Class 10th home science chapter 3 notes in hindi
कक्षा 10वी गृह विज्ञान नोट्स हिन्दी
03 गृह गणित
गणित
गणित शब्द अंग्रेजी के Mathematics का हिन्दी रूपान्तरण है। Mathematics शब्द की उत्पत्ति ग्रीक शब्द Marithano learn से हुई है, जिसका शाब्दिक अर्थ है-गणनाएँ सीखना। इस प्रकार गणित वह विषय है, जिसमें गणनाओं का अध्ययन किया जाता है।
गृह गणित का अर्थ
वह गणित, जो घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होता है, उसे गृह गणित कहा जाता है। घर पर ऐसी अनेक गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें गणनाओं की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की गणनाओं तथा उनके लिए आवश्यक गणित के नियमों का व्यवस्थित रूप ही गृह गणित है।
गृह गणित का महत्व एवं आवश्यकता
गृह गणित का महत्त्व एवं आवश्यकता निम्नलिखित क्षेत्रों में है
1. छात्राओं के लिए महत्त्व गृह विज्ञान की छात्राओं को अर्थव्यवस्था, आहार एवं पोषण विज्ञान, वस्त्र विज्ञान आदि का अध्ययन करना होता है। इन समस्त विषयों के अध्ययन हेतु विभिन्न प्रकार की गणनाओं की आवश्यकता होती है। इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए गृह गणित का ज्ञान आवश्यक है। गणित के ज्ञान के अभाव में गृह विज्ञान का व्यवस्थित अध्ययन सम्भव नहीं है।
2. गृहिणियों के लिए महत्त्व गृह अर्थव्यवस्था के संचालन का कार्य मुख्यतः गृहिणियों पर ही होता है। घरेलू कार्यों में बजट बनाना, आय-व्यय का हिसाब रखना, दूध, सब्जी, राशन आदि का हिसाब रखना तथा उनकी कीमत अथवा मूल्य के अनुसार भुगतान करना आदि कार्य आते हैं। इन सभी कार्यों हेतु गणितीय गणनाओं की आवश्यकता होती है। इन सभी कार्यों को सुचारु रूप से करने हेतु गृह गणित का ज्ञान होना प्रत्येक गृहिणी के लिए आवश्यक है।
3. गृह अर्थव्यवस्था में सहायता गृह गणित का ज्ञान गृह अर्थव्यवस्था में पारिवारिक बजट तैयार करने में, परिवार की प्राथमिकताओं के आधार पर व्यय निर्धारण में तथा बचत के बजट को बनाने एवं लागू करने में सहायक होता है। अतः गृहिणियों द्वारा अर्थव्यवस्था के सुचारू रूप से संचालन में गृह गणित का विशेष महत्त्व है।
मीट्रिक माप-तौल की तालिका
रेखीय माप
क्षेत्रीय माप
आयतन माप
तौल
भारतीय मुद्रा
भारतीय मुद्रा को 'रुपया' कहते हैं। रुपया को हाल ही में एक विशिष्ट चिह्न (₹) दिया गया है। रुपये की छोटी इकाई 'पैसा' होती है। एक रुपये का मान 100 पैसों के बराबर होता है। गणना करते समय हम रुपयों को पूर्णांक में तथा पैसों को दशमलव बिन्दु के बाद लिखते हैं।
जैसे- 5 रुपये 75 पैसे ₹5.75 = मुद्रा को परिवर्तित करना
मुद्रा को निम्न दो प्रकार से परिवर्तित किया जा सकता है।
1. रुपयों को पैसों में बदलना रुपये में दी गई धनराशि को जब हम पैसों में बदलते हैं, तो 100 की गुणा कर देते हैं।
जैसे ₹75 को पैसों में निम्न प्रकार बदला जाएगा
₹75 = 75 x 100 पैसे 7500 पैसे
2. पैसों को रुपयों में बदलना पैसों में दी गई धनराशि को जब हम रुपयों में बदलते हैं, तो 100 से भाग कर देते हैं।
जैसे 80 पैसे को रुपये में निम्न प्रकार बदलेंगे
80/100 = 0.80 या ₹0.80
दशमलव
दशमलव एक बिन्दु (.) है, जो मुख्यतः संख्याओं में इकाई के बाद लगाई जाती है। दशमलव बिन्दु के बाद की संख्याएँ, दशमलव संख्याएँ कहलाती हैं, जैसे-201.84 को हम दो सौ एक दशमलव आठ चार पढ़ेंगे।
दशमलव संख्याओं को जोड़ना
