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वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद

वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद 

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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट subhanshclasses.com पर हम आपको इस पोस्ट में हिन्दी वाक्यों का संस्कृत में कैसे अनुवाद करेंगे इसके बारे में विस्तार से जानकारी देगे और बार बार परीक्षाओं में पूछे जाने वाले सभी महत्त्वपूर्ण वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद करके भी बताएंगे इसलिए आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें यदि आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा यदि आपको पोस्ट पसन्द आए तो अपने दोस्तो को भी शेयर करें।

अनुवाद की परिभाषा

एक भाषा को दूसरी भाषा में परिवर्तित करने (भाव में परिवर्तन न हो) को 'अनुवाद' कहते हैं। किसी भी भाषा का संस्कृत भाषा में अनुवाद करने को 'संस्कृत अनुवाद' कहते हैं।


अनुवाद के नियम

संस्कृत भाषा में अनुवाद करते समय निम्नलिखित नियमों को ध्यान में रखा जाना चाहिए-


1.सर्वप्रथम हमें यह देखना है कि जो वाक्य अनुवाद करने के लिए दिया गया है, वह किस काल से सम्बन्धित है।


2.काल का निर्धारण करने के उपरान्त वाक्य में कर्ता की पहचान करनी चाहिए।कर्ता का पता चलने पर देखेंगे कि कर्ता किस पुरुष और किस वचन का है ? 


3.कर्ता जिस वचन और पुरुष का होगा क्रिया भी उसी वचन और पुरुष की लगेगी, अन्य की नहीं।


4.वाक्य में कारकों में लगने वाला चिह्न जिस शब्द के अन्त में है उस शब्द में वही विभक्ति होगी, जिस विभक्ति का वह चिह्न है। साथ ही हमें यह भी ध्यान रखना है कि उपपद विभक्ति से सम्बन्धित कोई शब्द अथवा उपसर्ग तो नहीं है। यदि है तो उपपद विभक्ति का प्रयोग किया जाएगा।


5.वर्तमान काल की क्रिया के साथ 'स्म' का प्रयोग करके भूतकाल में परिवर्तित किया जा सकता है; 

जैसे- श्यामः क्रीडति-श्याम खेलता है। श्याम खेलता था-श्यामः क्रीडति स्म ।


पुरुष संस्कृत में तीन पुरुष होते हैं


(i) प्रथम पुरुष जिसके विषय में कुछ कहा जाए, उसे 'प्रथम पुरुष' कहते हैं। प्रथम पुरुष के कर्ता-सः (वह, संज्ञा शब्द), तौ (वे दोनों), ते (वे सब) 


(ii) मध्यम पुरुष जिससे बात की जाती है, उसे 'मध्यम पुरुष' कहते हैं।

मध्यम पुरुष के कर्ता-त्वम् (तुम), युवाम् (तुम दो), यूयम् (तुम सब )


 (iii) उत्तम पुरुष किसी विषय पर स्वयं कथन करने वाले को उत्तम पुरुष कहते हैं।

उत्तम पुरुष के कर्ता-अहम् (मैं), आवाम् (हम दोनों), वयम् (हम सब )


 वचन संस्कृत में तीन वचन होते हैं


(i) एकवचन जिससे किसी प्राणी, पदार्थ, वस्तु की एक संख्या होने का पता चलता है, उसे 'एकवचन' कहते हैं; जैसे-राम, कुत्ता, किताब आदि।


(ii) द्विवचन जिससे किसी प्राणी, पदार्थ, वस्तु की दो संख्या होने का पता चलता है, उसे 'द्विवचन' कहते हैं; जैसे-दो कलम, दो किताब, दो फूल आदि।


(iii) बहुवचन जिससे किसी प्राणी, पदार्थ या वस्तु की दो से अधिक निश्चित या अनिश्चित संख्या का ज्ञान होता है, उसे 'बहुवचन' कहते हैं; जैसे-चालीस छात्र, चार किताब, पाँच फूल, बच्चे आदि।


 लिंग जिससे पुरुष, स्त्री या निर्जीव वस्तुओं की जानकारी होती है, उसे 'लिंग' कहते हैं।


लिंग के भेद


संस्कृत में लिंग के तीन भेद होते हैं


पुल्लिंग जिस लिंग से पुरुष होने का पता चलता है, उसे 'पुल्लिंग' कहते हैं; जैसे- राम, मोहन, हाथी, कुत्ता, घोड़ा आदि।


स्त्रीलिंग जिस लिंग से स्त्री होने का पता चलता है, उसे स्त्रीलिंग कहते हैं; जैसे- रमा, लता, हथिनी, घोड़ी, गाय आदि।


नपुंसकलिंग जिस लिंग से बेजानदार (निर्जीव) वस्तुओं की जानकारी होती है, उसे 'नपुंसकलिंग' कहते हैं; जैसे-पुस्तक, मेज, फूल, कलम, कुर्सी आदि।


[ महत्त्वपूर्ण वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद ]


वाक्य                                         अनुवाद


आप लोग बोलते हैं।              भवन्तः अपि वदन्ति।


तुम, राम या हरि जाते हैं।     त्वं रामः हरिः वा गच्छन्ति।


लड़कों को पढ़ना चाहिए।      बालकां पठेत


इस समय तुम कहाँ जा रहे हो?   अधुना त्वं कुत्र गच्छसि ?


 बन्दर पेड़ पर चढ़ता है।       वानरः वृक्षोपरि आरोहति।


सीता राम के साथ वन गई।         सीता रामेण सह वनम् अगच्छत्


विद्यार्थी अखबार पढ़ते हैं।          विद्यार्थी: समाचार पत्रं पठन्ति । 


अहं पठनार्थं मेरठ नगरं गमिष्यामि।     मैं पढ़ने के लिए मेरठ जाऊँगा।


वे दोनों कहाँ रहेंगे।            तौ कुत्र वसतः ।


उसे निर्धन को धन देना चाहिए।    तेन निर्धनाय धनं यच्छेत्। 


अस्य आसनोपरि तुष्ठतु।     इस आसन पर बैठ जाइए।


मैं पवित्र जल से स्नान करता हूँ।     अहं पवित्र जले स्नानं करोमि। 


सीता राम के साथ वन गई।          सीता रामेण सह वनम् गतवती ।


वह आँख से काना है।         सः अक्ष्णा कोणः अस्ति।


पार्वती का मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है।  पार्वत्या मुखं चन्द्र सदृशः सुन्दरं अस्ति ।


