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Class 10th Home Science Chapter 08 सिलाई किट तथा हाथ व मशीन की सिलाई Notes in hindi

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        खण्ड ग : वस्त्र और सूत विज्ञान


08 सिलाई किट तथा हाथ व मशीन की सिलाई



वस्त्रों की महत्ता

वस्त्र मनुष्य की अनिवार्य आवश्यकताओं में से एक हैं। वस्त्र सर्दी-गर्मी से हमारे शरीर की रक्षा करते हैं, परन्तु बढ़ते विकास के साथ मनुष्य ने इसे सौन्दर्य वृद्धि का कारक भी बना लिया है।


घर में सिलाई करने से लाभ

घर पर वस्त्रों की सिलाई के निम्नलिखित लाभ होते हैं 


1. इससे धन की बचत होती है।


2. समय की बचत होती है।


3.बचे बेकार कपड़े का उपयोग हो जाता है।


4. घर में सिलाई करने से अपनी रुचि व पसन्द के अनुरूप वस्त्रों को डिजाइन किया जा सकता है।


सिलाई किट तथा सिलाई के लिए आवश्यक वस्तुएँ

सिलाई कटाई के कार्य के लिए आवश्यक सामग्री को रखने के डिब्बे या थैले को सिलाई सामग्री सहित संयुक्त रूप में सिलाई किट कहा जाता है। इसमें सभी उपकरण एकसाथ सुरक्षित रहते हैं एवं उनकी तुरन्त उपलब्धता सुनिश्चित होती है।


सिलाई किट में रखे जाने वाले प्रमुख सामान


1. फीता या इंचटेप


2• कैंची


3• मिल्टन चॉक


4.सूई


5.धागे


6• पिनें


7. फिंगर कैप या अंगुश्ताना


8.कागज, रबर, पेन्सिल


9• स्क्वेयर (समकोण या गुनिया ) 


सिलाई के अन्य उपकरण

सिलाई कार्य हेतु आवश्यक ऐसे उपकरण, जिन्हें सिलाई किट में नहीं रखा जाता निम्नलिखित हैं।


1. सिलाई की मशीन


2.प्रेस


3. ड्राफ्टिंग के लिए कपड़ा (मिल्टन क्लॉथ)


4.मेज


वस्त्रों की सिलाई के लिए नाप लेना

वस्त्रों की सिलाई के लिए आवश्यक है कि वस्त्र व्यक्ति के शरीर के आकार एवं संरचना के अनुरूप हों, इसके लिए सही नाप लेना अति आवश्यक है।


नाप लेते समय ध्यान में रखी जाने वाली विशेष बाते निम्नलिखित हैं


1• जिस व्यक्ति का नाप लेना हो, उसकी रुचि का ध्यान रखना आवश्यक है।


2• नाप को किसी डायरी या कागज पर लिखते जाना चाहिए। 


3.इंचटेप के सिरे को बाएँ हाथ में पकड़कर दाएँ हाथ से नाप लें।


4• नाप लेने वाले व्यक्ति को नाप देने वाले व्यक्ति के दाहिनी ओर खड़ा होना चाहिए।


5• नाप देने वाले व्यक्ति को समतल स्थान पर सीधा खड़ा होना चाहिए।


              नाप लेने की विधियाँ


नाप लेने की दो विधियों प्रचलित हैं


1. केवल छाती का नाप इसमें केवल छाती के लिए गए नाप के आधार पर अन्य अंगों का नाप निकालकर भी वस्त्र की कटिंग की जा सकती है।


 2. शरीर के विभिन्न अंगों का नाप इस विधि द्वारा जिसका वस्त्र सिलना हो, उसके विभिन्न अंगों का नाप लेना होता है।


• धड़ से नीचे के वस्त्रों के लिए आवश्यक नाम है-लम्बाई, सीट और पायचा।


. शरीर के ऊपरी भाग के अंगों का नाप है-छाती का नाप, कमर का नाप, पुट (कन्धे) का नाप, गले का नाप, आस्तीन का नाप, बॉडी की लम्बाई।


