a

यूपी बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान अध्याय 19 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था//social science notes in hindi

 यूपी बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान अध्याय 19 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था 


up board ncert class 10 social science full solution notes in hindi










3 वैश्वीकरण और भारतीय अर्थव्यवस्था




याद रखने योग्य मुख्य बिन्दु


1.बीसवीं शताब्दी के मध्य तक उत्पादन मुख्यतः देशों की सीमाओं के अंदर ही सीमित था। इन देशों की सीमाओं को लाँघने वाली वस्तुओं में केवल कच्चा माल, खाद्य पदार्थ और तैयार उत्पाद ही थे। भारत जैसे उपनिवेशों से कच्चा माल एवं खाद्य पदार्थ निर्यात होते थे और तैयार वस्तुओं का आयात होता था। व्यापार हो दूरस्थ देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य जरिया था।


2.परिसंपत्तियोंः जैसे-भूमि, भवन, मशीन और अन्य उपकरणों की खरीद में व्यय की गई मुद्रा को निवेश कहते हैं।


3.बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ केवल वैश्विक स्तर पर ही अपना तैयार उत्पाद नहीं बेच रही हैं बल्कि अधिक महत्त्वपूर्ण यह है कि वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन विश्व स्तर पर कर रही हैं। परिणामतः उत्पादन प्रक्रिया क्रमशः जटिल ढंग से संगठित हुई है।



4.सामान्यतः बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ उसी स्थान पर उत्पादन इकाई स्थापित करती हैं जो बाजार के नजदीक हो, जहाँ कम लागत पर कुशल और अकुशल श्रम उपलब्ध हो और जहाँ उत्पादन के अन्य कारकों की उपलब्धता सुनिश्चित हो।



5. एक अमेरिकी कंपनी फोर्ड मोटर्स विश्व के 26 देशों में प्रसार के साथ विश्व की सबसे बड़ी मोटरगाड़ी निर्माता कंपनी है। फोर्ड मोटर्स 1995 में भारत आयी और चेन्नई के निकट र 1700 करोड़ का निवेश करके एक विशाल संयंत्र की स्थापना की। यह संयंत्र भारत में जीपों एवं ट्रकों के प्रमुख निर्माता महिन्द्रा एंड महिन्द्रा के सहयोग से स्थापित किया गया।


6.विदेश व्यापार घेरलू बाजारों अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। 


7.वैश्वीकरण ने सेवा प्रदाता कम्पनियों विशेषकर सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी वाली कम्पनियों के लिए नए अवसरों का सृजन किया है।


महत्त्वपूर्ण शब्दावली


बहुराष्ट्रीय कंपनी—एक बहुराष्ट्रीय कंपनी वह है, जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती है।


विदेशी निवेश बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विभिन्न परिसंपत्तियों पर किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं। 


 वैश्वीकरण अधिक विदेश व्यापार और अधिक विदेशी निवेश के कारण विभिन्न देशों के बाजारों एवं उत्पादनों में एकीकरण हो रहा है। विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है।


उदारीकरण- सरकार द्वारा अवरोधकों अथवा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहते हैं।


उपभोक्ता—जब कोई व्यक्ति किसी वस्तु या सेवा के लिए उसका मूल्य चुकाता है तथा अपनी आवश्यकता की पूर्ति के लिए उस वस्तु या सेवा का उपभोग करता है तो वह उपभोक्ता कहलाता है।


उपभोग ऐसी वस्तुओं का प्रयोग करना जो लोगों की आवश्यकताओं को प्रत्यक्ष रूप से पूरा करती हैं।


उत्पादक ऐसा व्यक्ति जो वस्तुओं का उत्पादन करता है।


विकसित देश–वे देश जहाँ विकास की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लोगों का जीवन स्तर अच्छा है तथा राष्ट्रीय आय ऊँची है।


विकासशील देश–वे देश जहाँ विकास की प्रक्रिया अभी चल रही है, लोगों का जीवन स्तर ज्यादा अच्छा नहीं है तथा राष्ट्रीय आय भी अधिक नहीं है।



बहुविकल्पीय प्रश्न 1 अंक


प्रश्न 1.विदेशी व्यापार किनके मध्य होता है?