प्रश्न 1.शिष्य गुरु को प्रणाम करता है।

अनुवाद – शिष्यः गुरुं प्रणमति ।


प्रश्न 2.कृष्ण वसुदेव के पुत्र थे।

अनुवाद – कृष्णः वसुदेवस्य सुतः आसीत् ।


प्रश्न 3.गाँव के दोनों तरफ बगीचा है।

अनुवाद – ग्रामं अभितः उद्यानम् अस्ति ।


प्रश्न 4.माता और पिता जाते हैं।

अनुवाद – माता पिता च गच्छतः ।


प्रश्न 5.तुम सब गेंद खेल रहे हो ।

अनुवाद – यूयम् कन्दुकेन क्रीडत


प्रश्न 6.बालिका भोजन खाएगी।

अनुवाद – बालिका भोजनम् खादिष्यति। 


प्रश्न 7.राम लक्ष्मण च वनं अगच्छताम्।

अनुवाद – राम लक्ष्मण वन गए।


प्रश्न 8.तुम्हें पढ़ना चाहिए।

अनुवाद – त्वया पठितव्यम्।


प्रश्र 9.सब सुखी हों।

अनुवाद – सर्वे भवन्तु सुखिनः।


प्रश्न 10.तुम सब सत्य बोलोगे।

अनुवाद – यूयम् सत्यं वदिष्यथ ।


प्रश्न 11.तू कार्य करेगा।

अनुवाद – त्वं कार्यं करिष्यसि।


प्रश्न 12.लोग नेता से प्रश्न पूछते हैं।

उत्तर – जनाः नेतारं प्रश्नं पृच्छति। 


प्रश्न 13.वृक्ष परोपकार के लिए फलते हैं।

उत्तर – वृक्षाः परोपकाराय फलन्ति।


प्रश्न 14.पेड़ से पत्ते गिरते हैं।

अनुवाद – वृक्षात् पत्राणि पतन्ति ।


प्रश्न 15.पक्षी वृक्ष पर कूँजते हैं।

अनुवाद – खगाः वृक्षोपरि कूजन्ति।


प्रश्न 16.तुम लोग बोलते हो।

उत्तर – भवन्तः वदन्तु।


प्रश्न 17.मैं भोजन खाऊँगा।

उत्तर – अहं भोजनं खादिष्यामि।


प्रश्न 18.गीता को पढ़ना चाहिए।

उत्तर – गीतां पठितव्यम्।


प्रश्न 19.रामः गृहं अगच्छत्।

अनुवाद – राम घर गया।


प्रश्न 20.पिता पुत्र के साथ बाजार जाए।

उत्तर – पिता पुत्रेण सह अपणं गच्छेत्।


प्रश्न 21.गुरवे नमः।

अनुवाद – गुरु को नमस्कार है।


प्रश्न 22.तुम लोगों को पढ़ना चाहिए।

अनुवाद – यूयम् पठितव्यम् ।


प्रश्न 23.यह फल सुन्दर है।

अनुवाद – इदं सुन्दर फलम् अस्ति।


प्रश्न 24.गोपाल पुस्तक घर ले जाता है।

अनुवाद – गोपालः पुस्तकं गृहं नयति।


प्रश्न 25.सड़क के दोनों ओर पेड़ हैं।

उत्तर – राजमार्गम् अभितः वृक्षाः सन्ति।


प्रश्न 26.श्रम के बिना विद्या नहीं आती।

अनुवाद – श्रमेण बिना विद्या न लभ्यते।


प्रश्न 27.मैं कल विद्यालय गया।

अनुवाद – हा: अहं विद्यालय अगच्छमा


प्रश्न 28.गोविन्द पलंग पर सोता है।

अनुवाद – गाविन्दः पर्यङ्के स्वापिती।


प्रश्न 29.सीता राम के पीछे चलती है।

अनुवाद – सीता रामम् अनुगच्छति।


प्रश्न 30.यह किसान धनहीन है।

अनुवाद – अयं धनहीनः कृषकः अस्ति।


प्रश्न 31.राजा ब्राह्मण को गाय देता है।

अनुवाद – राजा विप्राय गां ददाति।


प्रश्न 32.अध्यापक छात्रों से स्नेह करता है।

अनुवाद – अध्यापकः छात्रेषु स्निह्यति ।


प्रश्न 33.साँप नेवले से डरता है।

अनुवाद – सर्पः नकुलात् भीतः अस्ति।


प्रश्न 34.दो लड़के बाजार जाते हैं।

अनुवाद – द्वौ बालकौ आपणं गच्छतः ।


प्रश्न 35.गणेश आज हसेगा।

अनुवाद – गणेशः अद्य हसिष्यति।


प्रश्न 36.छात्र को वहाँ पढ़ना चाहिए।

अनुवाद – छात्र तत्रं पठितव्यम्।


प्रश्न 37.लंका के चारों ओर समुद्र है।

अनुवाद – लाम् परितः सागरः अस्ति।


प्रश्न 38.पुत्र पिता को मस्तक से नमस्कार करता है।

अनुवाद – पुत्रः पितरम् मस्तकेन नमस्करोति ।


प्रश्न 39.मुझे लड्डू अच्छे लगते हैं।

अनुवाद – मया मोदकं रोचते।


प्रश्न 40.हम सब जाते हैं।

अनुवाद – वयं गच्छामः ।


प्रश्न 41.तुम सब सत्य बोलोगे।

उत्तर – यूयं सत्यं वदिष्यथः ।


प्रश्न 42.गुरु शिष्यों को शिक्षा देता है।

अनुवाद – गुरुः शिष्यान् शिक्षायाः ददाति।


प्रश्न 43.सत्य से प्रमाद मत कर।

अनुवाद – सत्यात् न प्रमदितव्यम् ।


प्रश्न 44.हम सौ वर्षों तक जीवित रहें।

अनुवाद – वयं शतं जीवेम्।


प्रश्न 45.ऋषि लोग आश्रम में रहते हैं।

अनुवाद – ऋषयः आश्रमे निवसन्ति।


प्रश्न 46.राम, कृष्ण और मोहन लिखते हैं।

अनुवाद – राम, कृष्ण, मोहन च लिखन्ति ।


प्रश्न 47.दो लड़कियाँ हँसती हैं।

अनुवाद – द्वे बालिके हसतः।


प्रश्न 48.तुम विद्यालय कब जाओगे।

अनुवाद – त्वं कदा विद्यालयं गच्छसि ?


प्रश्न 49.वह छात्र चला गया।

अनुवाद – सः छात्रः अगच्छत्


प्रश्न 50.वृक्ष से फल गिरते हैं।

अनुवाद – वृक्षात् फलानि पतन्ति।


प्रश्न 51.दशरथ अयोध्या के राजा थे।

अनुवाद – दशरथ: अयोध्यायाः राजा आसीत्।


प्रश्न 52.राम ने रावण को बाण से मारा।

अनुवाद – रामः रावणं बाणेन हन्ति


प्रश्न 53.राधा कृष्ण को देखती है।

उत्तर – राधा कृष्ण पश्यति।


प्रश्न 54.संसार में सज्जन कम हैं।

अनुवाद – संसारे सज्जनाः न्यूनाः सन्ति।


प्रश्न 55.विद्यालय के चारों ओर खेत हैं।

अनुवाद – विद्यालयं परितः क्षेत्राणि सन्ति ।


प्रश्न 56.मुनि वन में रहते हैं।

अनुवाद – मुनयः वने निवसन्ति।


प्रश्न 57.विद्या अभ्यास से बढ़ती है।

अनुवाद – विद्या अभ्यासेन वर्धते।


प्रश्न 58.हिरन वन में दौड़ते हैं।

अनुवाद – मृगाः बने धावन्ति।


प्रश्न 59.प्रातः भ्रमण करना चाहिए।

अनुवाद – प्रातःकाले भ्रमणीयमा


प्रश्न 60.शहर के दोनों ओर पानी है।

अनुवाद – नगरम् उभयतः जलम् अस्ति


प्रश्न 61.गुरु के पास शिष्य बैठा है।

अनुवाद – गुरोः समीपम् शिष्यः उपविशत्।


प्रश्न 62.लोक धन के लिए श्रम करते हैं।

अनुवाद – जनाः धनाय श्रमं कुर्वन्ति 


प्रश्न 63.मैं गाँव में रहता हूँ।

अनुवाद – अहं ग्रामे निवसामि ।


प्रश्न 64.हम सब पढ़ते हैं।

अनुवाद – वयं पठामः


प्रश्न 65.तुम सब सत्य बोलोगे

अनुवाद – यूयम् सत्यं वदिष्यथा


प्रश्न 66.लोग नेता से प्रश्न पूछते हैं।

अनुवाद – जनाः नेतारं प्रश्नं पृच्छन्ति।


प्रश्न 67.वृक्ष परोपकार के लिए फलते हैं।

अनुवाद – वृक्षा: परोपकाराय फलन्त


प्रश्न 68.ये सब नगर से आएँ।

अनुवाद – ते नगरात् आगच्छन्।


प्रश्न 69.पक्षी वृक्ष पर कूजते हैं।

अनुवाद – खगाः वृक्षास्योपरि कूजन्ति ।


प्रश्न 70.भिक्षुक दाता से रुपये माँगता है।

अनुवाद – भिक्षुकः दातॄण रुप्यकाणि याचते।


प्रश्न 71.हम सब सत्य बोलेंगे।

अनुवाद – वयं सत्यं वदिष्यामः।


प्रश्न 72.हमें पाठ पढ़ना चाहिए।

अनुवाद – वयं पातं पठितव्यम्


प्रश्न 73.उसने कानों से गीत सुना।

अनुवाद – तेन कर्णेभ्यः गीतं अश्रुणुः।


प्रश्न 74.चलो, चलो पुस्तक पढ़ो

अनुवाद – एहि, एहि पुस्तकं पठा


प्रश्न 75.राम विद्यालय से निकल जाए।

अनुवाद – रामः विद्यालयात् निर्गच्छ ।


प्रश्न 76.तुम घर जाने में समर्थ हो।

अनुवाद – त्वं गृहं गन्तुं समर्थोऽसि ।


प्रश्न 77.दो बालिकाएँ पढ़ती हैं।

अनुवाद – द्वे बालिके पठतः ।


प्रश्न 78.नारायण मुनि अकेले जंगल जाएगा।

अनुवाद – नारायण मुनि एकाकी वनं गमिष्यति ।


प्रश्न 79.माता चावल से भात पकाती है।

अनुवाद – माता तण्डुलान् ओदनं भुञ्जते।


