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Class 10th Home Science Chapter 1 notes in hindi शिक्षिका द्वारा प्रतिदर्श बजट का प्रदर्शन कक्षा 10वी नोट्स

Class 10th Home Science Chapter 1 notes in hindi शिक्षिका द्वारा प्रतिदर्श बजट का प्रदर्शन कक्षा 10वी नोट्स 


Class 10th Home Science chapter 1 questions answers 


शिक्षिका द्वारा प्रतिदर्श बजट का प्रदर्शन कक्षा 10वी गृह विज्ञान नोट्स

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शिक्षिका द्वारा प्रतिदर्श बजट का प्रदर्शन अध्याय 1 



नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट subhanshclasses.com पर यदि आप गूगल पर कक्षा 10वी गृह विज्ञान नोट्स सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आ गए हैं हम आपको अपनी इस पोस्ट में Class 10th home science chapter 1 Notes In Hindi में विस्तार से जानकारी दी जायेगी इसलिए आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें यदि आपको पोस्ट पसन्द आए तो अपने दोस्तो को भी शेयर करें यदि आप कुछ पूछना चाहते हैं तो कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा।


Short Introduction


पारिवारिक बजट – पारिवारिक बजट एक प्रकार का व्यवस्थित प्रलेख अथवा प्रपत्र है, जिसमें सम्बन्धित परिवार के निश्चित अवधि में होने वाले आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पारिवारिक आय-व्यय का सन्तुलन बनाए रखने हेतु सामान्यतः मासिक बजट बनाया जाता है।


पारिवारिक बजट की परिभाषाएँ


1.क्रेग एवं रश के अनुसार, "पारिवारिक बजट भूतकाल के व्यय, भविष्य के अनुमानित व्यय तथा वर्तमान समय की मदों पर निश्चित व्यय का लेखा-जोखा है।


2. वेबर के अनुसार, "पारिवारिक बजट पारिवारिक आय को व्यवस्थित रूप से इस प्रकार व्यय करने का तरीका है, जिससे कि अधिकतम सदस्यों के सुख व कल्याण में वृद्धि हो सके। पारिवारिक बजट असावधानीपूर्वक तथा अव्यवस्थित रूप में व्यय करने के स्थान पर योजनाबद्ध एवं विवेकपूर्ण व्यय को प्रतिस्थापित करने का ढंग या उपाय है। "


पारिवारिक बजट के उद्देश्य


पारिवारिक बजट के उद्देश्य निम्नलिखित हैं


1.परिवार के समस्त स्रोतों से प्राप्त होने वाली सम्पूर्ण आय का विवरण प्राप्त करना।

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2.परिवार के सदस्यों की विभिन्न आवश्यकताओं की जानकारी अर्जित करना।


3. परिवार के रहन-सहन के स्तर को उन्नत बनाने के उपाय ढूँढना।


4.बजट के अध्ययन से पारिवारिक व्यय का नियोजन करना।


5.भविष्य के आकस्मिक व्यय को ध्यान में रखकर व्यय का नियोजन करना


6.अनावश्यक व्यय को रोकना भी बजट का मुख्य उद्देश्य है।


पारिवारिक बजट से प्राप्त होने वाली सूचनाएँ


1• घर के सदस्यों की संख्या, लिंग, आयु आदि सम्बन्धी आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


2• पारिवारिक बजट से बजट की उस अवधि का अंकन किया जा सकता है कि यह कितने समय के लिए बनाया गया है।


3. इससे सम्बन्धित परिवार की कुल आय का पता चलता है।


4.इसके द्वारा सम्बन्धित परिवार का समस्त व्यय एवं भिन्न-भिन्न मदों में कितना व्यय करता है, इसकी सम्बन्धित जानकारी मिलती है। 


5.परिवार द्वारा की जाने वाली बचत की जानकारी मिलती है।


6.इसके द्वारा आवश्यकताओं की विस्तृत जानकारी प्राप्त की जा सकती है।


पारिवारिक बजट की मुख्य मदें


पारिवारिक बजट की मुख्य मदें निम्नलिखित हैं


1.आहार एवं सम्बन्धित सामग्री


2• आवास


3• स्वास्थ्य एवं चिकित्सा


4• अन्य घरेलू व्यय


5.पारिवारिक बचत सम्बन्धी मद


6• वस्त्र एवं परिधान


7.शिक्षा


8• यातायात


9.व्यक्तिगत व्यय


10.मनोरंजन


पारिवारिक बजट के मुख्य प्रकार

पारिवारिक बजट मुख्यतः तीन प्रकार का होता है। 


1. घाटे का बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय, आय से अधिक होता है, तो उसे घाटे का बजट कहते हैं।


2. सन्तुलित बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय को आय के बराबर ही रखा जाता है, उसे सन्तुलित बजट कहते हैं।


3. बचत का बजट इस बजट में पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यय का प्रावधान इस प्रकार से किया जाता है कि व्यय प्रत्येक स्थिति में पारिवारिक आग से कम ही रहे। अतः परिवार बचत की स्थिति में रहता है। बचत के बजट में भविष्य के साथ-साथ आकस्मिक आवश्यकताओं का पूरा ध्यान रखा जाता है। अतः बचत का बजट ही सर्वोत्तम बजट है।


पारिवारिक बजट बनाने के लाभ/उपयोगिता 

1. गृहिणियों को लाभ गृहिणियों को पारिवारिक बजट बनाने से निम्न लाभ प्राप्त होते हैं


• आय का उचित उपयोग सम्भव होता है।


• बजट अनावश्यक पारिवारिक व्यय पर नियन्त्रण रखने में सहायक है।


• आय-व्यय के सन्तुलन में सहायक है।


• मितव्ययिता के लिए प्रेरित करता है।


•आकस्मिक कार्यों अथवा निवेश आदि के लिए पारिवारिक बचत में सहायक है।


 •परिवार की सुख-शान्ति एवं समृद्धि में सहायक होता है। 


•पारिवारिक सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति सम्भव होती है।


2. अर्थशास्त्रियों को लाभ पारिवारिक बजट के विस्तृत अध्ययन से ही समाज में प्रचलित आय-व्यय के विविध प्रतिमानों की जानकारी प्राप्त होती है।


 3. समाज सुधारकों को लाभ निर्धनता, ऋणग्रस्तता, नशाखोरी, भिक्षावृत्ति आदि समस्याओं के निदान हेतु समाज सुधारकों को अनिवार्य रूप से पारिवारिक बजट

का अध्ययन करना पड़ता है।


4. सरकार को लाभ देश की आर्थिक नीतियों को निर्धारित करने के लिए सरकार को देश के विभिन्न वर्गों के परिवारों की अर्थव्यवस्था की जानकारी लेना लाभकारी होता है। 


