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महाकवि कालिदास का जीवन परिचय।। kali das ka jivan Parichay

 महाकवि कालिदास का जीवन परिचय।।kalidas ka jivan Parichay

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महाकवि कालिदास संस्कृत के कवियों में श्रेष्ठ कवि है। इनके नाम से पूर्व ' कविकुलगुरु' विशेषण का प्रयोग किया जाता है। ये भारत के ही नहीं, बल्कि विश्व के श्रेष्ठ कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। इनके जन्म स्थान और स्थिति के विषय में विद्वानों में एकमत नहीं है। इन्होंने अपनी कृतियों में भी अपने जन्म के विषय में कुछ नहीं लिखा है। एक जनश्रुति के अनुसार, महाकवि कालिदास को विक्रमादित्य का सभारत्न माना जाता है, परन्तु विक्रमादित्य का स्थितिकाल भी पूर्ण रूप से स्पष्ट नहीं है।


कुछ विद्वान् इन्हें द्वितीय समकालीन मानते हैं। इस महान कवि को सभी अपने-अपने देश में उत्पन्न हुआ सिद्ध करते हैं। कुछ विद्वान इन्हें कश्मीर में उत्पन्न हुआ और कुछ बंगाल प्रदेश में उत्पन्न हुआ मानते हैं तो कुछ आलोचक इन्हें उज्जैन में जन्म प्राप्त किया भी मानते हैं। कवि का उज्जयिनी प्रेम भी इस मत की कुछ पुष्टि करता है। कालिदास द्वारा रचित कृतियों में वर्ण व्यवस्था के वर्णन को देखकर इन्हें ब्राह्मण परिवार में उत्पन्न हुआ माना जाता है। ये शिवभक्त थे, परन्तु राम के प्रति भी इनकी अपार श्रद्धा थी। 'रघुवंशम्' महाकाव्य की रचना से यह बात पूर्णतः स्पष्ट हो जाती है।


कृतियाँ


इस महान् कवि की प्रमुख कृतियाँ इस प्रकार हैं


 नाटक


कालिदास के प्रमुख नाटक निम्न प्रकार हैं-


1. मालविकाग्निमित्रम् इसमें अग्निमित्र और मालविका की प्रणय (प्रेम) की कथा का वर्णन है। 


2. विक्रमोर्वशीयम् इस नाटक में पुरूरवा तथा उर्वशी की प्रेम कथा का नाट्य रूपान्तरण किया गया है। इस नाटक में पाँच अंक हैं।


3. अभिज्ञानशाकुन्तलम् यह कालिदास का सर्वश्रेष्ठ व अद्वितीय नाटक है। इसमें सात अंकों में मेनका के द्वारा जन्म देकर परित्यक्ता, पक्षियों द्वारा पोषित तथा महर्षि कण्व द्वारा पालित पुत्री शकुन्तला तथा दुष्यन्त की प्रणय कथा तथा दुष्यन्त के साथ प्रेम विवाह और उसके पश्चात् वियोग और पुनर्मिलन की कथा का वर्णन किया गया है।


महाकाव्य


कालिदास के प्रमुख महाकाव्य निम्न हैं।


1. रघुवंशम् इस महाकाव्य में राजा दिलीप से लेकर अग्निवर्ण तक के सूर्यवंशी (इक्ष्वाकुवंशी) राजाओं की उदारता का उन्नीस सर्गों में वर्णन है।


2. कुमारसम्भवम् इस महाकाव्य में शिवजी तथा पार्वती के पुत्र कुमार कार्तिकेय के जन्म से लेकर देवताओं के सेनापतित्व के रूप में तारकासुर वध तक की कथा 18 सर्गों में वर्णित है।


गीतिकाव्य


कालिदास के प्रमुख गीतिकाव्य निम्न हैं।


 1. ऋतुसंहार इस गीतिकाव्य में छः ऋतुओं का अत्यन्त सुन्दर वर्णन किया गया है।


2. मेघदूतम् इस खण्ड काव्य में प्रकृति के अन्तः एवं बाह्य दोनों रूपों के वर्णन के साथ- साथ विरही यक्ष द्वारा मेघ को दूत बनाकर उसके द्वारा अपनी विरहिनी यक्षिणी के पास सन्देश भेजने तथा कुबेर नगरी अलका पुरी के सौन्दर्य का मर्म भेदी वर्णन किया गया है।


