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महाशिवरात्रि पर 10 लाइन निबंध ।।10 lines on Mahashivratri

महाशिवरात्रि पर 10 लाइन निबंध ।।10 lines on Mahashivratri

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नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका हमारी वेब साइट subhansh classes.com पर यदि आप गूगल पर महाशिवरात्रि पर निबंध सर्च कर रहे हैं तो आप बिलकुल सही जगह पर आ गए हैं हम आपको महाशिवरात्रि के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है इसलिए आप पोस्ट को पूरा जरूर पढ़ें यदि आपको पोस्ट पसन्द आए तो अपने दोस्तो को भी शेयर करें यदि आप कुछ पूछना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल Subhansh classes पर कॉमेंट करके ज़रूर बताइएगा।

हिंदू धर्म शास्त्र के अनुसार सभी देवी देवताओं में भगवान शिव को सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। ब्रह्मांड के सभी देश एवं मानव जाति भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए अलग-अलग तरीके से पूजा अर्चना करते हैं। तथा व्रत एवं उपवास रखते हैं। परंतु इन सभी दिनों में सबसे श्रेष्ठ महाशिवरात्रि को माना जाता है। क्योंकि इस दिन भगवान शिव अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए सबसे विशालकाय रूप धारण करते हैं।


महाशिवरात्रि पर 10 वाक्य


1.महाशिवरात्रि हिंदू धर्म के लोगों का सबसे पवित्र व्रत एवं त्योहार माना जाता है।


2.महाशिवरात्रि प्रत्येक वर्ष फाल्गुन माह के चतुर्दशी को मनाया जाता है।


3.ऐसा माना जाता है कि इसी दिन से संपूर्ण सृष्टि का संचालन आरंभ हुआ था।


4.इसी दिन भगवान शिव तथा माता पार्वती का विवाह कार्य संपन्न हुआ था।


5.महाशिवरात्रि का पर्व भारत के साथ-साथ कई अन्य देशों में भी बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।


6.इसी दिन समुद्र मंथन से प्राप्त विष को भगवान भोले नाथ ने अपने गले में धारण कर लिया था और सृष्टि का विनाश होने से बचा लिया था।


7.इस दिन भगवान शिव के प्रत्येक मंदिर को भव्य रूप से सजाया जाता है तथा दूध या जल से उनका अभिषेक कर पूजा पाठ की जाती है।


8.इस दिन भारत की कुंवारी कन्या अपनी इच्छा योग पर प्राप्ति हेतु निर्जला उपवास रखती हैं तथा शिव की पूजा करती है।


9. ऐसी मान्यता है कि भगवान शिव बेलपत्र, धतूरा,बेर, फल तथा दुग्ध अभिषेक से अति प्रसन्न होते हैं।


10.शिव महापुराण के अनुसार इसी रात्रि को भगवान भोलेनाथ एक बड़े ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे तथा ब्रह्मा और विष्णु ने उनकी सर्वप्रथम पूजा की थी।


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1.वर्ष की बारह शिवरात्रि में से महाशिवरात्रि सबसे अधिक अंधकारमय और ऊर्जा का प्रभाव करने वाली रात्रि है।


2. शिवरात्रि के तीसरे काल में भगवान से पहली बार एक-एक आदि अंतिम ज्योति स्तंभ के रूप में प्रकट हुए थे।


3. ब्रह्मा, हंस बनकर उस स्तंभ का अंत और विष्णु जी वराह बनकर धरती के नीचे उसका आदि ढूंढने लगे, परंतु वह असफल रहे।


4. भगवान शिव पावन निराकार स्वरूप अग्नि ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रकट हुए थे।


5. ऐसा कहा जाता है कि इसी दिन शिव के 64 ज्योतिर्लिंग प्रकट हुए थे जिनमें से केवल 12 ही दृश्यमान हैं।


6. भगवान शिव को कई नामों से पुकारा जाता हैं, जैसे- भोले,शंकर, महादेव, महाकाल, नटराज, नीलकंठ, शशिधर, गंगाधर, महारुद्र इत्यादि।


7. इस दिन पूरा दिन निराहार व्रत रहकर भोले बाबा की पूजा की जाती है। तथा रात्रि जागरण करके शिव को प्रसन्न करने की चेष्टा की जाती है।


8. भगवान शिव के साधु जैसा रूप और सांप, बिच्छू से प्यार मनुष्यों को त्याग और जीव मात्र से प्रेम की शिक्षा देता है।


9. नीलकंठ का रूप जैसा निराला है वैसे ही उनकी पूजा भी निराली है। वह भांग, धतूरा, जंगली फलों और बेल के पत्ते से ही खुश हो जाते हैं।


10. महादेव को प्रसन्न करने के लिए किसी अनुष्ठान एवं पूजा की आवश्यकता नहीं होती है। वह थोड़े प्रसाद में ही प्रसन्न हो जाते हैं तभी तो भोले बाबा कहे जाते हैं।


उपसंहार


उपर्युक्त निबंध से महाशिवरात्रि त्योहार के महत्व एवं भगवान शिव की महिमा तथा स्वरूप का ज्ञान प्राप्त होता है इसलिए हम कह सकते हैं कि हिंदू धर्म शास्त्र में शिव के श्रेष्ठ होने का प्रमाण प्राप्त होता है।

Q.महाशिवरात्रि में ऐसा क्या खास है?