(क) दो देशों के मध्य


(ख) दो प्रदेशों के मध्य


(ग) दो नगरों के मध्य


(घ) दो गाँवों के मध्य


उत्तर-


(क) दो देशों के मध्य


प्रश्न 2. बहुराष्ट्रीय कम्पनियों द्वारा किए गए निवेश को कहते हैं


(क) उत्पादन


(ख) वितरण


(ग) विदेशी निवेश


(घ) व्यय


उत्तर-


(ग) विदेशी निवेश


प्रश्न 3. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कब हुई?


(क) 1 जनवरी, 1993 में


(ख) 1 जनवरी, 1995 में


(ग) 1 जनवरी, 1990 में


(घ) 1 जनवरी, 1985 में


उत्तर-


(ख) 1 जनवरी, 1995 में



प्रश्न 4. निम्नलिखित में से उत्पादन का साधन है


(क) पूँजी


(ख) लाभ


(ग) सेवाएँ


(घ) कर


उत्तर- (क) पूँजी


प्रश्न 5. विश्व के देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा निवेश का सबसे अधिक सामान्य मार्ग है


 (क) नये कारखानों की स्थापना


(ख) स्थानीय कंपनियों को खरीद लेना


(ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना


(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं


उत्तर- (ग) स्थानीय कंपनियों से साझेदारी करना


प्रश्न 6. वैश्वीकरण ने जीवन-स्तर के सुधार में सहायता पहुँचाई है


(क) सभी लोगों के


(ग) विकासशील देशों के श्रमिकों के


(ख) विकसित देशों के लोगों के


(घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं


उत्तर-


(ख) विकसित देशों के लोगों के



प्रश्न 7. सर्वप्रथम विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यू.टी.ओ.) किसके द्वारा हुआ? 


(क) विकसित देश


(ख) विकासशील देश 


(ग) अल्प-विकसित देश 


(घ) निर्धन देश



उत्तर-


(क) विकसित देश


प्रश्न 8. विश्व व्यापार संगठन की स्थापना कहाँ हुई थी?


(क) न्यूयॉर्क                   (ग) जेनेवा


(ख) वाशिंगटन               (घ) ऑस्ट्रेलिया


उत्तर- (ग) जेनेवा


अतिलघु उत्तरीय प्रश्न 2 अंक


प्रश्न 1. वैश्वीकरण से क्या तात्पर्य है?


उत्तर- अधिक विदेश व्यापार और अधिक विदेशी निवेश के कारण विभिन्न देशों के बाजारों एवं उत्पादनों में एकीकरण हो रहा है। विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। 


प्रश्न 2. विश्व व्यापार संगठन क्या है?


उत्तर- विश्व व्यापार संगठन एक ऐसा संगठन है जिसका ध्येय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को उदार बनाना है। विकसित देशों की पहल पर शुरू विश्व संगठन अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से संबंधित नियमों को लागू करता है।



प्रश्न 3. व्यापार अवरोधक से क्या तात्पर्य है?


 उत्तर विभिन्न प्रकार के व्यापार पर अवरोधक या प्रतिबंध लगाना अवरोधक कहलाता है। इसका प्रयोग विदेशी व्यापार में कटौती या वृद्धि करने के लिए किया जाता है।


प्रश्न 4. उदारीकरण क्या है?


उत्तर- उत्तर- सरकार द्वारा निजी क्षेत्रों पर से अवरोधों अथवा प्रतिबंधों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहा जाता है।



प्रश्न 5. विदेशी निवेश से क्या तात्पर्य है?


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विभिन्न परिसंपत्तियों पर किए गए निवेश को विदेशी निवेश कहते हैं।


प्रश्न 6. देशों के बीच उत्पादन को संगठित करने में किसने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है?


उत्तर- देशों के बीच उत्पादन को संगठित करने में प्रौद्योगिकी विशेषकर सूचना प्रौद्योगिकी ने एक बड़ी भूमिका निभायी है।


प्रश्न 7. वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारक कौन-कौन से हैं? 


उत्तर- वैश्वीकरण को बढ़ावा देने वाले कारकों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ,उच्च प्रौद्योगिकी, यातायात के विकसित साधन, विश्व व्यापार संगठन, सूचना

प्रौद्योगिकी आदि प्रमुख हैं।


प्रश्न 8. बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने किन क्षेत्रों में सबसे ज्यादा निवेश किया?


उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने शहरी इलाकों के उद्योगों; जैसे-सेलफोन, मोटरगाड़ियों, इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों, ठंडे पेय पदार्थों और जंक खाद्य पदार्थों एवं बैंकिंग क्षेत्रों में ज्यादा निवेश किया।


प्रश्न 9. भारत की दो बहुराष्ट्रीय कंपनियों के नाम


 उत्तर- (i) टाटा मोटर्स तथा (ii) एशियन पेंट्स लिखिए।



लघु उत्तरीय प्रश्न 3 अंक


प्रश्न 1. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पाद की उत्पादन लागत कम बनाए रखने में किस प्रकार प्रबंधन करती हैं? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।


 उत्तर- बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ अपने उत्पाद की उत्पादन लागत को कम करने के लिए निम्न प्रबंधन करती हैं


(i) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ काफी मात्रा में पूँजी निवेश करके अधिक मात्रा में उत्पादन करती हैं जिससे उत्पादन लागत में कमी हो।


(ii) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ काफी मात्रा में कच्चे माल को खरीदती हैं जिससे कि उसे कम लागत में कच्चा माल प्राप्त हो सके। 


(iii) बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों के साथ मिलकर बाजार पर नियंत्रण स्थापित करती हैं।


प्रश्न 2. विदेशी व्यापार संसार में विभिन्न देशों के बाजारों को किस प्रकार जोड़ता रहा है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए।



 उत्तर- लंबे समय से विदेशी व्यापार विभिन्न देशों को आपस में जोड़ने का मुख्य माध्यम रहा है। प्राचीनकाल से ही भारत का व्यापार अरब देशों, चीन, मिस्र की सभ्यता से होता था। मध्यकाल में भारत का व्यापार पूर्वी एशियाई देशों से भी काफी होने लगा। आधुनिक काल में यूरोपीय देशों से भारत का व्यापार = होने लगा। सरल शब्दों में, विदेश व्यापार घरेलू बाजारों, अर्थात् अपने देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों का एक अवसर प्रदान करता है। उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेच सकते हैं, बल्कि विश्व के अन्य देशों के बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।


प्रश्न 3. "सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के प्रसार में मुख्य भूमिका निभाई है।" इस कथन की पुष्टि कीजिए।


उत्तर- सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के विकास ने विभिन्न देशों के बीच उत्पादों और सेवाओं के प्रसार में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वर्तमान समय में दूरसंचार कंप्यूटर और इंटरनेट के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी द्रुत गति से परिवर्तित हो रही है। दूरसंचार सुविधाओं; जैसे- टेलीग्राफ, टेलीफोन, मोबाइल फोन एवं फैक्स का विश्व भर में एक-दूसरे से संवाद करने में प्रयोग किया जाता है। ये सुविधाएँ संचार उपग्रहों द्वारा सुगम हुई हैं। इससे व्यापार में तेजी से विकास हुआ है। इस तरह से विश्व के व्यापारी आसानी से एक-दूसरे से संपर्क करने में कामयाब हो रहे हैं।


प्रश्न 4.बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार अपने उत्पादों का दूसरे देशों में प्रसार कर रही हैं? एक उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।


उत्तर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ कई तरह से अपने उत्पादन कार्य का प्रसार कर रही हैं और विश्व के कई देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ पारस्परिक संबंध स्थापित कर रही है। स्थानीय कंपनियों के साथ साझेदारी द्वारा, आपूर्ति के लिए • स्थानीय कंपनियों का इस्तेमाल करके और स्थानीय कंपनियों से निकट 1 प्रतिस्पर्धा करके अथवा उन्हें खरीदकर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ दूरस्थ स्थानों के उत्पादन पर अपना प्रभाव जमा रही है। परिणामस्वरूप दूर-दूर स्थानों पर फैला उत्पादन परस्पर संबंधित हो रहा है, जैसे- भारत में फोर्ड मोटर्स का कार संयंत्र, केवल भारत के लिए ही कारों का निर्माण नहीं करता, बल्कि वह अन्य १ विकासशील देशों को कारें और विश्व भर में अपने कारखानों के लिए। कार-पूजों का भी निर्यात करता है।


प्रश्न 5 श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों में कैसे मदद करेगा?