भारतीय जीवन पद्धति का चित्रण


कालिदास ने अपनी रचनाओं में काव्योचित गुणों का समावेश करते हुए भारतीय जीवन पद्धति का सर्वांगीण चित्रण किया है। इनके काव्य में जड़ प्रकृति भी मानव की सहचरी के रूप में चित्रित की गई है।


प्रकृति मानव-सहचरी के रूप में


'मेघदूतम्' में कवि ने बाह्य तथा अन्तःप्रकृति का मर्मस्पर्शी वर्णन किया है। कवि के विचार में मेघ, धूप, ज्योति, जलवायु का समूह ही नहीं, बल्कि वे मानव के समान ही संवेदनशील प्राणी हैं। 'अभिज्ञानशाकुन्तलम्' नाटक में वन के वृक्ष शकुन्तला को आभूषण प्रदान करते हैं और हरिण शावक शकुन्तला का मार्ग रोककर अपना निश्छल प्रेम प्रदर्शित करता है।


मानव मूल्यों की प्रतिष्ठा


कालिदास ने अपने काव्य के आधार पर समाज में मानव मूल्यों को प्रतिष्ठापित करने का सफल प्रयास किया है। शकुन्तला को देखकर दुष्यन्त के मन में काम की इच्छा उत्पन्न होने पर भी वे क्षत्रिय धर्म का पालन करते हुए विवाह करने के योग्य होने पर ही उससे विवाह करते हैं।


आदर्श जन-जीवन का निरूपण


'रघुवंशम्' में रघुवंशी राजाओं में भारतीय जन-जीवन का आदर्श रूप निरूपित किया गया है। रघुवंशी राजा प्रजा की भलाई के लिए ही प्रजा से कर लेते थे। वे सदा सत्य वचन बोलते थे।


काव्यगत विशेषताएँ


कालिदास की प्रमुख काव्यगत विशेषताएँ निम्न हैं


रस कालिदास के काव्यों में मुख्य रस श्रृंगार है। करुण आदि रस उसके सहायक होकर प्रयुक्त किए गए हैं।


गुण कालिदास ने रस के अनुरूप ही प्रसाद और माधुर्य गुण को अपनाया है। रीति कालिदास वैदर्भी रीति के सर्वश्रेष्ठ कवि हैं।


 अलंकार कालिदास ने उपमा अलंकार का प्रयोग किया है।


भारत की यशोगाथा


कालिदास ने हिमालय से सागर तक भारत के यश की गाथा को अपने काव्य में निरूपित किया है। 'रघुवंशम्', 'मेघदूतम्' और 'कुमारसम्भवम्' में भारत के विविध प्रदेशों का सुन्दर और स्वाभाविक वर्णन मिलता है। संस्कृत के कवियों में कोई भी कवि कालिदास की तुलना नहीं कर पाया है।


Q. 1. कालिदास का नया नाम क्या है?


Ans. कालिदास संस्कृत के महान कवि थे, जिनका नया नाम शेक्सपियर है।


Q.कालीदास का जन्म कब हुआ?

Ans.साहित्य के विद्दान और महाकवि कालिदास का जन्म कब और कहां हुआ इसके बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन इनके जन्म को लेकर विद्धानों के अलग- अलग मत है। ऐसा माना जाता है कि 150 ईसा पूर्व 450 ईस्वी तक कालिदास रहे होंगे। जबकि एक रिसर्च के मुताबिक कालिदास गुप्त काल में जन्मे होंगे।


Q.महाकवि कालिदास की पत्नी का नाम क्या है?


Ans.संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार कालिदास का विवाह किसी इंट्रेस्टिंग कहानी से कम नहीं था। उनकी पत्नी विद्योत्तमा का चरित्र-चित्रण करते नाटक 'विद्योत्तमा' में कालिदास के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।


Q.कालिदास का नाम कैसे पड़ा?