Ans.महाशिवरात्रि का त्यौहार इसलिए भी खास है क्योंकि इस दिन भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती का विवाह हुआ था. इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विधि- विधान के साथ पूजा अर्चना की जाती है.


Q.2023 में महाशिवरात्रि व्रत कब है?

Q.महाशिवरात्रि 2023 तिथि और शुभ मुहूर्त

Ans.इस बार महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी 2023 को है. पंचांग गणना के अनुसार फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी को रात 08 बजकर 2 मिनट से शुरू होकर 19 फरवरी की शाम 04 बजकर 18 मिनट तक रहेगी


Q.महाशिवरात्रि के दिन क्या खाना चाहिए?

Q.व्रत के दौरान क्या खाएं?

Ans.फल महाशिवरात्रि (Mahashivratri) के व्रत के दौरान सबसे ज्यादा सलाह फल खाने को लेकर दी जाती है, इसमें नारंगी, अनार, सेब और मौसम्बी जैसे फल खाएं क्योंकि इससे आपकी बॉडी हाइड्रेट रहेगी और पेट भी खाली नहीं रहेगा.


हेल्दी ड्रिंक 


कुट्टू का आटा 


सब्जियां 


ड्राईफ्रूट्स


Q.शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना

चाहिए?

Ans. भगवान शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दूध, फूल औल फल चढ़ाना चाहिए। शिवरात्रि पर शिव आराधना से समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं। इस दिन व्रत का महत्व बताया गया है। शिव पूजा में आंकड़े के फूल व बिल्व पत्र का विशेष महत्व है।


Q.शिवरात्रि के व्रत में रात को क्या खाएं?

Ans.महाशिवरात्रि के व्रत में मखाना खा सकते हैं। इसका इस्तेमाल कई तरह से कर सकते हैं। कई लोग दूध के साथ खीर बनाकर खा सकते हैं। कुछ लोग घी के साथ फ्राई करके सूखा खाते हैं।


Q.महाशिवरात्रि में क्या नहीं करना चाहिए?

Ans.शिवरात्रि के दिन भूलकर भी गुरु, माता-पिता, पत्नी या पूर्वजों का अपमान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गुरु की पत्नी के साथ संबंध बनाना, शराब पीना और दान की हुई चीजें या धन वापस लेना भी महापाप माना गया है। इसलिए ऐसा करने से बचें। अन्यथा शिवजी कभी भी माफ नहीं करते।


Q.महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए?

Ans.सद्गुरु के अनुसार महाशिवरात्रि पर क्यों नहीं सोना चाहिए:

महाशिवरात्रि की रात मानव प्रणाली के भीतर ऊर्जा का एक प्राकृतिक उछाल होता है। इस अपव्यय ऊर्जा का उपयोग केवल वे ही कर सकते हैं जिनके पास सीधी खड़ी रीढ़ की हड्डी या रीढ़ है ।


Q.क्या हम महाशिवरात्रि पर दूध पी सकते हैं?

Ans.व्रत के दौरान दूध का भी व्यापक रूप से सेवन किया जाता है । दूध और दूध से बने पेय दोनों ही व्रत के दौरान लोकप्रिय होते हैं। आप उपवास के दौरान ठंडाई, बादाम दूध (बादाम का दूध) मखाने की खीर, साबूदाने की खीर ले सकते हैं।


Q.महाशिवरात्रि कितनी बार ?

Ans.शिवरात्रि साल में दो बार आती है. पहली शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है तो दूसरी शिवरात्रि श्रावण मास में मनाई जाती है. जो शिवरात्रि फाल्गुन के महीने में आती है उसे महाशिवरात्रि कहा जाता है.


Q.शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

Ans.शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र


तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥ श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः स्नानीयं जलं समर्पयामि।


Q.महिलाओं को शिवलिंग को छूने की अनुमति क्यों नहीं है?

Ans.इसका कारण यह है कि भगवान शिव को सबसे अच्छा पति माना जाता है और लड़कियां उनसे अपने लिए उनके जैसा पति मांगती हैं। लिंग पुराणम के अनुसार, सभी पुरुष भगवान शिव के अंश हैं और सभी लड़कियां पार्वती के अंश हैं। इसलिए भले ही लड़कियों को शिवलिंग को छूने की मनाही है, लेकिन इसमें जल चढ़ाने की कोई मनाही नहीं है।


Q.शिव को सबसे ज्यादा क्या पसंद है?

Ans.शिव का पसंदीदा पौधा बेल है, और उन्हें भांग, धतूरा, दूध, चंदन और भस्म भी पसंद है । 


Q.व्रत के नियम क्या है?

Ans.व्रत रखने के नियम

• व्रत रखने जा रहे हैं, तो सबसे पहले इस बात का ध्यान रखें कि व्रत का संकल्प जरूर करें। 

आपने जितने समय का संकल्प लिया हो उसे पूर्ण करने के बाद पारण जरूर करना चाहिए। 

• पारण करने के बाद आप चाहे, तो दोबारा व्रत आरंभ कर सकते हैं।

• व्रत करते समय मन में संयम रखना बेहद जरूरी है। 

• व्रत के समय सुपाच्य भोजन लेना चाहिए।


Q.भगवान शिव को जल क्यों चढ़ाते हैं?

