Up board final year exam paper 2022 class 9th Hindi paper full solutions
up board final year question paper 2022 class 9th Hindi full solutions
वार्षिक परीक्षा
कक्षा - 9
विषय हिन्दी (केवल प्रश्न पत्र)
समय - 3 घण्टे 15 मिनट
पूर्णांक-70
नोट :- (1) प्रारम्भ के 15 मिनट परीक्षार्थियों को प्रश्न पढ़ने के लिये निर्धारित
(2) प्रश्न पत्र दो खण्डों में विभाजित है,
खण्ड (अ) एवं खण्ड (ब)
(3) खण्ड (अ) में 20 अंक के बहुविकल्पीय प्रश्न दिये गये है।
(4) खण्ड (ब) में 50 अंक के वर्णनात्मक प्रश्न प्रश्न दिये गये है। प्रत्येक प्रश्न के सम्मुख निर्धारित अंक अंकित हैं।
(बहुविकल्पीय प्रश्न)
खण्ड - (अ)
20 अंक
प्रश्न 1. 'परीक्षा गुरू' उपन्यास के लेखक है
(अ) लाल श्रीनिवास दास। (ब) लल्लू लाल
स) शिव सिंह सेंगर (द) वृन्दावन लाल वर्मा
प्रश्न 2 निम्न में से कौन सा भारतेन्दु द्वारा लिखा नाटक है
(अ) भारत-दूर्दशा। (ब) सत्य हरिश्चन्द्र
स) चन्द्रावली (द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 3 अध्यापक पूर्ण सिंह किस युग के निबन्धकार हैं
अ) शुक्ल युग
ब) द्विवेदी युग
स) शुक्लोत्तर युग
द) आधुनिक युग
प्रश्न 4. निम्न में से कौन सा भक्ति कालीन कवि है
अ) सूरदास (स) मीराबाई
ब) तुलसीदास। (द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न-5. 'बात' निबन्ध के लेखक हैं
अ) प्रताप नारायण मिश्र
ब) रामचन्द्र शुक्ल
स) श्याम सुन्दर दास
द) हजारी प्रसाद द्विवेदी
प्रश्न 6. बाणभट्ट की आत्मकथा' उपन्यास के लेखक हैं
अ) महावीर प्रसाद द्विवेदी
ब) हजारी प्रसाद द्विवेदी
(स) प्रेमचन्द्र
द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 7. 'आधुनिक मीरा' के नाम से किसे जाना जाता है
अ) सुभद्रा कुमारी चौहान
ब) महादेवी वर्मा
स) मैत्रेयी पुष्पा
द) प्रभा खेतान
प्रश्न 8. 'ठेले पर हिमालय' किस विधा की रचना है
अ) यात्रा-वत्त
ब) कहानी
स) एकांकी
द) निबन्ध
प्रश्न 9. मीरा ने संसार की तुलना किससे की है ?
अ) चौसर खेल से
ब) सेमल के फूल से
स) गुलाब के फूल से
द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 10. भारतेन्दु युग के प्रवर्तक थे
अ) भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
स) आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
द) इनमें से कोई नहीं
ब) महावीर प्रसाद द्विवेदी
प्रश्न 11. छायावादी युग के प्रवर्तक माने जाते हैं
(अ) जयशंकर प्रसाद ब) मैथलीशरण गुप्त
स) भारतेन्दु हरीश्चन्द्र। द) महादेवी वर्मा
प्रश्न 12. रामः वीर्ये केन सदृशः आसीत्
अ) समुद्र इव
ब) आकाश इव
स) पृथ्वी इव
द) एतेषु न कश्चिदपि
प्रश्न 13. रामदासः कुत्र निवसति ?
अ) नारायणपुरे
ब) गोबिन्दपुरे
स) रामपुरे
द) कृष्णपुरे
प्रश्न 14 कीदृशो मार्गः सर्वोत्तमः भवति?