 उत्तर- श्रम कानूनों में लचीलापन कंपनियों में अग्र प्रकार से मदद करेगा 


(i) कम्पनियाँ छोटी अवधि के लिए श्रमिकों को कार्य पर रख सकती हैं।


(ii) कम्पनियाँ मजदूरों को अनुबंध पर काम पर रख सकती है। (iii) श्रम कानूनों में लचीलेपन के कारण कम्पनी के लिए मजदूरों की लागत में कमी आती है।


प्रश्न 6.भारत में विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए कोई तीन उपाय सुझाइए। 



उत्तर


विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए भारत सरकार द्वारा उठाए गए कदम निम्नलिखित हैं



(i) विदेशी निवेश के प्रतिबंध को हटाया गया। 


(ii) तकनीकी तथा विदेशी कच्चे माल के आयात पर से प्रतिबंध हटाया गया।


(iii) उद्यमों को स्थापित करने के लिए लाइसेंसिंग प्रथा को हटाया गया।


प्रश्न 7. "विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में सहायक रहा है।" इस कथन को स्पष्ट कीजिए।


 या विदेशी व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों के एकीकरण में किस प्रकार सहायता करता है? संक्षेप में समझाइए। 



या विदेशी व्यापार से आप क्या समझते हैं? इसके लाभों का वर्णन कीजिए।


उत्तर- दो या दो से अधिक देशों के बीच होने वाले व्यापार को विदेशी व्यापार कहते हैं। दूसरे शब्दों में, विदेशी व्यापार से तात्पर्य दो या दो से अधिक देशों में वस्तुओं तथा सेवाओं के विनिमय से है। इसमें आयात तथा निर्यात शामिल है।


विदेश व्यापार घरेलू बाजारों अर्थात् देश के बाजारों से बाहर के बाजारों में पहुँचने के लिए उत्पादकों को एक अवसर प्रदान करता है। उत्पादक केवल अपने देश के बाजारों में ही अपने उत्पाद नहीं बेचते हैं बल्कि विश्व के अन्य देशों के बाजारों में भी प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार, दूसरे देशों में उत्पादित वस्तुओं के आयात से खरीददारों के समक्ष उन वस्तुओं के विकल्पों का विस्तार होता है जिनका घरेलू उत्पादन होता है। बाजार में वस्तुओं के विकल्प बढ़ जाते हैं। दो बाजारों में एक ही वस्तु का मूल्य एक समान होता है। अब दो देशों के उत्पादक एक-दूसरे से हजारों मील दूर होकर भी एक-दूसरे से प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। इस प्रकार, विदेश व्यापार विभिन्न देशों के बाजारों को जोड़ने या एकीकरण में सहायक हुआ है


प्रश्न 8. सन् 1991 में भारत सरकार द्वारा आर्थिक क्षेत्र में क्या परिवर्तन किए गए?


उत्तर- सन् 1991 के प्रारंभ में भारत सरकार द्वारा आर्थिक नीतियों में दूरगामी परिवर्तन किए गए। सरकार ने निश्चय किया कि भारतीय उत्पादकों को विश्व के उत्पादकों से प्रतिस्पर्धा करनी होगी। यह महसूस किया गया कि प्रतिस्पर्धा से देश के उत्पादकों के प्रदर्शन में सुधार होगा क्योंकि वे अपनी गुणवत्ता में सुधार करेंगे। इसलिए विदेश व्यापार एवं विदेशी निवेश पर से अवरोधकों को काफी हद तक हटा दिया गया। सरकार द्वारा अवरोधकों को हटाने की प्रक्रिया को उदारीकरण कहते हैं। आर्थिक क्षेत्र में उदारीकरण और निजीकरण की नीतियों को अपनाकर भारत की अर्थव्यवस्था को विश्व के अन्य देशों की अर्थव्यवस्थाओं से जोड़ने का प्रयास किया गया।


 प्रश्न. वैश्वीकरण से आप क्या समझते हैं? अपने शब्दों से स्पष्ट कीजिए।


या वैश्वीकरण क्या है? इसका कोई एक लाभ बताइए। 


उत्तर वैश्वीकरण का अर्थ एक ऐसी व्यवस्था से है जिसमें किसी भी देश की अर्थव्यवस्था को विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं से विदेशी व्यापार एवं


