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Class 10 english prose chapter 2 pdf solutions । कक्षा 10वी अंग्रेजी अध्याय 2 का सम्पूर्ण हल

 Class 10 english prose chapter 2 notes in hindi 

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    [English prose Chapter 2]

{ Nelson Mandela: Long Walk to Freedom }


 Autobiography of Nelson Rolihlahla Mandela


[ Summary of the Lesson (पाठ का सारांश) ]


 Installation of the First Democratic Government of South Africa


On 10th May, 1994, the first democratic, non-racial government of South Africa was installed. The installation ceremony took place in a lovely sandstone ampitheatre formed by the Union building in Pertoria, where many leaders of the world had gathered.


Nelson Mandela had come to the ceremony with his daughter Zenani. First, Mr De Klerk was sworn in as the second Deputy President and Thabo Mbeki as the first Deputy President. After them, Mandela took his oath as the President of a free South Africa. He pledged to obey and uphold the constitution and to devote himself to the well-being of the people.


Mandela Addresses the Guests


After taking oath, Mandela addressed the guests. He promised to create a society of which all humanity would be proud. He thanked the international leaders for joining the ceremony that represented a common victory of justice, peace and human dignity.


He promised that he would work to remove all kinds of poverty, sufferings oppression and discrimination from the society. He also promised that the new society would bring hope, equality and freedom for all.


Display of the Military Power by South African Jets


When Mandela had taken oath, South African jets displayed the military power. It also showed the loyalty of military to democracy. The highest military generals saluted him. He recounted that many years before they would not saluted but arrested me. It was followed by the playing of two national anthems. The whites sang 'Nkosi Sikelel' the old song and the blacks sang 'Die Stem' the new song which marked the end of the ceremony.


Apartheid and South Africa


Nelson Mandela reminiscences (remembers) about days gone by which will soon be the part of history where the whites had formed a system of racial dominance against the blacks. It was the basis of the harsh societies which is now overturned.


He says that the policy of apartheid (policy of racial segregation) created a deep and lasting wound on his country and its people.


Now, it is the system that recognised the rights and freedom of all people. 



Mandela Recalls the Sacrifices of

Freedom Fighters


On the auspicious day, Mandela regretted the loss of thousands of people and remembered their sacrifices for the freedom from discrimination. He thought of himself as the sum of all those African patriots who sacrificed their lives before him. He was pained that he couldn't thank them.


He recalled great freedom fighters like Oliver Tambos, Walter Sisulus, Chief Luthulis, Yusuf Dadoos etc. who were the men of uncommon courage, wisdom and generosity. From these freedom fighters, Mandela learnt that courage is not lack of fear but victory over that fear. Mandela believed that the freedom fighters are the real wealth of the country.


Man's Natural Goodness


Mandela believed that being white or black is not the token of one's goodness or superiority. No one is born hating other people due to colour or religion. People should love each other as love comes naturally not by force. 


Twin Obligations of Man


Mandela believed that every man has two obligations-one to his family and the other to his nation. He believed that in a civil and human society every man is able to fulfill both of them. But a black man born in South Africa, just like him, cannot fulfill both. In order to do something for his nation, Mandela was taken away from his family. Thus, he could never fulfill his obligations towards his family


Mandela's Concept of Freedom 


Mandela remembered that as a child, freedom for him meant being able to do what he wanted. As long as he obeyed his father and the rules of his tribe, he was free in every possible way. As a student, he wanted freedom just for himself. Then as a young man in Johannesburg, he wanted freedom to achieve his dreams, start a family, earn for himself etc.


As he grew up, he started realising that the freedom that he enjoyed as a child was just an illusion.


Mandela Joins African National Congress


Mandela realised that his complete community including him lacked freedom. Then, he joined the African National Congress with a desire to gain freedom, respect and dignity for his community.


The desire for freedom for people as a whole changed his whole life. He transformed from a frightened young man to a bold person which turned him from a law abiding person to become a criminal. He realised that freedom is indivisible.


Mandela's Realisation


Mandela realised that he could not enjoy his freedom when his community was not free. He also realised that just like oppressed (torturer), the oppressor (tortured) is also not free. The oppressed is a prisoner of hatred, prejudice and


narrow-mindedness. Thus, both the oppressor and the oppressed alike are robbed of their humanity. Both of them must be liberated.



           { पाठ का सारांश हिन्दी में }



दक्षिण अफ्रीका में पहली लोकतान्त्रिक सरकार की स्थापना


10 मई, 1994 को दक्षिण अफ्रीका की पहली लोकतान्त्रिक, गैर-जातिवादी सरकार की स्थापना हुई। स्थापना समारोह प्रोटोरिया की यूनियन बिल्डिंग द्वारा निर्मित बलुआ पत्थर की सुन्दर रंगशाला में आयोजित हुआ जहाँ विश्व के अनेक नेता एकत्रित हुए थे।


नेल्सन मण्डेला समारोह में अपनी पुत्री जेनानी के साथ आए थे। सबसे पहले श्रीमान डी क्लेर्क को दूसरे उप-राष्ट्रपति रूप में शपथ दिलाई गई तथा थाबो मबेकी को पहले उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ दिलाई गई। उनके पश्चात् मण्डेला ने स्वतन्त्र दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति के रूप में अपनी शपथ ग्रहण की। उन्होंने संविधान का पालन करने एवं उसकी मर्यादा बनाए रखने तथा लोगों की भलाई के प्रति स्वयं को समर्पित करने की प्रतिज्ञा ली।


अतिथियों के प्रति मण्डेला का सम्बोधन


शपथ ग्रहण करने के पश्चात्, मण्डेला ने अतिथियों को सम्बोधित किया। उन्होंने एक ऐसे समाज का सृजन करने का वचन दिया जिस पर सम्पूर्ण मानवता गर्व महसूस करे। उन्होंने न्याय, शान्ति एवं मानवीय सम्मान की सामान्य विजय का प्रतिनिधित्व करने वाले समारोह में सम्मिलित होने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय नेताओं/शासकों को धन्यवाद दिया।


उन्होंने वचन दिया कि वे समाज से सभी प्रकार की निर्धनता, कष्ट, उत्पीड़न एवं भेदभाव को दूर करने की दिशा में कार्य करेंगे। उन्होंने यह वादा भी किया कि नया समाज सभी के लिए आशा, समानता एवं स्वतन्त्रता लाएगा।


 दक्षिण अफ्रीकी जेट विमानों द्वारा सैन्य शक्ति का प्रदर्शन


मण्डेला के शपथ ग्रहण करने के पश्चात्, दक्षिण अफ्रीकी जेट विमानों ने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया। इससे लोकतन्त्र के प्रति सेना की वफादारी भी प्रदर्शित हुई। उच्च पदों पर स्थित सैन्य प्रमुखों ने उन्हें (मण्डेला को) सलाम किया। मण्डेला ने यह याद करते हैं वर्षों पूर्व वे मुझे सलाम नहीं करते ब्लकि गिरफ्तार करते। इसके पश्चात्, दो राष्ट्रीय गानों का वादन हुआ। गोरे लोगों ने 'नकोसी सिकेलेल-आई- आफ्रिका' गाया जोकि पुराना गीत था एवं काले लोगों ने नया गीत 'डाई स्टेम' गाया, जिसके साथ ही समारोह का समापन हुआ।