Ans.समुद्रमथने के बाद जो विष निकला उसे भगवान शंकर ने कंठ में समाहित कर सृष्टि की रक्षा की लेकिन विषपान से महादेव का कंठ नीलवर्ण हो गया। इसी से उनका नाम नीलकंठ महादेव पड़ा। विष के प्रभाव को कम करने के लिए सभी देवी- देवताओं ने उन्हें जल अर्पित किया इसलिए शिवलिंग पर जल चढ़ाने का खास महत्व है।


Q.शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से क्या लाभ होता है?

Ans.शिवलिंग पर रोजाना चावल के 5 दाने चढ़ाने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं एवं अपने भक्तों को धन धान्य से परिपूर्ण कर देते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो व्यक्ति शिवलिंग पर नियम से अक्षत (भगवान पर अक्षत चढ़ाने का मंत्र) चढ़ाता है उसे धन लाभ होता है।


Q.शिवलिंग पर दूध क्यों डाला जाता है?

Ans.सभी देवताओं ने भगवान शिव का जलाभिषेक करने के साथ ही उन्हें दूध ग्रहण करने का आग्रह किया ताकि विष का प्रभाव कम हो सके। सभी के कहने से भगवान शिव ने दूध ग्रहण किया और उनका दूध से अभिषेक भी किया गया। तभी से ही शिवलिंग पर दूध चढ़ाने की परंपरा चली आ रही है।


Q.शिवरात्रि की कथा क्या है?

Ans.इसे भगवान शिव और देवी पार्वती की जयंती के रूप में मनाया जाता है। यह उस दिन के रूप में भी मनाया जाता है जब शिव ने दुनिया को विष के घड़े से बचाया था। और साथ ही, इस दिन को चिह्नित करता है जब ब्रह्मा और विष्णु अपने वर्चस्व के बारे में बहस में शामिल हो गए थे।


Q.शिव जी का प्रिय मंत्र क्या है?


Ans.भगवान शिव के प्रभावशाली मंत्र


ओम अघोराय नमः ।। ओम तत्पुरूषाय नमः ।। ओम ईशानाय नमः । ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय ।।


Q.शिव जी का प्रिय मंत्र कौन सा है?

Ans.ॐ ह्रीं ह्रौं नमः शिवाय।। ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥


Q.क्या हम बिना नहाए सूरज को पानी दे सकते हैं?

Ans.नहीं,सूर्य अर्घ्य का यह अनुष्ठान सुबह जल्दी सूर्योदय के समय किया जाना है। आपको नहाना चाहिए और पहले से कुछ भी नहीं खाना चाहिए प्रसाद के लिए 250 मिली या उससे अधिक पानी वाला पीतल या तांबे का पात्र लें।


Q.शिव जी को कौन सा रंग पसंद है?

Ans.धर्म शास्त्रों के मुताबिक हरा रंग भोलेनाथ का प्रिय रंग होता है। ऐसे में सिर्फ सावन सोमवार में ही नहीं बल्कि भक्त शिवरात्रि के दौरान भी हरे रंग के वस्त्र धारण करते हैं। इसके अलावा शिव जी के दौरान आप हरे रंग के अलावा संतरी, पीले, सफेद और लाल रंग के कपड़े भी धारण कर सकते हैं।


Q.शिव जी की मृत्यु कैसे हुई?

Ans.शिव पुराण के मुताबिक भगवान शिव को स्वयंभू माना गया है यानि इनकी उत्पत्ति स्वय हुई हैं. शिव जन्म और मृत्यु से परे हैं.


Q.घर के मंदिर में माचिस क्यों नहीं रखनी चाहिए?


Ans.माचिस रखने से नहीं मिलता है पूजा का फल

ऐसा माना जाता है कि घर के मंदिर में कोई भी ज्वलनशील सामग्री जैसे माचिस या लाइटर नहीं रखना चाहिए। ये अपनी और नेगेटिव ऊर्जा को आकर्षित करती हैं। माचिस को आप घर में किचन या किसी अन्य स्थान पर रख सकते हैं, लेकिन माचिस कभी भी बेडरूम में भी नहीं रखनी चाहिए।


Q.शिव जी के पिता का नाम क्या था?

Ans.प्रकृति रुपी आदिशक्ति दुर्गा ही माता हैं और परम ब्रह्म सदाशिव पिता हैं।


Q.भोलेनाथ की कितनी लड़कियां थी?

Ans.भगवान शिव की इन नाग कन्याओं का नाम जया, विषहर, शामिलबारी, देव और दोतलि है। भगवान शिव ने अपनी पुत्रियों के बारे में बताते हुए कहा कि जो भी सावन मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन इन नाग कन्याओं की पूजा करेगा, उनके परिवार को सर्पदंश का भय नहीं रहेगा।


Q.भोलेनाथ की कितनी लड़कियां हैं?

Ans.भगवान शिव की 6 संतानें हैं। इनमें तीन पुत्र हैं और इन्हीं के साथ उनकी 3 पुत्रियां भी हैं। 


Q.उपवास का सही अर्थ क्या है?

Ans.कुछ या सभी भोजन, पेय या दोनो के लिये बिना कुछ अवधि तक रहना उपवास (Fasting) कहलाता है। उपवास पूर्ण या आंशिक हो सकता है। यह बहुत छोटी अवधि से लेकर महीनो तक का हो सकता है।


Q.हम कितने बजे व्रत तोड़ते हैं?

Ans.उपवास भोर से ठीक पहले शुरू होता है और सूर्यास्त के समय टूट जाता है।


Q.व्रत कितने घंटे का होता है?