Ans. कालिदास के संबंध में अनेक किवंदतियां हैं और बहुत कम जानकारियां हैं। संभवतः देवी काली की आराधना के कारण, वे कालिदास कहलाये एवं उन्हीं के आशीर्वाद से, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई। उनके जन्म-स्थान, काल आदि के संबंध में भी, अनेक अनुमान लगाये गए हैं।


Q.कालिदास के बचपन का नाम क्या था?

Answer:कालिदास का बचपन का नाम रामबोला था।


Q.कालीदास कौन थे?

Ans.कालिदास (संस्कृत: कालिदासः ) तीसरी- चौथी शताब्दी मे गुप्त साम्राज्य के संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएँ की और उनकी रचनाओं में भारतीय जीवन और दर्शन के विविध रूप और मूल तत्त्व निरूपित हैं।


Q.कालिदास कहां बड़े हुए थे?

Ans.प्रारंभिक जीवन विद्वानों ने अनुमान लगाया है कि कालिदास हिमालय के पास, उज्जैन के आसपास और कलिंग में रहे होंगे ।


Q.कालिदास किसकी पूजा करते थे?


Ans.कालिदास शिव के भक्त थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की। कलिदास अपनी अलंकार युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल ।


Q.क्या कालिदास मूर्ख थे?


Ans.सबसे बड़े मूर्ख कालिदास

महान ऐतिहासिक कवि कालिदास को इतिहास का सबसे बड़ा मूर्ख माना जाता है। उनके बारे में ऐसा कहा जाता था, कि वह पेड़ की जिस डाल पर बैठे थे, उसी डाल को काट रहे थे। इस वजह से उन्हें महान मूर्ख की उपाधि दी गई। ऐसा माना जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। 


Q.कालिदास का घमंड कैसे टूटा ?


Ans.जितने भी विद्वान उनके सम्मुख आए, शास्त्रार्थ में परास्त होकर सभी ने उनकी विद्वता स्वीकारा. अब कालीदास जहां भी जाते उनका खूब मान-सम्मान होता. लेकिन अपार यश, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पाकर कालीदास को घमंड हो गया. अंततः कालीदास जी का घमंड तोड़ने माता सरस्वती को प्रकट होना पड़ा।


Q.कालिदास पेड़ की शाखाएं क्यों काटते हैं?

Ans.एक दिन धूप में, कालिदास एक पेड़ की शाखा पर बैठे थे, उसे देखने की कोशिश कर रहे थे। लेकिन मंदबुद्धि व्यक्ति शाखा के गलत सिरे पर बैठा था, इसलिए जब उसने आखिरकार शाखा को देखा, तो वह नीचे गिर गया! मूर्खता की इस हरकत को वहां से गुजर रहे कुछ चतुर पंडितों ने देखा। 


Q.कालिदास की पहली रचना कौन सी है?

Ans.मालविकाग्निमित्रम् कालिदास की पहली रचना है, जिसमें राजा अग्निमित्र की कहानी है। अग्निमित्र एक निर्वासित नौकर की बेटी मालविका के चित्र से प्रेम करने लगता है। जब अग्निमित्र की पत्नी को इस बात का पता चलता है तो वह मालविका को जेल में डलवा देती है।


Q.कालिदास क्यों प्रसिद्ध है?

Ans.कालिदास शिव के भक्त थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की। कालिदास अपनी अलंकार युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं भी बेमिसाल है।


Q.कालिदास की कुल कितनी रचना है?


Ans.पहला महाकाव्य- कालिदास- रघुवंशम्

कालिदास ने दो महाकाव्य लिखे। जिनमें से एक का नाम रघुवंश है। रघुवंश महाकाव्य में कुल 19 सर्ग हैं। कालिदास के रघुवंश में महाराज रघु के पूरे वंश की कथा है।


Q.2 युवा कालिदास को मूर्ख क्यों माना जाता है?