सिलाई के प्रकार

सिलाई दो प्रकार की होती है-1. मशीन की सिलाई, 2. हाथ की सिलाई। 


मशीन एवं हाथ की सिलाई में अन्तर

मशीन की सिलाई में कम समय लगता है। यह हर जगह एकसमान तथा सुन्दर होती है। यह अधिक मजबूत होती है। हाथ की सिलाई में कुछ स्थानों पर अन्तर हो सकता है। तथा यह अधिक मजबूत नहीं होती।


सिलाई के विभिन्न टाँके

हाथ की सिलाई के प्रकारों का निर्धारण विभिन्न टाँकों के आधार पर होता है। ये टाँके निम्न प्रकार के हैं


 1. कच्चा टाँका इसका प्रयोग कपड़े को अस्थायी रूप से जोड़ने के लिए किया जाता है। वास्तविक सिलाई कच्चे टाँके के बाद ही की जाती है। यह टाँका 1\2 से 1 सेमी लम्बा होता है। धागे में गाँठ देकर कपड़े को दाई से बाई ओर सिला जाता है।


2. सादा टाँका सादा या रनिंग टाँका हाथ की स्थायी सिलाई में अधिक प्रयोग किया जाता है। यह कच्चे टाँके की भाँति होता है, परन्तु उससे छोटा होता है।


3. बखिया इन टाँकों का प्रयोग कपड़ों की मजबूत और पक्की सिलाई करने के लिए किया जाता है। हाथ की मशीन की बखिया सीधी और उल्टी होती है तथा यह मशीन की बखिया से अधिक मजबूत होती है। कपड़ों के जोड़ के स्थान पर मजबूत सिलाई करने के लिए बखिया के टीकों की आवश्यकता होती है।


4. तुरपाई इसको हैमिंग टाँका भी कहते हैं। कपड़ों के किनारों को दोहरा मोड़कर अथवा किनारे पर कपड़े की पट्टी लगाकर दोहरी तुरपाई की जाती है। इसमें सूई का समान रूप से छोटा टाँका लेकर कपड़े में से निकालकर फिर दोहरे मोड़े हुए कपड़े में से निकालते हैं। तुरपाई केवल सूई द्वारा हाथ से की जाती है। इसके टोंके दूर से स्पष्ट दिखाई नहीं देते।


5. काज टाँका इस टाँके का प्रयोग कढ़ाई के रूप में किया जाता है।


6. सम्मिलित टाँका ये सिलाई को मजबूत बनाने के लिए प्रयुक्त होते हैं। इनमें तीन सादे टाँकों के साथ बखिया का टाँका प्रयोग किया जाता है। 


7. नेपची टाँका यह कच्चे टाँके के समान होता है, किन्तु इसमें दोनों ओर बराबर टौके आते हैं।


8. पसज टाँका कपड़े के किनारों को बराबर रखने के लिए इन टॉकों का प्रयोग किया जाता है।



[ बहुविकल्पीय प्रश्न Objective Questions ]


प्रश्न 1. घर में सिलने से लाभ होता है।


अथवा घर पर वस्त्र सिलने से बचत होती है


(d) इनमें से कोई नहीं


(a) समय की


(b) परिश्रम की


(c) कपड़े एवं धन की


उत्तर (c) कपड़े एवं धन की


प्रश्न 2. सिलाई का सामान रखने के लिए डिब्बे को कहते हैं।


(a) सिलाई मशीन


(b) मेज


(c) बक्सा


(d) सिलाई किट


उत्तर (d) सिलाई किट


प्रश्न 3. सिलाई करते समय आवश्यकता पड़ती है


(a) मिल्टन चॉक 


(b) सुईयाँ


(c) कैंची


(d) ये सभी


उत्तर (d) ये सभी


प्रश्न 4. कौन-सी वस्तु सिलाई किट में नहीं रखी जाती है?


(a) धागा


(b) सुइयाँ


(c) कैंची


(d) सिलाई मशीन


उत्तर (d) सिलाई मशीन


प्रश्न 5. धड़ से नीचे के वस्त्रों के लिए आवश्यक नाप है


(a) कमर, कन्धा, वक्ष 


(b) लम्बाई, सीट, पायचा


(c) वक्ष, कमर, गला


(d) लम्बाई, गला, कमर


उत्तर (b) लम्बाई, सीट, पायचा


प्रश्न 6. हाथ से सिले कपड़े में मजबूती लाने के लिए किस टाँके का प्रयोग करते हैं?