अ) कुमार्गः
ब) सुमार्ग:
स) सतां मार्गः
द) एतेषु न कश्चिदपि
प्रश्न 15. रस के कितने अंग होते हैं
अ) चार
ब) पाँच
स) छः
द) सात
प्रश्न 16. चौपाई में कितनी मांत्राएँ होती है
अ) 14
ब)16
स) 17
द) 18
प्रश्न 17. जहाँ पर एक ही शब्द की अनेक बार भिन्न अर्थों में आवृत्ति हो वहाँ कौन सा अलंकार होता है
अ) अनुप्रास
स) श्लेश
स यमक
द) उत्प्रेक्षा
प्रश्न 18. सूर्य का पर्यायवाची है
अ) प्रभाकर
ब) सोम
स) रजनीचर
द) इनमें से कोई नहीं
प्रश्न 19. 'अपना उल्लू सीधा करना' का अर्थ है
अ) अपना काम बिगाड़ना (ब)अपना काम बनाना
स) दूसरों का काम बनाना (द) उपर्युक्त सभी
प्रश्न 20. 'हरये' शब्द में कौन सी विभक्ति एवं वचन है
अ) द्वितीया विभक्ति एकवचन
स) चतुर्थी विभक्ति एकवचन
ब) तृतीया विभक्ति एकवचन
द) पंचमी विभक्ति एकवचन
खण्ड - (ब) 50 अंक
प्रश्न, 21 निम्नलिखित गद्यांशों में से किसी एक के नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर लिखिए।6
(क) किसी लकीर को मिटाये बिना छोटी बना देने का उपाय है। बड़ी लकीर खींच देना। क्षुद्र अहमिकाओं और अर्थहीन संकीर्णताओं की क्षुद्रता सिद्ध करने के लिए तर्क और शास्त्रार्थ का मार्ग कदाचित ठीक नहीं है। सही उपाय है बड़े सत्य को प्रत्यक्ष कर देना। गुरू नानक ने यहीं किया। उन्होंने जनता को बड़े से बड़े सत्य के सम्मुखीन कर दिया। हजारों दिये उस महा ज्याति के सामने स्वयं फीके पड़ गये।
1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
2. रेखांकित वाक्य की व्याख्या कीजिए।
3. हजारों दिये किसके सामने फीके पड़ गये?
अथवा
(ख) साँप से फुंफकार करवा लेना मै उस समय बड़ा काम समझता था। इस लिए जैसे ही हम दोनों उस कुएं की ओर से निकले। कुएं में ढेला फेंककर फुंफकार सुनने की प्रवृत्ति जाग्रत हो गयी। मैं कुएं की ओर बढ़ा। छोटा भाई मेरे पीछे हो लिया, जैसे बड़े मृग शावक के पीछे छोटा मृग शावक हो लेता है। कुएं के किनारे से एक ढेला उठाया और उछलकर एक हाथ से टोपी उतारते हुए साँप पर ढेला गिरा दिया पर मुझ पर तो बिजली सी गिर पड़ी।
1. उपर्युक्त गद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए।
2. रेखांकित वाक्य की व्याख्या कीजिए।
3. लेखक को कब लगा कि उस पर बिजली सी गिर पड़ी
'प्रश्न 22. निम्नलिखित पद्यांश में से किसी एक की संदर्भ सहित व्याख्या लिखिए तथा काव्य सौन्दर्य भी लिखिए।
(क) अंवड़ियाँ झाई पड़ी, पंथ निहारि-निहारि। जीभड़ियाँ छाला पइयां, राम पुकारि-पकारि ।। झूठे सुख को सुख कहे, मानत है मन मोद। जगत चबैना काल का, कुछ मुख में कछु गोद ।।
अथवा
(ख) प्रभु जी तुम चन्दन हम पानी। जाकी अंक- अंग बास समानी।। प्रभु जी तुम धन बन हम मोरा। जैसे चितवत चंद चकोरा ।। प्रभु जी तुम दीपक हम बाती। जाकि जोति बरै दिन राती।। प्रभु जी तुम मोती हम धागा। जैसे सोनहि मिलत सुहागा ।। प्रभु जी तुम स्वामी हम दासा। ऐसी भक्ति करे रैदासा ।।
प्रश्न 23. निम्नलिखित का सन्दर्भ सहित हिन्दी में अनुवाद कीजिए।
4
(क) विपन्नः धर्मदासः सम्पत्तिम् अभिलषन् वर्षम् एकं यथोवत्तम अनुष्ठानम् अकरोत् । नित्यं प्रातः जागरणेन तथ्य स्वास्थ्यम् अवर्धत् । तेन नियमेन पोषिताः वशवः स्वस्थाः सबलाः च जाताः गावः महिष्यः च प्रचुरं दुग्धम् अयच्छन्। तदानी तस्य कर्मकराः अपि कृषिकार्ये सन्नद्धाः अभवन् । अतः तस्मिन वर्षे तस्य क्षेत्रेषु प्रभूतम् अन्नम् उत्पन्नम, गृहं च धनधान्यपूर्ण जातम् ।
अथवा
(ख) वरमेको गुणी पुत्रों न च मूर्खशतैरपि ।
एकश्चन्द्रस्तमों हन्ति न च तारागणैरपि।।
प्रश्न 24. 'नये मेहमान' एकांकी के आधार पर प्रमुख पात्र का चरित्र-चित्रण लक्ष्मी का स्वागत' एकांकी का संक्षिप्त सारांश लिखिए