Ans.एक उपवास की समय अवधि आमतौर पर 12 से 24 घंटे तक हो सकती है, लेकिन कि उपवास कुछ दिनों से लेकर हफ़्तों और महीने भर तक के लिए भी चल सकते है।


Q.महाशिवरात्रि का पर्व क्यों मनाया जाता है?


Ans.शिव और शक्ति का हुआ था 

महाशिवरात्रि को पूरी रात शिवभक्त अपने आराध्य जागरण करते हैं। शिवभक्त इस दिन शिवजी की शादी का उत्सव मनाते हैं। मान्यता है कि महाशिवरात्रि को शिवजी के साथ शक्ति की शादी हुई थी। इसी दिन शिवजी ने वैराग्य जीवन छोड़कर गृहस्थ जीवन में प्रवेश किया था।


Q.शिवलिंग का मतलब क्या होता है?

Ans.संस्कृत में, लिंगम का अर्थ एक "चिन्ह" या एक प्रतीक है, जो एक अनुमान की ओर इशारा करता है। इस प्रकार शिव लिंग भगवान शिव का प्रतीक है: एक निशान जो सर्वशक्तिमान भगवान की याद दिलाता है, जो निराकार है।


Q.शिवलिंग पर क्या लगाते हैं?

Ans.शिवलिंगम पर भांग के पत्ते या पेस्ट चढ़ाने से आपके जीवन से नकारात्मकता और बुरी उपस्थिति दूर हो जाती है।


Q.शिवलिंग का मुख कौन सा होता है?

Ans.ज्योतिर्लिंग का मुख हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में होना चाहिए क्योंकि कैलाश पर्वत उत्तर में स्थित है और पूर्व को शिव की दिशा माना जाता है। भारत में, सभी 11 ज्योतिर्लिंग अधिकतम सकारात्मक वाइब्स को आकर्षित करने के लिए उत्तर दिशा में स्थित हैं। आपको दिन के दोनों समय शिवलिंग की पूजा करनी होती है।


Q.शिव जी को भोग में क्या पसंद है?

Ans.भगवान शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद होता है। इसके अलावा उन्हें रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। सावन के महीने में भोले बाबा का व्रत रखकर उन्हें गुड़, चना और चिरौंजी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।


Q.शिवलिंग का पानी किधर गिरना चाहिए?

Ans.पूर्व दिशा को भगवान शिव का मुख्य प्रवेश द्वार होता है और इस दिशा की ओर मुंह करने से शिव के द्वार में अवरोध होता है और वो नाराज हो जाते हैं. ध्यान रहे कि जल देते समय आपका मुंह उत्तर दिशा की ओर हो क्योंकि उत्तर दिशा को शिव जी का बायां अंग माना जाता है जो मां पार्वती को समर्पित है.


Q.शिवलिंग पर गेहूं क्यों चढ़ाते हैं?

Ans.गेहूं- भगवान शिव पर गेंहू चढ़ाने से संतान का सुख प्राप्त होता है. माना जाता है कि इससे भगवान शिव की जल्दी कृपा होने से संतान सुख की प्राप्ति होती है.


Q.शिवलिंग पर जल कब चढ़ाना चाहिए?

Ans.शिव लिंग पर जल किसी भी समय चढा सकते हैं। विशेष रूप से प्रत्येक सोमवार को शिवलिंग पर जल चढाने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।


Q.शिवलिंग गोल क्यों होता है?

Ans.दरअसल, भगवान शिव का कोई स्वरूप नहीं है, उन्हें निराकार माना जाता है। शिवलिंग के रूप में उनके इसी निराकार रूप की आराधना की जाती है। 


Q.बच्चों के लिए महाशिवरात्रि क्या है?

Ans.महा शिवरात्रि, या बस शिवरात्रि, पूरे भारत में मनाया जाने वाला एक हिंदू त्योहार है । नाम का शाब्दिक अर्थ है 'शिव की महान रात' । शुभ मुहूर्त हिंदू कैलेंडर में माघ महीने के दौरान 13वीं रात को सूर्यास्त से शुरू होता है और अगले दिन सूर्यास्त पर समाप्त होता है।


Q.महाशिवरात्रि कैसे बनी?

Ans.माना जाता है कि सृष्टि के प्रारंभ में इसी दिन मध्य रात्रि भगवान शंकर का ब्रह्मा से रुद्र के रूप में अवतरण हुआ था । प्रलय की बेला में इसी दिन प्रदोष के समय भगवान शिव तांडव करते हुए ब्रह्माण्ड को तीसरे नेत्र की ज्वाला से समाप्त कर देते हैं, इसलिए इसे महाशिवरात्रि अथवा कालरात्रि कहा गया है।


Q.महाशिवरात्रि पर क्या क्या किया जाता है?

Ans.इस दिन शिवजी को भांग, धतूरा, गन्ना, बेर और चंदन अर्पित किया जाता है। वहीं माता पार्वती को सुहागिन महिलाएं सुहाग की प्रतीक चूड़ियां, बिंदी और सिंदूर अर्पित किया जाता है। यदि आप उपवास करते हैं तो पूरे दिन फलाहार ग्रहण करें और नमक का सेवन न करें। यदि किसी वजह से नमक का सेवन करते हैं तो सेंधा नमक का सेवन करें।


Q.11 रुद्र कौन कौन से हैं?

Ans.शिवपुराण के अनुसार ग्यारह रुद्र या एकादश रुद्र

कपाली,पिंगल,भीम,विरूपाक्ष,विलोहित, शास्ता,अजपाद,अहिर्बुध्न्य


Q.सुबह उठते ही कौन से भगवान का नाम लेना चाहिए?

