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लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का जीवन परिचय

 लोकमान्यतिलक का जीवन परिचय।। Lokmanya Tilak Biography in hindi

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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट subhansh classes.com पर यदि आप गूगल पर लोकमान्य बालगंगाधर तिलक जी का जीवन परिचय सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आ गए हैं हम आपको लोकमान्य तिलक के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है इसलिए आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें यदि आपको पोस्ट पसन्द आए तो अपने दोस्तो को भी शेयर करें यदि आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Subhansh classes पर कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा

लोकमान्य बालगंगाधर तिलक का जन्म महाराष्ट्र में रत्नागिरि जनपद के चिरवल ग्राम के एक अति साधारण परिवार में विक्रम संवत् 1913 में आषाढ़ बदी (कृष्ण पक्ष) षष्ठी के दिन हुआ था। उनका वास्तविक नाम 'बाल' था। पिता का नाम 'गंगाधर' और वंश का नाम 'तिलक' था। इस प्रकार उनका पूरा नाम बालगंगाधर तिलक पड़ा। उनके बाल्यकाल का नाम 'केशवराव' था, तथापि लोग उन्हें 'बलवन्तराव' कहते थे। उनके पिता का पूरा नाम रामचन्द्र गंगाधरराव तथा माता का नाम पार्वतीबाई था। उनकी माता सुशीला, धर्मपरायणा, पतिव्रता और ईश्वरभक्त थीं। पिता ने तिलक को गणित और संस्कृत का अध्ययन कराया। तिलक उग्र राष्ट्रीयता के जन्मदाता थे। उन्होंने महाराष्ट्र के युवकों में राष्ट्रीयता की भावना को उत्पन्न करने के लिए देशहित के अनेक कार्य किए। उनका स्वभाव धीर, गम्भीर और निडर था। तिलक जी का बचपन कष्टमय था। बचपन में ही उनके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था, फिर भी उन्होंने अपना अध्ययन नहीं छोड़ा। वे तीक्ष्ण बुद्धि और अपनी कक्षा में सबसे आगे थे। संस्कृत और गणित उनके प्रिय विषय थे। वे गणित के कठिन प्रश्नों को मौखिक ही हल कर लेते थे। दस वर्ष की आयु में ही उन्होंने संस्कृत में श्लोक रचना करनी सीख ली थी। कॉलेज में पढ़ते समय उनका शरीर दुर्बल था। उन्होंने बीस वर्ष की आयु में बी. ए. और तेईस वर्ष की आयु में एल. एल. बी. की परीक्षा उत्तीर्ण की।


कृतियाँ

माण्डले जेल में रहते हुए तिलक जी ने 'गीता रहस्य', 'वेदों का काल निर्णय' तथा 'आर्यों का मूल निवास स्थान' नामक अत्यन्त महत्त्वपूर्ण पुस्तकें लिखीं, जिनको आज भी बड़े आदर के साथ पढ़ा जाता है। तिलक जी जेल से छूटकर पुन: देश सेवा के कार्य में लग गए।


देश सेवा और लोक सेवा के कार्य में रुचि

तिलक जी सरकारी नौकरी और वकालत छोड़कर देश सेवा और लोक सेवा के कार्य में लग गए। उन्होंने दुःखी भारतीयों के लिए अपना जीवन अर्पित कर दिया था। उन्होंने पूरे जीवन प्राणियों का उद्धार करने में लगाया। वे प्रिय या अप्रिय घटना से कभी विचलित नहीं हुए।


स्वतन्त्रता के लिए प्रयास

तिलक जी ने देशवासियों को स्वतन्त्रता का पाठ पढ़ाया। उनका नारा था- 'स्वराज्य हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। उन्होंने राजनीतिक जागरण के लिए 'केसरी' (मराठी भाषा) और 'मराठा' (अंग्रेजी भाषा) दो पत्र प्रकाशित किए। इन पत्रों के द्वारा उन्होंने अंग्रेजी शासन की सच्ची आलोचना, राष्ट्रीयता की शिक्षा, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं के उपयोग पर बल दिया। सरकार की तीखी आलोचना के कारण उन्हें कठोर दण्ड मिलता था, फिर भी किसी भय से उन्होंने सत्य के मार्ग को नहीं छोड़ा।


