ बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री, यमुनोत्री जैसे पवित्र तीर्थ तथा जीवनदायिनी पवित्र नदियाँ हैं।
प्रश्न- i.उपर्युक्त गद्यांश का उपयुक्त शीर्षक लिखिए ।
ii. किस काल से हिमालय को पवित्र माना जाता है ?
iii. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
22. परीक्षा काल में ध्वनि विस्तारक यंत्र पर प्रतिबन्ध लगाने हेतु जिला अधिकारी को आवेदन पत्र लिखिए। (4)
अथवा
अपने वृद्ध दादा-दादी के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के लिए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।
23. निम्नलिखित में से किसी एक विषय पर रूपरेखा सहित सारगर्भित निबंध लिखिए-
1. विद्यार्थी जीवन में नैतिक मूल्यों का महत्त्व
ii. पर्यावरण प्रदूषण कारण एवं निदान
iii. स्वच्छ भारत अभियान
iv. साहित्य एवं समाज
v. जल ही जीवन है
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अभ्यास प्रश्न पत्र (सेट-द)-2023
कक्षा-दसवीं
विषय-हिंदी
समय-3 घंटा पूर्णांक-75
1. सही विकल्प का चयन कर लिखिए - 1×6=6
(i)प्रयोगवाद के कवि हैं -
(अ) तुलसीदास (ब) अज्ञेय
(स) महादेवी वर्मा (द) जयशंकर प्रसाद
उत्तर - (ब) अज्ञेय
(ii) सूरदास भक्ति काल की शाखा के कवि हैं -
(अ) ज्ञानमार्गी शाखा (ब) रामभक्ति शाखा
(स) प्रेमभक्ति शाखा (द) कृष्णभक्ति शाखा
उत्तर - (द) कृष्णभक्ति शाखा
(iii) दोहा छंद के द्वितीय और चतुर्थ चरण में मात्राएं होती हैं -
(अ)11-11 (ब)12-12
(स)13-13 (द)16-16
उत्तर - (अ)11-11
(iv) नेता जी की मूर्ति तैयार करने वाले मूर्तिकार का नाम है -
(अ) किशोरी लाल (ब) रामलाल
(स) मोतीलाल (द) जयंतलाल
उत्तर - (स) मोतीलाल
(v) किसी कार्य का करने या होने का बोध कराने वाले शब्द कहलाते हैं -
(अ) विशेषण (ब) क्रिया
(स) सर्वनाम (द) संज्ञा
उत्तर - (ब) क्रिया
(vi) भोलेनाथ के पिता आटे की गोलियां गंगा जी में प्रवाहित करते थे -
(अ) हजार (ब) सौ
(स) तीन सौ (द) पांच सौ
उत्तर - (द) पांच सौ
2. रिक्त स्थान में सही शब्द का चयन कर लिखिए - 6
(i) विश्व के सकल जन गर्मी से व्याकुल हो रहे हैं। (भ्रमित/व्याकुल/द्रवित)
(ii) स्थायी भावों के उत्पन्न होने के कारणों को विभाव कहते हैं। (विभाव/अनुभाव/आलंबन)
(iii) कविता के रचना विधान को छंद कहते हैं। (रस/छंद/अलंकार)
(iv) 'बालगोबिन भगत' पाठ गद्य की रेखाचित्र विधा के अंतर्गत आता है। (रेखाचित्र/संस्मरण/जीवनी)
(v) जिन वाक्यों से किसी कार्य के न होने का बोध होता उसे विधान वाचक वाक्य कहते हैं। (विधानवाचक/ निषेधवाचक)
(vi) सिलीगुड़ी से ही हमारे साथ थी यह तिस्ता नदी। (ताप्ती/नेवज/तिस्ता)
3. सही जोड़ी बनाकर लिखिए -
खंड 'अ' खंड 'ब'
(i)आत्मकथ्य कविता (क) मधु कांकरिया
(ii)16-16 मात्राएं (ख)मृदुभाषी
(iii)उपन्यास के तत्व (ग)मन्नू भंडारी
(iv)एक प्लेट सैलाब (घ) जयशंकर प्रसाद
(v)जो मीठी वाणी बोलता हो (ड़) चौपाई छंद
(vi)साना साना हाथ जोड़ि (च) सात
(छ) छः
उत्तर -
आत्मकथ्य कविता - जयशंकर प्रसाद
16-16 मात्राएं - चौपाई छंद
उपन्यास के तत्व - छः
एक प्लेट सैलाब - मन्नू भंडारी
जो मीठी वाणी बोलता हो - मृदुभाषी
साना साना हाथ जोड़ि - मधु कांकरिया
4. एक वाक्य में उत्तर लिखिए -
(i)मुख्य गायक की आवाज कैसी होती है?