(a) कच्चा टाँका


(b) रनिंग टाँका


(c) बखिया


(d) तुरपाई


उत्तर (c) बखिया


प्रश्न 7. कपड़ा काटने से पूर्व की जाने वाली क्रिया है


(a) कपड़े को श्रिंक करना 


(b) इस्तरी करना


(c) मिल्टन चॉक से निशान लगाना


(d) ये सभी


उत्तर (d) ये सभी


प्रश्न 8. काटने से पहले कपड़े पर किससे निशान लगाना चाहिए?

अथवा कपड़े पर आवश्यक चिह्न लगाने चाहिए


अथवा वस्त्र पर निशान लगाने के लिए प्रयोग करते हैं


(a) पेन से, 


(b) रंगीन पेन्सिल से


(c) मिल्टन चॉक से


 (d) सफेद रंग से


उत्तर (c) मिल्टन चॉक से


प्रश्न 9. कपड़े की कटाई के लिए मिल्टन चॉक से निशान लगाए जाते हैं, क्योंकि 


(a) निशान सुन्दर बनता है।


(b) निशान सरलता से छूट जाता है।


(c) निशान स्थायी होता है।


(d) उपरोक्त सभी


उत्तर (b) निशान सरलता से छूट जाता है


प्रश्न 10. कपड़ा काटने का उचित स्थान है


(a) हाथ में लेकर


(b) गोद में रखकर


(c) मेज पर रखकर 


(d) ये सभी


उत्तर (c) मेज पर रखकर


प्रश्न 11. किस कपड़े को सिलने से पहले कच्चा टाँका कर लेना चाहिए?


(a) सूती 


(b) ऊनी 


(c) रेशमी


(d) ये सभी


उत्तर (c) रेशमी


प्रश्न 12. बेबी फ्रॉक की सिलाई में सबसे पहले सिलनी चाहिए


(a) आस्तीन 


(b) घेर


(C) कन्धे की तिरछी सिलाई 


(d) घेर की दोनों साइड


उत्तर (c) कन्धे की तिरछी सिलाई


प्रश्न 13. पेटीकोट की लम्बाई होती है?


(a) 80 सेमी


(b) 90 सेमी


(d) 50 सेमी


(c) 10 सेमी


उत्तर (b) 90 सेमी



(अतिलघु उत्तरीय प्रश्न Short Question Answers)


प्रश्न 1. घर में वस्त्र सिलने से क्या लाभ हैं?

उत्तर – घर पर वस्त्र सिलने के निम्नलिखित लाभ हैं


1. घर पर वस्त्र सिलने से धन की पर्याप्त बचत होती है। 


2. कपड़े की बचत तथा कपड़े का सदुपयोग किया जा सकता है।


प्रश्न 2. सिलाई किट क्या है?


अथवा सिलाई किट में कौन-कौन सी वस्तुएँ रखी जाती हैं? सूची बनाइए । 


अथवा सिलाई किट क्या है? सिलाई किट में रखी जाने वाली वस्तुओं की सूर्य बनाइए।


अथवा सिलाई किट किसे कहते हैं?


उत्तर – सिलाई कटाई के कार्य के लिए आवश्यक सामग्री को रखने के डिब्बे थैले को सिलाई सामग्री सहित संयुक्त रूप में सिलाई किट कहा जाता है।

सिलाई किट में रखी जानी वाली प्रमुख वस्तुएं हैं


1. फीता (इंचटेप)


2. कैची


3. मिल्टन चॉक


5. धागे


7. सूई


6. पिने


4. स्क्वेयर


8. अंगुक्तान


प्रश्न 3. सिलाई किट क्यों आवश्यक है?

 अथवा सिलाई किट बनाने से क्या लाभ (उपयोगिता) होता है?

उत्तर –सिलाई किट बनाने से सिलाई कटाई के सभी उपकरण एकसाथ सुरक्षित रखे जाते हैं, जिससे ये सामान्य रूप से गुम नहीं होते तथा आवश्यकता पड़ने पर किसी भी उपकरण को तुरन्त प्राप्त किया जा सकता है।


प्रश्न 4. सिलाई किट में फिगर कैप का क्या कार्य है?