सश्रम कारावास

तिलक जी ने 'केसरी' पत्र के माध्यम से अंग्रेजी सरकार की तीखी आलोचना की, जिसके कारण उन्हें 18 मास का सश्रम कारावास का दण्ड मिला। इस दण्ड के विरोध में जगह-जगह पर सभाएँ हुईं, सम्मानित लोगों ने सरकार से प्रार्थना की, परन्तु सरकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। वर्ष 1908 में सरकार ने उन्हें राजद्रोह के अपराध में 6 वर्ष के लिए माण्डले जेल में भेज' दिया। वहाँ उन्होंने बहुत कष्ट सहे। तिलक जी जनता के हितैषी थे। उन्होंने आजीवन जनता की भलाई के लिए कार्य किए।


मृत्यु

तिलक जी ने राष्ट्र के लिए अनेक कष्टों को सहन किया, कष्टों को सहन करते हुए उनका वर्ष 1977 में स्वर्गवास हो गया। उन्होंने भारत के उद्धार के लिए जो किया, वह भारत के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा रहेगा।


Q. बाल गंगाधर तिलक का जन्म कब हुआ?

Ans.तेईस जुलाई 1856


Q. बाल गंगाधर तिलक का पूरा नाम क्या है?

Ans.केशव गंगाधर तिलक


Q.लोकमान्य तिलक क्यों प्रसिद्ध थे?

Ans.लोकमान्य तिलक जी ब्रिटिश राज के दौरान स्वराज के सबसे पहले और मजबूत अधिवक्ताओं में से एक थे, तथा भारतीय अन्तःकरण में एक प्रबल आमूल परिवर्तनवादी थे। उनका मराठी भाषा में दिया गया नारा "स्वराज्य हा माझा जन्मसिद्ध हक्क आहे आणि तो मी मिळवणारच" (स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहुँगा) बहुत प्रसिद्ध हुआ।


Q.लोकमान्य तिलक ने भारत के लिए क्या किया?

Ans.महात्मा गांधी द्वारा "आधुनिक भारत के निर्माता" और जवाहरलाल नेहरू द्वारा "भारतीय क्रांति के पिता" कहे जाने वाले बाल गंगाधर तिलक ने भारतीय स्वराज (स्व- शासन) की नींव रखने में मदद की।


Q.लोकमान्य का दूसरा नाम क्या था?

Ans. लोकमान्य बाल गंगाधर का पूरा नाम केशव गंगाधर तिलक था। उनका जन्म 23 जुलाई 1856 को रत्नागिरी, महाराष्ट्र में हुआ था।


Q.लोकमान्य तिलक द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए क्या घोषणा की गई है?

Ans.राष्ट्र की स्वाधीनता को लेकर तिलकजी का स्पष्ट मत था। वह कांग्रेस में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने संपूर्ण स्वराज की मांग करते हुए कहा था, 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा।' इस वाक्य ने स्वतंत्रता आंदोलन को लोक आंदोलन में परिर्वितत करने में बड़ी भूमिका निभाई।


Q.तिलक कितने प्रकार के होते हैं?

Ans.तिलक चार प्रकार के होते हैं-


कुमकुम


केशर


चंदन


 भस्म


Q.लोकमान्य तिलक द्वारा दिया गया नारा क्या है?

Ans.वर्ष 1916 में लोकमान्य तिलक ने "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूंगा" का नारा दिया था।


Q.तिलक को भारतीय क्रांति का जनक किसने कहा था?

Ans.उन्हें कई मौकों पर कैद किया गया था जिसमें मांडले में एक लंबा कार्यकाल भी शामिल था। अपने राजनीतिक जीवन में एक समय उन्हें ब्रिटिश लेखक सर वेलेंटाइन चिरोल ने "भारतीय अशांति का जनक" कहा था।


Q.भारतीय अशांति का जनक किसने कहा था?

Ans.वी. चिरोल: वेलेंटाइन चिरोल एक प्रमुख ब्रिटिश पत्रकार थे। उन्होंने बाल गंगाधर तिलक को "भारतीय अशांति का जनक" की उपाधि दी। 


Q.तिलक जातिवादी थे?

Ans.क्योंकि वह ब्राह्मण जाति के चितपावन उप-संप्रदाय का पालन करता था, इसलिए वह जातिवाद का कट्टर समर्थक था। 


Q.बाल गंगाधर तिलक ने कौन कौन से नारे दिए थे?

Ans.महान स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक की आज 103वीं पुण्यतिथि है। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक वही महान शख्सियत हैं, जिन्होंने 'स्वराज हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा' का नारा दिया था। अंग्रेजों से आजादी की लड़ाई में इस नारे का काफी प्रचलन था । 


Q.तिलक दिवस कब मनाया जाता है?

Ans.भारत के स्वतंत्रता सेनानियों में बाल गंगाधर तिलक का नाम बड़े ही सम्मान से लिया जाता है।


Q.स्वतंत्रता के संबंध में तिलक का लक्ष्य क्या था?

Ans.उन्होंने एक प्रसिद्ध नारा दिया 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं और मैं इसे पा कर रहूँगा । तिलक जी आधुनिक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख में से एक थे, उन्होंने भारत के भावी क्रांतिकारीयों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया। साथ ही वे सार्वजनिक मामलों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया करते थे।


Q.लोकमान्य तिलक के राजनीतिक गुरु कौन थे?

Ans.स्वामी विवेकानंद । तिलक ने स्वामी विवेकानंद को अपने राजनीतिक गुरु के रूप में स्वीकार किया।


Q.बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीय आंदोलन में क्या योगदान दिया?

Ans.लोकमान्य तिलक का स्वतंत्रता आन्दोलन में अतुलनीय योगदान है। उन्होंने अपने जीवन का क्षण-क्षण राष्ट्र को समर्पित कर क्रांतिकारियों की एक वैचारिक पीढ़ी तैयार की। उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध स्वराज्य की आवाज बुलंद की और "स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा " के नारे से देश में साहस व विश्वास जगाया।


Q.तिलक किसका प्रतीक है?

Ans.हिंदू प्रतीक तिलक जीत, सफलता और सौभाग्य का प्रतीक है। तिलक लगाने की परंपरा युगों से चली आ रही है। तिलक कई प्रकार के होते हैं; कुछ चंदन के लेप का उपयोग करके बनाए जाते हैं, जबकि अन्य कुमकुम, पवित्र राख (विभूति) और हल्दी का उपयोग करते हैं।


Q.तिलक का क्या अर्थ है?

Ans.तिलक का अर्थ है भारत में किसी भी शुभ कार्य से पूर्व के माथे पर लगाया जानेवाला चिन्ह 


Q.तिलक ने लोगों में जोश भरने वाला कौन सा गरजता हुआ नारा दिया?

Ans. बाल गंगाधर तिलक का नारा 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है', कैसे चर्चित हुआ यह घटना तब की है जब देश को आजाद कराने के लिए आंदोलन जोर पकड़ रहा था।


Q.लोकमान्य तिलक पुरस्कार कौन देता है ?

Ans.यह पुरस्कार प्रतिवर्ष लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि 1 अगस्त को लोकमान्य तिलक ट्रस्ट द्वारा दिया जाता है। समाजवादी नेता एसएम जोशी, पूर्व प्रधानमंत्रियों इंदिरा गांधी, डॉ मनमोहन सिंह, अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और इंफोसिस के संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति को इस पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है।


Q.लोकमान्य तिलक ने कौन सा समाचार पत्र चलाया था?

Ans.केसरी (अर्थ: शेर), मराठी भाषा का एक समाचारपत्र है जिसकी स्थापना 4 जनवरी 1881 में बाल गंगाधर तिलक ने की थी। इस पत्र का उपयोग भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को वाणी देने के लिये की गयी।


Q.गुलाबी क्रांति का जनक कौन है?

Ans.दुर्गेश पटेल को गुलाबी क्रांति का जनक माना जाता है।


Q.भारत में गुलाबी क्रांति का जनक कौन है?

Ans.गुलाबी क्रांति की शुरुआत वर्ष 1996 में दुर्गेश पटेल के द्वारा की गई थी। दुर्गेश पटेल को ही गुलाबी क्रांति का जनक कहा जाता है। इस क्रांति का उद्देश्य झींगा मछली और प्याज के उत्पादन में वृद्धि करना था। अंडे के उत्पादन में वृद्धि करना।


Q.क्रांति की जननी कौन है?

Ans.मैडम भीखाजी रुस्तम कामा को "भारतीय क्रांति की जननी" माना जाता है।


Q.हिंदी के जनक पिता कौन है?

हिंदी का जनक किसे कहा जाता है? 

Ans.आधुनिक हिंदी का जनक भारतेंदु हरिश्चंद्र को माना जाता है, वह हिंदी गद्य के एक महान लेखक थे भारतेंदु हरिश्चंद्र ने हिंदी गद्य में विशेष योगदान दिया इसके कारण ही इनको हिंदी का जनक कहा जाता है।


Q.भारत में जनक कौन थे?

Ans.राजा राम मोहन रॉय को "आधुनिक भारत का जनक" माना जाता है। राजा राम मोहन राय ब्रह्म सभा के नेताओं में से एक थे। ब्रह्मो समाज एक भारतीय उपमहाद्वीप सामाजिक-धार्मिक सुधार आंदोलन था। जॉन डिग्बी, व्यवसाय में एक निचले अधिकारी जिन्होंने उन्हें पश्चिमी संस्कृति और साहित्य से परिचित कराया, ने 1805 में उन्हें काम पर रखा।


Q.जब तिलक ने कहा कि स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है?

उत्तर 1916 है। बाल गंगाधर तिलक ने 1916 में स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है का नारा दिया।


Q.भारत में जाति प्रथा कब शुरू हुई ?

Ans.भारत की मौजूदा आबादी पांच प्रकार के प्राचीन आबादी से मिलकर बनी है जो आपस में घुल मिलकर कर रहते थे और हजारों साल से क्रॉस ब्रिडिंग कर रहे थे. भारत में कठोर जाति प्रथा का सूत्रपात कोई 1,575 साल पहले हुआ. गुप्त साम्राज्य ने लोगों पर कठोर सामाजिक प्रतिबंध लगाए थे.


Q.ब्राह्मणों को कौन सा तिलक लगाना चाहिए?

Ans.अनादि काल से ही ब्राह्मण शांति और पवित्रता के प्रतीक रहे हैं इसीलिये ब्राह्मणों को सफेद चंदन का तिलक लगाना चाहिए।


Q.जाति कब और किसने बनाई?

Ans.दुनिया की सभी व्यवस्थाओं को मनुष्य ने बनाया है. यानि जाति की व्यवस्था को भी मनुष्य ने ही बनाया है. भारत में जाति की उत्पत्ति आर्यों के आगमन के बाद हुई. प्रत्येक कार्य और व्यवस्था के पीछे एक कारण और सम्बन्ध होता है.


Q.नारा किसने लगाया था?

Ans. बाल गंगाधर तिलक बाल गंगाधर तिलक ने "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" का नारा दिया।


Q.आजादी का नारा किसने दिया था?

Ans."स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूंगा," बाल गंगाधर तिलक के प्रसिद्ध शब्द थे । एक समाज सुधारक, वकील और भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के पहले नेता, वे अपने समय के सबसे प्रभावशाली स्वतंत्रता सेनानियों में से एक थे। 


Q.किसने कहा स्वतंत्रता मेरा जन्म है?

Ans.लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा" अपने जोरदार नारे के साथ भारतीय लोगों को आंदोलित किया और स्वतंत्रता के हमारे संघर्ष में नई जान फूंक दी।


Q.तिलक कैसे किया जाता है?