दशमलव संख्याओं को जोड़ते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए
1.सर्वप्रथम, जोड़ते समय संख्याओं को इस प्रकार लिखना चाहिए कि सभी संख्याओं के दशमलव एक-दूसरे के ऊपर-नीचे रहें।
2.दशमलव संख्याओं में इकाई के नीचे इकाई, दहाई के सैकड़ा के नीचे सैकड़ा ही लिखा जायेगा।
3.संख्या के दशमलव के दाई ओर सबसे पहला अंक दसवां,दूसरा अंक सौवा तथा तीसरा अंक हजारवाँ स्थान आदि होते हैं। जोड़ते समय प्रत्येक संख्या का दसवा भाग दसवें के नीचे, सौवाँ भाग सौवें के नीचे तथा हजारवाँ भाग हजार के नीचे लिखना चाहिए।
4• यदि इस प्रकार लिखने के पश्चात् संख्या के दशमलव के दाईं ओर संख्या छोटी रह जाए, तो अगली संख्या के नीचे शून्य लिखते हैं, जिससे जोड़ते समय गलती होने की सम्भावना नहीं रहती है।
दशमलव संख्याओं को घटाना
दशमलव संख्याओं को घटाते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए
1 • दशमलव संख्याओं को घटाने के लिए जोड़ के समान ही संख्याओं को इस प्रकार लिखें, जिससे दशमलव एक-दूसरे के ठीक ऊपर हो, परन्तु बड़ी संख्या ऊपर तथा छोटी संख्या नीचे लिखें।
तत्पश्चात् दशमलव के बाई ओर वाले अंक इकाई, दहाई, सैकड़ा आदि दूसरी संख्या के इन्हीं स्थानों के ऊपर-नीचे हों, साथ ही दशमलव के दाई ओर के स्थान पर दसवाँ, सौवा, हजारों आदि स्थान लिखें।
2.ऐसी संख्याएँ, जिनमें दशमलब नहीं है, उनके दाएँ किनारे पर दशमलव लगाकर दूसरी संख्या के अनुसार शून्य लगाकर दसवाँ, सौवाँ, हजारों आदि स्थान अंकित करें।
दशमलव संख्याओं की गुणा
दशमलव संख्याओं की गुणा करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए
1. किसी एक दशमलव संख्या की किसी पूर्ण या दशमलव संख्या से गुणा, साधारण पूर्ण संख्याओं की भाँति ही की जाती है।
2.गुणा करते समय दशमलव बिन्दु पर ध्यान दिए बिना ही गुणा करते हैं।
3.गुणनफल के बाद दी गई दोनों संख्याओं गुण्य और गुणक के दशमलव के दाई ओर के स्थानों का योग करते हैं, तत्पश्चात् गुणनफल में दाईं ओर से बाईं ओर उतनी संख्याओं के पश्चात् दशमलव लगाते हैं, जितना दशमलव के बाद के स्थानों का योग हो।
दशमलव संख्याओं का भाग
दशमलव संख्याओं का भाग करते समय निम्नलिखित बिन्दुओं को ध्यान में रखना चाहिए
1. दशमलव संख्या में पूर्णांक संख्या को साधारण भाग की तरह ही भाग करना चाहिए। यदि भाज्य (जिसमें भाग देना है) दशमलव संख्या हो, तो भाग देते समय दशमलव के दाईं ओर की संख्या उतारकर भागफल करने से पहले ही दशमलव लगा देते हैं।
2• जब भाज्य में भाग पूरा-पूरा नहीं जाता है, तब भाग तोड़े बिना ही दशमलव के बाद जितनी बार भी चाहें शून्य लगा सकते हैं। यदि फिर भी संख्या पूरी नहीं कटती है, तो दशमलव के पश्चात् निश्चित स्थान तक यह क्रिया करके शेष छोड़ देते हैं।
3 • जब निश्चित दशमलव स्थान तक शुद्ध भाग निकाला जाता है, तो निश्चित स्थान से एक स्थान आगे तक भागफल निकालना चाहिए तथा यदि अन्तिम स्थान पर 5 या 5 से अधिक संख्या हो, तो निश्चित स्थान में एक जोड़ा जाना चाहिए। यद्यपि (संख्या 5 से कम होने पर) अन्तिम संख्या हटाने से ही शुद्ध मान निकल जाता है।
महत्त्वपूर्ण बिन्दु
लाभ = विक्रय मूल्य – क्रय मूल्य,
हानि = क्रय मूल्य – विक्रय मूल्य
मिश्रधन = मूलधन + ब्याज
साधारण ब्याज= (मूलचन x दर x समय)/100
प्रतिशत ऐसी भिन्न जिसका हर 100 होता है
जैसे- 50% का अर्थ है 50/100 =1/2
किसी भिन्न को प्रतिशत में बदलने के लिए 100 से गुणा करते हैं।.