विदेशी निवेश द्वारा जोड़ा जाता है। वैश्वीकरण के कारण आज विश्व में विभिन्न देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं, तकनीकी तथा श्रम का आदान प्रदान हो रहा है। इस कार्य में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ बड़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती है जब वे अपनी इकाइयाँ संसार के विभिन्न देशों में स्थापित करती हैं।


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 6 अंक


प्रश्न1. वैश्वीकरण से क्या अभिप्राय है? वैश्वीकरण की प्रक्रिया में सहायक कारकों का वर्णन कीजिए।


उत्तर- अधिक विदेश व्यापार और अधिक विदेशी निवेश के कारण 7 विभिन्न देशों के बाजारों एवं उत्पादनों में एकीकरण हो रहा है। विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण की प्रक्रिया ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण की प्रक्रिया को बढ़ावा देने में निम्नलिखित कारकों की भूमिका महत्त्वपूर्ण है


1. बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ- बहुराष्ट्रीय कंपनियां वैश्वीकरण की प्रक्रिया में मुख्य भूमिका निभा रही हैं। विभिन्न देशों के बीच अधिक-से-अधिक वस्तुओं और सेवाओं, निवेश और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान हो रहा है। इससे विश्व के अधिकांश भाग एक-दूसरे के अपेक्षाकृत अधिक पास रहे हैं।


2. उन्नत प्रौद्योगिकी-वैश्वीकरण को उत्प्रेरित करने में प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति का महत्त्वपूर्ण योगदान रहा है। परिवहन में उन्नति से दो देशों के बीच दूरी कम हो गई है। सूचना एवं प्रौद्योगिकी के विकास से वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है। दूरसंचार कंप्यूटर, इंटरनेट के क्षेत्र में प्रगति हुई है। दूरसंचार सुविधाओं का विश्व भर में एक-दूसरे से संपर्क करके, सूचनाओं को तत्काल प्राप्त करने और दूरवर्ती क्षेत्रों में संवाद करने में प्रयोग किया जाता है। जीवन के लगभग प्रत्येक क्षेत्र में कंप्यूटरों का प्रवेश हो गया है। इंटरनेट से हम इलेक्ट्रॉनिक डाक भेज सकते हैं और अत्यंत कम मूल्य पर विश्व भर में बात कर सकते हैं। संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी ने विभिन्न देशों के बीच सेवाओं के उत्पादन के प्रसार में मुख्य भूमिका निभाई है।


3. उदारीकरण- सरकार द्वारा व्यापार अवरोधकों को हटाने की प्रक्रिया को ही उदारीकरण कहते हैं। उदारीकरण के कारण अनेक देशों के बीच व्यापार तथा निवेश को बढ़ावा मिला है। व्यापार के उदारीकरण से व्यापारियों को मुक्त रूप से निर्णय लेने की अनुमति मिल जाती है। इससे आयात-निर्यात को बढ़ावा मिलता है। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि वैश्वीकरण की प्रक्रिया में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ प्रमुख भूमिका निभा रही हैं। साथ ही व्यापार और निवेश के उदारीकरण ने व्यापार और निवेश अवरोधकों को हटाकर वैश्वीकरण को सुगम बनाया है।


प्रश्न 2. भारत में वैश्वीकरण के प्रभावों का विस्तारपूर्वक वर्णन कीजिए। 


उत्तर भारत में वैश्वीकरण के सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों प्रकार के प्रभाव पड़े है। इनका संक्षिप्त वर्णन निम्न प्रकार है


सकारात्मक प्रभाव


(i) वैश्वीकरण के कारण उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अनेक उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। ये लोग पहले की तुलना में उच्चतर जीवन-स्तर का प्रयोग कर रहे हैं।


 (ii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा भारत में माल और सेवाओं में किया जाने वाला निवेश भी उत्तरोत्तर बढ़ाया जा रहा है। 1991 से अब तक यह निवेश बढ़ता जा रहा है।