अथवा सिलाई किट की उपयोगिता लिखिए। 

उत्तर – फिगर कैप या अंगुश्ताना यह अंगुली पर धारण की जाने वाली एक प्रकार की टोपी होती है। इसे तुरपाई, काज या कच्चा करते समय अंगुली में पहना जाता है। इसको पहनने से अंगुली में सूई नहीं चुभती और अँगुली की सुरक्षा हो जाती है।


 प्रश्न 5. सिलाई में इंचटेप की क्या उपयोगिता है?

उत्तर –फीता ( इंचटेप) कपड़े अथवा लचकदार प्लास्टिक का बना होता है। इसका उपयोग सिलाई कार्य में कपड़े को नापने के लिए तथा शारीरिक नाप लेने के लिए किया जाता है।


 प्रश्न 6. मिल्टन चॉक का उपयोग बताइए।

उत्तर – मिल्टन चॉक का प्रयोग कपड़ा काटने से पहले चिह्न लगाने हेतु किया जाता है, क्योंकि यह चिह्न धोने पर सरलता से छूट जाता है। 


प्रश्न 7. नाप लेने की विधियों लिखिए।

उत्तर नाप लेने की दो विधियाँ है-

1.केवल छाती का नाप

2.शरीर के विभिन्न अंगों की नाप


प्रश्न 8. हाथ की सिलाई के प्रमुख प्रकार बताइए ।


अथवा हाथ की सिलाई के किन्हीं चार टोंकों के नाम लिखिए।


अथवा हाथ की सिलाई में किन-किन टॉकों का प्रयोग होता है?


उत्तर – हाथ की सिलाई में विभिन्न टॉकों का प्रयोग होता है; जैसे— कच्चा टाँका, सादा टोका, बखिया, तुरपाई, काज टाँका, सम्मिलित टॉका, नेपची टाँका,पज टाँका इत्यादि।


प्रश्न 9. मशीन तथा हाथ की सिलाई में क्या अन्तर है?

अथना मशीन से वस्त्रों की सिलाई करने से होने वाले कोई दो लाभ लिखिए।

उत्तर – मशीन की सिलाई में कम समय लगता है। यह हर जगह एक समान तथा सुन्दर होती है। यह अधिक मजबूत होती है हाथ की सिलाई में कुछ स्थानों पर

अन्तर हो सकता है तथा यह अधिक मजबूत नहीं होती।


प्रश्न 10. सिलाई मशीन की उपयोगिता लिखिए।

अथवा सिलाई मशीन पर टिप्पणी लिखिए। 

उत्तर – सिलाई मशीन सिलाई कार्य हेतु एक महत्त्वपूर्ण उपकरण है। सिलाई किट उपकरण न होने के बाद भी सिलाई में इसका विशेष महत्त्व है। सिलाई मशीन मुख्यतः दो प्रकार की होती है।


(i) हाथ से चलने वाली मशीन


(ii) पैर से चलने वाली सिलाई मशीन


प्रश्न 11. पायजामा काटने के लिए किन नापों की आवश्यकता होती है?


अथवा पायजामा या पेटीकोट काटने के लिए किन नापों की आवश्यकता होती है? 


उत्तर – पायजामा काटने के लिए लम्बाई, सीट व मोहरी, जबकि पेटीकोट के लिए लम्बाई, कमर व घेर के नापों की आवश्यकता होती है। 


प्रश्न 12. सिलाई करने के बाद कपड़े पर इस्तरी करना क्यों आवश्यक है?

उत्तर– वस्त्र में इच्छित चुन्नटें (क्रीज) बनाने तथा वस्त्रों की सिलवट दूर करने के लिए सिलाई के बाद कपड़े पर इस्तरी करना आवश्यक है।


प्रश्न 13. वस्त्र की ड्राफ्टिंग करने से क्या लाभ होता है?

अथवा ड्राफ्टिंग का महत्त्व बताइए।

अथवा ड्राफ्ट बनाने से क्या लाभ है?


उत्तर – ड्राफ्टिंग कर लेने से वस्त्र सही नाप के अनुसार बनता है तथा पहनने वाले के शरीर पर अच्छा लगता है, क्योंकि इससे वस्त्र का आकार तैयार हो जाता है।


प्रश्न 14. बच्चों के कपड़ों को अधिक कपड़ा दबाकर क्यों सिला जाता है?