अथवा
प्रश्न 25, (क) निम्नलिखित लेखकों में से किसी एक का जीवन परिचय दीजिए एवं कृतियाँ लिखिए।
1. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
2.महादेवी वर्मा
जीवन परिचय- हिंदी साहित्य में आधुनिक मीरा के नाम से प्रसिद्ध कवियित्री एवं लेखिका महादेवी वर्मा का जन्म वर्ष 1907 में उत्तर प्रदेश के फर्रूखाबाद शहर में हुआ था। इनके पिता गोविंदसहाय वर्मा भागलपुर के एक कॉलेज में प्रधानाचार्य थे। माता हेमरानी साधारण कवयित्री थीं एवं श्री कृष्ण में अटूट श्रद्धा रखती थीं। इनके नाना जी को भी ब्रज भाषा में कविता करने की रुचि थी। नाना एवं माता के गुणों का महादेवी पर गहरा प्रभाव पड़ा। इनकी प्रारंभिक शिक्षा इंदौर में और उच्च शिक्षा प्रयाग में हुई थी। नौ वर्ष की अल्पायु में ही इनका विवाह स्वरूप नारायण वर्मा से हुआ, किंतु इन्हीं दिनों इनकी माता का स्वर्गवास हो गया, ऐसी विकट स्थिति में भी इन्होंने अपना अध्ययन जारी रखा।
अत्यधिक परिश्रम के फल स्वरुप इन्होंने मैट्रिक से लेकर एम.ए. तक की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण की। वर्ष 1933 में इन्होंने प्रयाग महिला विद्यापीठ में प्रधानाचार्या पद को सुशोभित किया। इन्होंने लड़कियों की शिक्षा के लिए काफी प्रयास किया साथ ही नारी की स्वतंत्रता के लिए ये सदैव संघर्ष करती रही। इनके जीवन पर महात्मा गांधी का तथा कला साहित्य साधना पर रविंद्र नाथ टैगोर का प्रभाव पड़ा।
रचनाएं- महादेवी जी ने पद्य एवं गद्य दोनों ही विधाओं पर समान अधिकार से अपनी लेखनी चलाई। इनकी कृतियां निम्नलिखित हैं-
1.नीहार- यह महादेवी जी का प्रथम काव्य संग्रह है। उनके इस काव्य में 47 भावात्मक गीत संकलित हैं और वेदना का स्वर मुखर हुआ है।
2. रश्मि- इस काव्य संग्रह में आत्मा-परमात्मा के मधुर संबंधों पर आधारित 35 कविताएं संकलित हैं।
3.नीरजा- इस संकलन में 58 गीत संकलित है, जिनमें से अधिकांश विरह-वेदना से परिपूर्ण है। कुछ गीतों में प्रकृति का मनोरम चित्र अंकित किया गया है।
4.सान्ध्य गीत- 58 गीतों के इस संग्रह में परमात्मा से मिलन का चित्रण किया गया है।
5. दीपशिखा- इसमें रहस्य-भावना प्रधान 51 गीतों को संग्रहित किया गया है।
6. अन्य रचनाएं- अतीत के चलचित्र, स्मृति की रेखाएं, श्रृंखला की कड़ियां, पथ के साथी, क्षणदा, साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध, संकल्पिता, मेरा-परिवार, चिंतन के क्षण आदि प्रसिद्ध गद्य रचनाएं हैं, इनके अतिरिक्त-सप्तवर्णा, सन्धिनी, आधुनिक कवि नामक गीतों के समूह प्रकाशित हो चुके हैं।
3. धर्मवीर भारती
((ख) निम्नलिखित कवियों में से किसी एक कवि का जीवन परिचय लिखिए एवं उनकी कृतियों का नाम लिखिए।
1. मैथिलीशरण गुप्त
जीवन-परिचय
राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त का जन्म झाँसी जिले के चिरगाँव नामक स्थान पर 1886 ई. में हुआ था। इनके पिताजी का नाम सेठ रामचरण गुप्त और माता का नाम काशीबाई था। इनके पिता को हिन्दी साहित्य से विशेष प्रेम था, गुप्त जी पर अपने पिता का पूर्ण प्रभाव पड़ा। इनकी प्राथमिक शिक्षा चिरगाँव तथा माध्यमिक शिक्षा मैकडोनल हाईस्कूल (झाँसी) से हुई। घर पर ही अंग्रेजी, बांग्ला, संस्कृत एवं हिन्दी का अध्ययन करने वाले गुप्त जी की प्रारम्भिक रचनाएँ कलकत्ता से प्रकाशित होने वाले 'वैश्योपकारक' नामक पत्र में छपती थीं। आचार्य महावीरप्रसाद द्विवेदी जी के सम्पर्क में आने पर उनके आदेश, उपदेश एवं स्नेहमय परामर्श से इनके काव्य में पर्याप्त निखार आया। भारत सरकार ने इन्हें 'पद्मभूषण' से सम्मानित किया। 12 दिसम्बर, 1964 को माँ भारती का यह सच्चा सपूत सदा के लिए पंचतत्त्व में विलीन हो गया।
कृतियाँ (रचनाएँ)
गुप्त जी के लगभग 40 मौलिक काव्य ग्रन्थों में भारत-भारती (1912), रंग में भंग (1909), जयद्रथ वध, पंचवटी, झंकार, साकेत, यशोधरा, द्वापर, जय भारत, विष्णु प्रिया आदि उल्लेखनीय हैं।
भारत-भारती ने हिन्दी भाषियों में जाति और देश के प्रति गर्व और गौरव की भावना जगाई। 'रामचरितमानस' के पश्चात् हिन्दी में राम काव्य का दूसरा प्रसिद्ध उदाहरण 'साकेत' है। 'यशोधरा' और 'साकेत' मैथिलीशरण गुप्त ने दो नारी प्रधान काव्यों की रचना की।
2. रहीम
3. सोहनलाल द्विवेदी
प्रश्न - 26. (क) अपनी पाठ्य पुस्तक के आधार पर कण्ठस्थ किया हुआ श्लोक लिखिए जो इस प्रश्न-पत्र पर न आया हो ।
12
27. ) क) चौपाई' अथवा दोहा के लक्षण उदाहरण सहित लिखिए।
दोहा
यह दो पंक्ति का होता है इसमें चार चरण माने जाते हैं | इसके विषम चरणों (प्रथम तथा तृतीय) में 13-13मात्राएँ और सम चरणों (द्वितीय तथा चतुर्थ) में 11-11 मात्राएँ होती हैं। ... 'बड़ा हुआ तो' पंक्ति का आरम्भ ज-गण स|क लघु मात्रा का होना आवश्यक होता है अर्थात् अन्त में लघु होता है।
उदाहरण- बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर ।
(ख) 'वीर' अथवा 'श्रंगार रस' की परिभाषा उदाहरण सहित लिखिए।2
वीर रस जब किसी रचना या वाक्य आदि से वीरता जैसे स्थायी भाव की उत्पत्ति होती है, तो उसे वीर रस कहा जाता है।
उदाहरण
बुन्देलों हरबोलो के मुह हमने सुनी कहानी थी। खूब लड़ी मरदानी वह तो झाँसी वाली रानी थी॥
(ग) 'यमक' अथवा 'श्लेष' अलंकार की परिभाषा सोदाहरण लिखिए। 2
यमक अलंकार की परिभाषा
यमक अलंकार: जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है। यानी जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे।
उदाहरण
कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पाए बौराय।।
प्रश्न 28. (क) निम्नलिखित में से किन्हीं दो वाक्यों का संस्कृत में अनुवाद कीजिए। 4
(ब) सीता भोजन पकाती है।
सीता: भोजनः पचति।
(अ) मोहन गेंद खेलता है।
मोहनः कन्दुकाय क्रीडति ।
(स) वे सब कल दिल्ली जायेंगे।
(द) राम घर जाता है।
(ख) निम्नलिखित में से किसी धातु, लकार, पुरुष तथा वचन का उल्लेख कीजिए।
(अ) अकरोत् (ब) भवसि
(स) गच्छेत् (घ) करोमिं
प्रश्न 29. अपने प्रधानाचार्य जी को दो दिन के अवकाश हेतु एक प्रार्थना पत्र लिखिए।
सेवा में,
श्रीमान प्राचार्य महोदय,
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय,
सिविल लाइंस, प्रयागराज
(आपको अपने विद्यालय का नाम और पता डालना है)
विषय- दो दिन के लिए स्कूल से छुट्टी हेतु।
सविनय निवेदन यह है कि मैं आपके स्कूल में कक्षा ( अपनी कक्षा संख्या )का / की छात्र/छात्रा(दोनो में से एक ही लिखना है) हूं मैं कल रात्रि से ज्वर (बुखार) से पीड़ित हूं. (आप जिस कारण से अवकाश लेना चाहते हैं वो लिखना है) चिकित्सक ने उपचार के साथ साथ दो दिन के पूर्ण विश्राम के लिए कहा है इसलिए मैं विद्यालय में उपस्थित होने में असमर्थ हूं.
अतः आप मुझे मुझे दिनांक____से____ (आप जिस दिन से जब तक की छुट्टी चाहते है वो डेट डालनी है) तक तीन दिन का अवकाश प्रदान करें. आपकी अति कृपा होगी।
सधन्यवाद
आपका आज्ञाकारी
शिष्य/शिष्या
(दोनों में एक ही लिखे)
नाम-
पिता का नाम –
कक्षा-
दिनांक-
अथवा
क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी को पुत्री के विवाह हेतु चीनी का परमिट जारी करने के लिए प्रार्थना पत्र का प्रारूप प्रस्तुत कीजिए।
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