(iii) बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने उपभोक्ता वस्तुओं और सेवाओं में निवेश किया है। विदेशी निवेश भी इन्हीं उद्योगों और सेवाओं में जिसमें निर्यात वृद्धि की संभावना है। हुआ है,


(iv) वैश्वीकरण के कारण नए उद्योग स्थापित होने से रोजगार के नए अवसरों का सृजन भी हुआ है।


(v) उद्योगों को कच्चे माल की आपूर्ति करने वाली स्थानीय कंपनियों का विस्तार भी हुआ है।


(vi) वैश्वीकरण ने कुछ बड़ी कंपनियों को बहुराष्ट्रीय कंपनियों के रूप में उभरने में सक्षम बनाया है। टाटा मोटर्स, इंफोसिस, रैनबैक्सी, एशियन पेन्ट्स कुछ ऐसी भारतीय कंपनियाँ हैं जो विश्व स्तर पर अपने क्रिया-कलापों का प्रसार कर रही हैं।


(vii) वैश्वीकरण से सेवा प्रदाता कंपनियों से सूचना और संचार प्रौद्योगिकी वाली कंपनियों के लिए नए अवसरों का सृजन हुआ है। प्रशासनिक कार्य, इंजीनियरिंग इत्यादि जैसी कई सेवाएँ भारत जैसे देशों में अब सस्ते में उपलब्ध हैं और विकसित देशों को निर्यात की जाती हैं।


नकारात्मक प्रभाव


वैश्वीकरण के बहुत-से अच्छे प्रभावों के बावजूद इसके कुछ नकारात्मक प्रभाव भी रहे हैं। उत्पादकों और कर्मचारियों पर वैश्वीकरण का समान प्रभाव नहीं पड़ा है। इसके कुछ नकारात्मक पक्ष निम्नवत् हैं


(i) वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया है। बढ़ती प्रतिस्पर्धा के कारण श्रमिकों का रोजगार लंबे समय के लिए सुनिश्चित नहीं है। जहाँ पहले कारखाने श्रमिकों को स्थायी आधार पर रोजगार देते थे, वहीं वे अब अस्थायी रोजगार देते हैं, ताकि श्रमिकों को वर्ष भर वेतन न देना पड़े।


 (ii) श्रमिकों से बहुत लंबे कार्य-घंटों तक काम लिया जाता है। मजदूरी काफी कम होती है। श्रमिकों को अपनी जरूरतें पूरी करने के लिएअतिरिक्त समय में भी काम करना पड़ता है।


इस प्रकार हमने देखा कि वैश्वीकरण के कारण मिले लाभों में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिला। इससे धनी उपभोक्ता, कुशल व शिक्षित लोग, धनी उत्पादक आदि ही लाभान्वित हुए हैं।


प्रश्न 3. दूसरे देशों में बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ किस प्रकार उत्पादन पर नियंत्रण स्थापित करती हैं?


उत्तर बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ वे कंपनियाँ हैं जो एक से अधिक देशों में उत्पादन पर नियंत्रण अथवा स्वामित्व रखती हैं। ये कंपनियाँ उन देशों में अपने कारखाने स्थापित करती हैं जहाँ उन्हें सस्ता श्रम एवं अन्य साधन मिल सकते हैं। जहाँ सरकारी नीतियाँ भी उनके अनुकूल हों। बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इन देशों की स्थानीय कंपनियों के साथ संयुक्त रूप से उत्पादन करती हैं, लेकिन अधिकांशतः बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ स्थानीय कंपनियों को खरीदकर उत्पादन का प्रसार करती हैं; जैसे—एक अमेरिकी बहुराष्ट्रीय कंपनी 'कारगिल फूड्स' ने अत्यंत छोटी भारतीय कंपनी 'परख फूड्स' को खरीद लिया है।


बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ एक अन्य तरीके से उत्पादन नियंत्रित करती हैं।


विकसित देशों में बड़ी बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ छोटे उत्पादकों को उत्पादन का आदेश देती हैं। वस्त्र, जूते-चप्पल एवं खेल के सामान ऐसे उद्योग हैं, जिनका विश्वभर में बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों द्वारा उत्पादन किया जाता है।बहुराष्ट्रीय कंपनियों को इनकी आपूर्ति कर दी जाती है, जो अपने ब्रांड नाम से इसे ग्राहकों को बेचती हैं।