उत्तर – बच्चों की तेजी से होती शारीरिक वृद्धि को ध्यान में रखते हुए बच्चों के वस्त्रों को अधिक कपड़ा दबाकर सिला जाता है, ताकि तंग हो जाने पर इन्हें खोलकर बड़ा किया जा सके।


प्रश्न 15. सिलाई मशीन की सूई टूटने के दो कारण बताइए ।


अथवा सिलाई मशीन के धागा टूटने के दो कारण लिखिए।


उत्तर – सिलाई मशीन में सूई का टेढ़ा लगा होना तथा बॉबीन केस में धागा फँसना सूई टूटने के मुख्य कारण हैं।


 [ लघु उत्तरीय प्रश्न Question Answers ] 


प्रश्न 1. घर में सिलाई करने से क्या लाभ हैं? अथवा घर पर ही वस्त्रों की सिलाई करने के लाभ लिखिए।


अथवा "प्रत्येक गृहिणी के लिए सिलाई कला का ज्ञान आवश्यक है।" स्पष्ट कीजिए।


अथवा घर में वस्त्र सिलाई करने से क्या-क्या लाभ हैं?


उत्तर गृहिणियों द्वारा घर पर ही अपनी आवश्यकता एवं सुविधा के अनुसार वस्त्रों की सिलाई व मरम्मत की जा सकती है। यह कार्य पर्याप्त सुविधाजनक तथा लाभदायक भी होता है। अतः प्रत्येक गृहिणी को सिलाई कला का ज्ञान होना आवश्यक है। घर पर वस्त्रों की सिलाई के निम्नलिखित लाभ होते हैं


1. घर पर स्वयं वस्त्रों की सिलाई करने से धन की पर्याप्त बचत होती है।


2. घर पर स्वयं सिलाई करने से वस्त्र शीघ्र ही सिलकर तैयार हो जाते हैं। अतः समय की भी बचत होती है।


 3. कपड़े की बचत होती है और साथ ही कपड़े का सदुपयोग किया जा सकता है।सिलाई कार्य में बचे हुए कपड़े को अनेक प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है; जैसे- रूमाल, थैले थैलियाँ बनाना आदि।


4. अपनी रुचि एवं पसन्द का डिजाइन बनाया जा सकता है। 5. घर पर वस्त्रों की सिलाई से विशेष प्रकार के सन्तोष एवं आनन्द की प्राप्ति होती है।


प्रश्न 2. सिलाई किट में रखने वाली चार वस्तुओं के नाम एवं उनका उपयोग लिखिए।


अथवा निम्नलिखित में प्रत्येक का कार्य बताइए।


(i) इंचटेप


(ii) फिंगर कैप


(iii) कैंची


(iv) सूई


उत्तर – सिलाई किट के अन्तर्गत कटाई व सिलाई के लिए निम्नलिखित उपकरण प्रयोग किए जाते हैं.


1. फीता, इंचटेप या मीट्रिक टेप फीता या इंचटेप का प्रयोग व्यक्ति के गले, कॉलर व मोहरी आदि का नाप लेने के लिए किया जाता है। यह कपड़े व लचकदार प्लास्टिक का बना होता है, जिससे इसको मोड़कर सरलता से नाप लिया जा सकता है। यह 2 सेमी चौड़ा तथा 150 सेमी लम्बा होता है, जिस पर इंच तथा सेमी के चिह्न अंकित रहते हैं।


2. फिंगर कैप या अंगुश्ताना यह अंगुली पर धारण की जाने वाली एक प्रकार की टोपी होती है। इसे तुरपाई, काज या कच्चा करते समय अंगुली में पहना जाता है। इसको पहनने से अंगुली में सूई नहीं चुभती और अंगुली की सुरक्षा हो जाती है।


3. कैंची कपड़ा काटने के लिए छोटी व बड़ी कैचियों की आवश्यकता पड़ती है। काज आदि काटने के लिए छोटी कैची तथा वस्त्र काटने के लिए बड़ी कैंची प्रयोग की जाती है।


4. सूई सूई का सिलाई किट की आवश्यक सामग्री में विशेष स्थान है। सिलाई किट में दो प्रकार की सुइयाँ उपलब्ध होती हैं हाथ से सिलाई की सुइयाँ तथा मशीन की सुइयाँ मशीन की सूई में नीचे व हाथ की सूई में ऊपर की ओर धागे के लिए छिद्र होता है। तुरपाई, रनिंग व कच्चा करने के लिए बारीक सूई का प्रयोग, मोटे वस्त्र हेतु कम नम्बर की सूई का प्रयोग तथा महीन वस्त्र के लिए अधिक नम्बर की सूई का प्रयोग उपयुक्त होता है।


प्रश्न 3. सिलाई किट बनाने से क्या लाभ हैं?