रंगभेद एवं दक्षिण अफ्रीका


नेल्सन मण्डेला शीघ्र ही इतिहास का हिस्सा बनने वाले उन पुराने दिनों को याद nar करते हैं जहाँ गोरे लोगों ने काले लोगों के विरुद्ध रंगभेद के प्रभुत्व की व्यवस्था स्थापित OPE कर रखी थी। वह एक कठोर समाज की बुनियाद थी जिसे अब नष्ट कर दिया गया है।


वे कहते हैं कि रंगभेद की इस नीति ने उनके देश एवं उसके लोगों को एक गहरी एवं स्थायी क्षति पहुँचाई है। अब, वह व्यवस्था बनी है जो सभी लोगों के अधिकारों एवं स्वतन्त्रता को मान्यता

प्रदान करेगी।


मण्डेला ने स्वतन्त्रता सेनानियों के बलिदानों को याद किया


इस शुभ दिन पर मण्डेला ने हजारो लोगों के जीवन की क्षति पर खेद व्यक्त किया एवं भेदभाव से स्वतन्त्रता प्राप्त करने के लिए उनके द्वारा किए गए बलिदानों को याद किया। वह स्वयं को उन सभी अफ्रीकी शहीदों का योग मानते थे जिन्होंने उनके समक्ष अपने जीवन का बलिदान दिया। उन्हें इस बात का कष्ट था कि वे उन्हें धन्यवाद नहीं दे पाए। उन्होंने ऑलिवर टाम्बॉस, वॉल्टर सिमुलुस, चीफ सुबुलिस, यूसुफ दादूस इत्यादि


जैसे महान् स्वतन्त्रता सेनानियों का स्मरण किया जो कि असामान्य साहस, बुद्धिमत्ता एवं उदारता के धनी पुरुष थे। इन स्वतन्त्रता सेनानियों से मण्डेला ने सीखा कि बहादुरी का अर्थ भय की अनुपस्थिति कभी नहीं है अपितु भय पर विजय प्राप्त करना है।

मण्डेला यह मानते थे कि स्वतन्त्रता सेनानी देश की वास्तविक सम्पदा है।


मनुष्य की स्वाभाविक दयालुता / अच्छाई


मण्डेला यह मानते थे कि गोरा अथवा काला होना किसी की अच्छाई अथवा श्रेष्ठता का प्रतीक नहीं है। कोई भी व्यक्ति जन्म से ही अन्य लोगों के रंग अथवा धर्म से घृणा नहीं करता है। लोगों को एक-दूसरे से प्रेम / स्नेह रखना चाहिए, क्योंकि प्रेम/स्नेह स्वाभाविक रूप से आता है न कि बल / ताकत से।


मनुष्य के दोहरे कर्त्तव्य


मण्डेला ऐसा मानते थे कि हर व्यक्ति के दो कर्तव्य होते है-एक उसके परिवार के प्रति एवं दूसरा उसके देश के प्रति उनका यह विश्वास था कि एक सभ्य एवं मानवीय समाज में प्रत्येक व्यक्ति इन दो कर्त्तव्यों को पूर्ण रूप से निभा सकता है, किन्तु उनके समान ही, दक्षिण अफ्रीका में जन्मा एक काला व्यक्ति, दोनों कर्त्तव्य पूर्ण नहीं कर सकता। अपने देश के लिए कुछ करने के लिए, मण्डेला को उनके परिवार से दूर कर दिया गया। इसलिए, वे अपने परिवार के प्रति अपने कर्त्तव्यों का पालन नहीं कर पाए।


मण्डेला की स्वतन्त्रता की संकल्पना 


मण्डेला को यह स्मरण था कि एक बालक के रूप में, उनके लिए स्वतन्त्रता का अर्थ था जो वे करना चाहते थे वह कर पाने में सक्षम होना। जब तक वे अपने पिता की आज्ञा एवं अपनी जाति के नियमों का पालन करते रहें तब तक वे सम्भवत: हर प्रकार से स्वतन्त्र थे। एक विद्यार्थी के रूप में, वे केवल स्वयं के लिए स्वतन्त्रता की कामना करते थे। तत्पश्चात्, जोहान्सबर्ग में एक युवा व्यक्ति के रूप में वे स्वयं के सपनों को साकार करने, अपना परिवार प्रारम्भ करने, स्वयं के लिए कमाने इत्यादि की स्वतन्त्रता चाहते थे।


जैसे-जैसे वे बड़े होते गए, उन्हें यह अहसास होता गया कि जिस स्वतन्त्रता का उन्होंने बचपन में आनन्द लिया वह केवल एक भ्रम (छल) था।


मण्डेला का अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ना


मण्डेला को यह आभास हुआ कि उनके सम्पूर्ण समाज को, जिसमें वे स्वयं भी शामिल थे, स्वतन्त्रता प्राप्त नहीं थी। तत्पश्चात्, वे अपने समाज के लिए स्वतन्त्रता, सम्मान एवं आदर प्राप्त करने के उद्देश्य से अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस में सम्मिलित हुए।


लोगों के लिए सम्पूर्ण रूप से स्वतन्त्रता प्राप्त करने की अभिलाषा ने उनका सम्पूर्ण जीवन बदल दिया। वे एक भयभीत युवा पुरुष से एक निर्भीक व्यक्ति में परिवर्तित हो गए, जिसके कारण वे एक नियम/कानून की पालना करने वाले व्यक्ति से एक अपराधी बन गए। उन्हें यह आभास हुआ कि स्वतन्त्रता अविभाज्य है।


मण्डेला की अनुभूति


मण्डेला को यह आभास हुआ कि जब तक उनका समाज स्वतन्त्र नहीं है तब तक वे अपनी स्वतन्त्रता का आनन्द नहीं ले सकते। उन्हें यह अहसास भी हुआ कि अत्याचार करने वाले के समान ही अत्याचार सहने वाला भी स्वतन्त्र नहीं है।


अत्याचारी व्यक्ति घृणा, पक्षपात तथा संकीर्ण मानसिकता का कैदी है। इस प्रकार, अत्याचारी एवं अत्याचार सहन करने वाले से समान रूप से मानवता बलपूर्वक छीन ली गई हैं। उन दोनों को स्वतन्त्र करना आवश्यक है।


        {Imp Questions Answers}


Q1. Where did the ceremonies take place? Can you name any public buildings in India that are made of sandstone? 


समारोह कहां पर हुए थे? क्या आप भारत की किसी सार्वजनिक इमारत का नाम बता सकते हैं जो लाल पत्थर (सैन्ड स्टोन) से बनी हो?


Ans. The ceremonies took place in the sandstone amphitheatre formed by the Union Buildings in Pretoria. Some public buildings in India made of sandstone are the Rashtrapati Bhawan and the Red Fort in Delhi.


 उत्तर – समारोह प्रिटोरिया में यूनियन बिल्डिंग द्वारा बनाए गए बलुआ पत्थर एम्फीथिएटर में हुए। भारत में बलुआ पत्थर से बनी कुछ सार्वजनिक इमारतें राष्ट्रपति भवन और दिल्ली में लाल किला हैं।


Q2. Can you say how 10 May is an 'autumn day' in South Africa ?


क्या आप बता सकते हैं कि '10 मई' दक्षिण अफ्रीका में शरद ऋतु का दिन कैसा है?