उत्तर - मुख्य गायक का स्वर भारी होता है।
(ii)आलंबन के अंगो के नाम लिखिए।
उत्तर - स्थायी भाव, विभाव, अनुभाव, संचारी भाव
(iii)'संस्कृत व्यक्ति' से क्या आशय है?
उत्तर - संस्कृति हमारे द्वारा सीखा हुआ व्यवहार है जो पीढ़ी दर पीढ़ी स्थानांतरित होता रहता है।
(iv)किस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं?
उत्तर - द्वंद समास में दोनों पद प्रधान होते हैं।
(v)'आम के आम गुठली के दाम' लोकोक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर - दोहरा लाभ उठाना।
(vi)मां ने भोलानाथ के घाव पर क्या लगाया?
उत्तर - मां ने भोलानाथ के घाव पर हल्दी पीसकर लगाई।
5. सत्य/असत्य कथन लिखिए -
(i)फसल कविता हमें कृषि संस्कृति के करीब ले जाती है। सत्य
(ii)किसी वस्तु का बढ़ा चढ़ाकर वर्णन अन्योक्ति अलंकार में होता है। असत्य
(iii)बिस्मिल्लाह खां बांसुरी वादन के लिए जाने जाते हैं। असत्य
(iv)2 पदों के मेल को संधि कहते हैं। सत्य
(v)गंतोक का अर्थ पहाड़ है। सत्य
(vi)अज्ञेय विज्ञान के विद्यार्थी रहे हैं। असत्य
6. अथवा प्रगतिवादी कोई दो कवियों के नाम उनकी एक- एक रचना के साथ लिखिए।
उत्तर -
प्रगतिवादी कवि रचनाएं
सुमित्रानंदन पंत युगवाणी
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' कुकुरमुत्ता
7. सूरदास के का भगत विशेषताएं लिखिए।
दो रचनाएं - सूरसागर, सूरसारावली
भाव पक्ष - सूरदास प्रेम और सौंदर्य के अमर गायक हैं। उन्होंने मुख्यत: वात्सल्य और श्रंगार का ही चित्रण किया है। बाल्य जीवन का कोई ऐसा पक्ष नहीं है जिस पर कवि की दृष्टि ना पड़ी हो। गोपियों के प्रेम और विरह का वर्णन भी बहुत आकर्षक है। संयोग और वियोग दोनों का मर्मस्पर्शी चित्रण सूरदास ने किया है। उनकी भक्ति मुख्यत: साख्य भाव की है परंतु उसमें विनय, वात्सल्य और माधुर्य भाव का भी मिश्रण है।
8. गोपियां द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में क्या व्यंग निहित है?
उत्तर - गोपियों के द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में व्यंग का भाव छिपा हुआ है। उद्धव तो मथुरा में श्रीकृष्ण के साथ ही रहते थे पर फिर भी उनके हृदय में पूरी तरह से प्रेमहीनता थी। वे प्रेम के बंधन से पूरी तरह मुक्त थे। उनका मन किसी के प्रेम में डूबता ही नहीं था। श्री कृष्ण के निकट रह कर भी वे प्रेम भाव से वंचित थे।
9. कविता का शीर्षक 'उत्साह' क्यों रखा गया है?
