up board class 10 science half yearly exam paper full solutions 2022-23
class 10 science up board half yearly paper full solutions 2022-23
कक्षा 10वी विज्ञान अर्द्ध वार्षिक परीक्षा पेपर का सम्पूर्ण हल 2022
नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट subhansh classes.com पर यदि आप गूगल पर up board half yearly exam paper 2022-23 सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आ गए हैं हम आपको अपनी इस पोस्ट में कक्षा 10वी विज्ञान के पेपर का सम्पूर्ण हल बताएंगे तो आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें और अपने दोस्तो को शेयर करें यदि आप कुछ पुछना चाहते हैं तो आप हमारे youtube chennal पर subhansh classes पर कॉमेंट करके ज़रूर बताईए
अर्द्ध वार्षिक परीक्षा
कक्षा 10
विषय - विज्ञान (केवल प्रश्न-पत्र)
समय -3 घण्टा 30 मिनट पूर्णांक- 70
निर्देश :- (1) सभी प्रश्नों को निर्देशानुसार हल कीजिए। (2) सभी प्रश्नों के निर्धारित अंक उनके सम्मुख निर्दिष्ट है।
(खण्ड-अ)
नोट- निम्न प्रश्नों के सही विकल्प चुनकर भरे।
प्रश्न 1. श्याम-श्वेत फोटोग्राफी में प्रयुक्त होता है
(अ) AgCl
(ब) Pb(NO₃)
(स)FeSO₄
(द)CaCO₃
उत्तर –(अ) AgCl
प्रश्न 2. शुद्ध जल का Ph मान है-
(अ) 0
(ब) 1
(स)7
(द)14
उत्तर (स)7
प्रश्न 3. एथिलीन क्षारीय KMnO₄ से अभिक्रिया करके उत्पन्न करती है
(अ) ऐसिटिलीन
(ब) एथेन
(स) ग्लाइकॉन
(द) एथिल ऐल्कोहॉल
उत्तर – (स) ग्लाइकॉन
प्रश्न 4. एथिल ऐल्कोहॉल का आई० यू० पी० ए० सी० नाम है
(अ) एथेनॉल
(ब) मेथेनॉल
(स)ऐसीटिक अम्ल
(द) एथेनोइक अम्ल
उत्तर –(अ) एथेनॉल
प्रश्न 5. आधुनिक आर्वत नियम प्रतिपादित करने वाले वैज्ञानिक है
(अ) प्राउट
(ब) धूलैण्ड
(स) मेण्डलीफ
(द) मोजले
उत्तर –(द) मोजले
प्रश्न 6. ऊर्जा की मुद्रा है
(अ)DNA
(ब) RNA
(स) ATP
(द) क्लोरोफिल
उत्तर (स) ATP
7. मनुष्य में दुग्ध ग्रन्थियाँ किसकी रूपान्तिरित रचना है
(अ) त्वचीय ग्रन्थियाँ
(ब) स्वेद ग्रन्थियों
(स) लार ग्रन्थियाँ
(द)जठर ग्रन्थियाँ
उत्तर –(ब) स्वेद ग्रन्थियों
8. जाइगोट में गुणसूत्रों की संख्या होती है
(अ) 4x
(ब) 3x
(स) 2x
(द) x
उत्तर –(स) 2x
प्रश्न 9. टी० एच० मोर्गन ने आनुवंशिक प्रयोग किस पर किया
(अ) घरेलू मक्खी
(ब) वालू मक्खी
(स) फल मक्खी
(द) सी.सी. मक्खी
उत्तर –(स) फल मक्खी
प्रश्न 10. शुक्राणु में ऑटोसोम गुणसूत्रों की संख्या होती है
(अ)22
(ब) 24
(स) 42
(द) 44
उत्तर –(अ)22
प्रश्न 11. विज्ञान की वह शाखा जिसमें जीवाश्मों का अध्ययन होता है, कहलाती है
(अ) इकोलॉजी
(ब) वायोलॉजी
(स)इथोलॉजी
(द) पैलिआन्होलॉजी
उत्तर –(द) पैलिआन्होलॉजी
प्रश्न 12. निम्न में से कौन-सा पदार्थ लेन्स बनाने के लिए प्रयुक्त नहीं किया जा सकता है-
(अ) जल
(ब) काँच
(स) प्लास्टिक
(द) मिट्टी
उत्तर –(द) मिट्टी
प्रश्न 13. समतल दर्पण की फोकस दूरी होती है
(अ) शून्य
(ब) अनन्त
(स) 25 सेमी