जैसे- 2/5 x 100 = 40%
{ याद रखने योग्य बातें }
1. बैंक या डाकघर में जमा कराया गया धन या किसी से उधार लिया गया धन मूलधन कहलाता है।
2.किसी धन के किसी निश्चित समय तक प्रयोग करने के बदले में निश्चित दर से उधार लिए गए धन के अतिरिक्त जो धन देना पड़ता है, वह ब्याज कहलाता है।
3• जब कोई दुकानदार किसी वस्तु को कम मूल्य पर खरीदकर अधिक मूल्य पर बेचता है, तो दुकानदार को लाभ की प्राप्ति होती है।
4• जब कोई दुकानदार किसी वस्तु को अधिक मूल्य पर खरीदकर कम मूल्य पर बेचता है, तो उसे हानि उठानी पड़ती
बहुविकल्पीय प्रश्न(Objective Questions)
प्रश्न 1. शरीर की लम्बाई नापने की इकाई क्या है?
अथवा लम्बाई मापने की इकाई है?
(a) सेण्टीमीटर, मीटर
(b) ग्राम, किलोग्राम
(c) लीटर, मिलीलीटर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (a) सेण्टीमीटर, मीटर
प्रश्न 2. एक लीटर बराबर होता है?
(a)100 मिली के
(b) 1000 मिली के
(c) 1000 डेली के
(d) 10 डेसीमीटर के
उत्तर (b) 1000 मिली के
प्रश्न 3.एक किलोग्राम में कितने ग्राम होते हैं?
(a) 500 ग्राम
(b) 1000 ग्राम
(c) 1500 ग्राम
(d) 2000 ग्राम
उत्तर (b) 1000 ग्राम
प्रश्न 4. 5 किग्रा में कितने ग्राम होते हैं?
(a) 500 ग्राम
(b) 5000 ग्राम
(c) 2000 ग्राम
(d) 7000 ग्राम
उत्तर (b) 5000 ग्राम
प्रश्न 5. भार मापने की इकाई है?
(a) सेण्टी, मीटर
(b) ग्राम, किलोग्राम
(c) मिली लीटर
(d) इनमें से कोई नहीं
उत्तर (b) ग्राम,किलोग्राम
प्रश्न 6.आधा किलोग्राम में कितने ग्राम होते हैं?
(a) 200 ग्राम
(b) 500 ग्राम
(c) 700 ग्राम
(d) 1000 ग्राम
उत्तर (b) 500 ग्राम
प्रश्न 7.1 लीटर पेट्रोल का दाम 97.21 है, तो 20 लीटर पेट्रोल का दाम क्या होगा?
(a) ₹1944.2
(b) ₹2000
(c) ₹1940.40
(d) ₹1850.50
उत्तर (a) ₹1944.20
{ अतिलघु उत्तरीय प्रश्न }
प्रश्न 1. सीता के पास ₹1263 थे। उसने ₹820.50 अपने छोटे भाई को दे दिए। उसके पास कितने रुपये बचे?
हल –सीता के पास शेष बचे रुपये = सीता के पास कुल रुपये– अपने भाई को दिए रुपये
= 1263 – 820.50
= ₹442.5
प्रश्न 2. राहुल एक लीटर पेट्रोल में 16.5 किमी दूर कार ले जाता है, तो 15 लीटर पेट्रोल से वह कितनी दूर जाएगी?
