christmas day/क्रिसमस क्यों मनाते हैं।
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दिसंबर का महीना आने पर ईसाईयों का एक बहुत ही महत्वपूर्ण पर्व आता है. शायद अब तक आप लोगों ने समझ लिया होगा कि मैं किसकी बात कर रही हूं? जी हां दोस्तों, Christmas (क्रिसमस) का त्यौहार है लेकिन क्या आप जानते हैं?कि आखिर क्रिसमस क्यों मनाते हैं?
Christmas 2022: क्रिसमस का त्यौहार 25 दिसंबर को बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है वैसे तो मुख्य रूप से त्यौहार (festival) 25 दिसंबर को ईसाई धर्म का सबसे ख़ास पर्व क्रिसमस मनाया जाता है। क्रिसमस ईसाई धर्म के लोगों का है लेकिन मनाते इस त्यौहार को लगभग सभी लोग हैं लेकिन इस त्योहार को चर्च में जाकर प्रार्थना, सभा करके, कैंडल जलाकर ,केक काट के, क्रिसमस ट्री सजा के तमाम तरह की डिशेज बना के और पार्टी करके इस त्योहार को मनाते हैं तो बाकी धर्म के लोग भी इस दिन को अपनी-अपनी तरह से सेलिब्रेट करते हैं।
क्यों मनाया जाता है क्रिसमस?
क्रिसमस जीसस क्राइस्ट के जन्म की खुशी में मनाया जाता है जीसस क्राइस्ट को भगवान का बेटा कहा जाता है। क्रिसमस का नाम भी क्राइस्ट से पड़ा है। बाइबिल में जीसस की कोई बर्थ डेट नहीं दी गई है, लेकिन फिर भी 25 दिसंबर को ही हर साल क्रिसमस मनाया जाता है। इस तारीख को लेकर कई बार विवाद भी हुआ लेकिन 336 ईसा पूर्व में रोमन सम्राट के समय में सबसे पहले क्रिसमस 25 दिसंबर को मनाया गया।
क्रिसमस डे के बारे में विस्तार से जानकारी
बहुत समय पहले, नजरेत नामक एक जगह थी जहां मरियम (मैरी) नाम की एक महिला रहती थी। वह बहुत मेहनती थी और दूसरों के लिए भी अच्छी थी। वह युसूफ नामक एक आदमी से प्यार करती थी जो एक बहुत अच्छा व्यक्ति था। एक दिन ईश्वर ने एक संदेश के साथ ग्रेवल नमक परी को मरियम के पास भेजा। उसने उसे बताया कि ईश्वर लोगों की सहायता के लिए धरती पर एक पवित्र आत्मा भेज रहा है वह आत्मा मैरी के बेटे के रूप में पैदा होगी और उसे यीशु नाम देना।
मैरी यह सुनकर चिंतित हो गई फिर उसके अविवाहित होते हुए यह कैसे हो सकता है? परी ने उससे कहा कि ईश्वर की तरफ से एक चमत्कार होगा। तुम्हें इसके बारे में ज्यादा सोचने की जरूरत नहीं है उसने यह भी बताया कि अलीजाबेथ नाम के उसके चचेरे भाई जिनके बच्चे नहीं थे वे जॉन बापटिस्ट नामक एक बच्चे को भी जन्म देंगे जो यीशु के जन्म के लिए रास्ता तैयार करेगा।
यह सुनकर मैरी ईश्वर से सहमत हो गई। वह अली जावेथ से मिलने गई और 3 महीने बाद वापस लौट आई। तब तक वह गर्भवती हो चुकी थी इससे यूसुफ चिंतित था और उसने मरियम से शादी नहीं करने के विचार शुरू किए। लेकिन एक रात सोते समय,एक परी यूसुफ को सपने में भी दिखाई दी। उसने उसे ईश्वर की इच्छा के बारे में बताया युसूफ अगली सुबह उठा और उसने फैसला ले लिया कि वह मैरी को अपनी पत्नी बना लेगा।