(द) -25 सेमी
उत्तर –(ब) अनन्त
प्रश्न 14. श्वेत प्रकाश के सात रंगों में से किस रंग की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है
(अ) लाल
(ब)पीला
(स) बैगनी
(द) हरा
उत्तर –(स) बैगनी
प्रश्न 15. प्रतिरोध का मात्रक है
(अ) ऐम्पियर
(ब) वोल्ट
(स) ओम
(द) कूलाम
उत्तर –(स) ओम
प्रश्न 16. एक अश्व शक्ति बराबर है
(अ) 726 वाट
(ब)746 वाट
(स) 736वाट
(द) 756 वाट
उत्तर –(ब) 746 वाट
प्रश्न 17. C₂H₆ का आई० यू० पी० ए० सी० नाम है
(अ) मेथेन
(ब) एथेन
(स) एथिलीन
(द) एथाइन
उत्तर (ब) एथेन
प्रश्न 18. कौन-सी धातु हमेशा अमलगम में होती है
(अ) Zn
(ब) Hg
(स) Fe
(द)Cu
उत्तर –(ब) Hg
19. आधुनिक आर्वत सारणी में स्तंभों की संख्या है
(अ) 2
(ब) 8
(स)7
(द)18
उत्तर –(द)18
प्रश्न 20. ATP तथा NADP 2Hका निर्माण करते हैं
(अ) माइट्रोकॉण्डिया में
(ब) क्लोरोप्लास्ट में
(स) पेराक्सीन में
(द) लायसोसोम्स में
उत्तर –(अ) माइट्रोकॉण्डिया में
(खण्ड- 'ब')
प्रश्न 1. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) पत्तियों को प्रकाश-संश्लेषी अंग क्यों कहा जाता है।
Solution : प्रकाश संश्लेषण की क्रिया शुरू से अंत तक क्लोरोप्लास्ट में ही होती है। क्लोरोप्लास्ट में क्लोरोफिल वर्णक पाये जाते हैं। ये अधिकांश पौधे की पत्तियों में पाये जाते हैं। इसलिए पत्तियों को प्रकाश संश्लेषी अंग कहते हैं।
(ख) शरीर की सबसे लम्बी कोशिका कौन-सी है?
उत्तर-
तंत्रिका कोशिका मानव शरीर की सबसे लंबी कोशिका होती है।
(ग) डी०एन०ए० प्रतिकृति का प्रजनन में क्या महत्व है?
Solution : जनन में DNA प्रतिकृति एवं अन्य कोशिकीय संगठन का सृजन होता है।
(घ) अलिंग गुणसूत्र क्या होते है ?
उत्तर-
लिंग हार्मोन के अलावा अन्य सभी गुणसूत्र अलिंगसूत्र हैं। गुणसूत्र नाभिक में पाया जाने वाला एक सूत्र जैसी संरचना है। यह कोशिका विभाजन के दौरान दिखाई देता है।
(ड़) प्रकाश क्या है?
उत्तर- प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है जिससे हमें वस्तुएं दिखाई देती है, प्रकाश एक प्रकार का विकिरण ऊर्जा है जो विद्युत चुंबकीय तरंगों के रूप में गमन करता है जिसकी तरंग दैर्ध्य 3900A से 7800A के बीच होता है तक होता है
(च) नेत्र के रेटिना पर बनने वाले प्रतिबिंब की प्रकृति क्या होती है ?
प्रश्न 2. किन्हीं पाँच प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ परस्पर क्यों नहीं काटती है ?
उत्तर : चुंबकीय सूई सदा एक ही दिशा की ओर संकेत करती है। यदि दो चुंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक-दूसरे को प्रतिच्छेद करें तो इसका अर्थ होगा कि प्रतिच्छेद बिंदु पर चुंबकीय क्षेत्र की दो दिशाएं हैं और दिक्सूची ने दो दिशाओं की ओर संकेत किया है जो संभव नहीं है। इसलिए चंबकीय क्षेत्र रेखाएं एक-दूसरे को कभी प्रतिच्छेद नहीं करतीं।
(ख) LPG को घरेलू ईंधन के रूप में क्यों प्रयोग में लाया जाता है?