Ans. 10th May is an 'autumn day' in South Africa because it marks the beginning of a new and fresh human regime based on equality. In the other words, it is a day in which the old leaves of discrimination and oppression are replaced by the fresh leaves of liberty, democracy and equality.


उत्तर – 10 मई एक 'शरद ऋतु का दिन' है

दक्षिण अफ्रीका क्योंकि यह समानता पर आधारित एक नए और नए मानव शासन की शुरुआत का प्रतीक है। दूसरे शब्दों में, यह एक ऐसा दिन है जिसमें भेदभाव और उत्पीड़न के पुराने पत्तों को स्वतंत्रता, लोकतंत्र और समानता के नए पत्तों से बदल दिया जाता है।


Q3. At the beginning of his speech, Mandela mentions "an extraordinary human disaster." What does he mean by this? What is the "glorious... human achievement" he speaks of at the end? 


अपने भाषण की शुरुआत में मण्डेला ने "एक असामान्य मानवीय त्रासदी" का उल्लेख किया था। इससे उनका क्या तात्पर्य था? अन्त में बोली गई

"अद्भुत मानवीय उपलब्धि" से उनका क्या अर्थ है?


Ans. By mentioning 'an extraordinary human disaster, Mandela is referring to the practice of apartheid followed in South Africa. This meant that there was racial segregation based on colour, due to which the blacks suffered a lot. They were not allowed to demand freedom and did not have any right.The 'glorious......... human achievement that Mandela refers to in the end is that now as South Africa has gained its freedom, a black person has become its President. Now, with the first non-racial government, each and every human is entitled to certain rights, freedom and equality which was earlier denied.


उत्तर – मंडेला 'एक असाधारण मानव आपदा' का जिक्र करते हुए दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की प्रथा का जिक्र कर रहे हैं। इसका मतलब था कि रंग के आधार पर नस्लीय अलगाव था, जिससे अश्वेतों को बहुत नुकसान हुआ। उन्हें स्वतंत्रता की मांग करने की अनुमति नहीं थी और उन्हें कोई अधिकार नहीं था। मंडेला अंत में जिस 'शानदार ......... मानवीय उपलब्धि का जिक्र करते हैं, वह यह है कि अब जब दक्षिण अफ्रीका ने अपनी आजादी हासिल कर ली है, तो एक अश्वेत व्यक्ति इसका राष्ट्रपति बन गया है। अब, पहली गैर-नस्लीय सरकार के साथ, प्रत्येक इंसान कुछ अधिकारों, स्वतंत्रता और समानता का हकदार है जिसे पहले अस्वीकार कर दिया गया था।


Q4. What does Mandela thank the international leaders for? 

मण्डेला अन्तर्राष्ट्रीय नेताओं को किस बात के लिए धन्यवाद करते है?


 Ans. Mandela thanked the international leaders for their presence in the inaugural ceremony. Due to their presence, the event could be considered as a common victory of the South African people for justice, peace and human dignity.


उत्तर– मंडेला ने उद्घाटन समारोह में उपस्थिति के लिए अंतरराष्ट्रीय नेताओं को धन्यवाद दिया। उनकी उपस्थिति के कारण, इस आयोजन को न्याय, शांति और मानवीय गरिमा के लिए दक्षिण अफ्रीकी लोगों की आम जीत के रूप में माना जा सकता है।


Q5. What ideals does he set out for the future of South Africa ?


दक्षिण अफ्रीका के भविष्य के लिए उन्होंने क्या आदर्श स्थापित किए? 


Ans. Mandela set out certain ideals for the future of South Africa. He stated that all people will be free from poverty,

deprivation, suffering and discrimination of all kinds. They will never be made slaves again. All of them will enjoy equal rights and privileges.


मंडेला ने दक्षिण अफ्रीका के भविष्य के लिए कुछ आदर्श निर्धारित किए। उन्होंने कहा कि सभी लोग गरीबी, अभाव, पीड़ा और सभी प्रकार के भेदभाव से मुक्त होंगे। उन्हें फिर कभी गुलाम नहीं बनाया जाएगा। उन सभी को समान अधिकार और विशेषाधिकार प्राप्त होंगे।


Q 6. What do the military generals do? How has their attitude changed and why?


सैन्य अधिकारियों ने क्या किया? उनका बर्ताव कैसे और क्यों बदल गया?


Ans. The military generals saluted Mandela to express their loyalty to democracy. Earlier, these generals had treated Mandela as a criminal and were always ready to arrest him. The attitude is changed due to the fact that Mandela was now the elected President of their country.


 सैन्य जनरलों ने लोकतंत्र के प्रति अपनी वफादारी व्यक्त करने के लिए मंडेला को सलाम किया। पहले ये सेनापति मंडेला को अपराधी मानते थे और उन्हें गिरफ्तार करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे। रवैया इसलिए बदला है क्योंकि मंडेला अब उनके देश के निर्वाचित राष्ट्रपति थे।


Q7. Why were two National anthems sung?

दो राष्ट्रगीत क्यों गाए गए? 


Ans. Two National anthems, one of the blacks and the other of the whites, were sung to end racial prejudice. It was done to signify equality of both the races.


नस्लीय पूर्वाग्रह को समाप्त करने के लिए दो राष्ट्रगान गाए गए, एक अश्वेत और दूसरा श्वेत। यह दोनों जातियों की समानता को दर्शाने के लिए किया गया था।


Q 8. How does Mandela describe the systems of government in his country 


(i) in the first decade and


 (ii) in the final decade, of the twentieth century?


मण्डेला ने बीसवीं सदी के (i) प्रथम दशक में और (ii) अन्तिम दशक में अपने देश की सरकारी व्यवस्था का वर्णन किस प्रकार किया?


Ans. Mandela describes the systems of government in his country as follows


(i) In the first decade of the twentieth century, the white-skinned people of South Africa ended their own differences. They started a system of racial domination against the dark-skinned people of South Africa. The system they created formed the basis of harsh and most inhumane societies the world had ever known.


(ii) In the final decade of the twentieth century, the T previous system had been removed forever. It had been replaced by one that recognised the rights and freedoms of all people, regardless of the colour of their skin.


मंडेला अपने देश में सरकार की व्यवस्थाओं का वर्णन इस प्रकार करते हैं


(i) बीसवीं सदी के पहले दशक में, दक्षिण अफ्रीका के गोरे लोगों ने अपने मतभेदों को समाप्त कर दिया। उन्होंने दक्षिण अफ्रीका के काले रंग के लोगों के खिलाफ नस्लीय वर्चस्व की व्यवस्था शुरू की। उन्होंने जो व्यवस्था बनाई वह कठोर और सबसे अमानवीय समाजों का आधार बनी जिन्हें दुनिया ने कभी जाना था।


(ii) बीसवीं सदी के अंतिम दशक में, पिछली प्रणाली को हमेशा के लिए हटा दिया गया था। इसे एक ने बदल दिया था जिसने सभी लोगों के अधिकारों और स्वतंत्रता को मान्यता दी, चाहे उनकी त्वचा का रंग कुछ भी हो।


Q 9. What does courage mean to Mandela?

 मण्डेला के लिए साहस का अर्थ क्या है?


Ans. For Mandela, courage did not mean the absence of fear, but the victory over it. According to him, brave man did not need to be fearless, but he should be able to conquer fear.