पारिवारिक बजट निर्माण के मुख्य सिद्धान्त/नियम


घर का बजट या पारिवारिक बजट बनाने के मुख्य सिद्धान्त निम्न हैं 


1.परिवार के कुल आय की जानकारी होना


2.परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं का निर्धारण


3.पारिवारिक बचत के प्रावधान का सिद्धान्त


4.भविष्य के नियोजन सम्बन्धी सिद्धान्त 


5.बजट के लचीलेपन का प्रावधान


6.मासिक बजट को वार्षिक बजट की पृष्ठभूमि में तैयार करना 


7. बजट के मूल्यांकन का सिद्धान्त


8.आकस्मिक आवश्यकता सम्बन्धी सिद्धान्त 


पारिवारिक बजट सम्बन्धी कठिनाइयाँ


पारिवारिक बजट बनाते समय निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है 

1• अज्ञानता एवं अशिक्षा

2. • आय-व्यय के प्रति उदासीनता

3 • सामाजिक परम्पराएँ


पारिवारिक बजट सम्बन्धी एंजिल का नियम


आय व्यय से सम्बन्धित इस सिद्धान्त के अनुसार, पारिवारिक आय बढ़ने के साथ-साथ किसी परिवार के भोजन एवं खाद्य सामग्री पर किए जाने वाले व्ययों में से प्रतिशत की कमी तथा विलासिता की मदों (मनोरंजन आदि) पर होने वाले व्ययों में प्रतिशत की वृद्धि अंकित की जाती है। "


बहुविकल्पीय प्रश्न (Objective Questions)


प्रश्न 1. आय-व्यय के नियोजन के लिखित रूप को कहते हैं।


(a) बचत


(b) बजट


(c) आय-व्यय का सन्तुलन


(d) सन्तुलन


उत्तर (b) बजट


प्रश्न2. आय-व्यय में सन्तुलन हेतु कौन-सा साधन उपयुक्त होगा ? 


(a) वार्षिक बजट


(b) मासिक बजट


(c) साप्ताहिक बजट 


(d) दैनिक बजट


उत्तर (b) मासिक बजट


प्रश्न 3. किसी परिवार का निश्चित अवधि में होने वाला आय-व्यय का लेखा-ओखा क्या कहलाता है?


(a) व्यय


(b) आमदनी


(C) बैंक खाता


(d) बजट


उत्तर (d) बजट


प्रश्न 4. किसी निश्चित अवधि के पूर्व अनुमानित आय-व्यय का सही नियोजन क्या कहलाता है?


(a) पारिवारिक बजट 


(b) व्यक्तिगत बजट


(c) एंजिल का बजट


 (d) सामान्य बजट


उत्तर (a) पारिवारिक बजट 


प्रश्न 5.मासिक बजट बनाना आवश्यक है


(a) आय-व्यय के सन्तुलन के लिए 


(b) व्यय पर नियन्त्रण के लिए


(c) आकस्मिक व्यय के लिए


(d) इनमें से कोई नहीं


उत्तर (a) आय-व्यय के सन्तुलन के लिए


प्रश्न 6. पारिवारिक बजट बनाने का उद्देश्य है


(a) बचत


(b) खर्च का नियन्त्रण


(c) आय का ज्ञान 


(d) ये सभी


उत्तर (d) ये सभी


प्रश्न 7. बजट की मूलभूत आवश्यकता क्या है?


(a) योजना


(b) आवास


(c) वस्त्र


(d) ये सभी


उत्तर (d) ये सभी


प्रश्न 8. पारिवारिक बजट की मुख्य मदें हैं.


(a) भोजन


(b) दुकान 


(c) रेस्टॉरेन्ट


(d) फर्नीचर


उत्तर (a) भोजन


प्रश्न 9.कौन-सी बजट की मुख्य मद नहीं है?


(a) भोजन


(b) शिक्षा 


(c) मकान/वस्त्र 


(d) फैशन दुकान


उत्तर (d) फैशन / दुकान


प्रश्न10. घर की आर्थिक व्यवस्था को ठीक रखने के लिए आवश्यक है


(a) कंजूसी करना


 (b) अधिक धन


(c) आय के अधिक स्रोत


(d) बजट बनाना


उत्तर (d) बजट बनाना


प्रश्न 11. बजट बनाने से पहले आवश्यक है। 


(a) आय का पूर्वानुमान 


(b) आय पर नियन्त्रण


(c) व्यय पर नियन्त्रण


(d) ये सभी


उत्तर (a) आय का पूर्वानुमान


प्रश्न 12.जिस बजट में अनुमानित आय कम व प्रस्तावित व्यय अधिक होता है,उस बजट को क्या कहते हैं?

 (a) सन्तुलित बजट


(b) घाटे का बजट


(c) बचत का बजट


(d) ये सभी


उत्तर (b) घाटे का बजट


प्रश्न 13. बजट उल्लेख करता है


(a) परिवार की कुल आय का


 (b) परिवार की कुल व्यय का


(c) परिवार की कुल बचत का 


(d) इनमें से कोई नहीं


उत्तर (d) इनमें से कोई नहीं


प्रश्न 14. सर्वोत्तम (आदर्श) पारिवारिक बजट किसे माना जाता है?


(a) घाटे का बजट


(b) सन्तुलित बजट


(C) बचत का बजट


(d) दैनिक बजट


उत्तर (c) बचत का बजट


प्रश्न 15. बजट में आय-व्यय का विवरण कितनी अवधि का होता है?


(a) एक सप्ताह 


(b) एक माह 


(c) एक वर्ष


(d) एक निश्चित अवधि


उत्तर (d) एक निश्चित अवधि


प्रश्न 16. बजट सुरक्षित रखने का उत्तम साधन है


(a) घर में रखना 


(b) बैंक में जमा करना 


(c) पड़ोसी के पास रखना


(d) इनमें से कोई नहीं


उत्तर (b) बैंक में जमा करना


प्रश्न 17. लोकप्रिय पारिवारिक बजट का सिद्धान्त प्रस्तुत किया


अथना पारिवारिक बजट का सिद्धान्त किसने प्रस्तुत किया


 (a) मेण्डल ने


 (b) एंजिल ने 


(c) अरस्तू ने


(d) बेंजामिन ने


उत्तर (b) एंजिल ने


प्रश्न 18. एंजिल के अनुसार, कम आय वर्ग की आय का अधिकांश प्रतिशत व्यय इस मद पर होता है।


(a) वस्त्र


(b) भोजन


(c) आवास


(d) ईंधन


उत्तर (b) भोजन


प्रश्न 19. एंजिल द्वारा प्रतिपादित बजट सम्बन्धी नियम के अन्तर्गत किस मद का उल्लेख नहीं किया गया है?


(a) बचत 


(b) मनोरंजन


(c) ईंधन प्रकाश


(d) स्टेशनरी


उत्तर (d) स्टेशनरी


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न (Short Question)


प्रश्न 1. बजट किसे कहते हैं?

उत्तर – आय-व्यय के नियोजन के लिखित रूप को बजट कहते हैं। 


प्रश्न 2. पारिवारिक बजट से आप क्या समझते हैं?