उत्तर – सिलाई कटाई के कार्य हेतु आवश्यक उपकरणों एवं सामग्री को एकसाथ सम्भालकर, एक थैले अथवा डिब्बे में रखा जाता है। इस थैले या डिब्बे को सिलाई सामग्री सहित संयुक्त रूप से सिलाई किट कहा जाता है। सिलाई किट के लिए प्रयुक्त थैला अथवा डिब्बा किसी मोटे कपड़े, रेक्सीन, लोहे, लकड़ी अथवा मजबूत प्लास्टिक का होना चाहिए।


प्रश्न 4. वस्त्र के सिलने में इंचटेप और मिल्टन चौक का कार्य लिखिए।

अथवा मिल्टन चॉक एवं मीटर टेप का उपयोग बताइए।

अथवा मिल्टन चॉक का क्या उपयोग है?


उत्तरवस्त्र सिलने में मिल्टन चॉक का उपयोग यह विभिन्न आकार एवं रंगों की टिकियों के रूप में बाजार में मिलती है, जिसका प्रयोग कपड़े काटने से पहले चिह्न लगाने हेतु प्रयोग किया जाता है, क्योंकि यह धोने पर सरलता से छूट जाती है। गहरे रंग पर भी इसके चिह्न अच्छी तरह चमकते हैं, जिससे वस्त्र को सरलता से काटा जा सकता है।


वस्त्र सिलने में मीटर टेप अथवा इंच टेप का उपयोग फीता अथवा इंच टेप का प्रयोग व्यक्ति के शरीर के विभिन्न अंगों व कपड़ों को नापने के लिए किया जाता है। गले, कॉलर व मोहरी आदि का नाप इसको सरलता से मोड़कर लिया जा सकता है। सामान्य रूप से फीता कपड़े या लचकदार प्लास्टिक का बना होता है, जिस पर इंच तथा सेमी के चिह्न अंकित रहते हैं।


प्रश्न 5. मिल्टन चौक तथा मिल्टन क्लॉथ में क्या अन्तर है? इनका प्रयोग कब किया जाता है? 


उत्तर – मिल्टन चॉक तथा मिल्टन क्लॉथ में निम्न अन्तर है


1. मिल्टन चॉक ये विभिन्न आकार एवं रंगों की टिकियों के रूप में बाजार में मिलती है, जिसका प्रयोग कपड़ों को काटने से पूर्व चिह्न लगाने के लिए किया जाता है, जिससे वस्त्र को सरलता से काटा जा सके।


2. मिल्टन क्लॉथ यह कपड़ा नीले रंग का होता है, जोकि कपड़ों की नाप व कटाई को सीखने में प्रयोग किया जाता है। फीता, इंचटेप, मीटर टेप या मीट्रिक टेप फीता या इंचटेप का प्रयोग व्यक्ति के गले, कॉलर व मोहरी आदि का नाप लेने के लिए किया जाता है।

यह कपड़े व लचकदार प्लास्टिक का बना होता है जिससे इसको मोड़कर सरलता से नाप लिया जा सकता है। यह 2 सेमी चौड़ा तथा 150 सेमी लम्बा होता है, जिस पर इंच तथा सेमी के चिह्न अंकित रहते है।


प्रश्न 6. सही नाप लेने के लाभ बताइए। नाप लेते समय किन-किन बातों पर ध्यान देना आवश्यक है? 


अथवा वस्त्र सिलने के लिए सम्बन्धित व्यक्ति के शरीर का नाप लेने के लाभ लिखिए।


अथवा कपड़ों की सिलाई करते समय सही नाप की आवश्यकता क्यों पड़ती है?