 मण्डेला के लिए साहस का अर्थ डर की अनुपस्थिति नहीं, बल्कि इस पर विजय प्राप्त करना है। उनके अनुसार, बहादुर व्यक्ति को निडर होने की आवश्यकता नहीं थी, बल्कि उसे डर पर जीत हासिल करने में समर्थ होना चाहिए।


Q 10. Which does he think is natural, to love or to hate?

 उनके अनुसार क्या प्राकृतिक है, प्रेम करना या नफरत करना?


 Ans. He thinks love is natural, whereas hate is not natural. The feeling of love comes to our heart naturally. On the other hand, we have to learn how to hate, as this feeling does not develop by itself.


 वह सोचता है कि प्रेम स्वाभाविक है, जबकि घृणा स्वाभाविक नहीं है। प्यार की अनुभूति हमारे दिल में स्वाभाविक रूप से आती है। दूसरी ओर, हमें नफरत करना सीखना होगा, क्योंकि यह भावना अपने आप विकसित नहीं होती है।


 Q 11. What 'twin obligations' does Mandela mention?


मण्डेला ने कौन-सी 'दोहरी जिम्मेदारी' का उल्लेख किया है? 


Ans. According to Nelson Mandela every man has twin obligations. The first obligation is to look after his family, parents, wife and children. The second obligation is to serve his people, his community and his country.


नेल्सन मंडेला के अनुसार प्रत्येक व्यक्ति के दोहरे दायित्व होते हैं। पहला दायित्व अपने परिवार, माता-पिता, पत्नी और बच्चों की देखभाल करना है। दूसरा दायित्व अपने लोगों, अपने समुदाय और अपने देश की सेवा करना है।


Q 12. What did being free mean to Mandela as a boy, and as a student? How does he contrast these transitory freedoms' with 'the basic and honourable freedoms? 


एक लड़के और एक विद्यार्थी के रूप में मण्डेला के लिए स्वतन्त्र रहने का क्या मतलब था? उन्होंने 'अस्थायी स्वतन्त्रता' को 'मूलभूत और सम्मानजनक स्वतन्त्रता' से किस प्रकार भिन्न बनाया है?


 Ans. As a boy, Mandela felt freedom to run in the fields near his mother's hut, freedom to swim in the clear stream that flowed across near his village, freedom to roast mealies in the shade of stars and freedom to ride on the broad backs of slow moving bulls.


As a student, Mandela realised that the freedoms that he enjoyed as a child was an illusion and he was actually not free. Then, he wanted the temporary freedom that existed only for his own self. He wanted freedom to stay out at night, read what he pleased and go wherever he wanted. Mandela contrasts these 'transitory freedoms' with 'the basic and honourable freedoms'. Now, he wanted to achieve his potential, earn his money, marry and start his family. These freedoms unlike the transitory freedoms revolved around himself as well as the people of his community. This freedom existed without any racial discrimination.


एक लड़के के रूप में, मंडेला ने अपनी मां की झोपड़ी के पास के खेतों में दौड़ने की आजादी महसूस की, अपने गांव के नजदीक बहने वाली स्पष्ट धारा में तैरने की आजादी, सितारों की छाया में भोजन भुनाने की आजादी और धीमी गति से व्यापक पीठ पर सवारी करने की आजादी चलते हुए बैल।


एक छात्र के रूप में, मंडेला ने महसूस किया कि एक बच्चे के रूप में उन्होंने जो स्वतंत्रता का आनंद लिया वह एक भ्रम था और वह वास्तव में स्वतंत्र नहीं थे। फिर, वह अस्थायी स्वतंत्रता चाहता था जो केवल स्वयं के लिए अस्तित्व में थी। वह रात में बाहर रहने की आजादी चाहता था, जो चाहता था उसे पढ़ता था और जहां चाहता था वहां जाता था। मंडेला इन 'अस्थायी स्वतंत्रताओं' की तुलना 'बुनियादी और सम्मानजनक स्वतंत्रताओं' से करते हैं। अब, वह अपनी क्षमता हासिल करना चाहता था, अपना पैसा कमाना चाहता था, शादी करना और अपना परिवार शुरू करना चाहता था। क्षणभंगुर स्वतंत्रता के विपरीत ये स्वतंत्रताएँ स्वयं के साथ-साथ उनके समुदाय के लोगों के इर्द-गिर्द घूमती थीं। यह स्वतंत्रता बिना किसी नस्लीय भेदभाव के अस्तित्व में थी।


 Q 13. Does Mandela think the oppressor is free? Why/ Why not? 


क्या मण्डेला मानते हैं कि दमनकर्ता स्वतन्त्र हैं? क्यों क्यों नहीं?


Ans. Mandela does not feel that the oppressor is free. He thinks that the oppressor is a prisoner of hatred. He is locked behind the bars of prejudice and narrow-mindedness. He feels that both the oppressor and the oppressed alike are robbed of their humanity.


मंडेला को नहीं लगता कि उत्पीड़क स्वतंत्र है। वह सोचता है कि उत्पीड़क घृणा का कैदी है। वह पूर्वाग्रह और संकीर्णता की सलाखों के पीछे बंद है। उसे लगता है कि उत्पीड़क और उत्पीड़ित दोनों समान रूप से उनकी मानवता को लूट रहे हैं।


Q 14. Why did such a large number of international leaders attend the inauguration? What did it signify the triumph of?


अन्तर्राष्ट्रीय नेता इतने बड़े स्तर पर उद्घाटन समारोह में क्यों सम्मिलित हुए थे? यह किसकी जीत का प्रतीक था?



Ans. A large number of international leaders attended the inauguration to pay their respects to the freedom of South Africa.


 It signified the triumph of the people over discrimination and oppression. It also signified the recognition of human equality.


उद्घाटन में बड़ी संख्या में अंतर्राष्ट्रीय नेताओं ने दक्षिण अफ्रीका की स्वतंत्रता के प्रति सम्मान व्यक्त करने के लिए भाग लिया।


यह भेदभाव और उत्पीड़न पर लोगों की जीत का प्रतीक था। इसने मानवीय समानता की मान्यता का भी संकेत दिया।


Q 15. What does Mandela mean when he says he is "simply the sum of all those African patriots" who had gone before him?


मण्डेला का अपने इस कथन कि "वे उन सभी अफ्रीकी देशभक्तों का जोड़ है" जो उनके सामने शहीद हुए थे से उनका क्या तात्पर्य है?


Ans. When Mandela says he is 'simply the sum of all those African Patriots', he means that he represents the ideals and the dreams for which the African patriots sacrificed their lives. These patriots for him created a path of unity and cooperation which supported him in his journey to get South Africa free. In other words, as the new President of the nation, he represented the vision of all African freedom fighters.


Q 16. Would you agree that the 'depths of oppression' create 'heights of character"? How does Mandela illustrate this? Can you add your own examples to this argument?


 क्या आप इस बात से सहमत हैं कि 'दमन की गहनता' से 'उच्च चरित्र' का निर्माण होता है? मण्डेला ने इसका वर्णन किस प्रकार किया है? क्या आप इस तर्क में अपने स्वयं के उदाहरण जोड़ सकते हैं?