हल – 1 लीटर पेट्रोल में जाती है = 16.50 किमी
15 लीटर पेट्रोल में जाती है 16.50 x 15 किमी = 247.5 किमी
प्रश्न 3. 1 लीटर दूध का मूल्य 50 रूपय है, तो 3.5 लीटर दूध का मूल्य क्या होगा।
हल – 1 लीटर दूध का मूल्य ₹50
3.5 लीटर दूध का मूल्य ₹50x3.5= ₹175
3.5 लीटर दूध का मूल्य = ₹175
प्रश्न 6. एक मीटर कपड़े का दाम 56 है। डेढ़ मीटर कपड़े का दाम बताइए।
हल – एक मीटर कपड़े का मूल्य = ₹100
डेढ़ मीटर कपड़े का मूल्य =₹100 + 50
डेढ़ मीटर कपड़े का मूल्य ₹150 होगा।
प्रश्न 7. किलोग्राम क्या मापने की ईकाई है? एक किलोग्राम में कितने ग्राम होते हैं?
हल – किलोग्राम तौल (जैसे सब्जियाँ, शक्कर आदि) को मापने की ईकाई है।
एक किलोग्राम में 1000 ग्राम होते हैं।
प्रश्न 8. यदि 20 मीटर कपड़े का मूल्य ₹1000 है, तो एक मीटर क्या होगा?
हल 20 मीटर कपड़े का मूल्य = ₹1000
1 मीटर कपड़े का मूल्य = ₹1000/20
1 मीटर कपड़े का मूल्य = ₹50
[ लघु उत्तरीय प्रश्न ]
प्रश्न 1. गृह गणित से आप क्या समझती हैं?
उत्तर वह गणित, जो घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक होता है, उसे गृह गणित कहा जाता है। घर पर ऐसी अनेक गतिविधियाँ होती हैं, जिनमें गणनाओं की आवश्यकता होती है। इस प्रकार की गणनाओं तथा उनके लिए आवश्यक गणित के नियमों का व्यवस्थित रूप ही गृह गणित है। उदाहरण के लिए; घर पर आय-व्यय का विवरण रखना, बजट बनाना, खरीदारी करना, दूध का मूल्य जोड़ना, कपड़े की माप आदि सभी कार्यों में गृह गणित का प्रयोग होता है।
इन समस्त गणनाओं को गृह गणित कहा जाता है। गृह गणित में अंकों का जोड़, घटाना, गुणा, भाग, लाभ-हानि, ब्याज आदि का ज्ञान सम्मिलित किया जाता है।
प्रश्न 2. गृह विज्ञान की छात्राओं के लिए गृह गणित के महत्त्व को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर
गृह गणित का छात्राओं के लिए महत्त्व
गृह विज्ञान की छात्राओं को अर्थव्यवस्था, आहार एवं पोषण विज्ञान, वस्त्र विज्ञान आदि का अध्ययन करना होता है। इन समस्त विषयों के अध्ययन हेतु विभिन्न प्रकार की गणनाओं की आवश्यकता होती है।
इन आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए गृह गणित का ज्ञान आवश्यक है। गणित के ज्ञान के अभाव में गृह विज्ञान का व्यवस्थित अध्ययन सम्भव नहीं है।
प्रश्न 3. गृह गणित का ज्ञान होना गृहिणी के लिए क्यों आवश्यक है?
उत्तर
गृह गणित का गृहिणियों को ज्ञान होना
गृह अर्थव्यवस्था के संचालन का कार्य मुख्यतः गृहिणियों पर ही होता है। घरेलू कार्यों में बजट बनाना, आय-व्यय का हिसाब रखना, दूध, सब्जी, राशन आदि का हिसाब रखना तथा उनकी कीमत अथवा मूल्य के अनुसार भुगतान करना आदि कार्य आते हैं।
इन सभी कार्यों हेतु गणितीय गणनाओं की आवश्यकता होती है। इन सभी कार्यों को सुचारु रूप से करने हेतु गृह गणित का ज्ञान होना प्रत्येक गृहिणी के लिए आवश्यक है।
प्रश्न 4. यदि एक व्यक्ति 2 लीटर दूध प्रतिदिन लेता है और दूध का दाम ₹ 25 प्रति लीटर है, तो वह व्यक्ति दूध पर एक महीने में कुल कितना धन खर्च करता है?
हल 1 दिन में दूध लेता है = 2 लीटर
30 दिन में दूध लेता है = 30 x 2 लीटर = 60 लीटर
1 ली दूध का दाम = ₹25
60 ली दूध का दाम =₹25 x 60 =₹1500
प्रश्न 5. 15 कुर्सी का मूल्य र 2625 है, तो 10 कुर्सी का मूल्य बताइए।
हल – 15 कुर्सियों का मूल्य = ₹2,625
1 कुर्सी का मूल्य होगा = 2,625/15=175
अतः 10 कुर्सियों का मूल्य होगा = 175 x 10 = ₹1750
( दीर्घ उत्तरीय प्रश्न )
प्रश्न 1. सीता ने ₹ 450 में एक मेज बेची. उसे 28% लाभ मिला। मेज का क्रय मूल्य क्या था?
हल माना क्रय मूल्य = x
विक्रय मूल्य = 450
क्रय मूल्य का 125% = विक्रय मूल्य × (125/100)
= 450
x × (5/20) = 90;
x × 5= 20x90
x =(20×90)/5
x = 20×18= 360
क्रय मूल्य = ₹360
2. राम की मासिक आय ₹24000 है। 80% वह घर में खर्च करता है बचत करता है। बताइए वह आय का कितना धन व्यय करता है और कितना बचाता है?
हल – दिया है, राम की मासिक आय = ₹24000
राम घर पर खर्च करता है = 80%
अतः राम घर पर धन खर्च करेगा = 80%×24000
= (80/100) × 24000
= 19200
तथा राम धन बचाएगा = मासिक आय – घर पर धन खर्च
=24000-19200=4800
प्रश्न 3. 8% वार्षिक ब्याज की दर से ₹ 1000 का 5 वर्ष का साधारण ब्याज क्या होगा?
हल – साधारण ब्याज = (मूलधन x दर x समय )/100
दर = 8%, समय = 5 वर्ष, मूलधन = 1000
= (1000 × 5x8) /100
= 40000/100
=400
प्रश्न 4. 6% साधारण वार्षिक ब्याज की दर से ₹800 का 4 वर्ष का साधारण ब्याज कितना होगा?
हल – साधारण ब्याज = (मूलधन x दर x समय)/100
दर = 6%
समय = 4 वर्ष,
मूलधन = ₹800
ब्याज =( 6x4 x 800)/100 =192
FAQ.
Q.होम साइंस में क्या क्या पढ़ना होता है?
Ans.होम साइंस शिक्षा के अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास,आन्तरिक सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण आदि का अध्ययन किया जाता है।
Q.गृह विज्ञान की 5 शाखाएं कौन सी हैं ?
Ans.गृह विज्ञान की निम्न शाखाएं – अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थ शास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, मानव विकास, आंतरिक सज्जा, वस्त्र व परिधान, गृह निर्माण इत्यादि शाखाएं है।
Q.गृह विज्ञान का दूसरा नाम क्या है ?
Ans.अमेरिका में इसे 'गृह अर्थशास्त्र' (Home Economics) तथा इंग्लैण्ड व भारत में इसे 'गृह विज्ञान' (Home Science) के नाम से प्रचलित है।
Q.गृह विज्ञान के जनक कौन है?
Ans.गृह विज्ञान का जनक जस्टस फ्रीहेर वॉन लीबिग को माना जाता हैं।
Q.गृह विज्ञान की शुरुआत कब हुई थी ?
Ans.भारत में गृह विज्ञान का अध्ययन सर्वप्रथम 1920 से 1940 तक ब्रिटिश काल से शुरू किया गया था।
Q.गृह विज्ञान का पुराना नाम क्या है ?
Ans. गृह विज्ञान के पुराने कई नाम प्रचलित थे जैसे गृह शिल्प या घरेलू अर्थशास्त्र
Q.भारत में विज्ञान का जनक कौन है?
Ans. भारत में विज्ञान के जनक सर जगदीश चंद्र बोस (1858 - 1937) माना जाता हैं