प्रश्न 4. "वैश्वीकरण का प्रभाव एक समान नहीं है।" इस कथन की अपने शब्दो में व्याख्या कीजिए।


उत्तर- विभिन्न देशों के बीच परस्पर संबंध और तीव्र एकीकरण ही वैश्वीकरण है। वैश्वीकरण का विश्व के सभी देशों पर गहरा प्रभाव पड़ा किंतु यह प्रभाव एकसमान नहीं है। स्थानीय एवं विदेशी उत्पादकों के बीच  प्रतिस्पर्धाओं में धनी वर्ग के उपभोक्ताओं को लाभ हुआ है। इन उपभोक्ताओं के समक्ष पहले से अधिक विकल्प हैं और वे अनेक उत्पादों की उत्कृष्टता, गुणवत्ता और कम कीमत से लाभान्वित हो रहे हैं। परिणामत: ये लोग पहले की अपेक्षा एक उच्चतर जीवन स्तर का उपभोग कर रहे हैं।


वैश्वीकरण से बड़ी संख्या में छोटे उत्पादकों और कर्मचारियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बैटरी, प्लास्टिक, खिलौने, टायर, डेयरी उत्पाद एवं खाद्य तेल उद्योग कुछ ऐसे उदाहरण हैं, जहाँ प्रतिस्पर्धा के कारण छोटे निर्माता टिक नहीं सके। कई इकाइयाँ बंद हो गईं। जिसके चलते अनेक श्रमिक बेरोजगार हो गए। वैश्वीकरण और प्रतिस्पर्धा के दबाव ने श्रमिकों के जीवन को व्यापक रूप से प्रभावित किया। बढती प्रतिस्पर्धा के कारण श्रमिकों का रोजगार लंबे समय के लिए सुनिश्चित नहीं रहा। वैश्वीकरण के कारण मिले लाभ में श्रमिकों को न्यायसंगत हिस्सा नहीं मिला। ये सभी प्रमाण संकेत करते हैं कि वैश्वीकरण सभी के लिए लाभप्रद नहीं रहा है। शिक्षित, कुशल और संपन्न लोगों ने वैश्वीकरण से मिले नए अवसरों का सर्वोत्तम उपयोग किया है। दूसरी ओर अनेक लोगों को लाभ में हिस्सा नहीं मिला है।


प्रश्न 5.व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण, वैश्वीकरण प्रक्रिया की किस प्रकार सहायता करता है?


उत्तर- व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण वैश्वीकरण प्रक्रिया में निम्नलिखित प्रकार से सहायता पहुँचाता है


 (i) इससे व्यक्ति या कम्पनी अपनी इच्छा व आवश्यकता के अनुसार आयात और निर्यात कर सकती है। 



(ii) व्यापार अवरोधक समाप्त हो जाने से आयात और निर्यात में आसानी होती है।


(iii) विदेशी व्यापार और विदेशी निवेश में उदारीकरण के फलस्वरूप विदेशी कम्पनियाँ अन्य देशों में अपने कार्यालय और कारखाने खोल लेती हैं।


(iv) इससे व्यापारियों को स्वतंत्र निर्णय लेने की अनुमति मिलती है। इस प्रकार व्यापार और निवेश नीतियों का उदारीकरण बहुराष्ट्रीय कम्पनियों को विभिन्न देशों में उत्पादन करने को प्रोत्साहन देता है। जहाँ कहीं भी सस्ता श्रम तथा अन्य सुविधाएँ होती हैं वहाँ पर कारखाने या अन्य उत्पादन क्रिया प्रारम्भ

की जा सकती है। इस तरह वैश्वीकरण में वृद्धि होती है। 


प्रश्न 6. भारत में विदेशी व्यापार की तीन विशेषताओं की व्याख्या कीजिए।


उत्तर- भारत में विदेशी व्यापार की तीन विशेषताएँ निम्नवत् हैं—



1. प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण उपयोग-एक देश ऐसे उद्योगों की स्थापना एवं संचालन करता है, जिनसे उसे अधिकतम तुलनात्मक लाभ प्राप्त होता है और उस बाजार (देश) में वह अपनी उत्पादित वस्तुओं को बेचता है, जहाँ उसे वस्तुओं का सबसे अधिक मूल्य मिलता है। फलस्वरूप वह उपलब्ध प्राकृतिक संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग करता है।