Ans. Yes, I agree that the 'depths of oppression' creates 'heights of character. To illustrate this, Mandela gives the example of many patriots like Oliver Tambos, the Walter Sisulus, the Chief Luthulis, the Yusuf Dadoos, etc. These freedom fighters emerged due to the extreme oppression faced by the blacks. They had extraordinary.


courage, wisdom and generosity. In freedom struggle of India, the oppression of the Britishers produced courageous patriots such as Bhagat Singh, Subhash Chandra Bose, Chandra Shekhar Azad and Mahatma Gandhi besides many others.


Q 17. How did Mandela's understanding of freedom change with age and experience? 


मण्डेला की स्वतन्त्रता की समझ उम्र और अनुभव के साथ कैसे बदलती गई?


Ans. Mandela's understanding of freedom changed a lot with age and experience. As a child, freedom for him meant doing things that he wanted to do, because he was born free. He had freedom of running, swimming, cooking and riding the bulls. For him, as long as he obeyed his father and his tribe, he was free in every way.


As he grew up, he realised that freedom that he enjoyed as a young boy was just an illusion. Infact, he did not have any freedom. Now he developed a desire to gain freedom. When he was a student the freedom was just for himself but soon he wanted freedom for his community. Mandela slowly realised that not only his but the freedom of all blacks was curtailed (deprived).


With this understanding, he developed a hunger for freedom of his people and started working for it.


उम्र और अनुभव के साथ मंडेला की आजादी के बारे में समझ काफी बदल गई। एक बच्चे के रूप में, उसके लिए स्वतंत्रता का मतलब उन चीजों को करना था जो वह करना चाहता था, क्योंकि वह स्वतंत्र पैदा हुआ था। उसे दौड़ने, तैरने, खाना पकाने और बैल की सवारी करने की स्वतंत्रता थी। उसके लिए, जब तक वह अपने पिता और अपने गोत्र की आज्ञा मानता, तब तक वह हर तरह से स्वतंत्र था।


जैसे-जैसे वह बड़ा हुआ, उसने महसूस किया कि एक युवा लड़के के रूप में उसे जो स्वतंत्रता मिली, वह सिर्फ एक भ्रम था। वास्तव में, उसे कोई स्वतंत्रता नहीं थी। अब उनमें स्वतंत्रता प्राप्त करने की इच्छा विकसित हुई। जब वे छात्र थे तो आजादी सिर्फ उनके लिए थी लेकिन जल्द ही वे अपने समुदाय के लिए आजादी चाहते थे। मंडेला ने धीरे-धीरे महसूस किया कि न केवल उनकी बल्कि सभी अश्वेतों की स्वतंत्रता को (वंचित) कर दिया गया था।


इस समझ के साथ, उन्होंने अपने लोगों की स्वतंत्रता की भूख विकसित की और इसके लिए काम करना शुरू कर दिया।


Q 18. How did Mandela's 'hunger for freedom' change his life?


 मण्डेला की 'आजादी की भूख' ने उनका जीवन कैसे बदल दिया?


 Ans. When Mandela realised that the entire Black community lacked freedom, his life changed. A hunger for freedom of his people to live a life of a respect and dignity transformed him to a bold, virtuous and self-sacrificing man. He built his entire life around fighting for the basic fundamental rights for his community.


{PASSAGES FOR COMPREHENSION}



Read the following extracts carefully and answer the questions


1.Tenth may dawned bright and clear. For the past few days I had been pleasantly besieged by dignitaries and world leaders who were coming to pay their respects before the inauguration. The inauguration would be the largest gathering ever of international leaders on South African soil. The ceremonies took place in the lovely sandstone amphitheatre formed by the Union Buildings in Pretoria. For decades this had been the seat of white supremacy, and now it was the site of a rainbow gathering of different colours and nations for the installation of South Africa's first democratic, non-racial government.


Questions


Q1. Why did the world leaders come there?

संसार के नेता वहाँ क्यों आए थे?


Ans. The world leaders came there to pay their respect to the newly formed government.


Q2. Who had been remained the supremacy for decades?

दशकों तक किसका प्रभुत्व रहा था


Ans. For decades, the place had been the seat of white supremacy.


Q3. What was to be inaugurated on that day?

उस दिन किसका शुभारम्भ होने वाला था ? 


Ans. South Africa's first democratic, non-racial government was to be inaugurated on that day.


Q4. Who led the first non-racial government? 

पहली गैर-नस्लीय सरकार का नेतृत्व किसने किया था?

Ans. Nelson Mandela led the non-racial government.


Q5. Where did the ceremonies took place?

समारोह कहाँ पर हुआ था?


Ans. The ceremonies took place in the lonely sand stone amphitheatre formed by the Union Buildings in Pretoria.


(2) On that lovely autumn day I was accompanied by my daughter Zenani. On the podium, Mr de Klerk was first sworn in as second deputy president. Then Thabo Mbeki was sworn in as first deputy president. When it was my turn, I pledged to obey and uphold the Constitution and to devote myself to the well-being of the Republic and its people.


Questions


Q1. Who accompanied Nelson Mandela on the inauguration? 

शुभारम्भ वाले दिन नेल्सन मण्डेला के साथ कौन था?


 Ans. Zenani, the daughter of Nelson Mandela accompanied him on the inauguration.


Q2. Who took the oath before Mandela and for which post? 

मण्डेला से पहले किसने शपथ ली और किस पद के लिए?

Ans. Mr. de Klerk and Mr Thabo Mbeki took oath before Mandela as a second and first Deputy President respectively.


Q3. What did Nelson Mandela pledge? नेल्सन मण्डेला ने क्या शपथ ली ?


Ans. He pledged to obey and uphold the Constitution and devote himself to his country and people. 


Q4. Who had been appointed for the first Deputy President of South Africa? दक्षिण अफ्रीका का प्रथम उपराष्ट्रपति किसे नियुक्त किया गया? 


Ans. Mr Thabo Mbeki had been appointed for the first Deputy President of South Africa.


(3) We, who were outlaws not so long ago, have today been given the rare privilege to be host to the nations of the world on our own soil. We thank all of our distinguished international guests for having come to take possession with the people of our country of what is, after all, a common victory for justice, for peace, for human dignity. We have, at last, achieved our political emancipation. We pledge ourselves to liberate all our people from the continuing bondage of poverty, deprivation, suffering, gender and other discrimination. Never, never, and never again shall it be that this beautiful land will again experience the oppression of one by another.


Questions


Q1. What privilege did they get?

 उन्हें क्या सौभाग्य प्राप्त हुआ था?

Ans. They got the privilege to host the nations of the world on their own soil.


Q2. Whom did the speaker thank? वक्ता ने किनका धन्यवाद किया?

Ans. The speaker thanked all of their distinguished international guests.


Q3. What did they (people of South Africa) achieve at last?

 आखिकार उन्होंने (दक्षिणी अफ्रीका के लोगों ने) क्या प्राप्त कर लिया? 


Ans. At last, they achieved their political emancipation.


Q4. What did they pledge to themselves?

 उन्होंने स्वयं से क्या प्रतिज्ञा की?


Ans. They pledged themselves to liberate their people from poverty, deprivation, suffering and other discriminations


Q5. Which thing will not be experienced again by the people of South Africa?

दक्षिण अफ्रीका के लोगों को पुनः किस चीज का अनुभव नहीं करना पड़ेगा?


Ans. The people of South Africa will not experience again the oppression of one by another.