Ans.करमूले तू ब्रह्मा, प्रभाते कर दर्शनम्।। " अर्थात् हथेलियों के अग्रभाग में मां लक्ष्मी, मध्य भाग में विद्यादात्री सरस्वती और मूल भाग में भगवान गोविन्द (ब्रह्मा) का निवास है प्रभात यानि (सुबह का समय) में मैं इनका दर्शन करता हूं।


Q.शंकर जी के गुरु कौन है?

Ans.उनके पिता आदि रुद्र भगवान महाकाल न केवल भगवान शिव अपितु अन्य सभी महारुद्रो के गुरु रहे थे आदि रुद्र भगवान महाकाल ही रुद्र व्यवस्था एवम गुरूमण्डल के प्रणेता रहे थे उन्ही की प्रेरणा से भगवान शिव ने गुरूमण्डल गुरुकुल की स्थापना की थी


Q.शिव जी कैसे बने थे?

Ans.हम सबके प्रिय भगवान शिव का जन्म नहीं हुआ है वे स्वयंभू हैं। लेकिन पुराणों में उनकी उत्पत्ति का विवरण मिलता है। विष्णु पुराण के अनुसार ब्रह्मा भगवान विष्णु की नाभि कमल से पैदा हुए जबकि शिव भगवान विष्णु के माथे के तेज से उत्पन्न हुए बताए गए हैं।


Q.सूरज क्यों जल रहा है?

Ans.सूर्य "जलता" नहीं है, जैसे हम आग या कागज के जलने में लकड़ी के बारे में सोचते हैं। सूर्य चमकता है क्योंकि यह गैस का एक बहुत बड़ा गोला है और इसके केंद्र में नाभिकीय संलयन नामक प्रक्रिया हो रही है।


Q.डूबते सूर्य को अर्घ्य क्यों देते हैं?

Ans.ज्योतिष में उगते और डूबते सूर्य का महत्व

माना जाता है कि भगवान सूर्य शाम के वक्त अपनी दूसरी पत्नी प्रत्युषा के साथ रहते हैं और प्रसन्न भाव में रहते हैं जिससे इस समय व्रत रखकर अर्घ्य देने से सुख-सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है।


Q.भोलेनाथ का प्रिय फूल कौन सा है?

Ans.कनेर का पुष्प भगवान शिव ही नहीं तमाम देवी-देवताओं को अत्यंत प्रिय है. दैविक दृष्टि से इस को भगवान शिव का सबसे प्रिय फूल बताया गया है. मान्यता है कि भगवान शिव की पूजा में इस फूल को चढ़ाने पर मनुष्य को मनचाहा धन लाभ प्राप्त होता है।


Q.शिव के 28 अवतार कौन कौन से हैं?

Ans.ग्यारह रुद्रावतार

इन अवतारों के अतिरिक्त शिव के दुर्वासा, हनुमान, महेश, वृषभ, पिप्पलाद, वैश्यानाथ, द्विजेश्वर, हंसरूप, अवधूतेश्वर, भिक्षुवर्य, सुरेश्वर, ब्रह्मचारी, सुनटनतर्क, द्विज, अश्वत्थामा, किरात और नतेश्वर आदि अवतारों का उल्लेख भी 'शिव पुराण' में हुआ है।


Q.भगवान शिव को सबसे प्रिय क्या है?

Ans.शिव को बिल्वपत्र, पुष्प, चन्दन का स्नान प्रिय हैं। इनकी पूजा के लिये दूध, दही, घी, गंगाजल, शहद इन पांच अमृत जिसे पञ्चामृत कहा जाता है, से की जाती है। शिव का त्रिशूल और डमरू की ध्वनि मंगल, गुरु से संबंधित हैं।


Q.शिव के 6 पुत्र कौन थे?

Ans.अब तक आपने भगवान शिव के सिर्फ दो पुत्रों के बारे में सुना और जाना होगा, कार्तिकेय और गणेश आपने इनका पुराणों में वर्णन भी सुना होगा लेकिन क्या आपको पाता है भगवान शिव के चार पुत्र और थे? आज हम आपको उनके बाकी पुत्रों के नाम बताने जा रहे हैं। आनंद, कर्दम, श्रीद और चिक्लीत ।


Q.भोलेनाथ की बेटी का नाम क्या है?

Ans.पद्म पुराण में भी शिव की पुत्री अशोक सुंदरी का जिक्र किया गया है. माना जाता है कि देवी पार्वती अपने अकेलेपन और उदासी से मुक्ति पाने के लिए कल्प वृक्ष से पुत्री की कामना की जिससे एक सुंदर सी पुत्री का जन्म हुआ. इसलिए उसका नाम अशोक सुंदरी रखा गया।


Q.12  बजे के बाद पूजा क्यों नहीं करनी चाहिए?

Ans.यदि हम ज्योतिष के नियमों की मानें तो दोपहर 12 से 3 बजे का समय देवताओं के आराम का समय माना जाता है और इस समय यदि पूजन किया जाता है तो पूजा का पूर्ण फल नहीं मिलता है। इसके साथ ही, इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और ये पितरों का समय माना जाता है। इस वजह से इस विशेष समय अवधि में देवताओं की पूजा का विधान नहीं है।



Q.मंदिर में झाड़ू लगाने से क्या फल मिलता है?

Ans.घर की गंदगी को साफ करने वाली झाड़ू का संबंध आपके सुख और सौभाग्य से भी है क्योंकि इसका सीधा संबंध महालक्ष्मी से मिलने वाली कृपा से बताया गया है. कहा भी गया है कि जिस घर में हमेशा साफ-सफाई रहती है, वहां हमेशा माता लक्ष्मी का वास होता है. कई बार लोग माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए किसी मंदिर में झाड़ू का दान भी करते हैं.


Q.शिव कितने वर्ष जीवित रहे?

Ans.श्री राम, कृष्ण आदि जैसे देवताओं के विपरीत, जो भगवान के अवतार या मानव रूप हैं, कुछ श्रेष्ठ देवता जैसे ब्रह्मदेव, विष्णु और शिव हमेशा के लिए जीवित रहते हैं जब तक कि जीवन का चक्र समाप्त नहीं हो जाता और उनका पुनर्जन्म नहीं हो जाता। 


Q.शिव जी के कितने बच्चे हैं?

Ans.Bhagwan Shiv ke 7 Putra: हम सभी में से ज़्यादातर लोगों को भगवान शिव (Lord Shiva) के दो पुत्रों गणेश जी (Lord Ganesh) और भगवान कार्तिकेय (Lord Kartikey) के बारे में पता है, लेकिन हिन्दू पुराणों में भगवान शिव के और 5 पुत्रों का उल्लेख मिलता है. भगवान गणेश को किसी भी शुभ कार्य के पहले पूजा की जाती है.


Q.शिव जी की बहन का क्या नाम था ?

Ans.इनका नाम असावरी देवी है.


Q.महादेव का माता पिता कौन है?

Ans.उपरोक्त शिव महापुराण के प्रकरण से सिद्ध हुआ कि श्री शकर जी की माता श्री दुर्गा देवी (अष्टंगी देवी) है तथा पिता सदाशिव अर्थात् "काल ब्रह्म" है।


Q.उपवास क्यों जरूरी है?

Ans.आंतरायिक उपवास ने रक्तचाप और आराम दिल की दर के साथ- साथ दिल से संबंधित अन्य मापों में सुधार किया । शारीरिक प्रदर्शन। 16 घंटे तक उपवास करने वाले युवा पुरुषों ने मांसपेशियों के द्रव्यमान को बनाए रखते हुए वसा हानि दिखाई। वैकल्पिक दिनों में खिलाए गए चूहों ने दौड़ने में बेहतर धीरज दिखाया।


Q.उपवास क्यों जरूरी है?

Ans.धर्म और मान्यता के अनुसार व्रत रखने से देवी-देवता प्रसन्न होते हैं तथा कष्टों और परेशानियों को दूर करके, मनोकामनाओं को पूर्ण करते हैं। इस व्रत या उपवास में व्यक्ति अपने आध्यात्मिक उद्येश्य की प्राप्ति हेतु काया का शुद्धिकरण करता रहता है। यह बहुत कठिन व्रत होते हैं।


Q.पीरियड के दौरान व्रत कैसे करें?

Ans.यदि करवा चौथ व्रत या पूजा-पाठ के दौरान पीरियड्स शुरू हो जाएं तो ऐसे में महिलाओं को अपना व्रत पूरा करना चाहिए। इस दौरान मानसिक रूप से करवा माता की आस्था करनी चाहिए। व्रती महिलाएं इस दिन पूजा-पाठ के दौरान दूर बैठकर किसी अन्य व्यक्ति से पूजा करवा सकती हैं। ध्यान रहे कि इस दौरान पूजा-पाठ के सामान को नहीं छूना चाहिए।


Q.व्रत में पीरियड आ जाए तो क्या करें?

Ans.

1. - अगर आपने कोई व्रत रखा है और आपको बीच में ही पीरियड्स आ जाएं तो भी आपको अपना व्रत पूरा करना चाहिए....


2. - व्रत के दौरान अगर आपने किसी विशेष पूजा का संकल्प लिया है और पीरियड्स आ गए हैं तो आप दूर बैठकर उस धार्मिक काम को किसी अन्य व्यक्ति के जरिए करवा सकती हैं.


3. - पीरियड्स के दौरान भी व्रत के सभी नियमों का पालन करें.


Q.व्रत में क्यों नहीं सोते?

Ans.व्रत करने वाले व्यक्ति को ध्यान रखना चाहिए कि दिन में नहीं सोना चाहिए और उसके अंदर क्षमा की भावना हो । दिन में सोने से व्रत का उद्देश्य पूर्ण नहीं होता और क्षमा की भावना होने से आप ईश्वर के करीब आ पाते हैं।


Q.महाशिवरात्रि का क्या अर्थ है?

Ans.महा-शिवरात्रि, (संस्कृत: " शिव की महान रात ") हिंदू भगवान शिव के भक्तों के लिए वर्ष का सबसे महत्वपूर्ण सांप्रदायिक त्योहार है।


Q.महाशिवरात्रि के पीछे क्या कहानी है?

Ans.कहानी हमें बताती है कि कैसे भगवान शिव ने अपनी दिव्य पत्नी शक्ति से दूसरी बार विवाह किया। शिव और शक्ति की कथा के अनुसार, जिस दिन भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया था, उसे शिवरात्रि - भगवान शिव की रात के रूप में मनाया जाता है।


Q.शिवरात्रि और महाशिवरात्रि में क्या अंतर है?