उत्तर – पारिवारिक बजट एक प्रकार का व्यवस्थित प्रलेख अथवा प्रपत्र होता है, जिसमें सम्बन्धित परिवार के निश्चित अवधि में होने वाले आय-व्यय के विवरण को दर्शाया जाता है।


प्रश्न 3. पारिवारिक बजट की परिभाषा दीजिए।

उत्तर – क्रेग एवं रश के अनुसार, "पारिवारिक बजट भूतकाल के व्यय, भविष्य के अनुमानित व्यय तथा वर्तमान समय की मदों पर निश्चित व्यय का लेखा-जोखा है।"


प्रश्न 4. पारिवारिक बजट बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

उत्तर –पारिवारिक बजट बनाने का मुख्य उद्देश्य परिवार की आय के अनुसार व्यय का नियोजन करना है।


प्रश्न 5. बजट क्यों तैयार किया जाता है?

उत्तर – बजट निम्नलिखित कारणों से बनाया जाता है। 1. पारिवारिक आवश्यकताओं एवं रहन-सहन के स्तर का ध्यान रखने के लिए।।


2. आकस्मिक कार्यों के लिए। 


3. बचत का प्रावधान रखने के लिए।


प्रश्न 6. बजट की प्रमुख मदें कौन-कौन-सी है?

उत्तर –बजट को प्रमुख मदे हैं-भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा, स्वास्थ्य, यातायात, मनोरंजन एवं बचत।


प्रश्न 7. पारिवारिक बजट कितने प्रकार के होते हैं?

उत्तर –पारिवारिक बजट तीन प्रकार के होते हैं।


1. घाटे का बजट


 2. सन्तुलित बजट


3. बचत का बजट


प्रश्न 8. यदि पारिवारिक बजट में आय की तुलना में व्यय अधिक हो, तो उसे क्या कहते हैं?

उत्तर – आय की तुलना में व्यय अधिक होने वाले बजट को 'घाटे का पारिवारिक बजट' कहते हैं।


 प्रश्न 9. बजट बनाने के दो लाभ लिखिए।


अथवा बजट की उपयोगिता बताइए।


अथवा पारिवारिक बजट से क्या लाभ हैं?


उत्तर – बजट बनाने के दो लाभ निम्नलिखित है-


1. अनावश्यक व्यय को नियन्त्रित किया जा सकता है।


2. प्राथमिकता के आधार पर अधिक से अधिक आवश्यकताओं की पूर्ति हो सकती है।


 प्रश्न 10. बजट बनाते समय किन विशेष आवश्यकताओं को ध्यान में रखना चाहिए?


अथवा एक अच्छे बजट की दो विशेषताएँ लिखिए।


उत्तर – एक अच्छे बजट की दो विशेषताएँ निम्न है


1. अच्छे पारिवारिक बजट में आय व व्यय का सन्तुलन हो। 


2. पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति में सहायक हो।


प्रश्न 11. बजट में मितव्ययिता क्या है? गृह व्यय में मितव्ययिता के लिए दो सुझाव दीजिए।


 उत्तर – मितव्ययिता धन का अपव्यय होने से बचाव का एक तरीका है, इसे सूझ-बूझ द्वारा अपनाया जाता है।


गृह व्यय में मितव्ययिता हेतु दो सुझाव इस प्रकार हैं


1. भोजन सामग्री बाजार की अपेक्षा घर पर ही पकाएं, जिससे मितव्ययिता का पालन हो सके।


2. गृह व्यवस्था से सम्बन्धित वस्तुएँ चाहे कम मात्रा में खरीदें, परन्तु उधार न लें


प्रश्न 12. पारिवारिक बजट बनाने में उत्पन्न होने वाली कोई दो बाधाएँ लिखिए।


अथवा पारिवारिक बजट निर्माण में क्या बाधाएँ आती हैं? 


उत्तर –पारिवारिक बजट बनाने में उत्पन्न होने वाली दो बाधाएं निम्न है


1. अशिक्षा


2. सामाजिक परम्पराएँ


प्रश्न 13. एंजिल का सिद्धान्त क्या है?

उत्तर – आय-व्यय से सम्बन्धित इस सिद्धान्त के अनुसार, “पारिवारिक आय बढ़ने के साथ-साथ किसी परिवार के भोजन एवं खाद्य सामग्री पर किए जाने वाले व्ययों में प्रतिशत की कमी तथा शिक्षा, मनोरंजन, स्वास्थ्य एवं विलासिता की मदों पर होने वाले व्ययों में प्रतिशत की वृद्धि अंकित की जाती है।"


लघु उत्तरीय प्रश्न( Question Answers)


प्रश्न 1. पारिवारिक बजट से आप क्या समझते हैं। बचत के किन्हीं चार साधनों के नाम लिखिए।


उत्तर –पारिवारिक बजट एक प्रकार का व्यवस्थित प्रलेख अथवा प्रपत्र होता है, जिससे सम्बन्धित परिवार के निश्चित अवधि में होने वाले आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पारिवारिक आय-व्यय का सन्तुलन बनाए रखने हेतु सामान्यतः मासिक बजट बनाया जाता है। किसी निश्चित अवधि के पूर्व अनुमानित आय-व्यय का सही नियोजन पारिवारिक बजट कहलाता है अर्थात् बजट बनाने से पहले आय का पूर्वानुमान होना आवश्यक है। क्रेग एवं रश के अनुसार, 'पारिवारिक बजट भूतकाल के व्यय, भविष्य के अनुमानित व्यय तथा वर्तमान समय की मदों पर निश्चित व्यय का लेखा-जोखा है। बचत करने के लिए परिवार की आय के अनुसार, व्यय का नियोजन करना होता है। इसके अतिरिक्त पारिवारिक बजट में बचत की निम्नलिखित मदे होती है


1. परिवार के सभी स्रोतों से होने वाली सम्पूर्ण आय का विवरण प्राप्त करना।


2. परिवार के सभी सदस्यों की आवश्यकताएँ तथा उन्हें पूरा करने के लिए आवश्यक व्यय की जानकारी प्राप्त करना। 


3. आवश्यकताओं की प्राथमिकता को ध्यान में रखते हुए आप का उचित उपयोग करना।


4. परिवार में होने वाले अनावश्यक व्यय को नियन्त्रित करना, जिससे भविष्य के लिए बचत की जा सके।


प्रश्न 2. पारिवारिक बजट के अवलोकन से मुख्य रूप से कौन-कौन सी सूचनाएँ प्राप्त होती हैं? 