शादी के बाद युसूफ और मरियम वेदालम चले गए जब वह वहां पहुंची तो उन्होंने वहां पाया कि वहां बहुत भीड़ थी और उनके रहने के लिए वहां कोई जगह नहीं बची। इसलिए उन्होंने एक जानवरों के खलिहान में रहने का फैसला लिया वहीं पर मरियम ने ईश्वर के पुत्र को जन्म दिया और उसे यीशु नाम दिया।
ईश्वर ने यीशु का जन्म आकाश में एक उज्जवल सितारे द्वारा संकेत किया। दुनिया के विभिन्न हिस्सों के बुद्धिमान पुरुषों ने इस सितारे के महत्व को समझ लिया था। उन्होंने यीशु के जन्म स्थान तक पहुंचने के लिए तारे का पालन किया। वे बच्चे और उसके मां-बाप के लिए उपहार लेकर आए वेदालम के अन्य हिस्सों में, जहां चरवाहे अपने जानवर चरा रहे थे, स्वर्ग दूत उन्हें अच्छी खबर देने लगे। उन्होंने दुनिया पर पवित्र आत्मा का स्वागत करने के लिए गाने गाए और यीशु के जन्म का आनंद लिया।
तब से इस दिन को क्रिसमस के रूप में मनाया जाता है। लोग यीशु मसीह के जन्म का जश्न मनाने के लिए मध्य रात्रि में चर्च जाते हैं। उपहार का आदान-प्रदान करते हैं, गीत गाते हैं नए कपड़े पहनते हैं और हर्ष उल्लास से क्रिसमस मनाते हैं।
क्रिसमस की कहानी- इससे आप जान गए होंगे कि क्रिसमस क्यों मनाते हैं, क्रिसमस डे का महत्व और आप भी यीशु के जन्म की कहानी भी जान गए होंगे।
अगर आप क्रिसमस से जुड़ी और कहानियां पढ़ना चाहते हैं तो आप हमारी पोस्ट पढ़ सकते हैं जिसमें आपको क्रिसमस ट्री सांता क्लॉज़ की कहानी मिलेगी।
देश और दुनिया में क्रिसमस (Christmas) का त्यौहार हर वर्ष 25 दिसंबर को मनाया जाता है। इस त्यौहार (festival) का बहुत ही विशेष महत्व है वैसे तो मुख्य रूप से यह त्यौहार ईसाई धर्म का है लेकिन इस त्योहार को मनाते लगभग सभी धर्म के लोग हैं हां यह बात और है कि इस त्यौहार को मनाए जाने के तरीके अलग-अलग हैं। ईसाई धर्म के लोग इस त्यौहार को चर्च में जाकर प्रार्थना करके, केक काटकर, क्रिसमस ट्री सजा के तमाम तरह की डिशेज बनाकर और पार्टी करके इस त्योहार को मनाते हैं।
क्यों 25 दिसंबर को ही मनाया जाता है क्रिसमस ?
क्रिसमस, हिंदुओं की दिवाली और मुसलमानों की ईद की तरह ही ईसाई समुदाय का सबसे पवित्र त्यौहार है। हर साल दिसंबर में सर्दी के साथ क्रिसमस को लेकर लोगों में उत्साह भी चरम पर होता है। बच्चे खासतौर पर गिफ्ट के लिए लाल रंग के कपड़ों में, सफेद दाढ़ी मूंछ वाले सेंटा क्लॉज के आने का इंतजार करते हैं। क्रिसमस ईसाई धर्म के संस्थापक जीसस क्राइस्ट की जन्म की खुशी में मनाया जाता है।
इसलिए मनाया जाता है क्रिसमस 25 दिसंबर को ?
ईसाई मान्यता के अनुसार प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि यीशु मसीह ने इसी दिन मरियम के घर जन्म लिया था। प्राचीन कथा के अनुसार मरियम को एक सपना आया था।
बच्चों के लिए खास होता है क्रिसमस
क्रिसमस को खास उसकी परंपराएं बनाती हैं। इनमें एक सांता निकोलस (Sant Nicholas) है, जिनका जन्म ईसा मसीह की मृत्यु के लगभग 280 साल बाद मायरा में हुआ था। उन्होंने अपना पूरा जीवन यीशु को समर्पित कर दिया। उन्होंने लोगों की मदद करना अपना धर्म समझा। यही वजह है,कि वो यीशु के जन्मदिन के मौके पर रात के अंधेरे में बच्चों को गिफ्ट दिया करते थे। दरअसल संत निकोलस को सांता क्लॉज माना जाता है, क्योंकि वे रात के वक्त उपहार बांटते थे। उन्होंने अपने पूरे जीवन गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद की थी। विश्व भर के अलग-अलग देशों में अपने अपने तरीके से लोग क्रिसमस का त्यौहार मनाते हैं।
सेंटा क्लाज
संत निकोलस का जन्म 340 ईसवी में 6 दिसंबर को हुआ था। ईसाई मान्यता के अनुसार, हर 25 दिसंबर की रात को संत निकोलस बच्चों के लिए उपहार लेकर आते हैं। यही संत निकोलस, बच्चों के लिए सांताक्लॉज बन गए। कहा जाता है कि बचपन में ही इनके पिता का देहांत हो गया था। बड़े होने के बाद वह एक पादरी बन गए और उन्हें लोगों की मदद करना काफी पसंद था। कहा जाता है कि वे गरीब बच्चों और लोगों को अर्धरात्रि में इसलिए गिफ्ट देते थे ताकि उन्हें कोई देख ना पाए।
क्रिसमस ट्री की कहानी
ऐसा कहते हैं कि उत्तरी यूरोप में कई हजार साल पहले क्रिसमस ट्री को सजाने की शुरुआत हुई थी। हालांकि उस समय फेयर नामक एक पेड़ को सजाकर विंटर फेस्टिवल मनाया जाता था। धीरे-धीरे क्रिसमस ट्री का चलन हर जगह बढ़ता चला गया और हर कोई इस मौके पर पेड़ घर पर लगाने लगा। एक मान्यता के अनुसार, जीसस के जन्म के समय खुशी व्यक्त करने के लिए सभी देवताओं ने क्रिसमस ट्री को सजाया था। इसी मान्यता के अनुसार, क्रिसमस के मौके पर लोग क्रिसमस ट्री को रंग बिरंगी लाइटों से सजाते हैं।
क्रिसमस का महत्व
ईसाई मतानुसार, 360 ईसवी के करीब पहली बार रोम के एक चर्च में, यीशु मसीह के जन्मदिन का उत्सव मनाया गया था लेकिन उस दौरान यीशु मसीह यानी जीसस क्राइस्ट के जन्मदिन की तारीख को लेकर बहस जारी थी।
क्रिसमस डे पर कविता
क्रिसमस पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा सेलिब्रेट होने वाला त्यौहार है। इसमें संता क्लॉज से जुड़ी ऐकई कहानियां हैं जो है तो काल्पनिक लेकिन बच्चों के लिए खास है। बच्चे आज के दिन अपने मन की सारी मनोकामना एक पेज पर लिख दे और उसे पाने की चाह रखते और बच्चों की वह मनोकामना उनके मां पा पूरी कर देते। इस तरह की कई कहानियां हमने सुनी है। अपने बचपन को पीछे मुड़कर देखती हूं तो बहुत सी यादें सामने आ जाती कैसे क्रिसमस डे की कहानियां सच्ची लगा करती थी और आज यह सब सोचकर हंसी आती है। फिर भी क्रिसमस डे खास होता है। इसमें अपनों का साथ होता है। हर वर्ष 25 दिसंबर को क्रिसमस डे मनाया जाता है और कई खास यादें हमारे साथ जोड़ जाता है।
क्रिसमस डे पर कविता
ठंडी ठंडी हवाओं में
कोई मेरी क्रिसमस गाता है
हर बार एक थैला भरकर
वो गिफ्ट लेकर आता है
मां हमसे कहती है
वो बच्चों को प्यार है करता
हरे-भरे क्रिसमस ट्री को
वो सुंदर सजा के देता
दिसंबर 25 को आता वो
सांता सांता कहलाता जो।।
संता क्लॉज क्रिसमस पर कविता
पापा घर पर आयेंगे, सांता वह बन जायेंगे।
खूब खिलोने लाएंगे, हम जोर-जोर से गाएंगे।
सांता आया, सांता आया, गिफ्ट लाया, गिफ्ट लाया।
हमको चाहिए बार्बी डॉल, मम्मा के लिए प्यारी शॉल।
रात को जब बजेगी बारा, मेरी क्रिसमस का लगायेंगे नारा।
जोर-जोर से गाएंगे, मौहल्ले को जगायेंगे।
जिंगल बेल, जिंगल बेल।
Q.क्रिसमस का त्यौहार क्यों मनाया जाता है?
उत्तर – प्रभु यीशु मसीह की जन्म तिथि को लेकर कई मतभेद देखे जाते हैं। हालांकि ईसाई धर्म की कुछ मान्यता के अनुसार, प्रभु यीशु मसीह का जन्म 25 दिसंबर को हुआ था। जिसकी वजह से इस दिन को क्रिसमस के तौर पर मनाया जाता है।
Q.हम 25 दिसंबर को क्रिसमस क्यों मनाते हैं?
Ans.उत्सव की तिथि के रूप में 25 दिसंबर के चयन में विभिन्न कारकों ने योगदान दिया: यह रोमन कैलेंडर पर शीतकालीन संक्रांति की तिथि थी और यह 25 मार्च के नौ महीने बाद की थी, वसंत विषुव की तारीख और गर्भाधान से जुड़ी तिथि जीसस (घोषणा के पर्व के रूप में मनाया जाता है)।
Q.मैरी क्रिसमस का क्या मतलब है?
Ans.मेरी ओर से अग्रिम में मेरी क्रिसमस तथा नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं। Merry Christmas ! क्रिसमस की शुभकामनाएँ
Q.क्रिसमस के दिन किसका जन्म हुआ था?
Ans.ईसाई धर्म के अनुयायियों ने ईसा मसीह को सूर्यदेव का अवतार मान लिया और इसके बाद से 25 दिसंबर के दिन को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में क्रिसमस का त्योहार मनाए जाने की परंपरा की शुरुआत हुई।
Q.क्या क्रिसमस मनाना जरूरी है?
Ans.क्रिसमस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ईसाइयों के लिए एक प्रमुख धार्मिक अवकाश है, क्योंकि यह एक व्यापक रूप से मनाया जाने वाला धर्मनिरपेक्ष अवकाश है, और क्योंकि यह संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया भर में महत्वपूर्ण आर्थिक गतिविधियों के लिए जिम्मेदार है।
Q.क्रिसमस कौन बनाता है?
Ans.ईसाई लोग इस उत्सव पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को मिठाईयां और गिफ्ट्स भेजते है। हर घर में क्रिसमस केक बनाया जाता है।
Q.क्रिसमस ट्री कब आता है?
Ans. हर साल 25 दिसंबर को क्रिसमस (Christmas Day) का त्योहार मनाया जाता है। सैंटा क्लॉज, क्रिसमस ट्री, केक और जिंगल बेल का गीत इस त्योहार की अनूठी पहचान हैं। इस दिन चर्च में प्रार्थना सभाएं होती हैं। क्रिसमस डे से पहले 24 दिसंबर को लोग ईस्टर ईव मनाते हैं।
Q.मेरी क्रिसमस खुश क्यों नहीं है?
Ans.उत्तर इस बात पर आधारित है कि भाषा क्या दर्शाती है: "खुश" एक भावना है, जबकि "प्रसन्न " एक व्यवहार है। इसके अलावा, बिशप जॉन फिशर ने हेनरी VIII के शीर्ष मंत्री थॉमस क्रॉमवेल को एक पत्र में "मेरी क्रिसमस" की कामना की। पत्र की तारीख 1534 है, और यह लंदन में लिखा गया था।
Q.क्रिसमस पर क्या उपहार मिलता है?
Ans.हम आपको कुछ बेस्ट गिफ्ट्स ऑपशन दे रहे हैं, जो यकीनन आपको पसंद आएंगे.
चॉकलेट बॉक्स-
क्रिसमस कैंडल-
हैंड बैग-
क्रिसमस गिफ्ट पैक-
अपने दोस्तों और रिश्तेदारों का क्रिसमस खास बनाने के लिए आप क्रिसमस ट्री और कॉफी मग भी दे सकते है.
फूल-
कोई भी खास अवसर बिना फूलों की महक के अधूरा सा लगता है।
Q.क्रिसमस पर कितने बच्चे पैदा होते हैं?
Ans.क्रिसमस के दिन कम बच्चे पैदा होते हैं जिससे क्रिसमस का जन्मदिन एक बहुत ही खास जन्मदिन बन जाता है। आमतौर पर हर दिन औसतन लगभग 220,000 बच्चे पैदा होते हैं लेकिन क्रिसमस के दिन केवल 172000 बच्चे ही पैदा होते हैं।
Q.क्रिसमस का असली नाम क्या है?
Ans.यही चलन ईसाइयों ने भी अपनाया और इसे नाम दिया 'क्रिसमस' । ईसा मसीह का असली जन्म नाम : ईसा मसीह को इब्रानी में येशु, या येशुआ कहते थे परंतु अंग्रेजी उच्चारण में यह जेशुआ हो गया। यही जेशुआ बिगड़कर जीसस हो गया। उन्हें नाजरथ का येशु कहते थे।
Q.क्रिसमस धर्म के संस्थापक कौन थे?
Ans.Christmas 2022 History and Significance ईसाई धर्म में क्रिसमस त्यौहार को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है मान्यता है कि इस दिन ईसाई धर्म के संस्थापक ईसा मसीह का जन्म हुआ था।
Q.क्रिसमस के पीछे का सच क्या है?
Ans.ईसाई क्रिसमस दिवस को नासरत के यीशु के जन्म की सालगिरह के रूप में मनाते हैं, एक आध्यात्मिक नेता जिनकी शिक्षाएँ उनके धर्म का आधार हैं।
Q.कितने देश क्रिसमस नहीं मनाते हैं?
Ans.अफगानिस्तान, अल्जीरिया, भूटान, उत्तर कोरिया, लीबिया, मॉरिटानिया, सहरावी अरब लोकतांत्रिक गणराज्य, सऊदी अरब, सोमालिया, ताजिकिस्तान, ट्यूनीशिया, तुर्कमेनिस्तान, उजबेकिस्तान और यमन क्रिसमस को सार्वजनिक अवकाश के रूप में मान्यता नहीं देते हैं।
Q.क्रिसमस कौन से धर्म नहीं मनाते हैं?
Ans.अधिकांश धर्म जैसे इस्लाम, हिंदू धर्म, बौद्ध धर्म, यहूदी धर्म क्रिसमस और ईस्टर को मान्यता नहीं देते हैं क्योंकि वे प्राचीन ईसाई त्योहार हैं इसलिए क्रिसमस और ईस्टर मनाने वाला एकमात्र धर्म ईसाई धर्म है।
Q.क्रिसमस की शुरुआत कहां से हुई?
Ans.क्रिसमस का उत्सव रोम में लगभग 336 में शुरू हुआ, लेकिन 9वीं शताब्दी तक यह एक प्रमुख ईसाई त्योहार नहीं बन पाया।
Q.क्रिसमस में किसी को विश कैसे करें?
Ans.आपको मैरी क्रिसमस और नए साल की शुभकामनाएं (Wishing you all a Merry Christmas and a Happy New Year)
*आपको और आपके परिवार को क्रिसमस की बधाई (Merry Christmas to you and your family)
*आप और आपके परिवार को मैरी क्रिसमस (Christmas Greetings to you and your family)
*क्रिसमस 2021 की बधाई, प्यार और आशीर्वाद.
Q.क्रिसमस का तोहफा कब देना चाहिए?
Ans.क्रिसमस उपहार या क्रिसमस उपहार क्रिसमस के उत्सव में दिया जाने वाला उपहार है। क्रिसमस उपहारों का आदान- प्रदान अक्सर क्रिसमस की पूर्व संध्या (24 दिसंबर), क्रिसमस के दिन ही (25 दिसंबर) या बारह दिन के क्रिसमस सीजन के आखिरी दिन, बारहवीं रात (5 जनवरी) को किया जाता है।
Q.क्रिसमस पर कौन सा रंग पहनना चाहिए?
Ans.सफेद मैक्सी ड्रेस
आप क्रिसमस के मौके पर सफेद रंग की मैक्सी ड्रेस भी पहन सकती हैं। यह बहुत हल्की और आरामदायक होती है।
Q.क्रिसमस में कौन से पकवान बनाए जाते हैं?
Ans.स्वादिष्ट पकवान : कई पश्चिम देशों में स्मोक्ड टर्की, अ केक, विगिल्ला, जेली पुडिंग, टुररॉन आदि को बनाना पसंद किया जाता है। भारत में भी कई तरह के स्वादिष्ट पकवान बनाए जाते हैं। क्रिसमस पर हर देश में अलग परम्परागत भोजन भी बनता है। कुछ लोग दूध और कुकीज के रुप में सैंटा के लिये भोजन रखते हैं।
Q.1 मिनट में हिंदुस्तान में कितने बच्चे पैदा होते हैं?
Ans.भारत में हर सेकंड में करीब 4 बच्चों का जन्म होता है यानी कि हर 1 मिनट में लगभग 240 बच्चे भारत में जन्म लेते हैं। 1 साल में एक औरत कितने बच्चे पैदा कर सकती है?
Q.क्रिसमस पर गिफ्ट कौन देता है?
Ans.हर साल 25 दिसंबर को मैरी क्रिसमस धूमधाम से मनाया जाता है। प्रभु यीशु के जन्मदिन के मौके पर हर साल सांता क्लॉज भी लोगों में खुशियां बांटता है और बच्चों को तोहफा देता है।
Q.क्रिसमस की कीमत क्या है?
Ans.क्रिसमस को लेकर बाजार में खरीदारी भी शुरू हो गयी है. बाजार में क्रिसमस ट्री 10 से 200 रुपये, स्टार- 10 से 500 रुपये, सजावट लाइट 50 से 500 रुपये, झालर लाइट 10 से 100 रुपये, बैलून 70 रुपये पैकेट, चरनी 200 से 1000 रुपये, क्रिसमस टोपी 20 से 50 रूपये, सांता क्लॉज 10 से 200 रुपये, रंगीन पेपर 2 से 50 रुपये तक बिक रहे हैं।
Q.क्रिसमस में कौन सा ट्री सजाते हैं?
Ans.सनोबर का पेड़ जिसे फर का पेड़ भी कहा जाता है, क्रिसमस ट्री कहलाता है. लेकिन तमाम जगहों पर अलग-अलग तमाम पेड़ों से क्रिसमस ट्री को तैयार किया जाता है. ये पेड़ कोनिफर या शंकुधारी यानी नीचे से चौड़े और ऊपर की ओर पतले होते जाते हैं. इसलिए इनका आकार तिकोना हो जाता है.
Q.क्रिसमस पेड़ को सजाने की परंपरा कैसे आई?
ANS.क्रिसमस ट्री वृक्षों को ईसा युग के पहले से ही पवित्र माना जाता है. इसका मूल आधार यह रहा है ये पौधे बर्फीली सर्दियों में भी हरे-भरे रहते हैं. इसी धारणा के आधार पर रोमनवासियों ने भगवान सूर्य के सम्मान में मनाए जाने वाले सैटर्नेलिया पर्व में चीड़ के वृक्षों को सजाने की परंपरा आरंभ की थी।
Q.क्रिसमस ट्री का उपयोग क्रिसमस में क्यों किया जाता है?
Ans.आधुनिक क्रिसमस ट्री की शुरुआत पश्चिम जर्मनी में हुई। मध्यकाल में एक लोकप्रिय नाटक के मंचन के दौरान ईडन गार्डन को दिखाने के लिए फर के पौधों का प्रयोग किया गया जिस पर सेब लटकाए गए। इस पेड़ को स्वर्ग वृक्ष का प्रतीक दिखाया गया था। उसके बाद जर्मनी के लोगों ने 24 दिसंबर को फर के पेड़ से अपने घर की सजावट करनी शुरू कर दी।
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