Solution : क्योंकि यह प्रदूषण नहीं करती और इसका ऊष्मीय मान भी अधिक है।
(ग) बेकिंग सोडे के दो उपयोग बताइये।
उत्तर-
(1) इसका उपयोग काँच, साबुन एवं कागज उद्योगों में होता है।
(2) इसका उपयोग घरों में साफ-सफाई के लिए होता है।
(घ) गुरुत्वानुवर्तन क्या है? इसे प्रयोग द्वारा दिखाइये।
उत्तर-
गुरुत्वानुवर्तन (gravitropism, geotropism) किसी जीव की ऐसी वृद्धि होती है जो गुरुत्वाकर्षक बल के उद्दीपन से प्रभावित हो। यदी बढ़ाव गुरुत्वाकर्षण की ओर हो तो इसे धन-गुरुत्वानुवर्तन (positive gravitropism) कहते हैं और यदि यह गुरुत्वाकर्षण से विपरीत दिशा में हो तो इसे ऋण-गुरुत्वानुवर्तन (negative gravitropism) कहते हैं।
(ड़) आनुवंशिकता कार्य विधि किस प्रकार होती है?
(च) निकट दृष्टि दोष क्या है?
उत्तर-
निकट-दृष्टि दोष या निकट-दर्शिता दृष्टि की अपवर्तन दोष है जिसमें कुछ मीटर निकट रखी वस्तुएँ स्पष्ट दिखती हैं किन्तु दूर की वस्तुएँ सुस्पष्ट नहीं दिखाई देती। नेत्रों में यह दोष उत्पन्न होने का कारण प्रकाश की समान्तर किरणपुंज आँख द्वारा अपवर्तन के बाद दृष्टि पटल पर न बनाकर उसके सामने ही प्रतिबिम्ब बना देना है।
(छ) चुम्बकीय क्षेत्र रेखाएँ परस्पर क्यों नहीं काटती है?
प्रश्न 3. किन्हीं तीन प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) विषमपोषी पोषण की विभिन्न युक्तियों का वर्णन कीजिए।
(ख) अम्ल एवं क्षारक के बीच की रासायनिक अभिक्रिया को उदासीनीकरण अभिक्रिया कहते है, क्यों? एक उदाहरण दीजिए।
(ग) मटर के पौधे को मेंडल द्वारा चुनने का कारण बताइये।
Solution-
मेण्डल ने अपने प्रयोग के लिए मटर के पौधों का चयन निम्न कारणों से किया-
(1) मटर का पौधा आसानी से सर्वत्र उगाया जा सकता है।
(2) मटर का पौधा वार्षिक तथा अल्पकालिक जीवन चक्र वाला होता है।
(3) मटर के पष्प द्विलिंगी होते हैं तथा पौधे मुख्यतः स्वःपरागित होते हैं।
(4) मटर के पौधों में अनेक विरोधी गुण पाये जाते हैं।
(5) मटर में कृत्रिम रूप से परपरागण द्वारा आसानी से संकरण कराया जा सकता है |
(घ) प्रकाश परावर्तन के नियमों को लिखिए। अवतल व उत्तल दर्पण का एक-एक उपयोग लिखिए।
उत्तर-
प्रकाश के परावर्तन के नियम-
(i) आपतन कोण परावर्तन कोण के बराबर होता है,
(ii) आपतित किरण, आपतन बिंदु पर दर्पण के अभिलम्ब तथा परावर्तित किरण, सभी एक ही तल में होते हैं। परावर्तन के ये नियम गोलाकार सतहों सहित सभी प्रकार की परावर्तक सतहों पर लागू होते हैं।
अवतल दर्पण का उपयोग(Uses of concave mirrors):
1-प्रकाश एकत्रित समानांतर बीम प्राप्त करने के लिए टॉर्च, सर्च-लाइट और वाहनों की हेडलाइट्स में उपयोग किया जाता है।
2-शेविंग मिरर में चेहरे की बड़ी छवि देखने के लिए।
उत्तल दर्पण का उपयोग(Uses of a convex mirror):
आमतौर पर वाहनों में रियर-व्यू मिरर के रूप में उपयोग किया जाता है। ये दर्पण वाहन के किनारों पर लगे होते हैं, जिससे चालक सुरक्षित ड्राइविंग की सुविधा के लिए अपने पीछे के यातायात को देख सकता है। यह चालक को समतल दर्पण से जितना संभव होगा, उससे कहीं अधिक बड़ा क्षेत्र देखने में सक्षम बनाता है।
बड़े शोरूम और डिपार्टमेंटल स्टोर्स में, उत्तल दर्पणों का उपयोग ग्राहकों के प्रवेश और निकास को देखने के लिए किया जाता है।
(ड) पौधों में अलैंगिक जनन पर टिप्पड़ी लिखिए।
उत्तर-
यह प्रक्रिया पौधों में होती है। बीजाणु निर्माण में, जनक पौधा अपने बीजाणु पेटी (Spore Case) में सैंकड़ों प्रजनन इकाईयाँ पैदा करता है, जिन्हें 'बीजाणु' कहते हैं। जब पौधों की यह बीजाणु पेटी फटती है, तो ये बीजाणु हवा, जमीन, भोजन या मिट्टी पर बिखर जाते हैं। यहीं ये उगते हैं और नए पौधे को जन्म देते हैं।
4. किन्हीं दो प्रश्नों के उत्तर विस्तृत दीजिए
(क) भारत वर्ष में जनसंख्या वृद्धि के कारण तथा परिवार नियोजन के उपायों का वर्णन कीजिए।
उत्तर-
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण, निवारण एवं नियंत्रण
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण, भारत में जनसंख्या वृद्धि निवारण एवं नियंत्रण : एशिया महाद्वीप में अवस्थित भारत देश क्षेत्रफल की दृष्टि से विश्व का सातवां (7) सबसे बड़ा देश है। विगत वर्षों में भारत देश की बढ़ती जनसंख्या के कारण इसका विश्व में दूसरा (2) स्थान है यहाँ विश्व की लगभग 17.55% जनसंख्या निवास करती है। स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात भारत में तीव्र गति से बढ़ती जनसंख्या के कारण इसे जनसंख्या विस्फोट का नाम दिया गया।
जनसंख्या विस्फोट होने के कारण भारत में भुखमरी, बेरोजगारी, आवास संबंधी जैसी कई समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं जिससे देश के सामाजिक, आर्थिक एवं पर्यावरणीय स्थिति पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है। चूँकि भारत देश जनसंख्या की दृष्टि से विश्व का दूसरा देश है जहाँ जनसंख्या वृद्धि के बहुत से कारण है जिनका विवरण निम्नलिखित है -
भारत में जनसंख्या वृद्धि के कारण (Reasons of population growth in India in hindi)
जन्म-दर के कारण जनसंख्या वृद्धि -
जन्म दर से तात्पर्य "किसी देश में एक वर्ष या अवधि में कुल जनसंख्या के प्रति हजार व्यक्तियों में जन्म लेने वाले जीवित बच्चों की संख्या से है ।" जन्म-दर किसी भी देश की जनसंख्या को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करती है अर्थात जन्म - दर अधिक होने पर जनसंख्या में वृद्धि होती है और कम होने पर जनसंख्या में कमी होती है।
भारतीय जनसंख्या वृद्धि को लेकर यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड 2019 की एक रिपोर्ट ने यह खुलासा किया है कि भारत की जनसंख्या चीन के मुकाबले काफी तेजी बढ़ से बढ़ रही है। 2010 से 2019 के बीच भारत में जनसंख्या 1.2% की सालाना दर से बढ़ी है जबकि इसी समयकाल में चीन की जनसंख्या वृद्धि दर 0.5% रही है।
मृत्यु दर के कारण जनसंख्या वृद्धि -
मृत्यु-दर से तात्पर्य “किसी देश में एक वर्ष या अवधि में कुल जनसंख्या के प्रति हजार व्यक्तियों में मरने वाले व्यक्तियों की संख्या से है।" मृत्यु दर जनसंख्या को दो तरीकों से प्रभावित करती है पहला- यदि मृत्यु- दर जन्म-दर की अपेक्षा कम है तो इससे जनसंख्या में वृद्धि होती है और दूसरा- यदि मृत्यु दर जन्म दर से अधिक है तो इससे जनसंख्या में कमी होती है।
भारत की मृत्युदर कम हुई है, 2013 से 2018 के मध्य, भारत की मृत्यु दर 7.2 से घटकर 6.2 रह गई है जिसके कारण जनसंख्या में करीब 10 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और भारत की जनसंख्या 118 करोड़ से 130 करोड़ हो गई।
बाल विवाह के कारण जनसंख्या वृद्धि -
भारत देश में बाल विवाह जैसी कुप्रथाओं के प्रचलन से कुछ पिछड़े इलाकों में बहुत से बालक एवं बालिकाओं का कम उम्र में ही विवाह कर दिया जाता है और वे बहुत जल्द कम उम्र में ही माँ - बाप बन जाते हैं जिससे अधिक बच्चे होने की संभावना रहती है। कम उम्र होने के कारण उनका पूरा परिवार आर्थिक रूप से अन्य लोगों पर निर्भर होता है जिससे कमाने वालों की संख्या में कमी होने के कारण भुखमरी एवं बेरोजगारी जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
बाल विवाह से होने वाली दुष्परिणामों को देखते हुए भारत सरकार द्वारा बाल विवाह पर रोक लगा दी गई जिसमें उन्होंने विशेष विवाह अधिनियम, 1954 और बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत महिलाओं के लिए विवाह के लिए न्यूनतम आयु 18 वर्ष एवं पुरुषों के लिए विवाह की न्यूनतम आयु 21 वर्ष कर दी गयी।
अन्धविश्वास के कारण जनसंख्या वृद्धि -
भारत में कई लोग परिवार नियोजन के उपायों का पालन नहीं करते हैं वे परिवार नियोजन के उपायों को ईश्वर के विरुद्ध होना समझते हैं। कई लोगों का यह दृष्टिकोण होता है की बच्चे ईश्वर की देन होते हैं उनकी अधिक संख्या बुढ़ापे में उनके लिए सहारे का कार्य करेंगे। जिससे वे बड़े परिवार को अधिक महत्व देते हैं अतः अंधविश्वास भी जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण है।
यह धारणा हिन्दुओं में कम होती जा रही है लेकिन ज्यादातर मुस्लिम समाज जो शिक्षा से वंचित रहे हैं वह अभी भी इस धारणा को सही मानते हैं। जिसके कारण वह अधिक बच्चे पैदा करते हैं जिस कारण उन बच्चों का भरण पोषण ठीक ढंग से नहीं हो पाता है। |
अशिक्षा एवं अज्ञानता के कारण जनसंख्या वृद्धि -
शिक्षा एवं ज्ञान सभी देश के लोगों लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण है। वर्तमान में भारत देश में बहुत से व्यक्ति ऐसे है जो शिक्षा से परिचित नहीं है जिससे वे देश की स्थिति का अनुमान नहीं लगा पाते है। भारत देश में बहुत से लोग निरक्षर है और उनको परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी प्राप्त नहीं हो पाती है। परिवार नियोजन के उपायों की जानकारी न होने के कारण बच्चे होने की सम्भावना अधिक होती है जिससे जनसंख्या में तीव्र गति से वृद्धि होती है।
जीवन प्रत्याशा के कारण जनसंख्या वृद्धि -
जनसंख्या वृद्धि का एक प्रमुख कारण जीवन प्रत्याशा का बढ़ना है। मृत्यु दर में कमी होने से जीवन प्रत्याशा में - भी वृद्धि होती है। जन्म-दर एवं मृत्यु-दर दो ऐसे कारक हैं जो जीवन प्रत्याशा को प्रभावित करते है। भारत में सन् 1921 में जीवन प्रत्याशा 20 वर्ष थी जो वर्तमान में बढ़कर 63 वर्ष हो गयी है।
प्रवास के कारण जनसंख्या वृद्धि -
प्रवास भी जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण है क्योंकि ऐसा माना जाता है की भारत की जनसंख्या में लगभग 1% वृद्धि का कारण प्रवास है। “प्रवास से आशय जनसंख्या का एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण से है।" उदाहरण के लिए - बांग्लादेश की सीमा से लगे राज्यों जैसे - त्रिपुरा, मेघालय, असम में जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण बांग्लादेश से आए प्रवासी है जो भारत देश की जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण बनते है।
सरकारी नीतियों के कारण जनसंख्या वृद्धि -
वर्तमान में सरकार पहले बच्चे के जन्म पर 6 हजार रुपये की धनराशि देती है और दूसरे बच्चे के लिए भी 6 हजार रुपये की धनराशि देती है जिससे कई लोगों में लालच उत्पन्न होता है और वे अधिक बच्चों के बारे में सोचने लगते है यही कारण है की सरकारी नीतियों के माध्यम भी जनसंख्या में वृद्धि हो रही है। हालांकि 6 हजार रुपये की धनराशि सरकार द्वारा बच्चे के नियमित विकास के लिए दी जाती है किंतु बहुत से लोग इसका गलत इस्तेमाल कर लेते है।
भारत में जनसंख्या वृद्धि के निवारण एवं नियंत्रण (Prevention and control of population growth in India in hindi) -
शिक्षा का प्रसार -
शिक्षा किसी भी देश के सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए आवश्यक है। भारत में जनसंख्या वृद्धि का प्रमुख कारण अशिक्षा है। जनसंख्या वृद्धि किसी भी देश के लिए बहुत हानिकारक मानी जाती है इससे भुखमरी, बेरोजगारी जैसी कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं। शिक्षा जनसंख्या वृद्धि के निवारण एवं नियंत्रण के लिए आवश्यक है अतः देश में हर बच्चे के लिए शिक्षा को अनिवार्य किया जाना चाहिए जिससे वे देश में व्याप्त विभिन्न परिस्थितियों को समझ सके।
शिक्षा के माध्यम से न केवल जनसंख्या वृद्धि का निवारण एवं नियंत्रण किया जाता है बल्कि देश के विकास के लिए भी यह महत्वपूर्ण है। निरक्षरता के कारण लोग अपनी समस्याओं को किसी के सम्मुख रखना सही नहीं समझते है अर्थात शिक्षा के माध्यम से जनसंख्या वृद्धि रोकी जा सकती है।
सामाजिक सुरक्षा -
भारत देश में वृद्धावस्था, बेकारी या दुर्घटना से सुरक्षित रहने के नियमित साधन ना होने के कारण लोगों में उनकी सुरक्षा से संबंधित भय बना रहता है जिसके कारण वे बड़े परिवार की इच्छा रखते है ताकि उनका परिवार उनकी सुरक्षा कर सके। अतएव सामाजिक सुरक्षा के कार्यक्रमों में बेरोजगारी भत्ता, वृद्धा पेंशन, वृद्धा आश्रम चलाकर लोगों की सुरक्षा के माध्यमों को अपनाना चाहिए जिससे उनमें सुरक्षा की भावना जाग्रत होगी और वे छोटे परिवार से संतुष्ट रहेंगे।
परिवार नियोजन जानकारी -
परिवार नियोजन के उपायों को लोगों तक पहुंचाने के लिए इसका प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए जिससे लोगों में जागरूकता की भावना उत्पन्न होगी और यह जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण एवं निवारण के लिए आवश्यक है।
सन्तति सुधार कार्यक्रम-
जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण के लिए सन्तति सुधार कार्यक्रमों को अपनाया जाना चाहिए और संक्रामक रोगों से ग्रस्त व्यक्तियों के विवाह एवं सन्तानोत्पत्ति पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए।
जीवन-स्तर का विकास -
देश में लोगों के जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए कृषि एवं औद्योगिक उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए। लोगों के जीवन स्तर में विकास होने से वे स्वयं ही छोटे परिवार को महत्व देने लगेंगे जिससे जनसंख्या वृद्धि नियंत्रित होगा ।
स्वास्थ्य सेवा के साधन -
स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार भी जनसंख्या वृद्धि के नियंत्रण एवं निवारण के लिए आवश्यक है। स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार लोगों की कार्यकुशलता एवं आर्थिक उत्पादन की क्षमता को बनाये रखने के लिए आवश्यक है इससे उनके जीवन का विकास होगा और वे देश के हित के लिए हर तरीके कार्य करेंगे।
संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारण -
चीन विश्व में जनसंख्या के स्थान पर प्रथम स्थान है और उसने जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए संतानोत्पत्ति की सीमा का निर्धारण किया है जिसमें उन्होंने प्रत्येक परिवार के लिए संतान की संख्या 1 या 2 निर्धारित की है। भारत देश में जनसंख्या विस्फोट को देखते हुए यहाँ भी संतानोत्पत्ति की सीमा निर्धारित कर देनी चाहिए इससे जनसंख्या को आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।
महिला जागरूकता पर बल -
भारत देश में आज भी महिलाओं में जागरूकता की कमी है वे देश के विकास में अपना योगदान देने में हर तरह से पीछे रह जाती है। यदि शिक्षा के या अन्य किसी माध्यम जैसे - प्रचार-प्रसार से महिलाओं को जागरूक किया जाए तो वे जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित करने के लिए बहुत बड़ा योगदान कर सकती है। महिलाओं में जागरूकता से जनसंख्या वृद्धि को नियंत्रित किया जा सकता है।
इसके अलावा जन संपर्क जैसे- नुक्कड़ नाटक, सांस्कृतिक कार्यक्रमों तथा तरह-तरह की प्रतियोगिताओं के माध्यम से भी जनसंख्या वृद्धि के कारणों एवं समस्याओं की जानकारी दी जा सकती है।
(अथवा)
मेण्डल के प्रयोगों के आधार पर प्रभावी तथा अप्रभावी लक्ष्णों को समझाइये।
(ख) ओम का नियम क्या है? इसके सत्यापन के लिये आवश्यक परिपथ आरेख बनाते हुए धारा व विभव के बीच आरेख दिखाइये।
उत्तर-
ओम का नियम (ohm's law in hindi) :
जर्मन वैज्ञानिक डॉ० जार्ज साइमन ओम ने सन् 1826 ई० में किसी चालक के सिरों पर लगाए गए विभवांतर तथा उसमें प्रवाहित धारा के संबंध में एक नियम स्थापित किया जिसे ' ओम का नियम ' कहते हैं ।
इस नियम के अनुसार, " किसी चालक के सिरों पर लगाया गया विभवांतर तथा उसमें प्रवाहित धारा के अनुक्रमानुपाती होता है।
यदि चालक इसरो पर लगाया गया विभवांतर V है तथा उसमें प्रवाहित धारा । हो तो ओम के नियम की परिभाषा से
Vα i
V = Ri
यही ओम के नियम का सूत्र है। जहां R एक नियतांक है। जिसे चालक का विद्युत प्रतिरोध कहते हैं। तो
R =V/I
ओम के नियम की परिभाषा :
उपरोक्त सूत्र से ओम के नियम की परिभाषा ऐसे भी दी जा सकती है - यदि किसी चालक के सिरों पर 1 वोल्ट विभवांतर लगाने पर उसमें 1 एंपियर की धारा प्रवाहित की जाए तो चालक का प्रतिरोध 1 ओम होगा।
जहां R चालक का प्रतिरोध है। इसका मात्रक वोल्ट / एम्पीयर अथवा ओम होता है। तथा विमीय सूत्र [ML2T-3A-2] होता है। इसे ग्रीक अक्षर Q (ओमेगा) से प्रदर्शित करते हैं। बहुत बड़े प्रतिरोध में मेगाओम ( 1 मेगाओम = 106 ओम ) प्रयोग होता है। तो छोटे प्रतिरोध के लिए माइक्रोओम ( 1 माइक्रोओम = 10-6 ओम ) प्रयोग होता है।
(अथवा) एथेनॉल के भौतिक एवं रासायनिक गुणों का वर्णन कीजिए। एथेनॉल के प्रमुख उपयोग भी लिखिए।
(ग) स्पष्ट कीजिए कि जल संग्रहण की देसी विधियाँ विश्वसनीय व दक्ष है।
(अथवा)
सन्तुलित रासायनिक समीकरण क्या है? रासायनिक समीकरण को सन्तुलित करना क्यों आवश्यक है ?
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