उत्तर – किसी परिवार द्वारा बनाए गए व्यवस्थित पारिवारिक बजट से निम्नलिखित सूचनाएँ प्राप्त की जा सकती हैं


1. पारिवारिक सदस्यों के विषय में जानकारी किसी भी परिवार के बजट के प्रारूप से उस परिवार के सदस्यों की जानकारी प्राप्त होती है जैसे परिवार में कितने सदस्य हैं। 


2. पारिवारिक बजट की अवधि पारिवारिक बजट में बजट की अवधि का स्पष्ट अंकन होता है कि यह कितने समय के लिए बनाया गया है। यह अवधि एक दिन, सप्ताह, माह तथा एक वर्ष भी हो सकती है। बजट की इस सूचना से परिवार की आर्थिक स्थिति का भी अनुमान लगाया जा सकता है।


 3. परिवार की कुल आय किसी परिवार के पारिवारिक बजट से उस परिवार की कुल आय का अनुमान लगाया जा सकता है, क्योंकि बजट में आय के सम्पूर्ण स्रोतों की जानकारी का उल्लेख होता है। इससे परिवार के रहन-सहन तथा अन्य पक्षों की भी जानकारी प्राप्त हो जाती है।


4. परिवार का समस्त व्यय पारिवारिक बजट के माध्यम से यह जानना आसान होता है कि सम्बन्धित परिवार निर्धारित अवधि में अपने सदस्यों की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कुल कितना व्यय करता है।


5. बचत परिवार द्वारा बनाए गए बजट के अनुसार, आय एवं व्यय का उल्लेख स्पष्ट रूप से होता है, जिससे यह भी स्पष्ट होता है कि परिवार द्वारा व्यय के उपरान्त कुछ बचत भी की गई है या नहीं यदि पारिवारिक बजट में कुछ बचत का उल्लेख होता है, तो वह आदर्श बजट कहलाता है।


6. पारिवारिक आवश्यकताओं का विवरण पारिवारिक बजट से विविध आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त होती है। मुख्यतः पारिवारिक बजट में उन सभी मदों का विवरण होता है, जिन पर व्यय किया जाता है।


 प्रश्न 3. पारिवारिक बजट के विभिन्न प्रकारों का उल्लेख कीजिए। आप किस प्रकार के पारिवारिक बजट को सर्वोत्तम मानते हैं?


अथवा आय-व्यय में सन्तुलन रखने के लिए कौन-सा बजट उत्तम होगा?


अथवा सर्वोत्तम बजट किसे कहते हैं? वर्णन कीजिए। 


उत्तर – पारिवारिक बजट में मुख्य रूप से आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पारिवारिक बजट के निर्माण में मुख्यतः तीन तत्त्वों- पारिवारिक आय, पारिवारिक व्यय तथा पारिवारिक बचत को ध्यान में रखा जाता है। पारिवारिक बजट तीन प्रकार का होता है।


1. घाटे का बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय आय से अधिक होता है, तो उसे घाटे का बजट कहते हैं।


2. सन्तुलित बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय को आय के बराबर ही रखा जाता है, उसे सन्तुलित बजट कहते हैं।


3. सर्वोत्तम बजट (बचत का बजट) बचत के बजट को सर्वोत्तम बजट कहते हैं। इसमें अनुमानित आय अधिक व प्रस्तावित व्यय कम होता है। इस बजट में पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यय का प्रावधान इस प्रकार से किया जाता है कि व्यय प्रत्येक स्थिति में पारिवारिक आय से कम ही रहता है।


अतः परिवार बचत की स्थिति में रहता है। बचत के बजट में भविष्य के साथ आकस्मिक आवश्यकताओं का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है। अतः आय व्यय में सन्तुलन रखने के लिए बचत का बजट ही 'सर्वोत्तम बजट' होगा।


प्रश्न 7. बजट निर्माण के विभिन्न चरण लिखिए।

 उत्तर – बजट निर्माण के मुख्य चरण निम्नलिखित हैं


1. परिवार की कुल आय की जानकारी लेना। 


2. परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं का निर्धारण करना।


3. आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए होने वाले व्यय का अनुमान लगाना।


4. व्यय के आय से अधिक होने पर कुछ कम महत्त्वपूर्ण खर्चों पर रोक लगाना।


5. बचत के लिए बुद्धिमत्तापूर्वक उपाय करना। 


6. सम्पूर्ण विवरण लिखित रूप से देना।


प्रश्न 8. पिछले माह के बजट का मूल्यांकन क्यों आवश्यक है? 

उत्तर – बजट को अधिक उपयोगी एवं सन्तुलित बनाने के लिए आगामी माह का है अथवा बजट तैयार करने से पहले विगत माह के बजट का मूल्यांकन करना चाहिए। इससे यह ज्ञात होगा कि बजट में कोई अनावश्यक व्यय तो नहीं हुआ किसी आवश्यक व्यय की अवहेलना तो नहीं हुई हैं। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आगामी माह का बजट बनाने से बजट अधिक सफल होगा। यही कारण है कि सैद्धान्तिक रूप से बजट तैयार करते समय विगत माह के बजट का मूल्यांकन आवश्यक माना जाता है।


प्रश्न 9. पारिवारिक बजट बनाने में मुख्य रूप से कौन-कौन-सी बाधाएँ उत्पन्न होती हैं?


अथवा पारिवारिक बजट के निर्माण एवं सफलता के मार्ग में कौन-कौन-सी बाधाएँ उत्पन्न हुआ करती हैं?


उत्तरपारिवारिक बजट के मार्ग में बाधाएँ


पारिवारिक बजट बनाना परिवार की अर्थव्यवस्था के लिए उपयोगी एवं लाभदायक होता है, परन्तु पारिवारिक बजट बनाना एक जटिल कार्य है। बजट बनाते समय निम्न कठिनाइयों एवं समस्याओं का सामना करना पड़ता है।


 1. अज्ञानता एवं अशिक्षा गृहिणियों का अशिक्षित होना बजट निर्माण में एक प्रमुख बाधा है।


2. आय-व्यय के प्रति उदासीनता अशिक्षित गृहिणियाँ अपनी अज्ञानता व अशिक्षा के कारण बजट नहीं बना पातीं, परन्तु शिक्षित तथा ज्ञानवान गृहिणियाँ भी बजट बनाने तथा उसका पालन करने में रुचि नहीं दिखातीं तथा बजट के प्रति उदासीनता का दृष्टिकोण अपनाती हैं।


3. सामाजिक परम्पराएँ पुरुष प्रधान समाज में महिलाओं का महत्त्व न होना, उत्सवों, समारोह आदि में झूठी शान दिखाने पर अत्यधिक खर्च करना आदि परिस्थितियाँ भी बजट निर्माण कार्य में बाधा उत्पन्न करती हैं। 


प्रश्न 10. एक मध्यमवर्गीय परिवार के बजट का नमूना बनाइए ।

उत्तर – प्रत्येक मध्यमवर्गीय परिवार को अपनी सीमित आय में ही घरेल आवश्यकताओं की पूर्ति करनी होती है, ऐसी स्थिति में बजट बनाकर ही अपने परिवार को चलाया जा सकता है। एक मध्यमवर्गीय परिवार के बजट का प्रारूप इस प्रकार है.


गृह स्वामी का नाम   –  सुभांष 


घर का पता    – मकान संख्या 12, गोविंदपुरा, कानपुर 


परिवार की सदस्य संख्या – 4 (1 पुरुष, 1 स्त्री, 2 बच्चे)


मासिक आय – 20,000


बजट की अवधि – 01/01/2023 से 31/01/2023



क्र. सं.