(4)A few moments later we all lifted our eyes in awe as a spectacular array of South African jets, helicopters and troop carriers roared in perfect formation over the Union Buildings. It was not only a display of pinpoint precision and military force, but a demonstration of the military's loyalty to democracy, to a new government that had been freely and fairly elected. Only moments before, the highest generals of the South African defence force and police, their chests bedecked with ribbons and medals from days gone by, saluted me and pledged their loyalty. I was not unmindful of the fact that not so many years before they would not have saluted but arrested me. Finally a chevron of Impala jets left a-smoke trail of the black, red, green, blue and gold. of the new South African flag.


Questions


Q1. What did they see over the Union Buildings?

यूनियन बिल्डिंग्स के ऊपर उन्होंने क्या देखा? 


Ans. They saw a spectacular array of South African jets, helicopters and troop carriers roared in perfect formation over the Union Buildings.


Q2. What did the Military force represent by the demonstration of air crafts?

 हवाई जहाजों के प्रदर्शन द्वारा सेना ने क्या प्रस्तुत किया था?


Ans. Military force represented their loyalty to democracy demonstration of air crafts.


Q3. What was the speciality of the new Government of South Africa?

दक्षिण अफ्रीका की नई सरकार की क्या विशेषता थी?

Ans. The new government of South Africa had been freely and fairly elected by the people. This was its speciality.


Q4. What did the highest generals do in the event? 


उत्सव में सर्वोच्च अधिकारियों ने क्या किया?


Ans. The highest generals of defence and police saluted Mandela and pledged their loyalty to him. 


Q5. What did the smoke trail of Impala jets symbolise?


इम्पाला जेटों के धुएँ का निशान किसका प्रतीक था ?

Ans. The smoke trail of Impala jets symbolised the different colours of new national flag of South Africa.


(5)That day had come about through the unimaginable sacrifices of thousands of my people, people whose suffering and courage can never be counted or repaid. I felt that day, as I have on so many other days, that I was simply the sum of all those African patriots who had gone before me. That long and noble line ended and now began again with me. I was pained that I was not able to thank them and that they were not able to see what their sacrifices had wrought.


Questions


Q1. How did that glorious day come about? 

वह महान दिन किस प्रकार से आया था?


Ans. That glorious day came about through the struggle and sacrifices of thousands of people of South Africa.


Q 2. What did Mandela consider himself? मण्डेला स्वयं को क्या मानते थे?


Ans. Mandela considered himself the sum of all those African patriots who had gone before him.


Q3. Can their sacrifices be repaid?

क्या उनके बलिदानों का उपकार चुकाया जा सकता है?

 Ans. No, their struggle, sacrifices and sufferings can never be repaid.


Q4. Why was Mandela pained? 

मण्डेला को दुःख क्यों था?


Ans. Mandela was pained because he was not able to thank the patriots of South Africa who had sacrificed their life and they were not able to see what their sacrifices had wrought.


Q5. According to Mandela, when did the noble line end and begin again?


मण्डेला के अनुसार, महान पंक्ति कब समाप्त और पुनः प्रारम्भ हुई थी ? 


Ans. The noble line ended when South Africa gained its freedom and it begain again with Nelson Mandela.


(6)It is from these comrades in the struggle that I learned the meaning of courage. Time and again, I have seen men and women risk and give their lives for an idea. I have seen men stand up to attacks and torture without breaking, showing a strength and resilience that defies the imagination. I learned that courage was not the absence of fear, but the triumph over it. The brave man is not he who does not feel afraid, but he who conquers that fear.


No one is born hating another person because of the colour of his skin, or his background, or his religion. People must learn to hate, and if they can learn to hate, they can be taught to love, for love comes more naturally to the human heart than its opposite. Even in the grimmest times in prison, when my comrades and I were pushed to our limits, I would see a glimmer of humanity in one of the guards, perhaps just for a second, but it was enough to reassure me and keep me going. Man's goodness is a flame that can be hidden but never extinguished.


Questions


Q1. Is hating another person because of the colour, background or religion instinctive nature of humans?


 क्या दूसरे व्यक्तियों से रंग, पृष्ठभूमि या धर्म के कारण नफरत करना मनुष्य की स्वाभाविक प्रकृति है?


Ans. No, no one is born hating another person because of his colour, background or religion.


Q2. What can people learn, if they can learn to hate? 

यदि मनुष्य नफरत करना सीख सकते हैं, तो वे और क्या सीख सकते हैं?


 Ans. If people can learn to hate, they can also learn to love one another, for love comes naturally to the human heart.


Q3. What did Mandela see in the grimmest time in prison?


जेल के सबसे दुःखी समय में मण्डेला ने क्या देखा?


 Ans. In the grimmest times in prison he saw a glimmer of humanity in one of the guards.


Q4. How did the one single glim of humanity helped Mandela?


मानवता की केवल एक चमक ने मण्डेला की सहायता कैसे की ?


Ans. The one single glim of humanity reassured and encouraged Mandela to keep on his struggle.


Q5. How did Mandela describe man's goodness? 

मण्डेला ने मनुष्य की अच्छाई का विवरण किस प्रकार किया? 


Ans. Mandela described that man's goodness is a flame that can be hidden but never extinguished.


(7)But then I slowly saw that not only was I not free, but my brothers and sisters were not free. 1 saw that it was not just my freedom that was curtailed, but the freedom of everyone who looked like I did. That is when I joined the African National Congress, and that is when the hunger for my own freedom became the greater hunger for the freedom of my people. It was this desire for the freedom of my people to live their lives with dignity and self-respect that animated my life, that transformed a frightened young man into a bold one, that drove a law-abiding attorney to become a criminal, that turned a family-loving husband into a man without a home, that forced a life-loving man to live like a monk. I am no more virtuous or self-sacrificing than the next man, but I found that I could not even enjoy the poor and limited freedoms I was allowed when I knew my people were not free. Freedom is indivisible; the chains on anyone of my people were the chains on all of them, the chains on all of my people were the chains on me.


Questions


Q1. When did Mandela's hunger for freedom become the greater hunger for the freedom of his people?


 मण्डेला की आजादी की भूख कब बढ़कर अपने लोगों की आजादी की भूख में बदल गई?


Ans. When Mandela joined the African National Congress then his hunger for freedom became greater hunger for the freedom of his people.


Q2. How did the life of a frightened young lawyer change to a criminal?


एक डरपोक युवा वकील का जीवन एक अपराधी में कैसे बदल गया? 


Ans. The strong desire for the freedom of his people to live their lives with dignity and self-respect transformed a frightened young lawyer to a criminal.


Q3.Why couldn't Mandela enjoy the limited freedom he was allowed?

मण्डेला उस सीमित स्वतन्त्रता का आनन्द क्यों नहीं ले सके जो उन्हें मिली हुई थी?


Ans. Mandela couldn't enjoy the limited freedom he was allowed because he knew that his people were not free.


Q4. What did the chains on all of his people mean to Mandela? 

मण्डेला के लिए उनके सभी लोगों की बेड़ियों का क्या मतलब था?


Ans. The chains of all of his people meant chains on himself for Nelson Mandela. He was also not free like them all.


 { SHORT Question ANSWER }


Q1. What did Nelson Mandela promise to his nation?

नेल्सन मण्डेला ने अपने देश को क्या वचन दिया था? 


Ans. Nelson Mandela promised to make the nation free from poverty, deprivation, oppression and discriminations of all kind. He promised to devote himself to the well-being of

nation and its people.


 नेल्सन मंडेला ने देश को गरीबी, अभाव, उत्पीड़न और हर तरह के भेदभाव से मुक्त करने का वादा किया था। उन्होंने राष्ट्र और उसके लोगों की भलाई के लिए खुद को समर्पित करने का वादा किया।


 Q2. What did the display of jets and military salute symbolise? 


जेट वायुयानों का प्रदर्शन और सेना द्वारा सलाम किसका प्रतीक था? 


Ans. The display of jets and military salute symbolised the clear demonstration of the military's loyalty to democracy, to a free and fairly elected government.


 जेट विमानों और सैन्य सलामी का प्रदर्शन एक स्वतंत्र और निष्पक्ष रूप से चुनी गई सरकार के प्रति सेना की वफादारी के स्पष्ट प्रदर्शन का प्रतीक है।


Q3. What intended effect was produced by decades of oppression?

दशकों के अत्याचारों (दमन) के क्या अवांछित प्रभाव उत्पन्न हुए?


 Ans. The decades of torture and oppression created an unintended effect on the blacks. The black people who fought again the unjust policies of apartheid were produced out of the oppression. These people had extraordinary courage, wisdom and generosity. These people includes many South African patriots such as Walter Sisulus, Oliver Tambos, Bram Fischers, etc.


 दशकों की यातना और उत्पीड़न ने अश्वेतों पर एक अनपेक्षित प्रभाव डाला। रंगभेद की अन्यायपूर्ण नीतियों के खिलाफ फिर से लड़ने वाले अश्वेत लोग ज़ुल्म से पैदा हुए थे। इन लोगों में असाधारण साहस, बुद्धि और उदारता थी। इन लोगों में कई दक्षिण अफ्रीकी देशभक्त जैसे वाल्टर सिसुलस, ओलिवर टैम्बोस, ब्रैम फिशर्स आदि शामिल हैं।


Q4. What does Mandela refer to as 'extraordinary human disaster?


'असामान्य मानवीय त्रासदी' से मण्डेला का क्या तात्पर्य है?


 Ans. By mentioning 'an extraordinary human disaster', mandela is referring to the practice of apartheid followed in South Africa This means that there was racial segregation based on colour, due to which the blacks suffered a lot. This policy created a deep and lasting wound in South Africa and its people. They were not allowed to demand freedom and did not have any rights.


 'एक असाधारण मानव आपदा' का जिक्र करते हुए मंडेला दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की प्रथा का जिक्र कर रहे हैं। इस नीति ने दक्षिण अफ्रीका और उसके लोगों में एक गहरा और स्थायी घाव बनाया। उन्हें स्वतंत्रता की मांग करने की अनुमति नहीं थी और उनके पास कोई अधिकार नहीं था।


Q5. According to Mandela, whose unimaginable sacrifices lead the way of freedom to South Africa?


मण्डेला के अनुसार, किनके अकल्पनीय बलिदानों ने दक्षिण अफ्रीका को आजादी का मार्ग प्रशस्त किया था?


Ans. According to Mandela, the day of freedom had come through the unimaginable sacrifices of thousands of people of South Africa, whose sufferings and courage can never be counted or repaid.


मंडेला के अनुसार, स्वतंत्रता का दिन दक्षिण अफ्रीका के हजारों लोगों के अकल्पनीय बलिदानों के माध्यम से आया था, जिनके कष्टों और साहस को न तो कभी गिना जा सकता है और न ही चुकाया जा सकता है।


Q6.What was impossible for a black-skinned man in South Africa?


दक्षिण अफ्रीका में अश्वेत इंसान के लिए क्या असम्भव था ?


 Ans. In South Africa, it was impossible for a black man to fulfil his duties towards his family, country and community. If they tried to fulfil his duties to his people, then they were ripped from his family and was forced to live a life apart. 


 दक्षिण अफ्रीका में, एक अश्वेत व्यक्ति के लिए अपने परिवार, देश और समुदाय के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा करना असंभव था। अगर उन्होंने उसके लोगों के प्रति उसके कर्तव्यों को पूरा करने की कोशिश की, तो उन्हें उसके परिवार से निकाल दिया गया और उसे अलग जीवन जीने के लिए मजबूर किया गया।


Q7. Describe the inauguration ceremony in simple words.


साधारण शब्दों में शुभारम्भ समारोह का वर्णन कीजिए। 


Ans. It was the day of 10th May, 1994. The first democratic. non-racial government of a black President, Nelson Mandela. was to be installed. Dignitaries from different countries participated in the ceremony. The Deputy Presidents and the President took the oath. All military generals saluted the President and the President gave a memorable speech.


 10 मई 1994 का दिन था। पहला लोकतांत्रिक। अश्वेत राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला की गैर-नस्लीय सरकार। स्थापित किया जाना था। समारोह में विभिन्न देशों के गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया। उप राष्ट्रपतियों और राष्ट्रपति ने शपथ ली। सभी सैन्य जनरलों ने राष्ट्रपति को सलामी दी और राष्ट्रपति ने एक यादगार भाषण दिया।


Q8. Why was Mandela not able to enjoy his limited freedom?


क्या मण्डेला अपनी सीमित आजादी का आनन्द क्यों नहीं ले सकते थे? 


Ans. Mandela was not able to enjoy his limited freedom because he knew that people of his country were not free. They were suffering by poverty and racial discrimination.


मंडेला अपनी सीमित स्वतंत्रता का आनंद नहीं उठा पा रहे थे क्योंकि वे जानते थे कि उनके देश के लोग स्वतंत्र नहीं हैं। वे गरीबी और नस्लीय भेदभाव से पीड़ित थे।


      { LONG TYPE QUESTIONS }



Q1. Draw a character sketch of Nelson Mandela.


नेल्सन मण्डेला का चरित्र-चित्रण कीजिए।


Ans. Introduction Nelson Mandela was a great leader who fought against 'apartheid' and inhuman practices in South Africa. He became the first black President of South Africa. He was a great patriot who devoted his life for the well-being of his country and its people.


True Patriot Nelson Mandela was a true patriot. He loved his nation and its people. He wanted to make his country free from poverty, deprivation, sufferings, gender and other discriminations.


Love for Freedom When Nelson Mandela was a child he thought that he was born free but as a young man he realised that his freedom has been taken from him. He wanted to be free. His hunger for freedom became greater when he saw that his people were also not free. 


Man of Peace He was a man of peace. He loved his enemy also. He believed that when a man who takes away another man's freedom is a prisoner of hatred. We should learn to love each other because we all are equal and human. He believed to win his opponent also by love.


Devotion and Sacrifices to his Country Mandela was a common and simple man but the suffering of his people changed him. His hunger for freedom animated his life. He left his home and spent many years in prison.


Believe in Humanity He believed that we should not hate each other. Even he was able to see the glimpse of humanity in a guard during his imprisonment.


 Conclusion Nelson Mandela was a great leader who believed in peace, humanity, love, equality and freedom. He wanted to make his country free and prosperous. His life was completely devoted to his country and people.