अथवा वस्त्र सिलने में ठीक नाप लेना क्यों आवश्यक है?


अथवा सिलाई में काम आने वाली मुख्य वस्तुओं के नाम लिखिए। कपड़े सिलते समय सही नाप की आवश्यकता क्यों होती है?


अथवा कपड़ों को काटने से पूर्व नाप लेना क्यों आवश्यक है? 


उत्तर – सलाई में काम आने वाली मुख्य वस्तुएं इंचटेप, फिंगर कैप, कैची, सूई पेन्सिल, मिल्टन चॉक, धागे आदि हैं।


सही नाप लेने के लाभ


सही नाप लेने के निम्नलिखित लाभ है


1. वस्त्र बनाने हेतु आवश्यक कपड़े का अनुमान लगाना सम्भव हो जाता है।


 2. कपड़े के व्यर्थ होने की सम्भावना समाप्त हो जाती है।


3. सही नाप से वस्त्र फिटिंग के सिलते हैं।


4. उचित ढंग से नापे एवं सिले गए सस्ते वस्त्र भी आकर्षक एवं व्यक्ति के शरीर के अनुरूप बनते हैं।


नाप लेते समय ध्यान रखने योग्य बातें वस्त्रों का नाप लेना एक महत्त्वपूर्ण कार्य है। अतः नाप लेते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए


1. जिस व्यक्ति का नाप लेना हो, उसकी रुचि के अनुसार ही ढीलो या तंग नाप लेना चाहिए। 


2. नाप लेते समय उसे किसी डायरी एवं कागज पर लिखते जाना चाहिए।


3. शरीर के विभिन्न अंगों का नाप अलग-अलग लेना चाहिए, इससे वस्त्र की फिटिंग अच्छी आती है।


 4. फोते (इंचटेप) के सिरे को बाएं हाथ से पकड़कर दाएँ हाथ से नाप लेना चाहिए।


5. नाप लेने वाले व्यक्ति को नाप देने वाले व्यक्ति के दाहिनी ओर खड़ा होना चाहिए।


6. नाप देने वाले व्यक्ति को स्वाभाविक अवस्था में किसी समतल स्थान पर सीधा खड़ा होना चाहिए।


प्रश्न 7. ड्राफ्ट बनाने से क्या लाभ हैं?


अथवा वस्त्र की ड्राफ्टिंग करने से क्या लाभ होते हैं?

अथवा कपड़ा काटने से पूर्व ड्राफ्टिंग बनाना क्यों आवश्यक है? 


उत्तर वस्त्र की सिलाई करने से पूर्व ड्राफ्टिंग करने के निम्न लाभ हैं। 


1. यह अनुमान लगाना सम्भव हो जाता है कि वस्त्र बनाने के लिए कितना कपड़ा पर्याप्त रहेगा। 


2. कपड़े के व्यर्थ जाने की सम्भावना समाप्त हो जाती है।


3. ड्राफ्टिंग द्वारा वस्त्र उपयुक्त फिटिंग के बनते हैं।


4. ड्राफ्टिंग द्वारा उचित नाप लेकर कटाई व सिलाई करने पर सस्ते कपड़े के वस्त्र भी सुन्दर दिखाई देते हैं।


प्रश्न 8. कपड़ा काटते समय आप किन-किन बातों को ध्यान में रखेंगी?

 उत्तर – कपड़ा काटने से पूर्व ध्यान रखने योग्य बातें

सिलाई की प्रक्रिया में कपड़े की सही कटाई का विशेष महत्त्व होता है। कपड़े की सुन्दरता व फिटिंग काफी कुछ वस्त्र की कटिंग पर निर्भर करती है।


अतः वस्त्र को काटने से पूर्व निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए


1. कपड़ा काटने से पहले सर्वप्रथम उसको नाप लेना चाहिए तथा यह जांच लेना चाहिए कि उसमें तिरछापन तो नहीं है अथवा कपड़ा वस्त्र हेतु कम तो नहीं है। 


2. यदि कपड़े में तिरछापन हो, तो उस पर चिह्न लगाकर काटना चाहिए। 


3. यदि वस्त्र के सिकुड़ने (त्रिक) होने की सम्भावना हो, तो कपड़े को काटने से पूर्व उसको एक बार धो लेना चाहिए, जिससे मिलने के परलाई होने पर वह न सिकुड़े।