व्यय की मद 

अनुमानित व्यय 

कुल व्यय 

आय का प्रतिशत व्यय 

1.

भोजन

(i) अनाज

(ii) दालें

(iii) फल एवं सब्जी

(iv) दूध

(v) घी, तेल, मक्खन

(vi) अन्य सामान 


3000

1000

1000


1300

1300


400

8000

40%

2.

वस्त्र

(i) कपड़ा व सिलाई

(ii) इस्तरी 


1000


500

1500

7.5%

3.

ईंधन तथा प्रकाश

(i) रसोई गैस

(ii) बिजली 



700

300

1000

5%

4.

मकान का किराया 

3000

3000

15%

5.

शिक्षा तथा स्वास्थ 

(i) स्कूल फीस

(ii) स्टेशनरी

(iii) दवा आदि 



2000

500

1000

3500

17.5%

6.

अन्य व्यय

(i) मनोरंजन

(ii) अन्य


1000

1000

2000

10%

7.

बचत 

1000

1000

5%


कुल योग 

20,000

20,000

100%


इस प्रकार ₹25,000 या ₹30,000 आय वाले बजट भी तैयार किए जा सकते हैं। पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखकर आवश्यक परिवर्तन भी किए जा सकते हैं।


    [ दीर्घ उत्तरीय प्रश्न Long Question ]


प्रश्न 1. बजट बनाने के मुख्य उद्देश्य क्या हैं? इससे गृहिणी को प्राप्त होने वाले लाभों का उल्लेख कीजिए।


अथवा पारिवारिक बजट से क्या तात्पर्य है? बजट के प्रकार लिखिए। बजट बनाने से परिवार को होने वाले लाभों का वर्णन कीजिए।


 अथवा "पारिवारिक बजट गृहिणी के आय-व्यय को नियन्त्रित करने के लिए आवश्यक है।" स्पष्ट कीजिए।


अथवा पारिवारिक बजट से आप क्या समझते हैं? पारिवारिक बजट बनाने के मुख्य उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।


 अथवा "आय-व्यय के सन्तुलन के लिए बजट बनाना आवश्यक है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।


उत्तर –  पारिवारिक बजट का अर्थ एवं परिभाषाएँ पारिवारिक बजट एक प्रकार का व्यवस्थित प्रलेख अथवा प्रपत्र है, जिसमें सम्बन्धित परिवार के निश्चित अवधि में होने वाले आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। क्रेग एवं रश के अनुसार, “पारिवारिक बजट भूतकाल के व्यय, भविष्य के अनुमानित व्यय तथा वर्तमान समय की मदों पर निश्चित व्यय का लेखा-जोखा है।" बजट के अर्थ एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए वेबर ने भी इसे अपने शब्दों में परिभाषित किया है। वेबर के अनुसार, “पारिवारिक बजट पारिवारिक आय को व्यवस्थित रूप से इस प्रकार व्यय करने का तरीका है, जिससे कि अधिकतम सदस्यों के सुख व कल्याण में वृद्धि हो सके। पारिवारिक बजट असावधानीपूर्वक तथा अव्यवस्थित रूप से व्यय करने के स्थान पर योजनाबद्ध एवं विवेकपूर्ण व्यय को प्रतिस्थापित करने का ढंग या उपाय है।"


पारिवारिक बजट बनाने के मुख्य उद्देश्य


पारिवारिक बजट बनाने के निम्नलिखित उद्देश्य हैं 


1. परिवार की सम्पूर्ण आय का विवरण प्राप्त करना।


2. परिवार के सदस्यों की विभिन्न आवश्यकताओं की जानकारी प्राप्त करना।


3. जीवन स्तर का उन्नयन करना।


4. पारिवारिक व्यय का नियोजन करना।


5. अनावश्यक व्यय को रोकना।


6. भविष्य की सुरक्षा हेतु बचत करना।


पारिवारिक बजट के प्रकार 

पारिवारिक बजट में मुख्य रूप से आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पारिवारिक बजट के निर्माण में मुख्यतः तीन तत्त्वों- पारिवारिक आय, पारिवारिक व्यय तथा पारिवारिक बचत को ध्यान में रखा जाता है। पारिवारिक बजट तीन प्रकार का होता है।


1. घाटे का बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय आय से अधिक होता है, तो उसे घाटे का बजट कहते हैं।


2. सन्तुलित बजट जिस पारिवारिक बजट में व्यय को आय के बराबर ही रखा जाता है, उसे सन्तुलित बजट कहते हैं।


3. सर्वोत्तम बजट (बचत का बजट) बचत के बजट को सर्वोत्तम बजट कहते हैं। इसमें अनुमानित आय अधिक व प्रस्तावित व्यय कम होता है। इस बजट में पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यय का प्रावधान इस प्रकार से किया जाता है कि व्यय प्रत्येक स्थिति में पारिवारिक आय से कम ही रहता है।


अतः परिवार बचत की स्थिति में रहता है। बचत के बजट में भविष्य के साथ आकस्मिक आवश्यकताओं का पूरा-पूरा ध्यान रखा जाता है। अतः आय व्यय में सन्तुलन रखने के लिए बचत का बजट ही 'सर्वोत्तम बजट' होगा।


पारिवारिक बजट से मिलने वाले लाभ किसी घर या परिवार की अर्थव्यवस्था का संचालन मुख्य रूप से गृहिणियों के ऊपर होता है। गृहिणियों द्वारा ही बजट बनाकर पारिवारिक अर्थव्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित किया जाता है। पारिवारिक बजट या बजट बनाने से गृहिणियों तथा परिवार को निम्न लाभ होते हैं


1. आय का उचित उपयोग बजट के माध्यम से गृहिणी परिवार की आय का सदुपयोग करती है।


2. अनावश्यक पारिवारिक व्यय पर नियन्त्रण पारिवारिक बजट में सभी आवश्यकताओं एवं व्यय की मदों को चिह्नित किया जाता है, इससे अनावश्यक

व्यय को ज्ञात करना सरल होता है। 


3. आय-व्यय के सन्तुलन में सहायक गृहिणी द्वारा पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु व्यय का निर्धारण, आय को ध्यान में रखकर ही किया जाता है।


4. मितव्ययिता का अनुपालन बजट का नियमित विश्लेषण मितव्ययिता को प्रेरित करता है।


5. ऋणों के भार से बचाव आय-व्यय का सन्तुलन होने से परिवार ऋणग्रस्त नहीं होता।


6. पारिवारिक बचत में सहायक बजट के माध्यम से गृहिणी परिवार के आकस्मिक खर्चों एवं निवेश के लिए, पारिवारिक बचत का निर्माण करने में सफल रहती है।


प्रश्न 2. पारिवारिक बजट से आप क्या समझते हैं? बजट के विभिन्न प्रकारों का वर्णन कीजिए।