Ans.Saivites आमतौर पर माथे पर तीन क्षैतिज रेखाओं में विभूति (राख) का उपयोग करके अपने तिलक को चिह्नित करते हैं। तीन क्षैतिज रेखाओं के साथ, चंदन के लेप का एक बिंदू या केंद्र में लाल कुमकुम की बिंदी तिलक (त्रिपुंड) को पूरा करती है।


Q.बिहार में तिलक क्या है?

Ans.दुल्हन का भाई तिलक थाल या थाली लेकर दूल्हे के घर जाता है । यह दिखाने के लिए किया जाता है कि दुल्हन के परिवार ने गठबंधन को स्वीकार कर लिया है। दुल्हन का भाई दूल्हे के माथे पर तिलक लगाता है, जिसके बाद वह उसे गठबंधन का जश्न मनाने के लिए गहने, कपड़े, मिठाई भेंट करता है। 


Q.तिलक के अनुसार स्वराज क्या है?

Ans.तिलक के अनुसार स्वराज्य अधिकार भी था और साथ ही धर्म की राजनीतिक क्षेत्र में स्वराज्य का अर्थ राष्ट्रीय स्वशासन से था, "स्वराज्य से अभिप्राय केवल यह है कि भारत के आन्तरिक मामलों का संचालन और प्रबन्ध भारतवासियों के हाथ में हो नैतिक दृश्टि से स्वराज्य का अर्थ था आत्मनिग्रह की पूर्णता प्राप्त करना तथा आध्यात्मिक रूप से


Q.तिलक और गांधी के बीच मूलभूत विवाद क्या था?

Ans.मतभेदों के बीच भी प्रेम कैसे निभता है, यह गांधी और तिलक ने दिखाया


Q.बाल गंगाधर तिलक ने संविधान की मांग कब की थी?

Ans.संविधान निर्माण की सर्वप्रथम मांग बाल गंगाधर तिलक द्वारा 1895 में "स्वराज विधेयक" द्वारा की गई।


Q.राष्ट्रीय शिक्षा पर तिलक के क्या विचार है?

Ans.भारत की विशाल जनसंख्या को देखते हुए तिलक का मत था कि शिक्षा ऐसी हो जिसमें स्वरोजगार तथा आत्मनिर्भरता पर विशेष बल दिया जाए। इसलिए गांधी की भाँति तिलक ने भी इस बात पर बल दिया कि तकनीकी शिक्षा व अन्य स्थानीय व्यवसायों की शिक्षा को भी देश की शिक्षा प्रणाली का अनिवार्य अंग बनाना चाहिए।


Q.गांधीजी के कितने गुरु थे?

Ans.गांधी गोपालकृष्ण गोखले को अपना गुरु बताते थे लेकिन उन्हें पॉलिटिकल एक्शन सिखाने में बाल गंगाधर तिलक का भी बड़ा योगदान है. 


Q.स्वतंत्रता के संबंध में तिलक का क्या लक्ष्य था ?

Ans.उन्होंने एक प्रसिद्ध नारा दिया 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार हैं और मैं इसे पा कर रहूँगा । तिलक जी आधुनिक भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख में से एक थे, उन्होंने भारत के भावी क्रांतिकारीयों के लिए प्रेरणा के रूप में कार्य किया। साथ ही वे सार्वजनिक मामलों में सक्रिय रूप से हिस्सा लिया करते थे


Q.तिलक नाम के व्यक्ति कैसे होते हैं?

Ans.शास्त्रों में तिलक नाम को काफी अच्छा माना गया है और इसका मतलब यानी Vermillion, माथे पर चंदन की लकड़ी पेस्ट के स्पॉट, शुभ कर्मकांडों निशान माथे, एक फूल के पेड़ पर लागू किया भी लोगों को बहुत पसंद आता है।


Q.बाल गंगाधर तिलक ने मराठी में कौन सा अखबार

शुरू किया था?


Ans. केसरी है। केसरी की शुरुआत मराठी में बाल गंगाधर तिलक ने की थी


Q.तिलक ने लोगों में जोश भरने वाला कौन सा गरजता हुआ नारा दिया?

Ans.बाल गंगाधर तिलक का नारा 'स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है', कैसे चर्चित हुआ यह घटना तब की है जब देश को आजाद कराने के लिए आंदोलन जोर पकड़ रहा था। 


Q.कुल कितने पुरस्कार है?

Ans.पुरस्कार तीन श्रेणियों में दिया जाता है, अर्थात: महत्व के घटते क्रम में पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री पद्म विभूषण "असाधारण और विशिष्ट सेवा" के लिए प्रदान किया जाता है। पद्म विभूषण भारत में दूसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार है। पद्म भूषण "एक उच्च क्रम की विशिष्ट सेवा" के लिए प्रदान किया जाता है।


Q.तिलक भारतीय अशांति के जनक थे यह कथन किसका है?

Ans.वैलेंटाइन चिरोल एक प्रमुख ब्रिटिश पत्रकार थे। उन्होंने बाल गंगाधर तिलक को "भारतीय अशांति के पिता" की उपाधि दी।


Q.विश्व की सबसे पुरानी जाति कौन सी है ?

Ans.प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में खस जाति का उल्लेख मिलता है। महाभारत में उल्लेखित खसों ने कौरव के पक्ष से युद्ध लड़ा था मनुस्मृति के अनुसार खस अन्य भारतीय जाति जैसे शक, कम्बोज, दारद, पहलव, यवन, पारद आदि जैसे ही प्राचीन क्षत्रिय थे जो संस्कार का त्याग करने से 'व्रात्य क्षत्रिय' और 'म्लेच्छ' में परिणत हुए।


Q.बाल गंगाधर तिलक को कब कैद किया गया था?

Ans.3 जुलाई, 1908 को बाल गंगाधर तिलक को अंग्रेजों ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। बर्मा के मांडले में 1908 से 1914 तक तिलक को छह साल की जेल की सजा सुनाई गई थी।


Q.बाल गंगाधर तिलक पहली बार जेल कब गए थे?

Ans.अंग्रेज सरकार की नीतियों के विरोध के चलते एक समय उन्हें मुकदमे और उत्पीड़न का सामना करना पड़ा। साल 1897 में पहली बार तिलक पर राजद्रोह का मुकदमा चला और उन्हें जेल भेज दिया गया। इस मुकदमे और सजा के चलते उन्हें लोकमान्य की उपाधि मिली।


Q.लोकमान्य तिलक की पुण्यतिथि क्या है?

Ans.1 अगस्त 1920 को मुंबई में उनका निधन

हो गया। 


Q.मांडले जेल में तिलक ने कौन सी पुस्तक लिखी ?

Ans.गीतारहस्य नामक पुस्तक की रचना लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने माण्डले जेल (बर्मा) में की थी। इसमें उन्होने श्रीमदभगवद्गीता के कर्म योग की वृहद व्याख्या की।


Q.तिलक के लिए प्रसिद्ध उद्धरण क्या है?

Ans."स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा! " - बाल गंगाधर तिलक । "स्वतंत्रता मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है। मेरे पास यह होनी चाहिए ।" - बाल गंगाधर तिलक | "समस्या संसाधनों या क्षमता की कमी नहीं है, बल्कि इच्छाशक्ति की कमी है । "


Q.प्रथम प्रसिद्ध जेल सुधारक कौन था?

Ans.बाल गंगाधर तिलक (अथवा लोकमान्य तिलक, मूल नाम केशव गंगाधर टिळक, 23 जुलाई 1856 - 1 अगस्त 1920), एक भारतीय राष्ट्रवादी, शिक्षक, समाज सुधारक, वकील और एक स्वतन्त्रता सेनानी थे।


Q.लोकमान्य तिलक की मृत्यु कैसे हुई ?

Ans.1 अगस्त 1920 


Q.पंजाब केसरी किसकी रचना है?

Ans.पंजाब केसरी के संस्थापक लाला जगत नारायण के पुत्र हैं।


Q.तिलक पर देशद्रोह का केस क्यों पड़ा?

Ans.बाल गंगाधर तिलक पर 1897 में, उन पर "15 जून 1897 के अंक में केसरी" (उनके समाचार पत्र) में कुछ लेखों के प्रकाशन द्वारा सरकार के प्रति असंतोष की भावनाओं को उत्तेजित करने और उत्तेजित करने का प्रयास करने के लिए राजद्रोह का आरोप लगाया गया था। 


Q.तिलक को 6 साल की जेल क्यों हुई?

Ans.3 जुलाई, 1908 को बाल गंगाधर तिलक को अंग्रेजों ने राजद्रोह के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने अपने मराठी अखबार केसरी में अंग्रेजों के खिलाफ उग्र लेख प्रकाशित किए। जेल में रहते हुए, तिलक ने बड़े पैमाने पर पढ़ा और लिखा और भारतीय राष्ट्रवादी आंदोलन पर अपने विचार विकसित किए।


Q.तिलक ने कौन सा उत्सव आरंभ किया?

Ans.महाराष्ट्र के पुणे के बाद बाल गंगाधर तिलक (Bal Gangadhar Tilak) ने काशी में गणेश उत्सव की शुरुआत की थी.


Q.लोकमान्य तिलक के राजनीतिक गुरु कौन थे?

Ans.स्वामी विवेकानंद । तिलक ने स्वामी विवेकानंद को अपने राजनीतिक गुरु के रूप में स्वीकार किया।


Q.लोकमान्य तिलक द्वारा स्वतंत्रता प्राप्ति के लिए क्या घोषणा की गई है?

Ans.राष्ट्र की स्वाधीनता को लेकर तिलकजी का स्पष्ट मत था। वह कांग्रेस में पहले व्यक्ति थे जिन्होंने संपूर्ण स्वराज की मांग करते हुए कहा था, 'स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर ही रहूंगा।' इस वाक्य ने स्वतंत्रता आंदोलन को लोक आंदोलन में परिर्वितत करने में बड़ी भूमिका निभाई।


Q.1908 में बाल गंगाधर तिलक को जेल की सजा दिए जाने पर कहाँ के मजदूरों ने भारत की पहली राजनीतिक हड़ताल की?


Ans.1908 में वह एक बार फिर गिरफ़्तार किए गए. उन्हें छह साल की सश्रम कारावास की सजा सुना कर बर्मा की मांडले जेल भेज दिया गया. देश के कामगार वर्ग ने तिलक की सजा का जोरदार विरोध किया. इस सजा के ख़िलाफ़ कामगारों ने बॉम्बे (मुंबई) में अब तक की पहली राजनीतिक हड़ताल की. 


Q.क्या तिलक रूढ़िवादी थे?

Ans.राष्ट्रवादी क्रांतिकारी नेता होते हुए भी बाल गंगाधर तिलक के सामाजिक विचार रूढ़िवादी थे ।


Q.केसरी का अर्थ क्या है?

Ans.केसरी का मतलब क्या होता है? शेर; केसर । मूल। भारतीय ।


Q.देशद्रोह की सजा क्या है?

Ans.देशद्रोह मामले में दोषी पाए जाने वाले व्यक्ति को 3 साल की जेल से लेकर आजीवन कारावास की सजा हो सकती है। देशद्रोह गैर जमानती अपराध की कैटेगरी में आता है। देशद्रोह का दोषी पाया जाने वाला व्यक्ति सरकारी नौकरी के लिए अप्लाय नहीं कर सकता है। साथ ही उसका पासपोर्ट भी रद्द हो जाता है।


Q.1908 में तिलक की कैद के कारण क्या हुआ?

Ans.बालगंगाधर तिलक ने 1907 में निर्वासित पंजाबी क्रांतिकारियों के साथ सहानुभूति व्यक्त की और उनके बारे में अपनी केसरी में लिखा । इसके कारण 1908 में उन्हें कारावास हुआ जिसके परिणामस्वरूप देशव्यापी आंदोलन हुआ।

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