Ans.शिवरात्रि हर मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है लेकिन महाशिवरात्रि फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आती है, जिसे भोले के भक्त बहुत ही हर्षोल्र्लास और भक्ति के साथ मनाते हैं। इस बार देशभर में महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च यानी आज मनाया जा रहा है।


Q.शिवलिंग पर जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?


Ans.शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र


तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥ श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः स्नानीयं जलं समर्पयामि।


Q.शिवलिंग काला क्यों होता है?

Ans.शिवलिंग पर दूध डालना सर्वशक्तिमान भगवान से प्रार्थना करना यानी भौंहों के मध्य में मेरे अंधकार को दूधिया प्रकाश में बदलना शिवलिंग आमतौर पर काला इसलिए होता हैं क्योंकि साधारण मनुष्य के भ्रूमध्य में अन्धकार होता है जिसको दूधिया प्रकाश में बदलना ही मानव का वेदानुमत सर्वोत्तम कर्म है। इसका गीता में भी उल्लेख है। 


Q.शिव जी को कौन सा रंग पसंद नहीं है?

Ans.महाशिवरात्रि पर काले रंग के कपड़ों को पहनना पूरी तरह वर्जित किया गया है. कहा जाता है कि काले रंग के कपड़े शिव जी (Shiv Ji) को बिल्कुल पसंद नहीं हैं.


Q.शिव का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?

Ans.ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि

यह शिव गायत्री मंत्र (Shiv Gayatri Mantra) है जिसे सर्वशक्तिशाली माना जाता है.


Q.क्या घर में शिव लिंग हो सकता है?

Ans.कुछ लोगों का मानना है कि घर में शिवलिंग रखना अशुभ होता है । दूसरों का मानना है कि अगर घर में शिवलिंग की दिशा वास्तु शास्त्र के अनुसार हो तो इसे घर में रखा जा सकता है। शिवलिंग रखने की दिशा : शिवलिंग स्थापित करने की दिशा उत्तर दिशा है।


Q.शिव जी को भोग में क्या पसंद है?

Ans.भगवान शिव को भांग और पंचामृत का नैवेद्य पसंद होता है। इसके अलावा उन्हें रेवड़ी, चिरौंजी और मिश्री भी चढ़ाई जाती है। सावन के महीने में भोले बाबा का व्रत रखकर उन्हें गुड़, चना और चिरौंजी का भोग लगाने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। 


Q.शिव जी पर कितने बेलपत्र अर्पित करने चाहिए?

Q.शिवलिंग पर कितने बेलपत्र चढ़ाना है शुभ


Ans.शिव पुराण के अनुसार, आपके पास जितने बेलपत्र हो उतने ही चढ़ा सकते हैं। वैसे तो शिवजी को 3 से लेकर 11 बेलपत्र चढ़ाना शुभ माना जाता है।


Q.शिव जी को कौन से लोटे से जल चढ़ाना चाहिए?

Ans.शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाना चाहिए। स्टील या लोहे के लोटे से जल न चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिवजी के मंत्रों का जाप करना चाहिए।


Q.शिवलिंग पर काले तिल चढ़ाने से क्या होता है?

Ans.वहीं काले तिल यदि दूध में मिलाकर भगवान शिव को अर्पित किए जाते हैं तो ये आपके जीवन में सुख समृद्धि लाता है। खासतौर से सावन के महीने में दूध में काले तिल मिलाकर शिवलिंग पर चढ़ाने से आपकी सभी परेशानियां दूर होंगी तथा आपका परिवार और आपका जीवन सुख, शांति और समृद्धि से भर जाएगा।


Q.शिवलिंग पर मूंग चढ़ाने से क्या होता है?

Ans.मूंग : भगवान शिव को मूंग चढ़ाने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। - मान्यताओं के अनुसार माता सती ने अपने जीवन को त्याग कर कई वर्षों तक श्रापित जीवन जीया ।


Q.शिवलिंग कहाँ से आया?

Ans.भगवान ब्रह्मा और भगवान विष्णु की आराधना से प्रसन्न होकर उस लिंग से भगवान शिव प्रकट हुए और सदबुद्धि का वरदान दिया। देवों को वरदान देकर भगवान शिव चले गए हो गए और एक शिवलिंग के रूप में स्थापित हो गए। यही भगवान शिव का पहला शिवलिंग माना गया। सबसे पहले भगवान ब्रह्मा और विष्णु ने शिव के उस लिंग की पूजा-अर्चना की थी।


Q.महाशिवरात्रि का इतिहास क्या है?

Ans.भगवान शिव सती को बचाने के लिए यज्ञस्थल पर गए, लेकिन तब तक सब खत्म हो चुका था। कैलाशपति ने क्रोधित होकर सती का शरीर उठा लिया और तांडव करने लगे। जिस दिन शिव ने तांडव किया था, वह फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी (चौदहवीं) तिथि थी। महापुराण के अनुसार वही खास तिथि महाशिवरात्रि हुई ।


Q.महाशिवरात्रि पर कौन सा रंग पहनना है?

Ans.इस दिन, भक्त जल्दी स्नान करते हैं, शुभ हरे रंग के कपड़े पहनते हैं और शिवलिंग की पूजा करने के लिए निकटतम शिव मंदिर जाते हैं। अगर आप हरा रंग नहीं पहन सकते तो आपके पास इस दिन लाल, सफेद, पीला, नारंगी रंग के कपड़े पहनने का भी विकल्प है।


Q.महाशिवरात्रि का वैज्ञानिक महत्व क्या है?

Ans.भगवान शिव अपने प्रति ऐसे त्योहार को देखकर अत्यधिक प्रसन्न होते हैं। जिससे व्यक्ति को आध्यात्मिक वैज्ञानिक लाभ प्राप्त होता है। यदि हम वैज्ञानिक महत्व की बात करें तो शिवरात्रि के दिन जो व्यक्ति पूरी रात भगवान शिव की आराधना में सीधी कमर से बैठते हैं। तो पीठ की हड्डी मजबूत होती है तथा एक सकारात्मक शक्ति का संचरण होता है।


Q.रात को सोते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?

Ans. ॐ भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्। - राम शिव हरे राम शिव राम राम शिव हरे. रात को सोने से पहले इन सबी मंत्रों का जाप आपके लिए लाभदायक हैं. अगर किसी को रात में नींद न आने की परेशानी है तो वे तो इन मंत्रों का जाप अवश्य करें.


Q.महादेव का असली नाम क्या है?

Ans.महादेव का असली नाम क्या है? शंकर या महादेव आरण्य संस्कृति (जो आगे चल कर सनातन धर्म के नाम से जानी जाती है) के त्रिदेव (ब्रह्मा विष्णु महेश) में से एक है। वह त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव महादेव भी कहते हैं।


Q.शिव किसका प्रतीक है?

Ans.शिव एक हिंदू देवता के रूप में कई भूमिकाएँ निभाते हैं। वह महान तपस्वी, उर्वरता के स्वामी, विष और औषधि के स्वामी और मवेशियों के स्वामी हैं। उनकी संयुक्त भूमिकाएं हिंदू धर्म में एक अस्पष्ट आकृति में पूरक गुणों को देखने की प्रवृत्ति का अनुकरणीय हैं।


Q.शिव के कितने सिर होते हैं?

Ans.कैलाशपति के मन में इस इच्छा के उत्पन्न होते ही वे पंचमुख हो गए। 5. भगवान शिव के पांच मुख- सद्योजात, वामदेव, तत्पुरुष, अघोर और ईशान हुए और प्रत्येक मुख में तीन-तीन नेत्र बन गए।


Q.पृथ्वी कितनी तेजी से घूमती है?

Ans.पृथ्वी हर 23 घंटे, 56 मिनट और 4.09053 सेकंड में एक बार घूमती है, जिसे नाक्षत्र काल कहा जाता है, और इसकी परिधि लगभग 40,075 किलोमीटर है। इस प्रकार, भूमध्य रेखा पर पृथ्वी की सतह 460 मीटर प्रति सेकंड - या लगभग 1,000 मील प्रति घंटे की गति से चलती है।


Q.महाकाल की पत्नी कौन है?

महाकाल की पत्नी कौन है? 

Ans. महाकाल (शिव) की पत्नी महाकाली (शक्ति/पार्वती) हैं।


Q.भोलेनाथ की पहली पत्नी का नाम क्या था?

Ans.गणेश : भगवान शिव की पहली पत्नी सती थीं, जो आग में जलकर भस्म हो गई थीं। उन्हीं सती ने जब दूसरा जन्म पार्वती के रूप में लिया तब उन्होंने भगवान शिव को प्राप्त करने के लिए तपस्या की । शिवजी ने प्रसन्न होकर उनकी मनोकामना पूर्ण की और उनसे विवाह किया।


Q.भगवान शिव कहां रहते हैं?

Ans.शिव के कई पहलू हैं, उदार और साथ ही भयानक । परोपकारी पहलुओं में, उन्हें एक सर्वज्ञ योगी के रूप में दर्शाया गया है जो कैलाश पर्वत पर एक तपस्वी जीवन व्यतीत करते हैं और साथ ही अपनी पत्नी पार्वती और अपने तीन बच्चों, गणेश, कार्तिकेय और अशोकसुंदरी के साथ एक गृहस्थ हैं।


Q.शंकर जी के कितने विवाह हुए थे?

Ans.भगवान शिव की पहली पत्नी राजा दक्ष की पुत्री सती थीं। इसी सती ने जब यज्ञ की अग्नि में कूदकर अपनी जान दे दी थी तो बाद में उन्होंने ही हिमवान और हेमावती के यहां पार्वती के रूप में जन्म लिया और फिर शिवजी से विवाह किया। उनकी तीसरी पत्नी काली, चौथी उमा और पांचवीं गंगा माता का नाम लिया जाता है।


Q.भगवान शिव का पहला पुत्र कौन है?

Ans.गणेश 


Q.शिवरात्रि कब है 2023 ?

Ans.साल 2023 में महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी, शनिवार को मनाया जाएगा. फाल्गुन मास की चतुर्दशी तिथि 17 फरवरी की रात 8:02 बजे से शुरू होगी और 18 फरवरी की शाम 4:18 बजे समाप्त होगी. महाशिवरात्रि व्रत रखने वाले व्रतियों के लिए पारण का शुभ समय 19 फरवरी की सुबह 06:57 बजे से दोपहर 3:33 बजे तक रहेगा


Q.महाशिवरात्रि फरवरी में कब है ?

Ans.इस बार फाल्गुन मासिक शिवरात्रि का पर्व 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार को है. चतुर्दशी तिथि 18 फरवरी 2023 दिन शनिवार रात 08 बजकर 02 मिनट से शुरू होकर फरवरी 19 फरवरी 2023 को 04:18 PM बजे तक है.

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