उत्तर - यह एक आह्वान गीत है जिसमें कवि ने उत्साहपूर्ण ढंग से अपने प्रगतिवादी स्वर को प्रकट किया है। वह बादलों से गरज-गरज कर सारे संसार को नया जीवन प्रदान करने की प्रेरणा देता है जिनके भीतर वज्रपात की शक्ति छिपी हुई है। वह संसार को नई प्रेरणा और जीवन प्रदान करने की क्षमता रखता है इसलिए कवि ने बादलों के विशेष गुण के आधार पर इस कविता का शीर्षक 'उत्साह' रखा है।
10. करुण रस की परिभाषा लिखिए।
उत्तर - किसी प्रिय व्यक्ति के पीड़ित होने पर या प्रिय वस्तु गौरव, वैभव, सम्मान, पद आदि के नष्ट हो जाने पर ह्रदय में जो क्लेश (दु:ख) का भाव उत्पन्न होता है, वही शोक कहलाता है।
11. वर्णिक छंद एवं मात्रिक छंद में कोई दो अंतर लिखिए।
12. जीवनी और आत्मकथा में कोई दो अंतर लिखिए।
उत्तर -
13. मन्नू भंडारी की साहित्यिक विशेषताएं
दो रचनाएं - एक प्लेट सैलाब, आंखों देखा झूठ।
भाषा शैली - लेखिका की कहानियां हों या उपन्यास उनमें भाषा और शिल्प की सादगी तथा प्रमाणित अनुभूति मिलती है। इनकी शैली सरल, सहज तथा भावाभिव्यक्ति में सक्षम है। संवाद तथा वाक्य छोटे-छोटे किंतु चुस्त और प्रसंगानुकूल हैं। इनकी रचनाओं में बोलचाल की हिंदी भाषा के साथ-साथ उर्दू, अंग्रेजी तथा देशज शब्दों का खूब प्रयोग हुआ है।
14. सेनानी न होते हुए भी चश्मे वाले को लोग कैप्टन क्यों कहते थे?
उत्तर - चश्मे वाला कोई सेनानी नहीं था और ना ही वह देश की फौज में था। फिर भी लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे। इसका कारण यह रहा होगा कि चश्मे वाले में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वही अपनी शक्ति के अनुसार देश के निर्माण में अपना पूरा योगदान देता था। कैप्टन के कस्बे में चौराहे पर नेता जी सुभाष चंद्र बोस की मूर्ति लगी हुई थी। मूर्तिकार उस मूर्ति का चश्मा बनाना भूल गया। कैप्टन ने जब यह देखा तो उसे बड़ा दु:ख हुआ। उसके मन में देश के नेताओं के प्रति सम्मान और आदर था। इसीलिए वह जब तक जीवित रहा उसने नेता जी की मूर्ति पर चश्मा लगा कर रखा था। उसकी इसी भावना के कारण लोग उसे कैप्टन कहकर बुलाते थे।
15. लेखिका मन्नू भंडारी के व्यक्तित्व पर किन-किन व्यक्तियों का किस रूप में प्रभाव पड़ा?
उत्तर - लेखिका के जीवन पर 2 लोगों का विशेष प्रभाव पड़ा-
पिता का प्रभाव - लेखिका के जीवन पर पिताजी का ऐसा प्रभाव पड़ा कि वे हीन भावना से ग्रसित हो गई। इसी के परिणामस्वरूप उनमें आत्मविश्वास की भी कमी हो गई थी। पिता जी के द्वारा ही उनमें देश-प्रेम की भावना का भी निर्माण हुआ था।
शिक्षिका शीला अग्रवाल का प्रभाव - शीला अग्रवाल की जोशीली बातों ने एक ओर लेखिका के खोए आत्मविश्वास को पुनः लौटाया तो दूसरी ओर देश प्रेम की अंकुरित भावना को उचित माहौल प्रदान किया। जिसके फलस्वरूप लेखिका खुलकर स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लेने लगी।
16. संधि और समास में दो अंतर लिखिए।
17. बच्चे माता पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं? लिखिए।
उत्तर - बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम की अभिव्यक्ति कई तरह से करते हैं -
1.माता-पिता को अपने दोस्तों के बारे में बताकर या किसी रिश्तेदार के बारे में पूछकर।
2. माता-पिता के साथ नाना प्रकार के खेल खेलकर।
3. माता-पिता को कहानी सुनाने या कहीं घुमाने ले जाने की या अपने साथ खेलने को कहकर।
4. माता पिता के साथ विभिन्न प्रकार की बातें करके अपना प्यार व्यक्त करते हैं।
5. वे अपने माता-पिता से रो-धोकर या जिद करके कुछ मांगते हैं फिर बाद में अपना प्रेम अलग अलग तरीके से प्रकाशित करते हैं।
6. माता-पिता के साथ रहकर उनसे अपना प्यार व्यक्त करते हैं।
18. अथवा का उत्तर
प्रसंग - प्रस्तुत कविता फसल हमारी पाठ्य पुस्तक 'क्षितिज' भाग 2 में संकलित की गई है जिसके रचयिता श्री नागार्जुन जी हैं। कवि ने स्पष्ट किया है कि फसल उत्पन्न करने के लिए मनुष्य और प्रकृति मिलकर एक दूसरे का सहयोग करते हैं।
व्याख्या - कवि कहता है कि फसल को उत्पन्न करने के लिए एक दो नहीं बल्कि अनेक नदियों से प्राप्त होने वाला पानी अपना जादुई प्रभाव दिखाता है। उसी पानी के कारण यह पनपती है, बढ़ती है। इसे उगाने के लिए किसी एक व्यक्ति के नहीं, दो के नहीं बल्कि लाखों-करोड़ों हाथों के द्वारा छूने की गरिमा छिपी हुई है। यही लाखों-करोड़ों इंसानों के परिश्रम का कारण है। इसमें 1-2 खेतों की मिट्टी नहीं प्रयुक्त हुई। इसमें तो हजारों खेतों की उपजाऊ मिट्टी की विशेषताएं छिपी हुई है। मिट्टी का गुणधर्म इसमें छिपा हुआ है। फसल क्या है? यह तो नदियों के द्वारा लाए गए पानी का जादू है जिससे इसे उपजाने में सहायता दी। इसमें ना जाने कितने लोगों के हाथों का परिश्रम छिपा है। यह उन हाथों की महिमा का परिणाम है। भूरी-काली, संदली मिट्टी की विशेषताएं इसमें विद्यमान हैं। यह सूर्य की किरणों का फसल के रूप में परिवर्तन है। सूर्य ने अपनी किरणों से उसे बढ़ाया है। जीवन दिया है। हवा ने इसे थिरकने और इधर-उधर डोलने का गुण प्रदान किया है। भाव यह है कि फसल प्रकृति और मनुष्य के सामूहिक प्रयत्नों का परिणाम है।
19. अथवा का उत्तर
संदर्भ - यह गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक के 'संस्कृति' पाठ से अवतरित है। इसके लेखक भदंत आनंद कौसल्यायन हैं।
प्रसंग - इसमें बताया गया है कि कौन व्यक्ति संस्कृत होगा और कौन सभ्य।
व्याख्या - लेखक कहते हैं कि अपनी बुद्धि या विवेक द्वारा किसी नए तथ्य का दर्शन करने वाला तथा नया अविष्कार करने वाला व्यक्ति ही संस्कृत व्यक्ति होता है। जिस संतान को बिना किसी प्रयत्न के जो चीज़ खोज करने वाले से मिल गई है वह संस्कृत नहीं कहा जा सकता है। संतान को पूर्वज की तरह सभ्य तो कह सकते हैं किंतु उसे संस्कृत नहीं कहा जा सकता है।
20. 'परोपकार से बड़ा कोई धर्म नहीं' विषय पर एक अनुच्छेद लिखिए।
परोपकार मानवता का दूसरा नाम है और हमें बढ़-चढ़कर इस क्रिया में भाग लेना चाहिए।
परोपकार शब्द 'पर' और 'उपकार' शब्दों से मिलकर बना है।
जिसका अर्थ है दूसरों पर किया जाने वाला उपकार।
जिसमें कोई अपना स्वार्थ ना हो उसे परोपकार कहते हैं।
परोपकार को सबसे बड़ा धर्म कहा गया है।
हमें बच्चों को शुरू से यह सिखाना चाहिए।
परोपकार एक ऐसी भावना होती है जो हर किसी को अपने अंदर रखनी चाहिए।
इसे हर व्यक्ति को अपनी आदत के रूप में विकसित भी करनी चाहिए।
21. अथवा का उत्तर
1. उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक लिखिए।
उत्तर -
2. प्रकृति के नियम तोड़ने से क्या होगा?