प्रश्न 80.बालक विद्यालय से निकल जाएँ।

अनुवाद – बालकाः विद्यालयात निर्गच्छत्।


प्रश्न 81.सत्य से प्रमाद मत करो।

अनुवाद – सत्यात् न प्रमदितव्यम्।


प्रश्न 82.हम लोग आज नहीं पढ़ेंगे।

अनुवाद – वयं अद्य न पठामः ।


प्रश्न 83.जहाँ तुम चाहते हो यहाँ जाओ।

अनुवाद – यत्र त्वं रुचिकरं तत्र गच्छ।


प्रश्न 84.सीता का मुख चन्द्रमा के समान सुन्दर है।

अनुवाद – सीतया मुखं चन्द्रमिव सुन्दर अस्ति।


प्रश्न 85.चार बालिका चार पुष्प लाती हैं।

अनुवाद – चतस बालिकाः चत्वारि पुष्पाणि आनयति । 


प्रश्न 86.छात्र अध्यापक से गणित पढ़ते हैं।

अनुवाद – छात्रा: अध्यापकेन गणित पठ्यन्ते


प्रश्न 87.ये सब बालिकाएँ पढ़ती हैं।

अनुवाद – ताः बालिकाः पठन्ति


प्रश्न 88.माता चावल से भात पकाती है।

अनुवाद – मातः तण्डुलान् ओदनं भुञ्जते।


प्रश्न 89.मैं पिता के साथ नगर जाता हूँ।

अनुवाद – अहं जनकेन सह नगरम् गच्छामि।


प्रश्न 90.गुरुः शिष्यां शिक्षायाः ददाति।

अनुवाद – गुरु शिष्यों को शिक्षा देता है।


प्रश्न 91.सत्य से प्रमाद मत कर।

अनुवाद – सत्येन प्रमादः अलम् ।


प्रश्न 92.विद्या सुशीला के साथ विद्यालय जाएगी।

अनुवाद – विद्याः सह सुशीलाः विद्यालयं गमिष्यति।


प्रश्न 93.गुरु शिष्यों को उपदेश देंगे।

अनुवाद – गुरुः शिष्यान् उपदेश ददति ।


प्रश्न 94.सीता और लक्ष्मण राम के साथ वन गए।

अनुवाद – सीता, लक्ष्मणः च रामेण सह वन् अगच्छत्।


प्रश्न 95.राम और मोहन जाते हैं।

अनुवाद – रामः मोहनश्च गच्छतः ।


प्रश्न 96.तुम सब वहाँ पुस्तक पढ़ो।

अनुवाद – यूयम् तत्र पुस्तकं पठत।


प्रश्न 97.उसे जाना चाहिए।

अनुवाद – सः गच्छेत्।


प्रश्न 98.वे दोनों मृग दौड़े।

अनुवाद – तौ मृगौ धावतः ।


प्रश्न 99.हम लोगों ने सिनेमा देखा।

अनुवाद – वयं चलचित्रम् अपश्यत्।


प्रश्न 100.वह गाय से दूध दुहता है।

अनुवाद – सः गां दोग्धि पयः ।


प्रश्न 101.तुम सब पढ़ते हो।

अनुवाद – यूयं पठथ।


प्रश्न 102.हाथी सूँड से पानी पीता है।

अनुवाद – गजः करेण जलं पिबति ।


प्रश्न 103.राम पाँच वर्ष तक पढ़ता है।

अनुवाद – रामः पञ्चवर्षाणिपर्यन्तं पठति।


प्रश्न 104.मेघ बरसने के लिए गरजते हैं।

अनुवाद – मेघाः वर्षयितुं गर्जन्ति ।


प्रश्न 105.वह गुरु से विद्या पढ़ता है।

अनुवाद – सः गुरुणा विद्या पठति।


प्रश्न 106.मोहन किस प्रयोजन से यहाँ रहता है।

अनुवाद – मोहनः केन प्रयोजनेन अत्र निवसति ?


प्रश्न 107.ग्रीष्म ऋतु में धूप तेज होती है।

अनुवाद – ग्रीष्मर्तौ तापः तीव्रः भवति।

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