 4. कपड़े को काटने से पूर्व उसे किसी समतल स्थान पर फैलाकर उल्टी ओर मिल्टन चौक से चिह्न लगाना चाहिए अर्थात् ड्राफ्टिंग कर लेनी चाहिए।


 5. कपड़ा काटते समय सिलाई में दबने वाला भाग लेकर काटना चाहिए, जिससे वस्त्र सिलने पर छोटा न हो जाए।


6. दाहिने हाथ में कैची को सीधा पकड़कर और बाएँ हाथ से वस्त्र को दबाकर समान गति से कपड़े की कटिंग करनी चाहिए। रुक-रुककर कैची चलाने से कपड़ा सफाई से नहीं कटता ।


7. यदि कपड़े में सिलवटे या सिकुड़न आ गई हो, तो कपड़े पर प्रेस करके सिलवटें निकालकर उसे काटना चाहिए।


प्रश्न 9. कपड़ा सिलने से पूर्व किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?


अथवा वस्त्रों की सिलाई करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए? 


उत्तर – वस्त्र सिलते समय ध्यान रखने योग्य बातें


वस्त्र की सिलाई करते समय निम्नलिखित बातों का ध्यान रखना चाहिए


1. सर्वप्रथम काटे गए वस्त्र के सभी निश्चित भागों की सही से जाँच कर लेनी चाहिए तथा यह निश्चित कर लेना चाहिए कि कौन-सा भाग कहाँ जोड़ा जाएगा। 


2. धागा कपड़े के रंग के अनुसार मजबूत व पक्के रंग का होना चाहिए। कच्चा होने पर धागा बार-बार टूटता है और सिलाई भी जल्दी उधड़ जाती है। 


3. वस्त्र यदि रेशमी या फिसलने वाला हो, तो उसे पहले कच्चा करने के बाद मशीन से सिलना चाहिए।


4. सिलाई करते समय सदैव सीधा बैठना चाहिए, झुककर बैठने से फेफड़ों,आँखों व रीढ़ की हड्डी पर जोर पड़ता है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।


5. सिलाई करने से पहले मशीन की सफाई कर लेनी चाहिए, जिससे मशीन की गन्दगी व तेल आदि वस्त्र पर न लगे। 


6. रेशमी व सूती वस्त्रों को सिलते समय साथ-साथ प्रेस करते जाना चाहिए।


7. मशीन से सिलाई करते समय कपड़ा बाईं ओर रखना चाहिए, इससे वस्त्र को फैलाने में सुविधा होती है।



प्रश्न 10. फ्रॉक को सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए आप क्या करेंगी?


अथवा एक वर्ष की बालिका के फ्रॉक में कितना कपड़ा लगेगा? फ्रॉक को सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए आप क्या करेंगी? 


अथवा बेबी फ्रॉक में कितना कपड़ा लगेगा? उसे सुन्दर बनाने के लिए आप क्या करेंगी?


उत्तर – एक वर्ष की बालिका की फ्रॉक के लिए 1 मी कपड़े की आवश्यकता पड़ती है। फ्रॉक को सुन्दर और आकर्षक बनाने के लिए निम्नलिखित तरीके अपनाए जा सकते हैं.


1. फ्रॉक में रंगीन नेट से खूबसूरत फूल बनाकर लगा सकते हैं। 


2. कलर कण्ट्रास्ट के अनुसार फ्रॉक पर अलग-अलग कपड़े की धारियाँ बनाई जा सकती है, जो देखने में आकर्षक लगती हैं।


3. फ्रॉक यदि कॉलर वाली बना रहे हों, तो उसमें 'बो' लगा सकते हैं। 


4. फ्रॉक की आस्तीन में घुंघरू या रंगीन मोती लगा सकते हैं।


 5. मार्केट से कार्टून कैरेक्टर के स्टिकर खरीदकर उन्हें भी फ्रॉक पर पीछे या आगे की तरफ लगा सकते हैं।


 6. फ्रॉक अगर बेल्ट वाली बनानी हो, तो बड़ी-सी 'बो' पीछे कमर के ऊपर बना सकते हैं।




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