उत्तर -
3. उपर्युक्त गद्यांश का सारांश लिखिए।
उत्तर -
22. अपनी वार्षिक परीक्षा की तैयारी से अवगत कराते हुए अपने पिताजी को पत्र लिखिए।
उत्तर -
220, टी.टी. नगर, भोपाल
दिनांक:20 फरवरी 2022
आदरणीय पिता जी,
सादर चरण स्पर्श,
मैं यहां कुशलतापूर्वक हूं और आशा करता हूं कि आप लोग भी कुशलता से होंगे। मेरा वार्षिक परीक्षा कार्यक्रम प्रकाशित हो चुका है। परीक्षाएं 5 मार्च से प्रारंभ होंगी। इस वर्ष मेरी बोर्ड की परीक्षा है। इस कारण मैं बहुत मेहनत कर रहा हूं। मैं अच्छे अंक लाने का प्रयास कर रहा हूं। अंग्रेजी और गणित में थोड़ी कठिनाई आती है। इन विषयों के लिए मैंने कोचिंग लगा ली है। वैसे प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होना आप लोगों के आशीर्वाद से मेरे लिए कोई कठिन कार्य नहीं है। आगामी पत्र परीक्षा के बाद लिखूंगा।
आदरणीय पिता जी को प्रणाम ।
आपका बेटा
शशि वर्मा
23. का उत्तर
स्वच्छ भारत अभियान
प्रस्तावना - स्वच्छता क्या है? यदि इस विषय पर विचार किया जाए तो हम पाते हैं कि निरंतर प्रयोग में आने से वातावरण के प्रभाव से अथवा स्थान मलिन होता रहता है। धूल, पानी, धूप, कूड़ा करकट की पर्त साफ करना,धोना, मैला और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कही जाती है। अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों और यहां तक कि अपने मोहल्लों तथा ग्राम नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है। स्वच्छता ना केवल हमारे घर, सड़क तक के लिए ही जरूरी नहीं होती है। यह देश और राष्ट्र की आवश्यकता होती है इससे ना केवल हमारा घर आंगन ही स्वच्छ रहेगा पूरा देश भी स्वच्छ रहेगा। इसी को मद्देनजर रखते हुए भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही स्वच्छ भारत अभियान जो कि हमारे देश के प्रत्येक गांव और शहर में प्रारंभ की गई है।
स्वच्छ भारत अभियान का आरंभ है लक्ष्य - 'स्वच्छ भारत अभियान' एक राष्ट्रीय स्तरीय अभियान है। राष्ट्रीय पिता गांधी जी हमेशा स्वच्छ भारत का सपना देखते थे, वह चाहते थे कि हमारा देश भी साफ सुथरा रहे। गांधी जी की 145वीं जयंती के अवसर पर माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने इस अभियान के आरंभ की घोषणा की, तथा प्रधानमंत्री जी ने 2 अक्टूबर के दिन सर्वप्रथम गांधी जी को राजघाट पर श्रद्धांजलि अर्पित की और फिर नई दिल्ली में स्थित बाल्मीकि बस्ती में जाकर झाड़ू लगाई।
इसके बाद मोदी जी ने जनपद जाकर इस अभियान की शुरुआत की और सभी राष्ट्रपतियों से स्वच्छ भारत अभियान में भाग लेने और इसे सफल बनाने की अपील की, इस अवसर पर उन्होंने लगभग 40 मिनट का भाषण दिया और स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया। उन्होंने कहा गांधीजी ने आजादी से पहले नारा दिया था। 'क्लीन इंडिया, क्लीन इंडिया'।
आजादी की लड़ाई में उनका साथ देकर देशवासियों ने 'क्विट इंडिया' कैसा सपने को तो साकार कर दिया, लेकिन अभी उनका 'क्लीन इंडिया' का सपना अधूरा ही है। अब समय आ गया है कि हम सवा सौ करोड़ भारतीय अपनी मातृभूमि को स्वच्छ बनाने का प्रण करें। इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरूक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का उपयोग कर रही है।
वर्तमान समय में स्वच्छता को लेकर भारत की स्थिति -
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की 'स्वच्छ भारत अभियान' या 'गंदगी मुक्त भारत' की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, पहले पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है।
कुछ वर्ष पहले ही हमारे पड़ोसी देश चीन के कई ब्लॉगों पर गंगा में तैरती लाशों और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर सारी तस्वीर चाहिए, आज भारत के कई बड़े-बड़े शहर स्वच्छता में ऐसे हो गए हैं कि जहां आपको ढूंढने पर भी कचरा या गंदगी नहीं मिलेगी। इसका उदाहरण है भारत के मध्य प्रदेश राज्य का सबसे बड़ा शहर इंदौर जो कि लगातार पांच वर्षों से स्वच्छ भारत का खिताब जीत रहा है।
स्वच्छता का महत्व - यह सभी बातें और तथ्य हमें यहां सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम भारतीयों साफ-सफाई के मामले में भी पिछड़े हुए क्यों हैं? बल्कि हम उस समृद्धि और गौरवशाली भारतीय संस्कृति के अनुयाई हैं इसका मुख्य उद्देश्य सदा 'पवित्रता' और 'शुद्धि' रहा है, यह सही है कि चरित्र की शुद्धि और पवित्रता बहुत आवश्यक है लेकिन बाहर की सफाई भी उतनी ही आवश्यक है।
जिस प्रकार स्वच्छ परिवेश का प्रतिकूल प्रभाव हमारे मन मस्तिष्क पर पड़ता है, इसी प्रकार एक स्वच्छ और सुंदर व्यक्तित्व का विकास भी स्वच्छ और पवित्र परिवेश में ही संभव है। अतः अंतःकरण की शक्ति का मार्ग बाहरी जगत की शुद्धि और स्वच्छता से होकर ही गुजरता है।
स्वच्छता के प्रकार - स्वच्छता को मोटे रूप से दो प्रकार से देखा जा सकता है- व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता। व्यक्तिगत स्वच्छता में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाड़ू पोछा करना, स्नान ग्रह और शौचालय को विसंक्रामक पदार्थों के द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई, ये सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है, जो प्रायः नगरपालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर करती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूरी नहीं हो सकती।
स्वच्छता से लाभ - कहा गया है कि स्वच्छता ईश्वर को भी प्रिय है। ईश्वर का कृपा पात्र बनने की दृष्टि से ही नहीं, अपितु अपने मानव-जीवन को सुखी, सुरक्षित और तनाव-मुक्त बनाए रखने के लिए भी स्वच्छता आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है। मलिनता अथवा गंदगी ना केवल आंखों को बुरा लगती है अपितु इसका हमारे स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है। गंदगी रोगों को जन्म देती है, प्रदूषण की जननी है और हमारी असभ्यता की निशानी है। अतः व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने में योगदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
स्वच्छता के उपयुक्त प्रत्याक्ष लाभों के अतिरिक्त इसके कुछ अप्रत्यक्ष और दूरगामी लाभ भी हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से व्यक्ति और शासन दोनों लाभान्वित होते हैं। बीमारियां ना होने से खर्चे में कमी आती है तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर व्यय होने वाले सरकारी खर्च में भी कमी आती है। इस बचत को अन्य सेवाओं में उपयोग किया जा सकता है।
स्वच्छता : हमारा योगदान - स्वच्छता केवल प्रशासनिक उपायों के बलबूते नहीं चल सकती। इसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी परम आवश्यक होती है। हम अनेक प्रकार से स्वेच्छा से स्वच्छता में योगदान कर सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं–
घर का कूड़ा-करकट गली अथवा सड़क पर ना फेंके। उस सफाई कर्मी के आने पर उसकी ठेला या वाहन में ही डालें। कूड़े-कचरे को नालियों में ना बहाएं। इससे नालियां अवरुद्ध हो जाती हैं। गंदा पानी सड़कों पर बहने लगता है।
पॉलीथिन का प्रयोग बिल्कुल ना करें, ये गंदगी बढ़ाने वाली वस्तु तो है ही, पशुओं के लिए भी बहुत घातक है। घरों के शौचालयों की गंदगी नालियों में ना बहाएं। खुले में शौच ना करें तथा बच्चों को नालियों या गलियों में शौच न कराएं।
नगर पालिका के सफाई कर्मियों का सहयोग करें।
उपसंहार - प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी जी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। इसका प्रचार-प्रसार मीडिया के माध्यम से निरंतर किया जा रहा है। अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी, सेलेब्रिटीज (प्रसिद्ध लोग) इसमें भाग ले रहे हैं। जनता को इसमें अपने स्तर पर सहयोग देना चाहिए। इसके साथ गांव में खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। इसके लिए आर्थिक सहायता भी दी जा रही है। इन अभियानों में समाज के प्रत्येक वर्ग को पूरा सहयोग करना चाहिए।
लोगों द्वारा पूछे गए अन्य प्रश्न —
1. स्वच्छ भारत अभियान निबंध को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
स्वच्छ भारत अभियान का अर्थ है स्वच्छ भारत मिशन। यह अभियान भारत के सभी शहरों और कस्बों को स्वच्छ बनाने के लिए तैयार किया गया था। यह अभियान भारत सरकार द्वारा प्रशासित किया गया था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पेश किया गया था।
2. स्वच्छता पर निबंध कैसे लिखें?