Ans. युवा कालिदास को मूर्ख माना जाता है, क्योंकि वे वृक्ष की जिस डाल पर बैठे थे, उसीको काट रहे थे।


Q.कालिदास को ज्ञान की प्राप्ति कैसे हुई ?

Ans.कहा जाता है कि तब कालिदास ने मां काली की कठिन तपस्या की और देवी मां के आशीर्वाद से वह विद्वान बने। उनकी सात रचनाएं प्रसिद्ध हैं। जिसमें अभिज्ञानशकुंतलम् की गणना विश्व साहित्य की सर्वोत्तम कृतियों में होती है।


Q.कालिदास कहाँ के राजा बने थे?

Ans.विभिन्न इतिहासकारों के इस बारे में अलग- अलग मत हैं। लेकिन दो मत काफी लोकप्रिय हैं। पहला मत पहली सदी ईसा पूर्व का है जबकि दूसरा चौथी सदी ईसवी का। पहली सदी ईसा पूर्व यानि कि आज से 2100 साल पहले के मत के अनुसार कालिदास उज्जैन के विख्यात राजा विक्रमादित्य के समकालीन थे और उनके राज- दरबार में कवि के पद पर नियुक्त थे।


Q.कालिदास को क्या कहा गया?

Ans.उनका नाम अमर है और उनका स्थान वाल्मीकि और व्यास की परम्परा में है। कालिदास शिव के भक्त थे। कालिदास नाम का शाब्दिक अर्थ है, 'काली का सेवक' । कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में एक थे।


Q.कालिदास सम्मान कितने क्षेत्र में दिया जाता है?

Ans.'कालिदास सम्मान' 1980-81 में स्थापित किया गया था। इस पुरस्कार में, 1,00,000 रुपये और एक प्रशस्ति पत्र शास्त्रीय संगीत, शास्त्रीय नृत्य, रंगमंच और दृश्य कला के क्षेत्र में प्रस्तुत किया जाता है।


Q.कालिदास को कवि गुरु क्यों कहा जाता है?

Ans.कविकुलगुरु : महाकवि कालिदास संस्कृत के कवियों में सर्वश्रेष्ठ हैं। उनकी कीर्ति-कौमुदी विदेशों तक फैली हुई है। वे भारत के ही नहीं, अपितु विश्व के श्रेष्ठ कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। इस महान् कवि के कुल, काल एवं जन्म-स्थान के विषय में अनेक मतभेद हैं।


Q.कालिदास का प्रिय अलंकार कौन सा है?

Ans.महाकवि ने उपर्युक्त अलंकारों के अतिरिक्त अतिशयोक्ति, सहोक्ति, सन्देह, विभावना, अर्थापत्ति, परिणाम, समासोक्ति, परिकर, उदात्त, काव्यलिङ्ग, निदर्शना, विशेषोक्ति आदि का भी सुन्दर प्रयोग किया है।


Q.मेघदूत में किसका वर्णन है?

Ans.मेघदूतम् महाकवि कालिदास द्वारा रचित विख्यात दूतकाव्य है। इसमें एक यक्ष की कथा है जिसे कुबेर अलकापुरी से निष्कासित कर देता है। निष्कासित यक्ष रामगिरि पर्वत पर निवास करता है। वर्षा ऋतु में उसे अपनी प्रेमिका की याद सताने लगती है।


Q.कालिदास की मृत्यु क्यों हुई?

Ans.कालिदास अपनी मृत्यु के समय यह मानते हैं कि विद्योत्तमा को पत्नी के स्थान पर गुरु मान लेने की गलती के कारण, उसका शाप ही उनकी मृत्यु का कारण बना।


Q.कालीदास का जन्म कब हुआ?

Ans.साहित्य के विद्दान और महाकवि कालिदास का जन्म कब और कहां हुआ इसके बारे में अभी तक कुछ भी स्पष्ट नहीं हैं। लेकिन इनके जन्म को लेकर विद्धानों के अलग- अलग मत है। ऐसा माना जाता है कि 150 ईसा पूर्व 450 ईस्वी तक कालिदास रहे होंगे। जबकि एक रिसर्च के मुताबिक कालिदास गुप्त काल में जन्मे होंगे।


Q.कालिदास समारोह कितने दिन तक चलता है?

Ans.सात दिन तक संस्कृत नाटकों और शास्त्रीय नृत्य का प्रदर्शन होता है।


Q.2022 में कालिदास सम्मान किसे मिला?

Ans.पंडित वेंकटेश कुमार मंगलुरु में एक संगीत समारोह में। प्रसिद्ध हिन्दुस्तानी गायक पंडित वेंकटेश कुमार को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दिए जाने वाले 'कालिदास सम्मान' के लिए चुना गया है।


Q.कालिदास के बचपन का नाम क्या था।

Ans.कालिदास का बचपन का नाम रामबोला था ।


Q.कालिदास कौन थे उनकी दो रचनाओं के नाम लिखिए?

Ans.कालिदास संस्कृत के महान कवि एवं नाटककार थे। कहा जाता है कि कालिदास गुप्त वंश के विक्रमादित्य के नौ रत्नों में से एक थे। 'अभिज्ञानशाकुंतलम्', 'मेघदूत' आदि उनकी प्रमुख रचनाएँ हैं।


Q.कालिदास का भारत किसकी रचना है?

Ans.Kalidas ka Bharat - Hindi book by - Bhagwat Sharan Upadhyay - कालिदास का भारत - भगवतशरण उपाध्याय


Q.कालिदास का घमंड कैसे टूटा ?

Ans.जितने भी विद्वान उनके सम्मुख आए, शास्त्रार्थ में परास्त होकर सभी ने उनकी विद्वता स्वीकारा. अब कालीदास जहां भी जाते उनका खूब मान-सम्मान होता. लेकिन अपार यश, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान पाकर कालीदास को घमंड हो गया. अंततः कालीदास जी का घमंड तोड़ने माता सरस्वती को प्रकट होना पड़ा।


Q.कालिदास की कुल कितनी रचनाएं है?

Ans.इनमें से मात्र सात ही ऐसी हैं जो निर्विवाद रूप से कालिदासकृत मानि जाती हैं: तीन नाटक (रूपक): अभिज्ञान शाकुन्तलम्, विक्रमोर्वशीयम् और मालविकाग्निमित्रम्; दो महाकाव्य: रघुवंशम् और कुमारसंभवम्; और दो खण्डकाव्य : मेघदूतम् और ऋतुसंहार। इनमें भी ऋतुसंहार को प्रो० कीथ संदेह के साथ कालिदास की रचना स्वीकार करते हैं।


Q.कालिदास को ज्ञान कैसे प्राप्त हुआ?

Ans.कालिदास के संबंध में अनेक किवंदतियां हैं और बहुत कम जानकारियां हैं। संभवतः देवी काली की आराधना के कारण, वे कालिदास कहलाये एवं उन्हीं के आशीर्वाद से, उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हुई।


Q.कालिदास की पत्नी का नाम क्या था?

Ans.संस्कृत भाषा के महान कवि और नाटककार कालिदास का विवाह किसी इंट्रेस्टिंग कहानी से कम नहीं था। उनकी पत्नी विद्योत्तमा का चरित्र-चित्रण करते नाटक 'विद्योत्तमा' में कालिदास के जीवन के कुछ महत्वपूर्ण पहलुओं पर प्रकाश डाला गया।


Q.कालिदास कहां बड़े हुए थे?


Ans.प्रारंभिक जीवन विद्वानों ने अनुमान लगाया है कि कालिदास हिमालय के पास, उज्जैन के आसपास और कलिंग में रहे होंगे।


Q.कालिदास का गाँव कहाँ है?

Ans.कालिदास ने अपने खंड काव्य मेघदूत में उज्जैन शहर का जिक्र किया हैं. जो मध्यप्रदेश राज्य में हैं. इस लिए कुछ इतिहासकार और विद्वानों का मत हैं की इनका जन्म स्थान उज्जैन ही हैं. कुछ इतिहासकारों का मानना हैं की कालिदास का जन्म उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के कविल्का गांव में हुआ था।


Q.कालिदास किस लिए प्रसिद्ध है?

Ans.कालिदास संस्कृत साहित्यिक रचना के आदर्श बन गए हैं। नाटक में, उनका अभिज्ञानशाकुंतला सबसे प्रसिद्ध है और आमतौर पर किसी भी काल का सर्वश्रेष्ठ भारतीय साहित्यिक प्रयास माना जाता है।


Q.विश्व का सर्वश्रेष्ठ पुरस्कार कौन सा है?

Ans.विश्व के प्रमुख पुरस्कार व सम्मान एवं उनके क्षेत्र के आधार पर हर प्रतियोगी परीक्षा में कुछ प्रश्न अवश्य पूछे जाते है, इसलिए यह आपकी सभी प्रकार की परीक्षा की तैयारी के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। नोबेल पुरस्कार को विश्व का सबसे बड़ा और सम्मानित पुरस्कार माना जाता है। 


Q.कालिदास का प्रिय अलंकार कौन सा है?

Ans.महाकवि ने उपर्युक्त अलंकारों के अतिरिक्त अतिशयोक्ति, सहोक्ति, सन्देह, विभावना, अर्थापत्ति, परिणाम, समासोक्ति, परिकर, उदात्त, काव्यलिङ्ग, निदर्शना, विशेषोक्ति आदि का भी सुन्दर प्रयोग किया है।


Q.कालिदास को कवि गुरु क्यों कहा जाता है?

Ans.कविकुलगुरु : महाकवि कालिदास संस्कृत के कवियों में सर्वश्रेष्ठ हैं। उनकी कीर्ति-कौमुदी विदेशों तक फैली हुई है। वे भारत के ही नहीं, अपितु विश्व के श्रेष्ठ कवि के रूप में भी जाने जाते हैं। इस महान् कवि के कुल, काल एवं जन्म-स्थान के विषय में अनेक मतभेद हैं।


Q.कालिदास को क्या कहा जाता है?

Ans.कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में एक थे, लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास (अंग्रेज़ी: Kalidas) संस्कृत भाषा के सबसे महान् कवि और नाटककार थे। कालिदास ने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की।


Q.कालिदास ने सुंदरता का अर्थ कैसे समझाया?

Ans.इस पर महाकवि कालिदास ने विनम्रतापूर्वक कहा, "महाराज, जिस प्रकार शीतलता और मिठास बर्तन की सुंदरता और बनावट पर निर्भर नहीं करती, उसी प्रकार विद्वता और बुद्धिमता शरीर के रूप-रंग पर निर्भर नहीं करती।" कालिदास का उत्तर सुनकर सम्राट को अपने पुराने प्रश्र का उत्तर मिल गया। 


Q.कालिदास की दूसरी रचना कौन सी है ?


Ans.दूसरा महाकाव्य- कुमार संभवम्

कुमारसंभव महाकाव्य में कालिदास ने शिव पार्वती के विवाह का तथा कार्तिकेय जन्म का सुन्दर आलंकारिक वर्णन प्रस्तुत किया है। कुमार संभव नामक महाकाव्य में कुल 17 सर्ग हैं। 


Q.राजकुमारी विद्योत्तमा किसकी बेटी थी?


Ans.विद्योत्तमा उज्जैन के प्रसिद्ध राजा विक्रमादित्य की पुत्री थी। उन्हें उनके माता-पिता द्वारा गुणमंजरी (गुणों की माला) नाम दिया गया था, जिन्होंने आचार्य वरारुची को छात्रवृत्ति और शिक्षाविदों में अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त किया था, जबकि गणदास को कला, विशेष रूप से नृत्य और संगीत में उनकी प्रतिभा को विकसित करने का काम दिया गया था ।


Q.कालिदास जयंती कब मनाया जाता है?

Ans.इसी बीच कल 09 नवंबर को कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को महाकवि कालिदास जी का जन्मदिवस मनाया जाएगा। मान्यताओं के अनुसार उत्तराखंड राज्य के रूद्रप्रयाग जिले के कविल्ठा गांव इनका जन्म हुआ था। 


Q.विद्योत्तमा कौन है?

Ans.विद्योत्तमा महाकवि कालिदास की पत्नी थीं। कालिदास के संबंध में यह किंवदंती भी प्रचलित है कि वे पहले निपट मूर्ख थे। कुछ धूर्त पंडितों ने षड्यंत्र करके उनका विवाह विद्योत्तमा नाम की परम विदुषी से करा दिया। पता लगने पर विद्योत्तमा ने कालिदास को घर से निकाल दिया।


Q.कालिदास की राशि क्या है?


Ans.खालिदा नाम की राशि मकर होती है।


Q.राजकुमारी विद्योत्तमा की क्या शर्त थी ?

Ans.राजकुमारी विद्योत्तमा को अपनी विद्वत्ता का बड़ा अभिमान था। उसने अपने स्वयंवर के लिए शर्त रखी कि जो उसे शास्त्रार्थ में पराजित करेगा, वह उसी को वरेगी। कई पंडित, विद्वान आए किंतु वे उसे पराजित न कर सके। 


Q.राजकुमारी विद्योत्तमा की क्या प्रतिज्ञा थी?


Ans.ऐसा कहा जाता है कि विद्योत्तमा ने प्रतिज्ञा की थी कि जो कोई उसे शास्त्रार्थ में हरा देगा, वह उसी के साथ शादी करेगी। जब विद्योत्तमा ने शास्त्रार्थ में सभी विद्वानों को हरा दिया तो अपमान से दुखी कुछ विद्वानों ने कालिदास से उसका शास्त्रार्थ कराया। 


Q.कालिदास किसकी पूजा करते थे?

Ans.कालिदास शिव के भक्त थे। उन्होंने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की। कलिदास अपनी अलंकार युक्त सुंदर सरल और मधुर भाषा के लिये विशेष रूप से जाने जाते हैं। उनके ऋतु वर्णन अद्वितीय हैं और उनकी उपमाएं बेमिसाल ।


Q.कालिदास बुद्धिमान कैसे हुए?

Ans.इस प्रकार कालिदास देश के सबसे बुद्धिमान और सबसे विद्वान व्यक्ति बनने के लिए दृढ़ संकल्पित हो गए, और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उन्होंने अपनी देवी काली से उन्हें दिव्य ज्ञान प्रदान करने के लिए बौद्धिक लीलाओं, पढ़ना, ध्यान करना और प्रार्थना करना शुरू कर दिया। उनकी मनोकामना पूरी हुई।


Q.कालिदास का दूसरा नाम क्या था?

Ans.कालिदास उर्फ मेधारुद्र, कुमारसंभव, मेघदूत और रघुवंश के लेखक ।


Q.क्या कालिदास मूर्ख थे?


Ans.सबसे बड़े मूर्ख कालिदास

महान ऐतिहासिक कवि कालिदास को इतिहास का सबसे बड़ा मूर्ख माना जाता है। उनके बारे में ऐसा कहा जाता था, कि वह पेड़ की जिस डाल पर बैठे थे, उसी डाल को काट रहे थे। इस वजह से उन्हें महान मूर्ख की उपाधि दी गई। ऐसा माना जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। 


Q.कालिदास की कुल कितनी रचना है ?

Ans.पहला महाकाव्य- कालिदास- रघुवंशम्

कालिदास ने दो महाकाव्य लिखे। जिनमें से एक का नाम रघुवंश है। रघुवंश महाकाव्य में कुल 19 सर्ग हैं। कालिदास के रघुवंश में महाराज रघु के पूरे वंश की कथा है। 


Q.कालिदास को क्या कहा जाता है?

Ans.कालिदास दिखने में बहुत सुंदर थे और विक्रमादित्य के दरबार के नवरत्नों में एक थे, लेकिन कहा जाता है कि प्रारंभिक जीवन में कालिदास अनपढ़ और मूर्ख थे। कालिदास (अंग्रेज़ी: Kalidas) संस्कृत भाषा के सबसे महान् कवि और नाटककार थे। कालिदास ने भारत की पौराणिक कथाओं और दर्शन को आधार बनाकर रचनाएं की।


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