उत्तरपारिवारिक बजट का अर्थ एवं परिभाषाएँ पारिवारिक बजट एक प्रकार का व्यवस्थित प्रलेख अथवा प्रपत्र है, जिसमें सम्बन्धित परिवार के निश्चित अवधि में होने वाले आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। क्रेग एवं रश के अनुसार, “पारिवारिक बजट भूतकाल के व्यय, भविष्य के अनुमानित व्यय तथा वर्तमान समय की मदों पर निश्चित व्यय का लेखा-जोखा है।" बजट के अर्थ एवं उपयोगिता को ध्यान में रखते हुए वेबर ने भी इसे अपने शब्दों में परिभाषित किया है। वेबर के अनुसार, “पारिवारिक बजट पारिवारिक आय को व्यवस्थित रूप से इस प्रकार व्यय करने का तरीका है, जिससे कि अधिकतम सदस्यों के सुख व कल्याण में वृद्धि हो सके। पारिवारिक बजट असावधानीपूर्वक तथा अव्यवस्थित रूप से व्यय करने के स्थान पर योजनाबद्ध एवं विवेकपूर्ण व्यय को प्रतिस्थापित करने का ढंग या उपाय है।"


 पारिवारिक बजट में मुख्य रूप से आय-व्यय का विवरण प्रस्तुत किया जाता है। पारिवारिक बजट के निर्माण में मुख्यतः तीन तत्त्वों- पारिवारिक आय व्यय एवं बचत को ध्यान में रखा जाता है। बजट के मुख्य प्रकारों का विवरण निम्न प्रकार है।


1. सन्तुलित बजट सन्तुलित बजट से अभिप्राय ऐसे बजट से है, जिसमें अनुमानित आय और प्रस्तावित व्यय बिल्कुल समान होता है। इस व्यवस्था में

परिवार की सभी आवश्यकताएँ बिना किसी बाहरी सहायता (कर्ज) के पूरी होती है।


इस प्रकार के बजट में आकस्मिक व भविष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई प्रावधान नहीं किया जाता है, जिस कारण कभी-कभी भविष्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए कोई प्रावधान नहीं किया जाता है, जिस कारण कभी-कभी भविष्य सम्बन्धी आवश्यकताओं की पूर्ति सम्बन्धी समस्याएँ उत्पन्न हो जाती है, इसलिए इसे काम चलाऊ बजट कहा जाता है। अतः पारिवारिक भविष्य असुरक्षित रहने के कारण यह बजट उत्तम नहीं माना जाता है।


2. घाटे का बजट घाटे के बजट से तात्पर्य उस बजट से है, जिसमें अनुमानित आय कम व प्रस्तावित व्यय अधिक होता है, जैसे किसी परिवार की आय ₹20,000 है, परन्तु उसके बजट के अनुसार, ₹22,000 के व्यय का अनुमान है। इस प्रकार आय से अधिक व्यय होने पर परिवार को ₹2000 के घाटे का सामना करना पड़ेगा। अतः इस प्रकार के बजट को घाटे का बजट कहा जाता है।


खर्चे को पूरा करने के लिए प्रायः व्यक्ति को उधार लेना पड़ता है या पूर्व संचित धन का उपयोग किया जाता है। यदि पारिवारिक बजट घाटे का है, तो इस प्रकार का बजट बनाना अच्छा नहीं माना जाता है। यदि किसी परिवार में घाटे की स्थिति लम्बे समय तक चलती रहती है, तो वह परिवार आर्थिक रूप से संकट में आ जाता है।


3. बचत का बजट बचत के बजट से तात्पर्य उस बजट से है, जिसमे अनुमानित आय अधिक व प्रस्तावित व्यय कम होता है। अर्थात् इस बजट में पारिवारिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए व्यय का प्रावधान इस प्रकार से किया जाता है कि वह प्रत्येक स्थिति में पारिवारिक आय से कम ही रहता है। इस प्रकार का बजट भविष्य की आकस्मिक आवश्यकताओं की पूर्ति को ध्यान में रखकर बनाया जाता है, जिससे परिवार को आर्थिक संकट का सामना नहीं करना पड़ता है। अतः यह बजट सबसे अच्छा व सर्वोत्तम बजट माना जाता है।


 प्रश्न 3. पारिवारिक बजट बनाने में सहायक सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए। 


अथवा पारिवारिक बजट तैयार करते समय किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है? वर्णन कीजिए।


उत्तरपारिवारिक बजट बनाने में सहायक सिद्धान्त व बजट बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें


प्रत्येक परिवार को अपनी आय के अनुसार अपनी पारिवारिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए व्यावहारिक बजट का निर्माण करना चाहिए। बजट का सैद्धान्तिक तथा व्यावहारिक दोनों ही दृष्टिकोण से विशेष महत्व है। अतः बजट की तैयारी करने की सैद्धान्तिक एवं व्यावहारिक प्रक्रिया को जानना आवश्यक है। इसके लिए पारिवारिक बजट बनाते समय ध्यान रखने योग्य आवश्यक बातों का ज्ञान होना आवश्यक है। पारिवारिक बजट बनाने में सहायक मुख्य सिद्धान्तों का संक्षिप्त विवरण निम्नलिखित है


पारिवारिक बजट बनाने में सहायक सिद्धान्त व बजट बनाते समय ध्यान रखने योग्य बातें


•परिवार की आय की जानकारी


• परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं का निर्धारण


•पारिवारिक बचत के प्रावधान का सिद्धान्त


• आकस्मिक आवश्यकताओं की व्यवस्था सम्बन्धी सिद्धान्त


•भविष्य के नियोजन सम्बन्धी सिद्धान्त


• बजट में लचीलेपन का प्रावधान


•मासिक बजट को वार्षिक बजट की पृष्ठभूमि में तैयार करना


• बजट के मूल्यांकन का सिद्धान्त


1. परिवार की आय की जानकारी पारिवारिक बजट बनाने हेतु सैद्धान्तिक रूप से यह आवश्यक है कि बजट बनाने वाले को परिवार की कुल आय की सही-सही जानकारी प्राप्त हो। अतः परिवार के सभी सदस्यों को अपनी आय का सही-सही विवरण देना चाहिए तथा परिवार की आय के सभी स्रोतों (जैसे- वेतन, कृषि, भवन किराया, उद्योग आदि) से प्राप्त आय का योग कर लेना चाहिए, इससे विभिन्न मदों पर होने वाले खर्चों का सही प्रकार निर्धारण किया जा सकेगा।


2. परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं का निर्धारण पारिवारिक बजट में आय के अनुसार व्यय का निर्धारण किया जाता है। व्यय निर्धारण हेतु परिवार के सदस्यों की आवश्यकताओं को जानना आवश्यक होता है। व्यक्ति की प्राथमिकताओं के अनुसार आवश्यकताओं का निर्धारण किया जाना चाहिए। गौण आवश्यकताओं को स्थगित कर देना चाहिए। सैद्धान्तिक रूप से आवश्यक है कि किसी भी स्थिति में स्वीकृत आवश्यकताओं की पूर्ति पर होने वाला व्यय पारिवारिक आय से अधिक न हो