स्वच्छता एक अच्छी आदत है जो हम सभी के लिए बहुत जरूरी है। अपने घर, पालतू जानवर, अपने आस-पास, पर्यावरण, तालाब, नदी, स्कूल आदि सहित सबकी सफाई करते हैं। हमें सदैव साफ, स्वच्छ और अच्छे से कपड़े पहनना चाहिए। ये समाज में अच्छे व्यक्तित्व और प्रभाव को बनाने में मदद करता है, क्योंकि ये आपके अच्छे चरित्र को दिखाता है।
3. स्वच्छ भारत अभियान से क्या आशय है?
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा आरंभ किया गया राष्ट्रीय स्तर का अभियान है जिसका उद्देश्य गलियों, सड़कों तथा अधोसंरचना को साफ सुथरा करना और कूड़ा साफ रखना है। यह अभियान 2 अक्टूबर 2014 को आरंभ किया गया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने देश को दासता से मुक्त कराया, परंतु 'स्वच्छ भारत' का उनका सपना पूरा नहीं हुआ।
4. स्वच्छता निष्कर्ष क्या है?
सफाई अगली भक्ति है। स्वच्छ वातावरण हमें स्वस्थ और स्वच्छ रहने में मदद करता है। पर्यावरण को स्वच्छ और स्वस्थ रखना हमारा सबसे पहला कर्तव्य है। स्वच्छ भारत अभियान जैसे अभियानों में भाग लेकर हम ऐसा कर सकते हैं।
5. स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य उद्देश्य क्या है?
स्वच्छ भारत अभियान के निम्न कुछ महत्वपूर्ण उद्देश्य। भारत में खुले में मलत्याग की व्यवस्था का जड़ से उन्मूलन। अस्वास्थ्यकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों में बदलना। हाथों से मल की सफाई करने की व्यवस्था को हटाना।
6. स्वच्छ भारत अभियान का क्या लाभ है?
जागरूकता सृजन और स्वास्थ्य शिक्षा के माध्यम से स्वच्छता सुविधाओं को बढ़ावा मिला। स्वच्छ भारत मिशन के तहत सफाई के प्रति लोगों में जागरूकता फैली। स्वच्छ भारत योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य जीवन स्तर में सुधार होगा।
7. स्वच्छता का हमारे जीवन में क्या महत्व है?
स्वच्छता एक क्रिया है जिससे हमारा शरीर, दिमाग, कपड़े, घर, आसपास और कार्यक्षेत्र साफ और शुद्ध रहते हैं। हमारे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए साफ-सफाई बेहद जरूरी है, अपने आसपास के क्षेत्रों और पर्यावरण की सफाई सामाजिक और बौद्धिक स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।
8. भारत को स्वच्छ बनाने का सपना किसका था?
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ- सफाई, ईश्वर भक्ति के बराबर है और इसलिए उन्होंने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा दी थी और देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था।
9. स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत कैसे हुई?
श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत मिशन की नई दिल्ली, राजपथ पर शुरुआत करते हुए कहा था कि, "एक स्वच्छ भारत के द्वारा ही देश 2019 में महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अपनी सर्वोत्तम श्रद्धांजलि दे सकते हैं"। 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत मिशन देशभर में व्यापक तौर पर राष्ट्रीय आंदोलन के रूप में शुरू किया गया था।
10. स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है?
हर वर्ष 5 मई को विश्व हाथ स्वच्छता दिवस या वर्ल्ड हैंड हाइजीन डे मनाया जाता है।
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