 परिचय नेल्सन मंडेला एक महान नेता थे जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में 'रंगभेद' और अमानवीय प्रथाओं के खिलाफ लड़ाई लड़ी। वह दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति बने। वह एक महान देशभक्त थे जिन्होंने अपने देश और उसके लोगों की भलाई के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।


सच्चे देशभक्त नेल्सन मंडेला एक सच्चे देशभक्त थे। वह अपने देश और उसके लोगों से प्यार करता था। वह अपने देश को गरीबी, अभाव, पीड़ा, लिंग और अन्य भेदभाव से मुक्त बनाना चाहते थे।


स्वतंत्रता के लिए प्यार जब नेल्सन मंडेला एक बच्चा था, उसने सोचा कि वह स्वतंत्र पैदा हुआ था लेकिन एक युवा व्यक्ति के रूप में उसने महसूस किया कि उसकी स्वतंत्रता उससे छीन ली गई है। वह मुक्त होना चाहता था। आजादी के लिए उनकी भूख तब और बढ़ गई जब उन्होंने देखा कि उनके लोग भी आजाद नहीं हैं।


शांति का आदमी वह शांति का आदमी था। वह अपने शत्रु से भी प्रेम करता था। उनका मानना ​​​​था कि जब एक आदमी जो दूसरे आदमी की आजादी छीन लेता है, वह नफरत का कैदी होता है। हमें एक-दूसरे से प्यार करना सीखना चाहिए क्योंकि हम सभी समान और इंसान हैं। वह अपने प्रतिद्वंद्वी को भी प्यार से जीतना मानते थे।


उनकी भक्ति और बलिदान देश मंडेला एक सामान्य और सरल व्यक्ति थे लेकिन उनके लोगों की पीड़ा ने उन्हें बदल दिया। स्वतंत्रता के लिए उनकी भूख ने उनके जीवन को जीवंत कर दिया। उन्होंने अपना घर छोड़ दिया और कई साल जेल में बिताए।


मानवता में विश्वास उनका मानना ​​था कि हमें एक दूसरे से घृणा नहीं करनी चाहिए। यहां तक ​​कि वे अपने कारावास के दौरान एक पहरेदार में मानवता की झलक भी देख पाए थे।


निष्कर्ष नेल्सन मंडेला एक महान नेता थे जो शांति, मानवता, प्रेम, समानता और स्वतंत्रता में विश्वास करते थे। वह अपने देश को स्वतंत्र और समृद्ध बनाना चाहते थे। उनका जीवन पूरी तरह से अपने देश और लोगों के लिए समर्पित था।


Q2. What ideas does Mandela have about courage, love and hate?

मण्डेला के साहस, प्रेम और नफरत के बारे में क्या विचार है?


Ans.According to Mandela, he learnt the meaning of courage from his comrades. They struggled very hard for the freedom of the country. They sacrificed themselves for their country and its people. For Mandela, courage does not mean the absence of fear but the victory over it. The brave man is one who conquers fear.


Mandela believed in love and peace. He believed that you can win even your enemy by love and affection. He said that no man is born hating another man due to his colour, religion or community. Loves comes more naturally to the human heart than hate. If a man can learn to hate than we can also taught him love. It shows that Mandela advocates a courageous and brave person who does not hate his opponent but tried to win him by love.


मंडेला के अनुसार, उन्होंने अपने साथियों से साहस का अर्थ सीखा। उन्होंने देश की आजादी के लिए बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने देश और अपने लोगों के लिए खुद को बलिदान कर दिया। मंडेला के लिए साहस का अर्थ भय का अभाव नहीं बल्कि उस पर विजय है। बहादुर वह है जो डर पर विजय प्राप्त करता है।


मंडेला प्रेम और शांति में विश्वास करते थे। उनका मानना ​​था कि आप अपने दुश्मन को भी प्यार और स्नेह से जीत सकते हैं। उन्होंने कहा कि कोई भी आदमी अपने रंग, धर्म या समुदाय के कारण दूसरे आदमी से नफरत करने के लिए पैदा नहीं होता है। नफरत से ज्यादा प्यार इंसान के दिल में स्वाभाविक रूप से आता है। अगर कोई आदमी नफरत करना सीख सकता है तो हम उसे प्यार करना भी सिखा सकते हैं। यह दर्शाता है कि मंडेला एक साहसी और बहादुर व्यक्ति की वकालत करते हैं जो अपने प्रतिद्वंद्वी से नफरत नहीं करता बल्कि उसे प्यार से जीतने की कोशिश करता है।



Q3. Why was Nelson Mandela overwhelmed with a sense of history?


 How did he succeed in ending the apartheid regime in South Africa?


नेल्सन मण्डेला इतिहास के अहसास से अभिभूत क्यों हो गए थे? दक्षिण अफ्रीका से रंगभेद को समाप्त करने में वे कैसे सफल हुए?


Ans. On the day of the inauguration, Mandela was overwhelmed with a sense of history. After looking at the loyalty displayed by the armed force to the new non-racial government, Mandela remembered how the same officers used to imprison him. He remembered that in the first decade of the 20th century and before his birth, the white-skinned people of South Africa came together and created a system of racial discrimination against the dark-skinned people of their own land. This system was one of the most inhumane and violent system that the world had ever known.


When Nelson realised that the black people of his nation were not free, he joined African National Congress to work for their freedom. Freedom for him became freedom of the people of his community to live with respect and dignity. To get it, he became a bold criminal who had to spend 30 years in prison. To work for his country, he could not do anything for his family. In the fight for freedom, he fight along with many other courageous freedom fighters who even sacrificed their lives for the cause. As a result, after long years of struggles, the black African people became free and a non-racial government was set up in South Africa.


उद्घाटन के दिन, मंडेला इतिहास की भावना से अभिभूत थे। सशस्त्र बल द्वारा नई गैर-नस्लीय सरकार के प्रति प्रदर्शित निष्ठा को देखने के बाद, मंडेला को याद आया कि कैसे वही अधिकारी उन्हें कैद करते थे। उन्हें याद आया कि 20वीं शताब्दी के पहले दशक में और उनके जन्म से पहले, दक्षिण अफ्रीका के गोरे लोगों ने एक साथ आकर अपनी ही भूमि के काले रंग के लोगों के खिलाफ नस्लीय भेदभाव की एक व्यवस्था बनाई। यह व्यवस्था दुनिया की अब तक की सबसे अमानवीय और हिंसक व्यवस्था में से एक थी।


जब नेल्सन ने महसूस किया कि उनके देश के अश्वेत लोग स्वतंत्र नहीं हैं, तो वे उनकी स्वतंत्रता के लिए काम करने के लिए अफ्रीकी राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। उनके लिए स्वतंत्रता उनके समुदाय के लोगों को सम्मान और सम्मान के साथ जीने की स्वतंत्रता बन गई। इसे पाने के लिए वह एक साहसी अपराधी बन गया जिसे 30 साल जेल में बिताने पड़े। अपने देश के लिए काम करने के लिए, वह अपने परिवार के लिए कुछ नहीं कर सका। स्वतंत्रता की लड़ाई में, उन्होंने कई अन्य साहसी स्वतंत्रता सेनानियों के साथ लड़ाई लड़ी, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपने प्राणों की आहुति भी दी। परिणामस्वरूप, लंबे वर्षों के संघर्ष के बाद, काले अफ्रीकी लोग स्वतंत्र हो गए और दक्षिण अफ्रीका में एक गैर-नस्लीय सरकार की स्थापना हुई।


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