 3. पारिवारिक बचत के प्रावधान का सिद्धान्त बजट बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि बजट में अनिवार्य रूप से बचत का प्रावधान हो।

इसके लिए कोई अनिवार्य नियम नहीं है। प्रत्येक परिवार को अपनी आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बचत करनी चाहिए।


4. आकस्मिक आवश्यकताओं की व्यवस्था सम्बन्धी सिद्धान्त पारिवारिक बजट बनाते समय कुछ आकस्मिक जरूरतों को ध्यान में रखकर बजट का प्रावधान करना चाहिए। इस मद का प्रावधान अनुमान तथा विगत अनुभवों के आधार पर होना चाहिए।


5. भविष्य के नियोजन सम्बन्धी सिद्धान्त बजट बनाने में इस सिद्धान्त को भी मान्यता प्रदान की गई है। इस सिद्धान्त का मुख्य उद्देश्य परिवार की भावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखना होता है। सामान्यतः बच्चों की उच्च शिक्षा तथा उनके विवाह आदि पर भविष्य में पर्याप्त व्यय करना पड़ता है। अतः सम्भावित व्यय के लिए समुचित प्रावधान होना चाहिए।


6. बजट में लचीलेपन का प्रावधान सामान्य रूप से पारिवारिक बजट में व्यय एवं बचत के निर्धारण का कठोरता से पालन किया जाता है, लेकिन पारिवारिक बजट को इतना लचीला होना चाहिए कि परिस्थितियों में परिवर्तन के अनुसार बजट में कटौती की जा सके अथवा बचत में कमी की जा सके।


7. मासिक बजट को वार्षिक बजट की पृष्ठभूमि में तैयार करना सामान्यतः लोग अपना बजट मासिक पृष्ठभूमि को ध्यान में रखकर बनाते हैं, परन्तु मासिक बजट को वार्षिक बजट की पृष्ठभूमि में ही तैयार करना चाहिए अर्थात् मासिक बजट तैयार करते समय वार्षिक आय तथा व्यय का समुचित ध्यान रखना चाहिए।


8. बजट के मूल्यांकन का सिद्धान्त बजट को अधिक उपयोगी एवं सन्तुलित बनाने के लिए आगामी माह का बजट तैयार करने से पहले विगत माह के बजट का मूल्यांकन करना चाहिए। इससे यह ज्ञात होगा कि बजट में कोई अनावश्यक व्यय तो नहीं हुआ है अथवा किसी आवश्यक व्यय की अवहेलना तो नहीं हुई है। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर आगामी माह का बजट बनाने से बजट अधिक सफल होगा। यही कारण है कि सैद्धान्तिक रूप से बजट तैयार करते समय विगत माह के बजट का मूल्यांकन आवश्यक माना जाता है।


 प्रश्न 4. एंजिल द्वारा प्रतिपादित पारिवारिक बजट के सिद्धान्त का आलोचनात्मक विवरण प्रस्तुत कीजिए।

उत्तरएंजिल द्वारा प्रतिपादित बजट का सिद्धान्त पारिवारिक बजट के सन्दर्भ में अनेक विद्वानों द्वारा विभिन्न सिद्धान्तों का प्रतिपादन किया गया है। इन विद्वानों में जर्मनी के प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. अर्नेस्ट एंजिल का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है। एंजिल ने समाज के विभिन्न वर्गों से सम्बन्धित परिवारों की गृह अर्थव्यवस्था का विस्तृत अध्ययन किया तथा 1857 ई. में निष्कर्ष स्वरूप एक नियम प्रस्तुत किया, जिसे पारिवारिक बजट सम्बन्धी एंजिल का नियम कहा जाता है। एंजिल ने सामाजिक व्यवस्था को तीन वर्गों धनी या उच्च, मध्यम तथा निम्न में विभाजित किया है।


इस वर्गीकरण का आधार केवल पारिवारिक आय को ही स्वीकार किया गया था।


अपने अध्ययनों के आधार पर उसने स्पष्ट किया कि पारिवारिक आय के बढ़ने के साथ-साथ परिवार द्वारा भोजन एवं खाद्य सामग्री पर किए जाने वाले व्यय का प्रतिशत मान घटता जाता है तथा शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मनोरंजन या विलासिता की मदों पर होने वाले व्यय का प्रतिशत मान बढ़ता जाता है। जहाँ तक वस्त्र, गृह, प्रकाश एवं ईंधन जैसी मदों का प्रश्न है, इन पर होने वाले व्यय का प्रतिशत मान प्रायः स्थिर ही रहता है। 


एंजिल के पारिवारिक बजट सम्बन्धी नियम की आलोचना एंजिल के नियम का वर्तमान सन्दर्भ में मूल्यांकन करने से पता चलता है कि वर्तमान में यह नियम उतना प्रासंगिक नहीं रह गया। 

पारिवारिक बजट के विभिन्न पक्षों को आधार बनाकर इस नियम को निम्नलिखित आलोचनाएँ प्रस्तुत की गई है


 1. भोजन व्यय के सन्दर्भ में आलोचकों का मत है कि एंजिल द्वारा अपने बजट में अध्यापक तथा डॉक्टर के भोजन के लिए किया गया धन का प्रावधान अधिक प्रतीत होता है।


2. आवास व्यय के सन्दर्भ में आधुनिक परिस्थितियों में आवास समस्या गम्भीर है। अध्यापक तथा डॉक्टर के मकान के लिए निर्धारित किया गया धन कम प्रतीत होता है। आय के 12% भाग को व्यय करके ये वर्ग अपनी प्रतिष्ठा के अनुकूल आवास प्राप्त नहीं कर सकते।


3. शिक्षा, स्वास्थ्य तथा मनोरंजन व्यय के सन्दर्भ में एंजिल ने अपने नियम में मध्यम तथा उच्च वर्ग की शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मनोरंजन की मद के लिए जो

व्यय का प्रावधान किया है, वह बहुत अधिक प्रतीत होता है।


4. ईंधन तथा प्रकाश व्यय के सन्दर्भ में एंजिल ने अपने नियम में स्वीकार किया है कि ईंधन एवं प्रकाश आदि पर होने वाले व्यय का प्रतिशत भाग सदैव स्थिर रहता है। यह मान्यता उचित नहीं है। व्यवहार में आय के बढ़ने के साथ-साथ इन मदों पर होने वाले व्यय के प्रतिशत मान में कुछ-न-कुछ वृद्धि अवश्य ही होती है।


5. बचत की अवहेलना के सन्दर्भ में एंजिल द्वारा प्रतिपादित बजट सम्बन्धी नियम के अन्तर्गत कहीं भी बचत का उल्लेख नहीं है। आधुनिक मान्यताओं के अनुसार समाज के प्रत्येक वर्ग के बजट में अनिवार्य रूप से नियमित बचत का प्रावधान होना चाहिए। एंजिल द्वारा की गई बचत की अवहेलना आलोचना का विषय है।


प्रश्न 5. मितव्ययिता किसे कहते हैं? घर के खर्च में मितव्ययिता के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?


अथवा गृह व्यय में मितव्ययिता के लिए किन-किन बातों का ध्यान रखना आवश्यक है?


अथवा मितव्ययिता का क्या अर्थ है? गृहिणी मितव्ययिता में किस प्रकार सहायता कर सकती है?


उत्तर  – मितव्ययिता


मितव्ययिता से अभिप्राय विवेकपूर्ण ढंग से उचित कार्यों के लिए खर्च करना है। मितव्ययिता का उद्देश्य अपव्यय या फिजूलखर्च से बचना है, कंजूसी करना नहीं, क्योंकि कंजूसी की स्थिति तो दुःख प्रदान करने वाली होती है। मितव्ययिता का स्पष्टीकरण यह है कि किसी वस्तु पर दस रुपये व्यय करने से ही हम सुख-सन्तोष की प्राप्ति कर सकते हैं, तो उस पर अनावश्यक बारह रुपये व्यय न करें।


मितव्ययिता के उपाय


मितव्ययिता के व्यावहारिक उपायों को ही मितव्ययिता के आवश्यक तत्त्व कहा जाता है। मितव्ययितापूर्ण व्यय के लिए कुछ उपयोगी सुझाव निम्नलिखित हैं


1. वस्तुएँ खरीदने का उचित स्थान कुशल उपभोक्ताओं या गृहिणियों को यह ज्ञात होना चाहिए कि कौन-सी वस्तु किस स्थान से अच्छी तथा सस्ती प्राप्त हो सकती है। कहने का अभिप्राय यह है कि प्रत्येक वस्तु की प्राप्ति का एक निश्चित स्थान होता है और इसकी जानकारी धन तथा समय की बचत कराती है।


2. खरीदारी के सिद्धान्त सफल खरीदारी के कुछ सिद्धान्त हैं, जिन्हें ध्यान में रखने पर गृहिणियाँ या उपभोक्ता मितव्ययिता के लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। इन सिद्धान्तों का संक्षिप्त परिचय निम्नलिखित है


(i) आवश्यक वस्तुओं का समुचित ज्ञान केवल उन्हीं वस्तुओं को खरीदना चाहिए, जिनकी हमें आवश्यकता है। ऐसा करने पर हम कम धन व्यय करके अधिकतम सन्तोष प्राप्त कर सकते हैं।


(ii) आवश्यक वस्तुओं की प्राथमिकता का ज्ञान व्यक्ति को अपनी आवश्यकताओं की प्राथमिकता का निर्धारण करके ही वस्तुओं को खरीदना चाहिए। ऐसा करने से आप कम व्यय करके ही अधिक सन्तोष प्राप्त कर सकते हैं।


(iii) वस्तु के गुणों का ज्ञान क्रेता या गृहिणियों में वस्तु अथवा माल को जाँचने की योग्यता होनी चाहिए। गुणरहित सस्ती वस्तु खरीदना भी सदैव घाटे का सौदा होता है। अतः वस्तु के गुणों को सुनिश्चित करना नितान्त आवश्यक होता है।


(iv) उचित मूल्य की वस्तुओं के प्राप्ति स्थान की जानकारी गृहिणियों को यह ज्ञात होना चाहिए कि सम्बन्धित वस्तु किस स्थान अथवा किस दुकान पर उचित मूल्य पर मिलती है। अतः मितव्ययिता के लिए आवश्यक है कि उचित मूल्य की दुकान से ही वस्तुएँ खरीदी जाएँ। 


(v) मोलभाव करने की योग्यता कुछ दुकानदार हमेशा वस्तुओं के दाम बढ़ाकर बताते हैं। ऐसे दुकानदारों से मोलभाव करना पड़ता है। यदि गृहिणी को मोलभाव करना न आता हो, तो उसे नुकसान हो सकता है। ऐसी स्थिति में 'एक दाम' वाली दुकान से ही सामान खरीदना चाहिए।


3. अपव्यय से बचना


अपव्यय या फिजूलखर्च से बचना भी मितव्ययिता के लिए बहुत आवश्यक है। आवश्यकता के अनुसार बिजली, पानी तथा ईंधन का प्रयोग नियन्त्रित करना चाहिए। खाना भी आवश्यकतानुसार बनाना चाहिए, जिससे भोज्य सामग्री को व्यर्थ होने से बचाया जा सके। इस प्रकार इन उपायों द्वारा गृहिणी अथवा उपभोक्ता व्यय को नियन्त्रित कर मितव्ययी बन सकता है।


खरीदारी के सिद्धान्त


1.आवश्यक वस्तुओं का समुचित ज्ञान


2.आवश्यक वस्तुओं की तीव्रता का ज्ञान


3.वस्तु के गुणों का ज्ञान


4.उचित मूल्य की वस्तुओं के प्राप्ति स्थान की जानकारी


5.मोलभाव करने की योग्यता 

FAQ.


Q.होम साइंस में क्या क्या पढ़ना होता है?

Ans.होम साइंस शिक्षा के अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थशास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, बच्चों की परवरिश, मानव विकास,आन्तरिक सज्जा, वस्त्र एवं परिधान, गृह-निर्माण आदि का अध्ययन किया जाता है।


Q.गृह विज्ञान की 5 शाखाएं कौन सी हैं ?

Ans.गृह विज्ञान की निम्न शाखाएं – अन्तर्गत पाक शास्त्र, पोषण, गृह अर्थ शास्त्र, उपभोक्ता विज्ञान, मानव विकास, आंतरिक सज्जा, वस्त्र व परिधान, गृह निर्माण इत्यादि शाखाएं है।


Q.गृह विज्ञान का दूसरा नाम क्या है ?

Ans.अमेरिका में इसे 'गृह अर्थशास्त्र' (Home Economics) तथा इंग्लैण्ड व भारत में इसे 'गृह विज्ञान' (Home Science) के नाम से प्रचलित है। 


Q.गृह विज्ञान के जनक कौन है?

Ans.गृह विज्ञान का जनक जस्टस फ्रीहेर वॉन लीबिग को माना जाता हैं।


Q.गृह विज्ञान की शुरुआत कब हुई थी ?

Ans.भारत में गृह विज्ञान का अध्ययन सर्वप्रथम 1920 से 1940 तक ब्रिटिश काल से शुरू किया गया था। 


Q.गृह विज्ञान का पुराना नाम क्या है ?

Ans. गृह विज्ञान के पुराने कई नाम प्रचलित थे जैसे गृह शिल्प या घरेलू अर्थशास्त्र


Q.भारत में विज्ञान का जनक कौन है?

Ans. भारत में विज्ञान के  जनक सर जगदीश चंद्र बोस (1858 - 1937) माना जाता हैं 

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