2. औद्योगीकरण को प्रोत्साहन-विदेशी व्यापार के माध्यम से देश में उद्योग-धन्धों को विकसित करने के लिए आवश्यक उपकरण, कच्चा माल व तकनीकी ज्ञान सरलता से उपलब्ध हो जाते हैं। फलतः देश में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है। 


3. अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग एवं सद्भावना में वृद्धि-विदेश व्यापार के फलस्वरूप विभिन्न देशों के नागरिक एक-दूसरे के सम्पर्क में आते हैं और एक-दूसरे के विचारों एवं दृष्टिकोण से परिचित होते हैं। फलस्वरूप सांस्कृतिक सहयोग एवं परस्पर विश्वास में वृद्धि होती है। 


देखें👉👉


👉👉👉up class 10 social science chapter 19 notes


👉👉👉👉up board class 10 social science notes chapter 18


👉👉👉👉up board class 10 social science chapter 17


👉👉👉up ncert class 10 social science chapter 16


👉👉👉up class 10 social science chapter 15 notes


👉👉👉up board class 10 social science chapter 14 notes


👉👉👉up board class 10 social science notes chapter 13


👉👉👉सदाचार पर निबंध हिन्दी में


👉👉👉up board class 10 social science chapter 12 notes


👉👉👉👉कक्षा 10 के बाद कौन सा कोर्स करे


👉👉👉up board class 10 social science chapter 10

👉👉👉up class 10 social science chapter 8


👉👉👉up board class 10 social science chapter 7


👉👉👉class 10 social science chapter 6


👉👉👉class 10 social science notes chapter 5


👉👉👉Class 10 social science notes chapter 4


👉👉👉class 10 social science chapter 3


👉👉👉class 10 social science chapter 2


👉👉👉यूपी बोर्ड कक्षा 10 सामाजिक विज्ञान अध्याय 1



👉👉👉जल ही जीवन है पर निबंध


👉👉👉कोरोना वायरस पर निबंध


👉👉👉मेरे प्रिय समाचार पत्र पर निबंध


👉👉👉👉👉👉application for subject change in english

👉👉👉essay on the population probem in india



👉👉👉Up board class 12 most imp central idia


👉👉👉Figures of speech with example


👉👉👉अशोक बाजपेयी काव्य खण्ड युवा जंगल और भाषा एक मात्र अन्तर


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 1 वनारस varansee


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 02 अन्योक्तिविलास


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 03 वीर वीरेन पूजते


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 04 प्रबुद्ध


👉👉👉 कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 05 देशभक्त चंद्रशेखर


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड 06 केन कि वर्धते


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 07 aaruni shvetketu sanvad


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड अध्याय 08 भारतीय संस्कृति


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी का संस्कृत खण्ड अध्याय जीवन सूत्राणि


👉👉👉श्याम नारायण जी की पद्धांश रचना पद


👉👉👉भाषा किसे कहते हैं


👉👉👉कक्षा 10 हिन्दी संस्कृत खण्ड का सम्पूर्ण हल


👉👉👉अलंकार , उसके सभी प्रकार उदाहरण सहित


👉👉👉महत्वपूर्ण पर्यायवाची और संस्कृत में अनुवाद


👉👉👉विद्यालय में अनुशासन के महत्व पर निबंध


👉👉👉यूपी बोर्ड कक्षा 10 हिन्दी किताब का सम्पूर्ण हल


👉👉👉यूपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा पेपर कक्षा 9 विज्ञान


👉👉👉बाल विकाश एवं शिक्षा TET


👉👉👉Environmental Studies tet


👉👉👉यूपी बोर्ड वार्षिक परीक्षा पेपर का टाइम टेबल 2022






भी पढ़ें

यदि आपको हमारी पोस्ट पसन्द आई हो तो अपने दोस्तो को भी शेयर करें यदि आपको कुछ पूछना है तो कॉमेंट करके जरुर बताएं यदि आपने अभी तक हमारे यूट्यूब चैनल Subhansh classes को subscribe नही किया हो तो अभी जल्दी से subscribe krlijia







एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad